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नकली खोवा, मावा, मिठाइयों के कारोबार में संबंधित अधिकारियों का वरद हस्त - भागीदारी!
छत्तीसगढ़ में खासकर राजधानी में नकली खोवा, मावा और नकली मिठाइयों की सप्लाई का कारोबार धड़ल्ले से जारी है | संबंधित अधिकारी जिन पर इसकी मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी है, स्वास्थ्य की जिम्मेदारी है, लोगों की सेहत की जिम्मेदारी है वह सब अधिकारी कहीं कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं |
सूचना देने पर भी कार्रवाई नहीं कर रहे, जो इस बात का प्रमाण है कि नकली मिठाइयों के कारोबार में स्वास्थ्य, फूड, खाद्य सहित संबंधित सभी अधिकारियों की मिलीभगत है | जो आम आदमी को नजर आती है कि कहां नकली खोवा, नकली मिठाइयों का कारोबार चल रहा है वहां तक उन अधिकारियों की नजर क्यों नहीं पहुंचती ? जो सिर्फ इसी बात की तनखा लेते हैं ?
संबंधित अधिकारियों सहित जिला कलेक्टर, कलेक्टर के पिए सहित सभी लोगों तक इस नकली खोवा, मावा, मिठाइयों के गोदाम की जानकारी देने के बावजूद 12 घंटे बीत जाने के बाद भी कोई कार्यवाही का ना होना शासन प्रशासन के अधिकारियों सहित जनप्रतिनिधियों की जिम्मेदारियों पर उंगली उठाने के लिए काफी है |
शहर सहित पूरे प्रदेश के नागरिकों से अपील है कि वह मिठाइयों को खरीदने से पहले संबंधित मिठाई दुकान से बिल अवश्य लें, ताकि किसी तरह की नकली मिठाई होने पर,या स्वास्थ्य खराब होने पर मिठाई विक्रेताओं पर कार्रवाई करने का अधिकार आपके पास सुरक्षित हो | बिल के आधार पर उन पर दावा ठोका जा सके और उन पर हर्जाने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई की जा सके |
वक्त है बदलाव का के साथ सरकार तो बदल गई परंतु सिस्टम में कोई बदलाव नजर नहीं आता | अधिकारी सत्ता के साथ रहता है और उसकी सत्ता के जनप्रतिनिधियों के साथ सांठगांठ मिलीभगत रहती है, क्योंकि जनप्रतिनिधियों को कमीशन पहुंचाने का काम भी अधिकारियों के जुम्मे रहता है | इस बात से साबित होता है कि प्रदेश में मुख्यमंत्री की सचिव सौम्या चौरसिया सहित अनेक अधिकारियों पर इनकम टैक्स, इ डी की कार्यवाही के बाद अवैध संपत्ति नगदी का मिलना मिलीभगत का परिचायक है | CG 24 News-Singhotra
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