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रोक लगाना अनुसूची पांच,244(1),पेसा एक्ट, वनाधिकार मान्यता कानून का पालन करे राज्य सरकार 12-Jun-2019
जगदलपुर:- बैलाडीला की नंदराज मट्टा को लेकर बस्तर सम्भाग के आदिवासी समाज विगत 6 दिनों से संघर्षरत हैं। यह आंदोलन राज्य सरकार की आदिवासी समुदाय की संवैधानिक अधिकार प्रावधान से वंचित रखने का ही परिणाम है। यह बात सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग के सम्भागीय अध्यक्ष प्रकाश ठाकुर कल्लो ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहि है। ठाकुर ने बताया कि आजादी के इतने साल बाद भी पांचवी अनुसूची,244(1),पेसा एक्ट, वनाधिकार अधिनियम से वंचित किया गया यह आदिवासी समुदाय के साथ घोर अन्याय, अपराध तथा देशद्रोह कार्य है। आदिवासी समुदाय अब आरपार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार खड़ा है इतने वर्षों तक जिनके कंधो पर थी वही लोग इस देश के मुलबिज समुदाय के साथ संवैधानिक व्यवस्था से वंचित किये। वर्तमान राज्य सरकार विधानसभा चुनाव में जिन मुद्दों(पांचवी अनुसूची, पेसा एक्ट, वनाधिकार अधिनियम को पूर्ण रूप से लागू करना) को घोषणा पत्र में सब्जबाग दिखाया तब आदिवासी समुदाय ने इतनी सीटों पर प्रतिनिधि चुन कर दिया अब अमल करने से आनाकानी किया जा रहा है यह बस्तर के साथ विश्वासघात है। बस्तर संभाग के सभी गौण व खनिजों का दोहन गलत तरीके से किया जा है। इस पर तुरंत रोक लगाए राज्य सरकार नहीं तो फिर से समुदाय बुमकाल 2 की ओर ही बढ़ेगा।बैलाडीला के नंदराज मट्टा के साथ ही उस पहाड़ में कई जगहों पर आदिवासियों के पुरखे पेन स्थान हैं। यहाँ पर स्थानीय आदिवासी समुदाय को बिना विश्वास में लिए दोहन अन्नाय है। सर्व आदिवासी समाज बस्तर संभाग दिनांक 15 जून को सभी जिला ,तहसील व ब्लॉक मुख्यालय में सभा कर रैली निकाली जाएगी तथा अनुसूचित क्षेत्र के जिम्मेदार माननीय राज्यपाल महोदय के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसके बाद भी अनुसूचित क्षेत्र की संवैधानिक व्यवस्था व नंदराज मट्टा पर निर्णय नहीं होता है तो पूरे समभाग में चक्काजाम किया जाएगा इसके लिए आदिवासी समुदाय अब ठान लिया है। पूरे संभाग में ग्रामसभाओं में प्रशासन के लोग फर्जी प्रस्ताव पास करके गांव की पर्यावरण, जैव विविधता, हवा, पानी, भूमि को बिगाड़ कर रेत खदान, मुरुम, क्रेशर, गिट्टी खोद कर लूट रहे हैं। किसी भी गौण खदान में नियम कानून का पालन नहीं है।इस बाबत समाज प्रशासन मुख्यमंत्री सभी को पत्र ज्ञापन देकर अवगत कराते रहा लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रहा है तो अब विकल्प सिर्फ समग्र संघर्ष ही है जो अब होना तय है।ठाकुर ने कहा कि कांकेर, नारायणपुर के लौह खदानों में भी यही भर्राशाही हावी है।एक तरफ नक्सली दूसरे तरफ पुलिस व प्रशासनिक लूट कैसे शांति व विकास होगी। क्रेशर खदान वाले गाँव कोई विकास नहीं। डिस्ट्रिक्ट मिनरल फण्ड का कैसे दुरुपयोग किया गया है सर्वविदित है लेकिन कार्यवाही किसी पर नहीं यह क्या है csr मद का भी बंदरबांट जारी है ये पैसा कौन डकार रहे हैं??? ठाकुर ने कहा कि अब जंगी आंदोलन होगा।


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