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गुरु तेग बहादुर जी हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाए जाने के सख्त खिलाफ रहे और खुद भी इस्लाम कबूलने से मना कर दिया था। 21-Apr-2022

सिख धर्म के नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी की 21 अप्रैल को जयंती 

श्री गुरु तेग बहादुर जी मुस्लिम धर्म स्वीकार करने तैयार नहीं हुए तो औरंगजेब ने उनके क़त्ल का आदेश दे दिया |

जानिए सिखों के 9वें गुरु तेग बहादुर से जुड़ी कुछ खास बातें

श्री गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु हैं और 21 अप्रैल को उनकी जयंती मनाई जाएगी। 18 अप्रैल 1621 में जन्मे श्री तेग बहादुर हरगोबिंद साहिब के सबसे छोटे पुत्र थे। गुरु तेग बहादुर जी  का जन्म बैसाख कृष्ण पंचमी को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। उनको योद्धा गुरु के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए अथक संघर्ष किया। वह मानवता, बहादुरी, मृत्यु, गरिमा और बहुत कुछ के बारे में अपने विचारों और शिक्षाओं के लिए जाने जाते हैं जिन्हें गुरु ग्रंथ साहिब में शामिल किया गया है।

सिख समुदाय में श्री गुरु तेग बहादुर जी को बड़ी ही श्रद्धा से याद किया जाता है। ऐसा बताया जाता है कि उनके बचपन का नाम त्यागमल है। जब वो केवल 14 साल के थे तब ही उन्होंने अपने पिता के साथ मिलकर मुगलों के खिलाफ जंग लड़ी थी। उनकी  24 नवंबर 1675 को  हत्या कर दी गई थी। श्री गुरु तेग बहादुर जी की जयंती के मौके पर आज हम आपको बताते हैं उनसे जुड़ी खास बातें।

गुरु तेग बहादुर जी  हिंदुओं को जबरन मुस्लिम बनाए जाने के सख्त खिलाफ रहे और खुद भी इस्लाम कबूलने से मना कर दिया था।

  1. जब मुगल सम्राट औरंगजेब के शासनकाल में लोगों को इस्लाम में परिवर्तित होने के लिए मजबूर किया गया था।
  2. कश्मीरी पंडितो ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को औरंगजेब द्वारा जबरन धर्म परिवर्तन करवाए जाने और कहना ना मानने पर कत्ल करने की पीड़ा से अवगत करवाते हुए सहायता की मांग की |
  3. कश्मीरी पंडितों की व्यथा सुनकर श्री गुरु तेग बहादुर जी ने कहा कि औरंगजेब से कह दो कि श्री गुरु तेग बहादुर जी मुस्लिम धर्म स्वीकार कर लेंगे तो हम भी तैयार हैं अन्यथा नहीं |
  4.  औरंगजेब ने श्री गुरु तेग बहादुर जी को मुस्लिम धर्म स्वीकार करने का आदेश दिया तमाम कोशिशों के बाद भी जब श्री गुरु तेग बहादुर जी मुस्लिम धर्म स्वीकार करने तैयार नहीं हुए तो औरंगजेब ने उनके क़त्ल का आदेश दे दिया |
  5. उस समय, उन्होंने गैर-मुसलमानों को जबरन मुस्लिम बनाए जाने का विरोध किया था जिसके बाद औरंगजेब के आदेश पर उनकी दिल्ली में हत्या कर दी गई। 
  6. गुरु तेग बहादुर जी के बचपन का नाम त्यागमल था। लेकिन कम उम्र में ही मुगलों के खिलाफ बहादुरी से जंग लड़ने की वजह से उन्हें तेग बहादुर का नाम दे दिया गया जिसका मतलब होता है तलवार का धनी।
  7. जहां उनकी हत्या की गई थी उस जगह को बाद में गुरुद्वारा शीश गंज साहिब और गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब नाम के सिख पवित्र स्थानों में बदल दिया गया। 
  8. गुरु तेग बहादुर जी ने साल 1665 में आनंदपुर साहिब शहर बनाया और उसको बसाया। वह गुरुबाणी, धर्म ग्रंथों के साथ-साथ शस्त्रों और घुड़सवारी भी जानते थे।


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