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एसटी/एससी एक्ट मामले में मोदी सरकार के दो सहयोगी मंत्रियों ने किया सुप्रीम कोर्ट जाने का ऐलान, विपक्ष सहित एसटी/एससी संगठनो के विरोध के कारण भारी दबाव में मोदी सरकार लगा सकती है पुनर्विचार याचिका 30-May-2018

नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के अनुसूचित जाति और जनजातियों के बारे में  फैसले के खिलाफ मोदी सरकार में  केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान के बाद एक अन्य मंत्री रामदास अठावले ने भी इस मामले  लेकर अपनी तरफ से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करने का ऐलान किया है. 

आपको बता दे कि महाराष्ट्र की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एसटी/एससी एक्ट के दुरुपयोग के कारण इस एक्ट में कई बदलाव करते हुए इन्हें सिथिल कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले आने के बाद प्रमुख विपक्षी पार्टियों सहित बसपा सपा और अन्य पार्टियों ने भी सरकार को दलित विरोधी करार दिया. विपक्षी पार्टियों के साथ ही सरकार के सहयोगी पार्टियों सहित बीजेपी के  एसटी एससी नेताओं ने इस पर  सरकार पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है. इसी कड़ी में मोदी सरकार में केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान और राज्य मंत्री रामदास अठावले इस मद्दे पर खुल कर सरकार के खिलाफ खड़े हो गये है. बताया जा रहा है कि सरकार इस मामले में कोर्ट के फैसले का अध्ययन कर रही है और जल्दी ही सरकार की तरफ से  रिव्यू पिटीशन दाखिल किया जा सकता है.
केन्द्रीय राज्यमंत्री अठावले ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने एससी एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज होने के बाद गिरफ्तारी से पहले उच्चाधिकारियों से अनुमति लेने की जो नई व्यवस्था की है वह गलत है. क्योंकि इससे गिरफ्तारी का डर खत्म हो जाएगा और दलितों पर अत्याचार बढ़ सकता है. उन्होंने कहा कि हो सकता है कि इस एक्ट के तहत कुछ झूठे मामले दर्ज किए गए हों और कुछ मामलों में इस एक्ट का दुरुपयोग हुआ हो, लेकिन ज्यादातर मामलों में यह एक दलितों के हितों की रक्षा करने में कामयाब रहा है. उन्होंने यह भी दावा किया सी एस सी, एस टी एक्ट अंतर्गत दर्ज होने वाली 99% घटनाएं सही होती हैं. अठावले ने कहा कि इस मामले में कोई दूसरे दलित नेताओं के साथ भी संपर्क में हैं ताकि सुप्रीम कोर्ट में जोरदार पैरवी की जा सके. 



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