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नो व्हीकल डे नहीं - नो व्हीकल अवर मनाते हैं महापौर और उनके कुछ ही मित्र गण - कैसे ?
राजधानी के महापौर प्रमोद दुबे द्वारा नो व्हीकल डे के नाम से चलाए जा रहे महाअभियान के 36 वें महीने उनके जन्मदिन पर उनके चाहने वाले मित्र गण, जिनके दम पर उन्होंने प्रदूषण समाप्त करने का बीड़ा उठाया, बड़ी बड़ी गाड़ियों में बड़े-बड़े गुलदस्ते लेकर उन्हें शुभकामना देने पहुंचे |
हम आपको बता दें कि महापौर प्रमोद दुबे 2015 से लगातार राजधानी को प्रदूषण मुक्त करने की कोशिश में हर माह नो व्हीकल डे का आयोजन कर रहे हैं | परंतु 36 महीनों बाद भी उनके इस अभियान में उनके अपने ही लोगों ने साथ नहीं दिया | हर माह गिनती के लोगों के साथ सुबह एक घंटा साइकल चलाकर प्रदूषण मुक्ति का प्रयास उनकी अच्छी सोच का परिचायक है, परंतु हर कोई जानता है कि कोई भी अच्छी चीज जिसके लिए मेहनत करना पड़े उसमें कोई सहयोगी नहीं बनता,
वहीं दूसरी तरफ बड़ा सवाल यह है कि महापौर प्रमोद दुबे 36 महीनों से जो तस्वीरें मीडिया के लिए जारी करते आ रहे हैं उसमें सिर्फ और सिर्फ सुबह की साइकिल रैली की तस्वीरें होती हैं
परंतु इन 36 महीनों के दौरान उन्होंने कोई भी ऐसी तस्वीर मीडिया को जारी नहीं की जिसमें वह अपने शासकीय या निजी कार्यों के दौरान साइकिल पर घूम रहे हो -
उनकी कोई भी ऐसी तस्वीर जारी नहीं हुई जिसमें वे साइकिल से पहुंचे हों -
शहर में इसको लेकर कई तरह के चर्चे हैं लोग कानाफूसी कर रहे हैं कि महापौर सुबह एक घंटा अपनी सेहत के लिए महीने में एक दिन देकर आम जनता से महीने में एक दिन - दिन भर साइकिल से अपने व्यापारिक एवं घरेलू कार्य निपटाने में सहयोग की अपेक्षा करते हैं |
*क्या यह संभव है ?*
*CG 24 News*
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