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*जेल समीक्षा दिवस तथा नालसा की योजना का विचाराधीन बंदियों को मिला लाभ* 29-Mar-2022

*जेल समीक्षा दिवस तथा नालसा की योजना का विचाराधीन बंदियों को मिला लाभ*

रास्तों पर या अन्य स्थानों पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति के बारे में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जानकारी दे 

छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर द्वारा जेल समीक्षा दिवस अभियान चलाया जा रहा है | जिसके तहत प्रत्येक बुधवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर जेल में निरुद्ध बंदियों समस्याओं का निराकरण करने के साथ-साथ उनके अधिकारों की भी जानकारी प्रदान करता है| नालसा की योजना मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए विधिक सेवाएं 2015 भी पूरे भारत में प्रवृत्त है जिसके तहत भी मानसिक अस्वस्थ व्यक्तियों को हरसंभव विधिक सहायता प्रदान करने का उत्तरदायित्व जिला विधिक सेवा प्राधिकरण का है | इन्हीं योजनाओं के तारतम्य में जिले में पहली बार केंद्रीय जेल रायपुर में निरुद्ध बंदी को उक्त योजना का समुचित लाभ प्राप्त हो सका, बंदी त्रिभुवन साहू का थाना अभनपुर में संस्थित मामला जिला न्यायालय रायपुर में विचाराधीन है, विचारण के दौरान ही बंदी की मानसिक स्थिति खराब होने लगी जिस के संबंध में तत्काल संबंधित न्यायालय द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर को सूचित कराया गया | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के अध्यक्ष जिला न्यायाधीश अरविंद कुमार वर्मा ने उक्त मामले का तत्काल संज्ञान लेते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव प्रवीण मिश्रा को निर्देशित किया कि उक्त बंदी को अभिलंब विधिक सहायता प्रदान किया जाए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के द्वारा पैनल अधिवक्ता से संपर्क कर बंदी की मानसिक स्थिति के आधार पर जमानत मुचलका आवेदन प्रस्तुत कराया गया, संबंधित न्यायालय द्वारा बंदी को रिहा किया गया, जहां से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा प्राधिकरण के कर्मचारी संजय कुमार राजपूत सहायक ग्रेड तीन तथा पैरालीगल वालंटियर आशुतोष तिवारी द्वारा उसे उसके निवास पहुंचाने निर्देश दिया गया | बंदी के संपूर्ण स्वास्थ्य परीक्षण को सुनिश्चित करने हेतु जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देश पर उस कर्मचारी तथा पैरा लीगल वालंटियर ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी के समक्ष विचाराधीन बंदी को उपस्थित कराया जहां से स्पर्श मेंटल चिकित्सालय रेफर किया गया, जहां से उचित उपचार हेतु राज्य मानसिक चिकित्सालय सेंद्री बिलासपुर रेफर किया गया | विधिक प्रक्रिया का अनुसरण करते हुए उक्त विचाराधीन बंदी को वर्तमान में समुचित उपचार हेतु प्राधिकरण द्वारा संपूर्ण सुरक्षा के साथ सेंद्री बिलासपुर दाखिल कराया गया | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायपुर के द्वारा दिए गए सहयोग के संबंध में आरोपी के भाई द्वारा मीडिया के माध्यम से यह आग्रह किया गया कि जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के समक्ष उनके भाई का उपचार संभव हो सका अन्यथा मैं अपने भाई के अधिकारों की सुरक्षा करने में सक्षम नहीं था | जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रवीण मिश्रा ने बताया कि जेल समीक्षा की स्कीम के तहत अधिकारों की सुरक्षा के लिए हम तटस्थ हैं, इसके अतिरिक्त उन्होंने बताया कि स्कीम के तहत यदि किसी भी व्यक्ति को रास्तों पर या अन्य स्थानों पर मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति मिलता है जिन्हें समुचित उपचार की आवश्यकता है उनके संबंध में भी व्यक्ति जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को जानकारी दे सकता है | इसके अतिरिक्त का टोल फ्री नंबर 15100 पर जानकारी दी जा सकती है |

 

प्राधिकरण के सचिव द्वारा बताया गया कि विचाराधीन बंदियों के लिए दंड संहिता की धारा 328 से 339 तक प्रावधान किया गया है जिसके तहत विचाराधीन बंदी के संबंध में उनके परिजन लाभ ले सकते हैं उक्त कार्रवाई में विशेष रुप से कार्यालय के सहायक ग्रेड 3 संजय कुमार राजपूत, पैरालीगल वालंटियर आशुतोष तिवारी, जेल अधीक्षक डी पटेल, थाना प्रभारी सुरेश गोस्वामी, रक्षित आरक्षित केंद्र के आरक्षक डीएन सहारे, गब्बर सिंह का महत्वपूर्ण योगदान रहा |



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