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राजधानी रायपुर के तेलीबांधा तालाब स्थित प्रदेश के इस सबसे ऊंचे खंभे पर तिरंगा नहीं फहराया जा रहा क्यों ? - 24-Nov-2019
महापौर प्रमोद दुबे जी बताइए आज तेलीबांधा तालाब स्थित प्रदेश के इस सबसे ऊंचे खंभे पर तिरंगा क्यों नहीं फहराया गया ? -- आज ना आंधी है ना तूफान है ना बारिश हो रही है - फिर भी यहां का खंबा खाली खड़ा है क्यों ? - जबकि आप ने बयान दिया था कि हर शनिवार और इतवार को फहराने का नियम बनाया गया है , फिर भी पिछले 4 हफ्ते से इस खंभे पर तिरंगा झंडा क्यों नहीं फहराया गया ? - 30 अप्रैल 2016 को राजधानी के तेलीबांधा तालाब में प्रदेश के सबसे ऊंचे तिरंगे झंडे का लोकार्पण तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने किया था | उस समय राजधानी रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे भी विशेष तौर पर उपस्थित थे, क्योंकि यह कार्यक्रम राजधानी का था | हम आपको बताना चाह रहे हैं कि लगभग साढ़े 3 साल के दौरान इस राष्ट्रीय आन बान और शान के प्रतीक तिरंगे झंडे का कई बार अपमान भी हुआ और इन साढे 3 सालों में इस खंभे पर तिरंगा झंडा मुश्किल से डेढ़ सौ दिन फहराया होगा, जब देखो यह खंबा मुंह चढ़ाता अकेला ही खड़ा रहता है | इसकी ऊंचाइयों पर तिरंगा देखने को बहुत ही कम मिलता है | अनेक लोग दूर-दूर से जब तेलीबांधा तालाब के इस राष्ट्रीय आन बान शान रूपी तिरंगे को सलूट करने पहुंचते हैं, तो उन्हें इस जगह बहुत ऊंचा खाली खंबा ही दिखता है | हमने इस बाबत अनेकों बार खबर चलाई यहां तक कि तेलीबांधा थाने में f.i.r. भी करवाई , परंतु आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और ना ही इस खंभे पर लगातार तिरंगा झंडा फहराया गया| महापौर का पल्ला झाड़ने वाला बयान यह आता है कि आंधी तूफान अत्यधिक हवा या बरसात के दिनों में झंडा फट जाता है इसलिए उस दौरान नहीं फहराया जाता | महापौर प्रमोद दुबे का कहना है कि हर शनिवार और इतवार को तिरंगा फहराने का नियम बनाया गया है | हम आपको बता दें कि उनके द्वारा तिरंगा फटने की परेशानियों को देखकर जो नया नियम बनाया गया है उस नए नियम का भी पालन नहीं हो रहा है | *पिछले लगभग 4 हफ्तों से यहां पर किसी भी शनिवार और इतवार को तिरंगा नहीं फहराया गया |* *यह लगातार चौथा हफ्ता है और आज शनिवार है, 23 नवंबर है, और आज भी यहां पर तिरंगा झंडा नहीं फहराया गया है | -* अब ऐसे में इस पर खाली खंभे पर पर प्रतिमा डेढ़ लाख रुपया सुरक्षा के नाम पर खर्च किया जा रहा है क्यों ? -- क्या खंभे की सुरक्षा हो रही है ? - और क्यों हो रही है ? -- क्यों नहीं जवाबदार कंपनी पर कार्यवाही की जाती ? - या कोई मिलीभगत का मामला है कि बिना काम किए पैसा लिए जाओ या बिना तिरंगा झंडा फहराए ही सुरक्षा और देखरेख के नाम पर लाखों रुपए महीना लेकर बंटवारा करते जाओ ! - हम निरंतर इस पर नजर रखे रहते हैं - सीजी 24 न्यूज़ चैनल का यह मानना है कि यदि आप आन बान और शान के प्रतीक इस तिरंगे को नहीं फ़हरा सकते तो लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ ना करें - और इस खंभे पर बिना मतलब खर्च करना भी बंद कर दें| क्योंकि जनता से टैक्स के रूप मे वसूला गया रुपया यूं ही बर्बाद हो रहा है| बिना कारण ठेकेदार एवं कुछ लोगों की जेबों में जा रहा है | अब देखने वाली बात यह है कि महापौर और स्थानीय अधिकारियों द्वारा की जा रही इस फिजूलखर्ची को राज्य शासन कैसे रोकता है या फिर राष्ट्रीय आन बान और शान के प्रतीक तिरंगे झंडे को फहराने की व्यवस्था कैसे करता है ? - *कहा जाता है कि वक्त है बदलाव का के नारे के साथ कांग्रेस सत्ता में आई , कांग्रेस तो सत्ता पर काबिज हो गई परंतु बदलाव कहीं नजर नहीं आ रहा ? -


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