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प्रमुख सचिव श्री सुब्रत साहू ने विशेषज्ञों के साथ की नरवा संरक्षण-संवर्धन के लिए तैयार डीपीआर की समीक्षा 03-Dec-2019
रायपुर. 3 दिसम्बर 2019. पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने विशेषज्ञों के साथ आज यहां नवीन विश्राम भवन में राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा व बारी के अंतर्गत नरवा के संरक्षण और संवर्धन के लिए विभिन्न जिलों द्वारा तैयार किए गए डीपीआर की विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने नालों के संरक्षण-संवर्धन के लिए पारिस्थितिक तंत्र (Ecology) को ध्यान में रखकर डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नालों में किए जाने वाले कार्यों का दीर्घकालिक लाभ किसानों को मिलना चाहिए। नालों का उपचार इस तरह से करें कि एक फसल लेने वाले किसानों को दूसरी फसल के लिए भी सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिल सके। बैठक में सभी जिलों के जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शामिल हुए। मुख्यमंत्री के कृषि सलाहकार प्रदीप शर्मा और अन्य विशेषत्रों ने भी नरवा संवर्धन के डीपीआर को देखकर सुझाव दिए।शर्मा ने कहा कि अलग-अलग क्षेत्रों की जरूरत के अनुसार अलग-अलग कार्ययोजना बनाएं। नालों का विश्लेषण कर जल उपलब्धता संबंधी समस्याओं का गहन अध्ययन करें। नरवा संवर्धन के तहत किए जा रहे कार्य टिकाऊ हों और उनका लाभ अधिक से अधिक किसानों को ज्यादा से ज्यादा समय तक मिले। उन्होंने कहा कि नालों का संरक्षण-संवर्धन इस तरह से करें कि इसका स्पष्ट लाभ दो-तीन वर्षों के भीतर दिखाई देने लगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने आज की समीक्षा बैठक में प्राप्त विशेषज्ञों के सुझाव के आधार पर नरवा संरक्षण-संवर्धन के लिए संशोधित डीपीआर तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि नए डीपीआर में वर्षवार किए जाने वाले कार्यों और उनके अपेक्षित परिणामों को भी शामिल करें। राज्य स्तर पर विशेषज्ञों द्वारा डीपीआर का परीक्षण कर उसे अंतिम रूप दिया जाएगा। समीक्षा बैठक में गौठानों को पशुधन, किसानों और ग्रामीणों के लिए और अधिक उपयोगी बनाने के साथ ही सुपोषण अभियान में गांववालों की सहभागिता बढ़ाने पर भी चर्चा की गई। सुब्रत साहू ने सुपोषण अभियान में स्थानीय स्तर पर पैदा होने वाले पोषण से भरपूर मुनगा की फली, भाजी, शकरकंद, मशरूम और महुआ लड्डू को शामिल करने का सुझाव दिया। बाड़ियों में इनके उत्पादन से किसानों को अतिरिक्त आय के साथ ही इसके प्रसंस्करण से स्वसहायता समूहों को रोजगार भी मिलेगा। बैठक में जल संसाधन विभाग के सचिव अविनाश चंपावत, राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक अभिजीत सिंह, संचालक पंचायत जितेन्द्र शुक्ला, अपर विकास आयुक्त अशोक चौबे तथा राज्य स्तरीय स्क्रीनिंग समिति के सदस्य प्रो. निनाद बोधनकर सहित पंचायत एवं ग्रामीण विकास, वन और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अनेक अधिकारी मौजूद थे।


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