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प्रदेश की योजनाओं की भ्रूण हत्या का पाप भोगना ही पड़ेगा - अजय चंद्राकर 27-Aug-2021

 नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी ड्रीम प्रोजेक्ट - जनता की गाढ़ी कमाई आखिर किसकी बाड़ी में पहुंच रही है?

प्रदेश सरकार को इन योजनाओं की भ्रूण हत्या का पाप भोगना ही पड़ेगा - अजय चंद्राकर

भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री अजय चंद्राकर ने प्रदेश सरकार के अपने ही ड्रीम प्रोजेक्ट पर करारा तंज कसा है।

श्री चंद्राकर ने कहा कि गोधन योजना, गौठान, रोका-छेका के साथ ही नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी योजनाओं का ढिंढोरा पीटने वाली प्रदेश सरकार को इन योजनाओं की भ्रूण हत्या का पाप भोगना ही पड़ेगा। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय चंद्राकर ने कहा है कि गोधन योजना के क्रियान्वयन में विफलता का आलम यह है कि प्रदेश के 14 जिलों में मवेशियों के लिए चारा उगाने का काम भी सही ढंग से नहीं हो सका है। समीक्षा बैठक में इस बात पर आला अधिकारी नाराज हो रहे हैं और इस योजना की ढिंढोरची सरकार को इस बात पर कोई मलाल तक नहीं है। श्री चंद्राकर ने कहा कि सत्ता-संघर्ष से जूझते हुए अब तक का कार्यकाल सियासी लफ्फाजियों और अनर्गल प्रलाप में खपा देने और इन योजनाओं को भ्रष्टाचार का माध्यम बनाने के अलावा और कोई काम किया ही नहीं। गोबर खरीदकर भी यह सरकार खाद बना नहीं पाई, गोबर घोटाला रोक नहीं पाई। श्री चंद्राकर ने कहा कि प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे विधानसभा में गोबर बह जाने पर शर्मिंदगी तक जता चुके हैं। यही बदहाली गौठानों में रही है। एक ओर गौठानों में चारा-पानी के अभाव में मवेशी मर रहे हैं, वहीं रोका-छेका के हंगामे के बावजूद सड़क हादसों में मवेशियों की मौत का सिलसिला नहीं थमा है। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व मंत्री श्री चंद्राकर ने कहा कि नरवा-गरुवा-घुरवा-बारी, गौठान, गोबर खरीदी, रोका-छेका तक सारे ड्रीम प्रोजेक्ट में यह सरकार बुरी तरह विफल रही है। भ्रष्टाचार ही इन योजनाओं की पहचान बनकर रह गया है। श्री चंद्राकर ने प्रदेशवासियों की ओर से प्रदेश सरकार से इस बात का जवाब देने को कहा कि घुरवा में भरकर, नरवा में बहाकर, जनता की गाढ़ी कमाई आखिर किसकी बाड़ी में पहुंच रही है? क्या ये तमाम योजनाएं भ्रष्टाचार के लिए ही प्रदेश में शुरू की गई थी?



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