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9 माह की बच्ची के लिए UAE ने बदले अपने नियम, दिया सर्टिफिकेट 29-Apr-2019

एक भारतीय कपल के नाम यूएई (UAE) में दिलचस्प रिकॉर्ड दर्ज हो गया. दरअसल, आज तक यूएई के जिन कानूनों को बदलने की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता था, एक भारतीय कपल ने उसे संभव कर दिखाया है. जी हां, हाल ही में UAE सरकार ने अपने सख्त कानून को बदलकर वहां जन्मी 9 महीने की बच्ची को बर्थ सर्टिफेट दे दिया है. इस बच्ची के पिता हिंदू और मां मुस्लिम हैं. पूरे मामले की काफी चर्चा है. सोशल मीडिया में भी इस मामले की काफी चर्चा है. यूएई के कड़े कानूनी नियमों के लिहाज से ये फैसला क्रांति से कुछ कम नहीं है.   

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दूसरे देश से आकर UAE में रह रहे लोगों के लिए शादी को लेकर सख्त कानून हैं. यहां के कानून के मुताबिक, मुस्लिम पुरुष हिंदू या दूसरे धर्म की महिला से शादी कर सकता है, जबकि किसी मुस्लिम महिला को दूसरे धर्म के पुरुष से शादी करने की इजाजत नहीं है. खलीज टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय कपल किरण बाबू और सनम साबू सिद्दीकी ने साल 2016 में केरल में शादी की थी. लेकिन कारोबार के सिलसिले में किरण अपनी पत्नी के साथ UAE के शारजांह में रह रहे थे. साल 2018 में UAE के हॉस्पिटल में इनकी बेटी का जन्म हुआ. लेकिन बेटी के जन्म के बाद बच्ची को बर्थ सर्टिफिकेट नहीं दिया गया. 

किरण बाबू ने मीडिया को बताया, "मेरे पास अबू धाबी का वीजा है. मैंने वहां बीमा कराकर अपनी पत्नी को Medeor 24X7 हॉस्पिटल में भर्ती कराया. लेकिन मेरे हिंदू होने की वजह से बच्ची के जन्म के बाद बर्थ सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया गया."उन्होंने आगे बताया, "इसके बाद मैंने कानून की मदद लेकर बर्थ सर्टिफिकेट के लिए आवेदन किया. करीब 4 महीने तक सुनवाई चलने के बाद मेरे केस को खारिज कर दिया गया." बाबू ने बताया, जब से मेरी बेटी का जन्म हुआ है मेरी बेटी के पास कोई कानूनी दस्तावेज नहीं हैं. किरण बाबू ने आगे बताया, "वो दिन बहुत तनाव से भरे थे. सिर्फ माफी ही एक उम्मीद थी. बच्ची को आव्रजन मंजूरी देने से मना कर दिया गया था, क्योंकि उसके जन्म को साबित करने के लिए कोई डेटा या पंजीकरण नंबर नहीं था.लेकिन इंडियन एंबेसी ने हमारी काफी मदद की."



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