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2500 रूपए धान का समर्थन मूल्य कृषक नारायण के लिए मुश्किल वक्त का बनी सहारा 22-Jun-2019
रायपुर, 22 जून 2019/ राज्य शासन के 2500 रूपए समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के निर्णय ने राजनांदगांव जिले के राजनांदगांव विकासखंड के ग्राम धामनसरा निवासी कृषक नारायण वैष्णव के लिए मुश्किल वक्त में बहुत बड़ा सहारा साबित हुई है। राज्य सरकार द्वारा अपने पहले ही केबिनेट की बैठक द्वारा लिए गए निर्णय के फलस्वरूप किसान नारायण के खाते में धान खरीदी की बढ़ी हुई जमा राशि ने बुरे समय में संकट मोचक की भूमिका निभाया। उन्होंने कहा कि ऐसे कठिन समय में जब उसे बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं इलाज हेतु पैसों की सख्त जरूरत थी। उन्हें अपनी दैनिक आवश्यकताओं के साथ-साथ इन कार्यों के लिए पैसों का प्रबंध करना बड़ा कठिन कार्य था। ऐसे समय में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की राशि उसके खाते में जमा होने से उनके जैसे अनेक किसानों को राहत मिली है। जिसके फलस्वरूप राज्य सरकार के प्रति किसानों के आशा एवं विश्वास में और अधिक प्रागढ़ता आई है। किसान श्री नारायण ने बताया कि वे केवल ढाई एकड़ जमीन वाले छोटे किसान है। इसी जमीन में मेहनत कर वे अपने एवं अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी कमल बाई वैष्णव के अलावा उनकी पुत्री रितु कुमारी एवं पुत्र यशवत सहित कुल 4 सदस्य है। जिसमें पुत्री रितु कुमारी की शादी हो गई है। पुत्र यशवंत अभी बीएससी अंतिम वर्ष की पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि उनके जीवकोपार्जन का माध्यम कृषि ही है। किसान नारायण ने बताया कि फरवरी से अप्रैल 2019 के बीच के एवं उनकी धर्मपत्नी छोटे-मोटे शारीरिक परेशानी एवं बीमारियों से भी पीड़ित थे। उस वक्त उनके लिए बीमारियों के इलाज के अलावा अपने पुत्र यशवंत की पढ़ाई हेतु पैसों की प्रबंध करना बड़ा कठिन कार्य था। लेकिन राज्य सरकार के निर्णयनुसार मार्च माह में 2500 समर्थन मूल्य पर खरीदे गये धान की अंतर की राशि उनके खाते में जमा हो जाने से उनके नैराश्य मन में एक आशा की किरण जगने के साथ ही मुश्किल समय में सहारा साबित हुआ। मुश्किल समय में उसके खाते में धान खरीदी की बढ़ी़ हुई राशि जमा हो जाने से इस राशि का उपयोग अपने पुत्र यशवंत के पढ़ाई-लिखाई के अलावा बीमारियों के ईलाज के लिए भी किया। किसान श्री नारायण बताते है कि इस वर्ष वे समर्थन मूल्य पर कुल साढ़े 17 क्विंटल धान की बिक्री की है। उसका समर्थन मूल्य के रूप में उसे कुल 43 हजार 750 रूपए की राशि प्राप्त हुई। उन्होंने बताया कि समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की राशि का उपयोग वे अपने पुत्र यशवंत की अगली कक्षा की पढ़ाई-लिखाई के अलावा अपने अन्य पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भी करेंगे। उन्होंने छŸाीसगढ़ सरकार की इस जनहितैषी निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने इस योजना के माध्यम से राज्य के मेहनतकश अन्नदाताओं के मेहनत का वास्तविक सम्मान करते हुए अपना फर्ज अदा किया है। क्रमांक 742/सचिन/चंद्रेश ठाकुर --00-- सफलता की कहानी कर्ज माफी से किसान दुलेश राम की चिंता हुई दूर खाते में जमा राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई-लिखाई एवं पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए करेंगे रायपुर, 22 जून 2019/ राज्य सरकार के द्वारा अल्पकालीन कृषि ऋण के माफ करने के निर्णय सेे राजनांदगांव जिले के ग्राम धामनसरा के किसान दूलेशराम पटेल की कर्ज अदायगी की चिंता दूर हुई है। समुचित वर्षा नहीं होने के कारण फसल की पैदावार ठीक नहीं होने से पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के अलावा बैंक से लिए कर्ज की अदायगी के लिए श्री दूलेशराम चिन्तित रहते थे। शासन के उक्त निर्णय ने इनके मुश्किल आसान कर दी है। राज्य सरकार की कल्याणकारी निर्णय की सराहना करते हुए किसान श्री दुलेशराम ने कहा कि उनके जैसे अनेक छोटे-बड़े किसानों को मुश्किल वक्त में सहारा मिला है। किसान श्री दुलेशराम ने बताया कि उनके पास उनके पास ग्राम धामनसरा में कुल 3 एकड़ पैतृक जमीन है। इसी जमीन में खेती करके एवं मेहनत-मजदूरी कर अपने परिवार का भरण-पोषण करने के अलावा अपने बच्चों का पढ़ाई का खर्च भी उठाते हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी के अलावा उनके दो पुत्री एवं एक पुत्र भी है। उनकी बड़ी पुत्री केशरी बीए अंतिम वर्ष एवं उनके पुत्र प्रवीण इस वर्ष बीए प्रथम वर्ष की परीक्षा उŸाीर्ण किया है। इसके साथ ही उनकी छोटी पुत्री दीप्ति भी कक्षा बारहवीं की परीक्षा उŸाीर्ण की है। किसान श्री दूलेशराम ने बताया कि उनके पास जमीन कम होने एवं जीविकोपार्जन के लिए खेती-किसानी के अलावा दूसरा और कोई साधन नहीं होने से उसे खाद्य-बीज तथा खेती किसानी के अन्य कार्यों के लिए सहकारी समितियों के माध्यम से ेऋण लेना पढ़ता है। उन्होंने सहकारी समिति सुरगी विकासखंड राजनांदगांव के माध्यम से 30 हजार रूपए नगद एवं खाद-बीज के लिए 5 हजार रूपए सहित कुल 35 हजार रूपए का कृषि ऋण लिया था। लेकिन इस वर्ष समुचित वर्षा नहीं होने से उनके फसल का पैदावार ठीक तरीके से नहीं हुआ। जिसके कारण हमेशा चिंतित रहते थे। वे एनकेन प्रकरण मेहनत-मजदूरी करके बैंक के कर्ज का बड़ा मुश्किल से अदायगी भी कर दिया था। जिसके कारण उसे काफी दिक्कतें भी हुई। लेकिन शासन के निर्णय अनुसार कर्ज माफी हो जाने से अदा किए गये कर्ज की राशि उनके खाते में जमा हो गया। उन्होंने कहा कि अब उसे अपने तीनों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। अपने खाते में जमा राशि का उपयोग अपने बच्चों के पढ़ाई-लिखाई के अलावा अन्य पारिवारिक आवश्यकताओं के लिए करेंगें।


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