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जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने हुआ करोना गाइडलाईन का उलंघन 13-Nov-2020

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनेक सभाओं को संबोधित किया जहां करोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ, परंतु ऐसी जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाइडलाइन को लेकर कोई बात नहीं कहीं, ना किसी को डांटा, ना किसी को समझाया, ना अधिकारियों को इसके लिए लताड़ा |

भाजपा कार्यालय दिल्ली में अनेक लोगों ने मास्क नहीं लगाया था और सभी के सभी एक दूसरे के ऊपर चढ़े पड़े है, सट - सट कर खड़े है  - 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी कार्यकर्ताओं को ना हीं टोका, ना हीं डांटा, उन्हें उनकी गलती का एहसास भी नहीं कराया |

 

दिल्ली के भाजपा कार्यालय में जो कुछ हुआ वह इन तस्वीरों में साफ नजर आ रहा है - बिहार में एनडीए की जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाजपा कार्यालय में हजारों कार्यकर्ताओं को संबोधित किया,

संबोधन के दौरान उन्होंने बिहार की जीत के लिए बिहार की महिलाओं, बिहार के नागरिकों को बधाई दी, उनका आभार माना और बताया कि किस तरह महिलाओं ने बढ़ चढ़कर एनडीए को वोट दिया और वह भी इस कारण कि केंद्र की भाजपा सरकार ने महिलाओं को धुए से निजात दिलाते हुए गैस चूल्हे दिए, बेज्जती से निजात दिलाते हुए शौचालय दिए, करोना काल में कोविड-19 के दौरान मजदूरों को मुफ्त राशन के अलावा मुफ्त ट्रेनों की व्यवस्था कर पैदल चलने से बचाया और घर तक पहुंचाया, इसके अलावा उन्होंने इस जीत के लिए वोटों के प्रतिशत को भी सामने रखा और बताया कि करोना महामारी के बावजूद भी लोगों ने बढ़ चढ़कर मतदान किया|

 

     प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार चुनाव का जश्न भाजपा के केंद्रीय कार्यालय दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, परिवहन मंत्री नितिन गडकरी सहित अनेक मंत्रियों नेताओं की उपस्थिति में कार्यकर्ताओं के साथ मनाया | बिहार की जीत के जश्न के दौरान दिल्ली के भाजपा कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी करोना कोविड-19 महामारी से बचाव के संबंध में कोई बात नहीं कही | ना तो उन्होंने मास्क की बात की, ना सोशल डिस्टेंसिंग की बात की |

 जनता कर्फ्यू , लॉक डाउन 1 , लॉक डाउन 2 , लॉक डाउन 3 सहित अभी तक लगातार लोगों को मास्क लगाकर घर से निकलने, 2 गज की दूरी का पालन करने, अपने साथ-साथ दूसरों को भी करोना महामारी गाइडलाइन का पालन करने का आव्हान समय-समय पर करते रहे | इस विश्वव्यापी महामारी की भयानकता से निजात पाने के लिए वैक्सीन बनने, उसके परीक्षण, उसकी गुणवत्ता का परीक्षण होने में हो रही देरी के लिए उन्होंने आम जनता से अपील भी की है कि जब तक वैक्सीन नहीं बन जाती तब तक मास्क और 2 गज की दूरी ही वैक्सीन है | इस तरह की जन जागरूकता वाली अपील वह लगातार करते रहे हैं, और करते रहते हैं, परंतु भाजपा कार्यालय दिल्ली में उन्होंने अपने सामने उपस्थित कार्यकर्ताओं को नजदीक से देखा, जिनमें से अनेक लोगों ने मास्क नहीं लगाया था और सभी के सभी एक दूसरे के ऊपर चढ़े पड़े थे, सट - सटकर खड़े होकर मोदी है तो मुमकिन है, मोदी जिंदाबाद, भारतीय जनता पार्टी जिंदाबाद के नारे लगाकर मोदी के दम पर बिहार में हुई जीत का जश्न मना रहे थे | परंतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार भी कार्यकर्ताओं को नाहीं टोका, नाहीं डांटा, साथ ही उन्हें उनकी गलती का एहसास भी नहीं कराया |

