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अगर मैं आदिवासी नही हूँ तो बताना चाहिए था, की मैं ब्राह्मण हूँ, वैश्य हूँ, की शुद्र हूँ - अजीत जोगी 27-Aug-2019
73 वर्षों से मैं जिस सामाजिक व्यवस्था को एन्जॉय कर रहा हूँ, मरवाही की आदिवासी जनता ने मुझे लगातार सर्वाधिक वोटों से चुना.... जहां मैं पेड़ हुआ वह के लोग मेरी जाती जानते हैं, या यहां बैठ के भूपेश बघेल जान सकते हैं...पूरे भारत में मैं केवल एक ही व्यक्ति हूँ जिसकी कोई जाति नही है... अगर मैं आदिवासी नही हूँ तो बताना चाहिए था, की मैं ब्राह्मण हूँ, वैश्य हूँ, की शुद्र हूँ... हर बार यही कोशिश हुई कि मेरी विधायकी छीन पाएं... मेरे पुत्र अमित जोगी के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी, जिसमें उच्च न्यायालय के फैसले में अमित जोगी कंवर आदिवासी और मुणी गोत्र के हैं यह कहा गया था... तो अगर अमित जोगी आदिवासिन हैं तो *उसके बाप आदिवासी कैसे नही होगा*... हर बार नया बहाना निकालकर मेरे खिलाफ मामला दायर किया जाता है... 50 राजनीतिक करियर पर कभी भर्ष्टाचार, बलात्कार, छेड़छाड़ या किसी भी प्रकार की उंगली नही उठी, इसलिए केवल एक ही मामला बचत है... अब ये लोग मुझे नही माने लेकिन पूरा भारत मुझे आदिवासी मानता है... तो ये लोग कौन होते हैं... फैसला हो या न हो, मेरा समाज मुझे आदिवासी मानता है...


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