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रॉयल स्टैग शराब के विज्ञापन में नीचे लार्ज एंड शार्ट फिल्म लिखकर की जा रही धोखाधड़ी। 07-Feb-2020
रॉयल स्टेग शराब कंपनी और सिंबा बीयर की स्पॉन्सरशिप में राजधानी रायपुर के शैमरॉक ग्रीन होटल में होने वाले पंजाबी म्यूजिक फेस्टिवल के बारे में आबकारी विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर रायपुर, नोहर सिंह -- आबकारी भवन में उच्च अधिकारी एपी त्रिपाठी शराब के अवैध विज्ञापन के बारे में कोई भी संतुष्टि पूर्ण जवाब नहीं दे पा रहे हैं | सभी मामले को टाल रहे हैं। हम आपको बता दें कि नियमानुसार शराब और बीयर का विज्ञापन नहीं हो सकता। वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि शराब कंपनियां चालबाजी कर विज्ञापन के नीचे प्रोडक्ट का दूसरा नाम लिखकर प्रचार करती हैं - जिसके कारण हम कार्यवाही नहीं कर पाते | हम इन अधिकारियों से पूछना चाहते हैं कि जब आप जान रहे हैं कि संबंधित शराब कंपनियां फर्जी तरीके से विज्ञापन कर रही हैं और आप लोग उनपर कोई कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं ? उन्हें कोई नोटिस क्यो नहीं भेज रहे ? उनसे यह जानकारी क्यों नहीं ले रहे -- कंपनियों से यह क्यों नहीं पूछते? कि जो शब्द आपने नीचे लिखा है वह प्रोडक्ट कहां हैं? अगर रॉयल स्टैग के नीचे लार्ज एंड शार्ट फिल्म लिखा है तो विभाग को रॉयल स्टैग कंपनी से पूछना चाहिए कि रॉयल स्टैग बैरल के नाम से कौन सी फिल्म बनी है? कौन सी फिल्म का प्रोडक्शन इस कंपनी ने किया है? कौन सी फिल्म का डायरेक्शन किया है ? और कहां है उसका रजिस्ट्रेशन? अब इन सब चीजों को जानकर भी अगर संबंधित विभाग अनजान बना है तो यह साफ जाहिर होता है कि अधिकारी और शराब कंपनियों की आपस में मिलीभगत है ! इनके बीच में लेनदेन होता है ! शराब कंपनियां बिंदास शराब का विज्ञापन कर रही हैं और अधिकारी हाथ पर हाथ धरे चुपचाप बैठे अपनी जेबें भर रहे हैं ! यहां एक और बड़ा सवाल उठता है कि अगर अधिकारी कोई कार्यवाही नहीं कर रहे हैं तो शासन प्रशासन क्या कर रहा है? जनप्रतिनिधि क्या कर रहे हैं? संबंधित विभाग के मंत्री क्या कर रहे हैं? ---- क्यों नहीं कर रहे? ऐसी अधिकारियों पर कार्यवाही जिनकी ड्यूटी इन सब की मॉनिटरिंग करना है और नियम विरुद्ध कार्य करने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करना है। इस आयोजन के एक और स्पॉन्सर सिंबा बियर के विज्ञापन में लिखा है पावर्ड बाय फाइनली क्राफ्टेड सिंबा | अब इन अधिकारियों से हम यह पूछना चाहेंगे कि फाइनली क्राफ्टेड सिंबा का कौन सा प्रोडक्ट मार्केट में है ? जिसके कारण यह अधिकारी बियर कंपनी पर कार्यवाही करने से पीछे हट रहे हैं -- गूगल में सर्च करने पर भी फाइनली क्राफ्टेड सिंबा लिखने पर क्लियर कट बियर के प्रोडक्ट और बीयर कंपनी के बारे में ही पूरी जानकारी सामने आती है। फिर कैसे कहा जा सकता है कि यह विज्ञापन बियर कंपनी का नहीं है | आबकारी विभाग एवं संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों द्वारा टालमटोल करने से यह साफ जाहिर होता है कि संबंधित अधिकारियों और शराब एवं बीयर कंपनियों के बीच कुछ ना कुछ सांठगांठ है। तभी सभी अधिकारी तमाम शिकायतों के बावजूद भी कोई कार्यवाही नहीं करते | संभव है सत्ता का दबाव भी इन अधिकारियों पर होता होगा ! यह अधिकारी ही बताएंगे कि इन पर सत्ता का दबाव है या रिश्वत का ? अब देखना यह है कि तमाम प्रमाण उपलब्ध करवाने के बावजूद। बिना परमिशन। आए हो रहे इस आयोजन पर। सभी संबंधित विभाग क्या कार्यवाही करते हैं? और यह कार्यक्रम अगर निर्धारित मापदंडों के बगैर हुआ तो इस मामले को न्यायालय में भी ले जाया जा सकता है।


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