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इतनी हिप्पोक्रेसी कहां से लाते हो भाई कांग्रेसी - आदतन अपराधी इसी तरह विवेक खो देते हैं -- संजय श्रीवास्तव
कांग्रेस की प्रेस वार्ता पर भाजपा प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव का जवाब --
देश में आपातकाल थोपकर लोकतंत्र की हत्या करने वाले कांग्रेस के लोग, छत्तीसगढ में तब के विपक्ष के नेताओं की टांगे तोड़ देने वाले तत्व आज भाजपा पर अलोकतांत्रिक होने का आरोप लगा रहे हैं, इससे ज्यादा हास्यास्पद और कुछ नही।
चुनाव आयोग और सरकार के बीच फर्क की भी तमीज नही बची है कांग्रेस में।
कांग्रेस यह मान रही है कि लोकतंत्र की हत्या और तानाशाही कांग्रेस का ‘अवगुण‘ रहा हैं, और जब यह स्वीकार कर लिया है तो वह सबसे पहले जनता से माफी मांगे। 2000-03 तक किये गये पाप का ठीकरा कांग्रेस किसके सर पर फोड़ना चाह रही? क्या भूपेश उस कैबिनेट के हिस्सा नही थे। क्या कैबिनेट की सामूहिक जिम्मेदारी के बारे में भूपेश को नही पता? अपने ही पाप का ठीकरा दूसरे के सर पर फोड़ने की इतनी बेशर्मी कहा से लाते हैं कांग्रेसी?
जब बार-बार अपराध कर रहे हैं तो बार-बार मुदकमों का सामना भी करना पड़ेगा और सजा भी मिलेगी ही। इसके खिलाफ प्रेस वार्ता कर कांग्रेस “चोर बोले जोर से” को चरितार्थ कर रही है।
विरोध प्रदर्शन कहां और किस तरह हो, क्या यह सामान्य विवेक भी कांग्रेस के पास नही है? अगर बिना अनुमति पूरे गिरोह के साथ कहीं अनधिकृत घुसेंगे, 144 का उल्लंघन करेंगे तो मुकदमा तो होगा ही।
भाजपा सरकार के नहीं कांग्रेस के अंतिम दिन हैं। अच्छा हुआ कि कांग्रेस ने पहले ही कथित गंगाजल पी ली है। हम कांग्रेस के विसर्जन के बाद उसके सदगति की कामना करते है। रिजल्ट के बाद कम से कम कांग्रेस हाफ और भूपेश राजनीति से साफ।
कांग्रेस के पास अगर राजनीतिक विरोध और अश्लील सीडी बांटने के फर्क की तमीज नही है, तो यह उसकी समस्या है। आदतन अपराधी इसी तरह विवेक खो देते हैं।
आदिवासी क्षेत्रों को उपनिवेश जैसा बनाकर रखने वाली कांग्रेस जब आदिवासी हित की बात करती है तो वह भेड़ की खाल में छिपे भेड़िये जैसी नजर आती है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहनों औार भाइयों को कांग्रेस के घड़ियाली आंसूओं की जरूरत नही है।
कांग्रेस ने कभी किसानों की लड़ाई नही लड़ी। वह हमेशा किसानों से लड़ती रही है। धान भिगोकर देखने वाले लोग किसानों की बात करते हैं। शर्म भी नही आती लाखों किसानों की आत्महत्या के जिम्मेदार कांग्रेसियों द्वारा किसानों के हित की बात करने पर। फसल तो कांग्रेस का खराब हुआ है। पाला मार गया है कांग्रेसियों को, इसलिए वे अब लगातार झूठ की खेती पर उतारू हैं।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने केन्द्रीय करों में राज्यों का हिस्सा 10 प्रतिशत ज्यादा देने का निर्णय लिया। यह वह रकम थी जिसे कांग्रेसी ‘जीजाजी‘ और शकुनि मामा को इटली ट्रांसफर कर देते थे।
गरीबों की जमीन और उसका घर हड़पेंगे भूपेश तो जेल जाना ही होगा। ईश्वर का भी प्रकोप उन्हें सहना होगा। आगे और दुर्गति के दिए तैयार वे रहंे। हर तरह का अनाचार कर उसे राजनीति का नाम दे देना भूपेश का अमर्यादित आचरण है। कांग्रेसी झंगलू और मंगलू ने छत्तीसगढ़ को अफवाह का गढ़ बनाकर रख दिया है।
पहले जाति के आधार पर टिकट बांटना, फिर टिकट काट देना। इसी तरह किसानों के मामले पर आंतरिक पत्र जारी करना, लीक हो जाने पर दूसरों के माथे उसे थोप देना, पिता के माध्यम से जातीय विद्वेष फैलाना फिर उसका खंडन कर जातीय ध्रुवीकरण कांग्रेस की ये सारी कोशिशें, “चोर से कहो चोरी कर, साहूकार को कहो जागते रह” जैसा है। इतनी हिप्पोक्रेसी कहां से लाते हो भाई?
ईवीएम और चुनाव आयोग पर आरोप लगाने के लिए 11 दिसंबर के बाद भी काफी मौके मिलेंगे। अपनी हार स्वीकार कर भूपेश अपनी पार्टी की रही-सही साख बचा सकते हैं। इसके उलट अपराध पर अपराध करते जाने पर भूपेश और अन्य अपराधियों की दुर्गति तय है।
प्रदेश की भाजपा सरकार अपनी चौथी पारी में भी दुराग्रह से कोई कारवाई नही करेगी लेकिन कानून अपना काम अवश्य करेगा। अनाचार-अपराध-भ्रष्टाचार के दोषी कांग्रेसी और अन्य किसी भी सूरत में बक्शे नही जायेंगे।
CG 24 News
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