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मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 134 करोड़ के विकास कार्यो की दी सौगात 20-Aug-2019
रायपुर, 20 अगस्त 2019/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती पर आज यहां धमतरी जिले के ग्राम दुगली (विकासखण्ड-नगरी) में आयोजित ग्राम सुराज और वनाधिकार मड़ई में शामिल हुए। मुख्यमंत्री श्री बघेल इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी की 75 वीं जयंती के अवसर पर दुगली में स्थापित उनकी आदम कद प्रतिमा का अनावरण किया। ज्ञात हो कि 14 जुलाई 1985 को देश के पूर्व प्रधानमंत्री श्री राजीव गांधी का दुगली आगमन हुआ था, तबसे इसे राजीव ग्राम के नाम से भी जाना जाता है। कार्यक्रम में राज्यसभा सांसद श्री पी एल पुनिया, पंचायत विभाग के मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, उद्योग मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री लखमा कवासी, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, राजस्व मंत्री श्री जय सिंह अग्रवाल, विधायक श्री मोहन मरकाम, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की अध्यक्ष डॉ.लक्ष्मी ध्रुव, विधायक श्रीमती रंजना दीपेंद्र साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रघुनंदन साहू सहित अपर मुख्य सचिव श्री आर. पी. मंडल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी,कलेक्टर श्री रजत बंसल उपस्थित थे। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की 75 वीं जयंती पर हम सब उन्हें नमन करते हैं। समावेशी विकास की दूरदर्शिता, पंचायती राज, संचार क्रांति एवं युवाओं को मतदान का अधिकार जैसे योगदान आज 21 वीं सदी में आकार लेकर देश को राजीव जी की याद दिलाते हैं। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कुपोषण दूर करने के लिए लईका जतन ठउर, त्रिफला प्रसंकरण केंद्र , मां अंगारमोती गौठान और तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण किया। उन्होंने इस अवसर पर 134 करोड़ रूपए के 121 विभिन्न विकास कार्यों का लाकार्पण और भूमिपूजन किया। त्रिफला प्रसंस्करण केंद्र मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने आज धमतरी जिले के ग्राम दुगली में लघु वनोपज प्रसंस्कण एवं प्रशिक्षण केंद्र का अवलोकन कर यहाँ प्रसंस्करण कार्य कर रही स्व सहायता समूह की महिलाओं से रूबरू होकर चर्चा की। मुख्यमंत्री ने यहां त्रिफला प्रसंकरण केंद्र का शुभारम्भ भी किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर यहाँ महिला समूहों द्वारा माहुल पत्ते से दोना निर्माण कार्य , शहद का संग्रहण कर इसकी प्रोसेसिंग,सतावर का संग्रहण कर प्रोसेसिंग कार्य का अवलोकन किया। उल्लेखनीय हैं कि धमतरी जिले के इस आदिवासियों बाहुल्य वन क्षेत्र में अनेक वनोपजों का उत्पादन होता है। राज्य शासन का प्रयास है कि इनके संग्रहण एवं प्रसंस्करण को बढ़ावा देकर यहाँ के नागरिको की जीवकोपार्जन में वृद्धि की जाए। राज्य शासन द्वारा राज्य के वन क्षेत्र में संग्रहण के लिए अब 15 वनोपजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। इसी तरह वन वनोपजों की संग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए विभिन्न ग्रामो में संग्रहण केंद्रों की स्थापना की जा रही है। तेंदुपत्ता के संग्रहण दर को भी 2500 रुपये मानक बोरा से बढ़ा कर 4000 रुपये मानक बोरा किया गया है। तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र मुख्यमंत्री ने आदिम जाति बालक छात्रावास के खेल मैदान में तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र का शुभारंभ किया। इस प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए विशेषकर कमार विद्यार्थी और युवाओं को तीरंदाजी की बारीकियों के बारे में सिखाया जाएगा। ज्ञात हो कि धमतरी जिले का नगरी विकासखण्ड जनजातीय बाहुल्य क्षेत्र है, जिनकी जीवनशैली में तीरंदाजी रची-बसी है। इसलिए यहां तीरंदाजी प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए उन्हें सही तरीके से प्रशिक्षण देकर राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतियोगिता के लिए भेजा जा सकता है। विशेष पिछड़ी