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राजधानी की जलविहार कालोनी व अनेक कालोनियां और गरीब बस्तियां हर साल होती है जलमग्न -- अधिकारी और जनप्रतिनिधि देखने आते हैं तमाशा 14-Jun-2021

राजधानी की जलविहार कालोनी हर साल होती है जलमग्न 
अनेक कालोनियां और गरीब बस्तियां डूबती हैं बरसात में 
पिछले 20 वर्षों से हर साल घरों में कमर तक पानी भरने के बाद अधिकारी और जनप्रतिनिधि देखने आते हैं तमाशा - 
तत्कालीन महापौर एवम वर्तमान सांसद सुनील सोनी, विधायक कुलदीप जुनेजा पूर्व विधायक श्रीचंद सुंदरानी, पूर्व महापौर किरणमयी नायक, प्रमोद दुबे के बाद वर्तमान महापौर एजाज ढेबर ने भी पिछले साल जलविहार कॉलोनी में लोग कैसे डूबते हैं, लोगों के घरों में पानी भरने के बाद किस तरह जीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है, लाखों का नुकसान होता है, बिस्तर, पलंग, वाशिंग मशीन, फ्रिज सहित अनेक महंगे सामान बर्बाद हो जाते हैं, घरों में खाना नहीं बनता, इस दौरान बच्चे - बूढ़े औरतें - क्या क्या करते हैं मशक्कत 
- पर्यटन स्थल की तरह तमाम जनप्रतिनिधि और अधिकारी पहुंच जाते हैं नजारे का मजा लेने और झूठे आष्वासन देने, पीछे रह जाती है लोगों की परेशानियां और नुकसान ?
टैक्स भरने के बाद लोगों को जो नुकसान उठाना पड़ता है जो परेशानियां झेलनी पड़ती हैं - जो तकलीफ बच्चों - बूढ़ों, महिलाओं को होती है उसका हर्जाना कौन देगा - बड़ा सवाल? 
 पिछले 15 सालों तक भारतीय जनता पार्टी की सरकार रही परंतु प्रदेश सरकार ने भी लोगों की इन परेशानियों और नुकसान की तरफ ध्यान नहीं दिया,
वक्त है बदलाव का परंतु कुछ नहीं बदला - 
राजधानी रायपुर में निगम पर पिछले 11 वर्षों से कांग्रेस काबिज है परंतु कुछ नहीं हुआ । 
सड़कों, चैक चैराहो, गार्डन का डेकोरेशन, पाथवे, ऑक्सीजोन, साइकिल ट्रैक जैसे अनेक दिखावे और कमाई के मामलों में खर्च कर अपनी जेबें भरने का काम जिम्मेदारों ने किया है।
 परंतु अति आवश्यक जलभराव की समस्या का निदान किसी ने नहीं किया 
जनता सब देख रही ह,ै हो सकता है जलभराव क्षेत्र की जनता अपना हर्जाना मांगे और निगम को प्रॉपर्टी टैक्स जमा करना ही बंद कर दे !



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