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सवालों के जवाब देना तो दूर, कई और झूठ फेंक गए मोदी : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल 06-Apr-2019
रायपुर:- हमने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से इस पर जवाब देने का अनुरोध किया था. लेकिन आज बालोद की सभा में उन्होंने हमारे एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया। वे दे भी नहीं सकते थे. क्योंकि वादों का जवाब दिया जा सकता है लेकिन जुमलों का कोई क्या जवाब देगा। भाजपा के वर्तमान अध्यक्ष कह चुके हैं कि पिछले चुनाव में मोदी जी ने जो कुछ कहा था वह सब जुमला था. जबकि भाजपा के पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी जी कह चुके हैं कि मोदी जी ने जो कुछ कहा था वह भाजपा के गले की हड्डी बन गया है। मोदी जी जवाब नहीं देते ना सही लेकिन उन्हें नए झूठ तो नहीं बोलने थे। वे फिर से छत्तीसगढ़ की धरती से नए झूठ बोलकर चले गए।
 
झूठ दर झूठ
उन्होंने किसान सम्मान निधि के संदर्भ में देश में 3 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 35 लाख किसानों को 76 हजार करोड़ देने की बात कही। उनकी योजना के अनुसार 5 एकड़ से अधिक ज़मीन वालों और परिवार में शासकीय सेवा और 10 हजार से अधिक पेंशन वाले किसान को लाभ नहीं मिलेगा. तो फिर आपके बताये इस 35 लाख किसानों की संख्या तो यूं भी घट जाएगी. और जब छत्तीसगढ़ में पंजीकृत किसानों की संख्या ही साढ़े 16 लाख है तो फिर वे बाक़ी के किसानों को कैसे योजना का लाभ देंगे?
 नरेंद्र मोदी कह रहे थे कि कांग्रेस की नीयत गरीब किसान का भला करने की नहीं है। प्रधानमंत्री जी छत्तीसगढ़ की जनता को यह भी बता जाते कि उन्होंने तत्कालीन छत्तीसगढ़ सरकार के मांगने पर भी किसानों के बोनस के लिए पैसा नहीं दिया था?
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मोदी जी ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार उनकी आयुष्मान योजना को लागू नहीं कर रही है. यह भी झूठ था।
 आयुष्मान भारत योजना का भी सच जान लीजिये नरेंद्र मोदी जी। 16 सितंबर 2018 से 17 दिसंबर 2018 तक छत्तीसगढ़ के निजी और सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कुल 1155 अस्पतालों ने 89422 मरीजों के क्लेम किए, इसकी राशि 60.2 करोड़ रुपए थी।
 
 जबकि कांग्रेस की सरकार आने के बाद 17 दिसंबर 2018 से 31 मार्च 2019 तक राज्य के निजी और सरकारी अस्पतालों को मिलाकर कुल 1270 अस्पतालों के क्लेम आए, जिनमें कुल मरीजों की तादाद 2 लाख 47 हजार 801 थी। और क्लेम की कुल राशि प्रधानमंत्री जी, 185.50 करोड़ रुपए थी। अब आपको शायद यह पता चल गया होगा कि छत्तीसगढ़ की सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को बंद नहीं किया है, बल्कि हमारी सरकार एक सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना पर काम कर रही है।
 
लगता है छत्तीसगढ़ भाजपा ने मोदी जी को होमवर्क ठीक से नहीं करवाया। वरना वे नहीं कहते कि कर्ज़ माफ़ी नहीं हुई या आधी अधूरी हुई. छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के दो घंटे के भीतर किसानों की कर्ज माफी का आदेश जारी किया गया था और सरकार ने 20 लाख किसानों के 11 हजार करोड़ रुपयों के कर्ज की माफी कर दी है। अब तो राष्ट्रीयकृत बैंकों के कर्ज़ भी माफ़ कर दिए गए हैं।
मोदी जी की पार्टी की सरकार तेंदूपत्ता संग्राहकों को महज ढाई हजार रुपए प्रति बोरा मजदूरी दे रही थी। अगर होमवर्क अगर दुरुस्त होता, तो उनको मालूम होता कि कांग्रेस की सरकार ने तेंदूपत्ता की कीमत बढ़ाकर 4000 रुपया प्रति मानक बोरा कर दी है। कांग्रेस की सरकार ने दलाली के लिए साड़ी और जूते बांटने के बजाय, सीधे आदिवासियों के बैंक खातों में रकम पहुंचाने का फैसला लिया है।. मोदी जी अपने भाषण में गरीबों की बात कर रहे थे। थोड़ा यह भी बता देते कि छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने उनकी फ्लाप उज्जवला योजना के कारण ही गरीबों के लिए मिट्टी के तेल का कोटा बढ़ाने की मांग की।
 यह भी बता देते कि प्रधानमंत्री आवास योजना, जिसकी जटिल प्रक्रिया के कारण केवल 9 प्रतिशत आवास ही निर्मित हुए हैं, उसको लेकर सरकार को चिट्ठी लिखी, और मोदी जी ने जवाब तक नहीं दिया.
 मोदी जी जनता को यह भी बता देते कि उन्होंने दाल-भात केंद्रों के लिए चावल देना बंद कर दिया। और यह भी कि हमारी सरकार ने एफसीआई को किसानों का धान खरीदने के लिए चिट्ठी लिखी, तो भाजपा की केंद्र सरकार ने मना ही कर दिया।
वे कह गए कि वे देश को जिताने के लिए लड़ रहे हैं। हकीकत यह है कि पिछले पांच वर्षों में मोदी सरकार की एक-एक नीति इस देश के आम लोगों के खिलाफ थी, इस देश की एकता के खिलाफ थी, और अगर किसी के पक्ष में थी तो सिर्फ उनके चंद उद्योगपति मित्रों के।
 
 
जनता ही देगी जवाब
 
 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लगभग 35 मिनट के भाषण को सुनने के बाद उनके लिए सिर्फ एक ही राय बनती है- झूठे मोदी। इस सभा में नरेंद्र मोदी ने सिवाय जुमलों के और कुछ नहीं कहा।
 फिलहाल छत्तीसगढ़ की जनता के सामने जो झूठे मोदी बेनकाब हुये है, उसके बाद तो उनको जवाब जनता ही देगी।
कहते हैं कि काठ की हांडी बार बार नहीं चढ़ती. वह भाजपा और नरेंद्र मोदी पर ठीक लागू होता है।
 अब नहीं आने वाले लोग उनके झांसे में।
कांग्रेस जब देश के सामने भविष्य की ठोस योजनाएं रख रही है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश भर को चौकीदार बनाने में लगे हुए हैं।
 अगर वे सच में देश का भला चाहते हैं तो बताते कि किसानों, बेरोज़गारों और महिलाओं के लिए वे क्या करना चाहते हैं।
लेकिन वे नहीं बताएंगे।


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