जनजाति कमार में बांस शिल्प और धनुर्विद्या की प्रवीणता है और उनमें यह कौशल परम्परागत रूप से विद्यमान है। इसलिए इस प्रशिक्षण केन्द्र के जरिए परम्परागत तीरंदाजों को प्रतिस्पद्र्धात्मक आधुनिक तीरंदाजी का हुनर दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण केन्द्र में प्रारंभिक तौर पर 10 बालक और 10 बालिका को प्रशिक्षण दिया जाएगा। साथ ही समय-समय पर उच्चस्तरीय प्रशिक्षक भी प्रशिक्षण केन्द्र में मौजूद रहकर तीरंदाजी की बारीकियां प्रशिक्षणार्थियों को बताएंगे। लइका-जतन ठउर मुख्यमंत्री ने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र दुगली में लइका-जतन ठउर का शुभारंभ किया। धमतरी जिला प्रशासन द्वारा कुपोषण दूर करने के लिए यह अभिनव पहल की गई है। कुपोषित बच्चों को सम्पूर्ण उपचार और चिकित्सीय देखरेख के लिए लइका जतन ठउर बनाया गया है। यहां डाॅक्टरों द्वारा कुपोषित बच्चों का वजन मूल्यांकन कर उचित प्रोटीनयुक्त आहार दिया जाएगा। यही नहीं, कुपोषित बच्चों की माताओं को भी बच्चों को दिए जाने वाले भोजन के विषय में प्रशिक्षित किया जाएगा, ताकि जब बच्चे 15 दिनों के उपचार के बाद घर लौटे, तो उनके वजन की वृद्धि के अनुपात में पौष्टिक भोजन तैयार करने में माताओं को सहुलियत हो। इसके अलावा इन बच्चों की आंगनबाड़ी केन्द्रों में भी सतत निगरानी की जाएगी, साथ ही डाॅक्टर्स द्वारा फाॅलोअप भी किया जाएगा, जिससे कि पूरा दुगली सेक्टर कुपोषण मुक्त हो सके। मां अंगारमोती गौठान मुख्यमंत्री ने दुगली में 3.06 एकड़ पर बने मां अंगारमोती गौठान का लोकार्पण भी किया। शासन की महत्वाकांक्षी सुराजी ग्राम योजना के तहत वनाच्छादित ग्राम दुगली में अब यह आदर्श गौठान बनाया गया है। गौरतलब है कि गांव की आराध्य देवी अंगारमोती माता के नाम से स्थानीय परिवेश में स्थानीय संसाधनों से इस गौठान का निर्माण किया गया है। इस गांव में कुल 551 परिवार निवासरत हैं, जिनमें से 208 परिवारों में 620 मवेशी हैं। यहां चारागाह के लिए 10 एकड़ क्षेत्र स्थल प्रस्तावित है। विकास कार्यों का लोकार्पण-भूमिपूजन पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री राजीव गांधी की स्मृति में नगरी विकासखण्ड के वनांचल दुगली में आयोजित ’ग्राम-सुराज एवं वनाधिकार मड़ई में प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 134 करोड़ 52 लाख रूपए के कुल 121 विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 120 करोड़ 95 लाख रूपए के 86 कार्यों का लोकार्पण और 13 करोड़ 57 लाख रूपए के 35 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने विभिन्न योजनाओं के तहत् बड़ी संख्या में हितग्राहियों को सामग्री और चेक का वितरण भी किया। मुख्यमंत्री ने जिन पूर्ण हो चुके कार्यों का लोकार्पण किया इनमें मुख्य रूप से 10 करोड़ रूपए की लागत से सोंढूर नदी में मारागांव-गरियाबंद मार्ग पर बने 360 मीटर लंबे उच्च स्तरीय पुल निर्माण और नौ करोड़ 85 लाख रूपए की लागत से खारून नदी पर सेमरा-कौही मार्ग में बने ढाई सौ मीटर लंबे पुल निर्माण कार्य शामिल हैं। इसी प्रकार प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के 18 करोड़ 34 लाख रूपए के तीन कार्य, मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के 10 करोड़ 59 लाख रूपए के छः कार्य, लोक निर्माण विभाग द्वारा नौ करोड़ 95 लाख रूपए के नौ कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा दो करोड़ 15 लाख रूपए की लागत के पांच कार्य, जनपद पंचायत कुरूद के एक करोड़ 20 लाख रूपए के नौ कार्य, जनपद पंचायत मगरलोड के 87 लाख रूपए के नौ कार्यों, कृषि विभाग के 46 लाख रूपए के दो शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा जिन नए स्वीकृत कार्यों का भूमिपूजन किया इनमें मुख्य रूप से कृषि विभाग के चार करोड़ 72 लाख रूपए के 18 कार्य, लोक निर्माण विभाग के चार करोड़ 69 लाख रूपए के पांच कार्य, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के दो करोड़ 79 लाख रूपए के सात कार्य, वन विभाग के 87 लाख रूपए के चार कार्य और ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग के 49 लाख रूपए के कार्य शामिल हैं।


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