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शहरी स्लम बस्तियों में कुष्ठ प्रभावितों की पहचान करने को मितानिनों ने 480 परिवारों में बांटे कार्ड 27-Jul-2021

 राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत भिलाई शहरी क्षेत्र के स्लम बस्तियों में कुष्ठ प्रभावितों की पहचान के लिए “आगाज-2021-22” के तहत आज से मितानिनों द्वारा घर-घर जाकर कार्ड वितरण शुरु किया गया। परिवार संपर्क के दौरान शरीर में दाग, धब्बों व चर्मरोगों से संबधित कार्ड के चित्रों से पहचान करने के लिए परिवार के मुखिया को जानकारी दी गई। भिलाई नगर निगम के भिलाई -3, खुर्सीपार, बापूनगर, सुपेला, कांटेक्टर कॉलोनी, लक्षमी मार्केट, श्रीराम नगर व वैशाली नगर में मितानिनों द्वारा सर्वे किया गया।  स्लम बस्तियों में आज 480 परिवारों से मितानिनों ने संपर्क कर कुष्ठ के पहचान, जांच व निदान के बारे में बताया ।

जिला कुष्ठ अधिकारी डॉ. अनिल कुमार शुक्ला ने बताया, “भिलाई शहरी क्षेत्र में कुष्ठ रोगी की खोज के लिए घर-घर सर्वे करने के लिए 400 शहरी मितानिनों को मितानिन ट्रेनरों के एरिया के आधार पर तीन दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के बाद हाई रिस्क एरिया के स्लम बस्तियों में निवासरत् 1.80 लाख परिवारों का सर्वे किया जा रहा है।  ऐसे इलाके जहां पूर्व में कुष्ठ प्रभावित रोगियों की पहचान हुई है इसके अलावा झुग्गी बस्ती व घनी आबादी में लोगों को कुष्ठ रोग के निदान व पहचान के लिए समुदाय को जागरुक भी किया जाएगा। उन्होंने बताया, सर्वे कार्य के बाद वार्डों में पारा व मुहल्लों में घर-घर जाकर कुष्ठ रोगियों की पहचान की जायेगी इसके बाद नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र व शिविर के माध्यम से दाग धब्बों की जांच स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं व नॉन मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) दल द्वारा की जाएगी। “

इस अभियान में समुदाय में रोग के संक्रमण को रोकने एवं नए कुष्ठ प्रभावित व्यक्तियों की पहचान के लिए परिवार के मुखिया को अभियान से जोड़ा जा रहा है। परिवार के मुखिया द्वारा ही प्रत्येक सदस्य के शरीर में दाग व धब्बों की पहचान कार्ड के माध्यम से की जा रही है। सर्वे अभियान की मॉनिटरिंग का कार्य नान मेडिकल अस्सिटेंट (एनएमए) सीएल मैत्री, अजय देवांगन, जेडी मानिकपुरी, जाकिर खान को जिम्मेदारी दी गई है।

कुष्ठ मुक्त जिला बनाने के लिए जन भागीदारी से घर के मुखिया द्वारा ही घर के सभी सदस्यों की जांच कर रोगी की पहचान कराई जाएगी। इससे लोगों में कुष्ठ रोग के प्रति जागरुकता उत्पन्न होगी तथा जनभागीदारी से यह कुष्ठ उन्मूलन के लिए एक अभिनव प्रयास होगा। राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत छिपाना नहीं बताना है, हर दाग धब्बे की जांच कराना है। दुर्ग जिले को कुष्ठ मुक्त बनाने की परिकल्पना को आधार बनाकर कार्ययोजना तैयार की गई है।



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