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भीषण गर्मी में लू से बचाव एवं उसके उपाय हेतु आवश्यक सुझाव 15-Apr-2024

उत्तर बस्तर कांकेर, 15 अप्रैल 2024/ जिले में ग्रीष्म ऋतु में तापमान में वृद्वि होने के कारण लू ;भ्मंज ैजतवामद्ध की संभावना अधिक होती है। लू से बचाव व उसके उपाय हेतु मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कांकेर द्वारा आम नागरिकों को आवश्यक सुझाव दिया गया है।
लू के लक्षण :- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना।
लू से बचाव के उपाय :- लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता है, अतः इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए-
बहुत जरूरी न हो तो घर से बाहर ना जाएं, धूप में निकलने से पहले सिर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें, पानी अधिक मात्रा में पीये, अधिक समय तक धूप में न रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें, अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस. घोल पिएं, चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें तथा शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फलों का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श लिया जाए तथा उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लें।
लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार :- बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगाएं, अधिक पानी व पेय पदार्थ जैसे कच्चे आम का पना, जलजीरा आदि पिलाएं। पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटाकर शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहें। पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीक चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले जाएं तथा मितानिन, ए.एन.एम. से ओ.आर.एस. के पैकेट के लिए संपर्क करें।
क्रमांक/470/सिन्हा
 



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