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हिंद की चादर गुरु तेग बहादुर - सिखों के नौवें गुरु तेग बहादुर जी का शहीदी दिवस 25 नवम्बर को
1675 में मुगल शासक औरंगज़ेब के आदेश पर गुरु तेग बहादुर जी को यातनाएं देने के बाद उनका सिर कलम कर दिया गया था। इस दिन को शहीदी दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने संदेश में कहा है कि गुरु तेग बहादुर ने मानवता की बेहतरी और एकता, सेवा और समाज में भाईचारे की भावना को बढ़ावा देने के लिए जीवन समर्पित कर दिया था। श्री कोविंद ने कहा कि गुरु तेग बहादुर जी ने लोगों के कष्ट दूर करने के लिए काम किया और दमन के खिलाफ लड़े इसलिए उन्हें हिंद की चादर कहा जाता है। राष्ट्रपति ने लोगों से प्रेम, सदभाव, करुणा, भलाई के मूल्यों का प्रसार करने और सभी के कल्याण के लिए काम करने का संकल्प लेने के अपील की है।
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