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करोना महामारी , कोविड-19 जैसी भयानक बीमारी से चिंतित हैं, देश अभी तक पटरी पर नहीं आया है, देश की रेलगाड़ियां पटरी पर नहीं उतरी हैं, देश का व्यापार पटरी पर नहीं उतरा है, देश के सभी धार्मिक स्थल पूरी तरह से नहीं खोले गए हैं, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, पर्यटन स्थल, मैरिज हाल सहित अनेक व्यापार अभी भी करोना महामारी गाइडलाइन के कारण पूरी तरह नहीं खुले हैं | आम नागरिकों के लिए कोविड-19 के तहत अभी भी अनेकों बंदीशें हैं | इन सबके बावजूद देश की राजनीतिक पार्टियां अपने अपने राजनैतिक हित के लिए चुनाव के दौरान चाहे बिहार हो, मध्यप्रदेश हो या अन्य प्रदेशों में जहां उपचुनाव हुए हैं सभी जगह चुनावी सभाओं में करोना गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन हुआ, परंतु किसी पर भी कोई कार्यवाही नहीं हुई |

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी अनेक सभाओं को संबोधित किया जहां करोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ, परंतु ऐसी जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाइडलाइन को लेकर कोई बात नहीं कहीं, ना किसी को डांटा, ना किसी को समझाया, ना अधिकारियों को इसके लिए लताड़ा |

 

इतनी सारी बातों को बताने का हमारा मेन उद्देश्य यह है कि जब राजनैतिक दलों की चुनावी सभाओं में, जीत की खुशी में उमड़ी भीड़ के दौरान करोना महामारी का डर एक किनारे रख दिया जाता है, या यूं कहें कि ऐसे आयोजनों के बावजूद ऐसी जगहों पर उमड़ी भीड़ से करोना नहीं फैल रहा,  देश की राजधानी दिल्ली में केंद्र की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय कार्यालय में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जश्न मना कर हजारों की भीड़ को संबोधित करना इस बात की ओर इशारा करता है कि अब देश में करोना गाइडलाइन के पालन की कोई आवश्यकता नहीं है |

जब 5 - 5, 10 -10 हजार लोगों की भीड़ एक साथ हो तब करोना नहीं फैलता तो धार्मिक स्थलों, सिनेमा हॉल, शॉपिंग मॉल, पर्यटन स्थलों जहां एक बार में 200 - 500 या 1000 से ज्यादा लोगों के जुड़ने की, इकट्ठे होने की संभावना नहीं होती, वहां करोना कहां से आएगा ? और यदि इसके बावजूद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धार्मिक स्थलों, सिनेमा हॉल, स्कूल - कॉलेज, पर्यटन स्थलों, रेलगाड़ियों के आवागमन, शादी ब्याह में होने वाले आयोजनों की सीमित संख्या पर यदि छूट नहीं देते हैं तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी सभाओं सहित भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में हजारों कार्यकर्ताओं की भीड़ एकत्रित कर संबोधित करने के लिए माफी मांगनी चाहिए और करोना महामारी कोविड-19 की प्रतिबंधित गाइडलाइन के हटने तक स्वयं भी अपनी पार्टी के पदाधिकारियों और नेताओं - कार्यकर्ताओं सहित गाइडलाइन का पालन करने का आव्हान करें, अन्यथा जिस प्रकार महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए संतो ने आवाज उठाई, पूरा देश आपसे सब कुछ तुरंत सामान्य करने की बात करने लगेगा |

सुखबीर सिंघोत्रा, स्वतंत्र पत्रकार - सभी फोटो बीजेपी ट्विटर से साभार,



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