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स्वच्छ भारत मिशन की खुली पोल - संसद भवन में सांसदों ने लगाया झाड़ू 13-Jul-2019
देश की सर्वोच्च संसद याने कि लोकसभा को भी सफाई कर्मचारी साफ नहीं रख रहे हैं - या यह भी कह सकते हैं इस संसद को सांसद गंदा करते हैं यह हम नहीं कह रहे , यह आज दिल्ली की संसद में जनप्रतिनिधियों द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान से प्रमाणित हो रहा है - स्वच्छ भारत मिशन के तहत आज देश की सर्वोच्च संस्था संसद भवन के बाहर सभी केंद्रीय मंत्रियों सहित सांसदों ने झाड़ू लगाकर सफाई की - अब यहां सवाल यह उठता है कि करोड़ों रुपए सफाई कर्मचारियों ठेकेदारों को देने के बाद भी जब देश की संसद साफ नहीं रहती तो पूरे देश को साफ रखने के दावे पर किस तरह विश्वास किया जा सकता है - उल्लेखनीय है कि 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की कमान संभालने के बाद घोषणा की थी कि 2019 तक भारत साफ-सुथरा हो जाएगा - महात्मा गांधी के स्वच्छता मिशन को 5 साल में पूरा कर लिया जाएगा - परंतु 2019 लोकसभा चुनाव में दोबारा प्रधानमंत्री बनने के बाद आज 13 जुलाई 2019 को संसद में झाड़ू लगाकर स्वच्छता मिशन का दिखावा इस बात का घोतक है कि पिछले 5 सालों में स्वच्छता मिशन सफल नहीं हो पाया और ना ही सफाई के नाम पर करोड़ों रुपया लेने वाले ठेकेदारों ने स्वच्छता मिशन मैं कोई सहयोग दिया - जबकि उन्हें सफाई के लिए भुगतान प्राप्त हुआ है - अब अगर देश के सांसद और हर नागरिक सफाई अभियान में खुद लग जाएंगे तो फिर इन ठेकेदारों को अरबों खरबों रुपए के भुगतान देने की क्या जरूरत है - और यदि सफाई के नाम पर ठेकेदारों ने भुगतान प्राप्त किया है और सफाई नहीं हुई है इसके लिए प्रधानमंत्री जी ठेकेदारों पर जुर्म दर्ज क्यों नहीं करते उन पर कार्यवाही क्यों नहीं करते - वहीं दूसरी तरफ अगर देश की सर्वोच्च संस्था संसद भवन में जनप्रतिनिधियों को सफाई करने की आवश्यकता पड़ गई तो समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2014 से घोषित स्वच्छता मिशन पूरी तरह से फेल है - क्योंकि 5 साल में यदि स्वक्षता मिशन 50% भी सफल होता तो देश की संसद के साथ-साथ महत्वपूर्ण बड़े सरकारी कार्यालय और मुख्य मार्ग साफ-सुथरे होते - वहां जनप्रतिनिधियों अधिकारियों को सफाई अभियान चलाने की जरूरत नहीं पड़ती - CG 24 News


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