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मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल - संकट से निकलने का आसान रास्ता
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार पर संकट के बादल -
*अपनी उपेक्षा से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया -*
*भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की चर्चा -*
संपूर्ण घटना चक्र इस बात की ओर इशारा कर रहा है कि यदि कांग्रेस इसी तरह चुपचाप बैठी रही तो मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनना तय है |
मोदी शाह और शिवराज का गुणा भाग काम कर गया | उपेक्षित ज्योतिरादित्य सिंधिया की अपेक्षाओं को भाँपकर भारतीय जनता पार्टी ने मौका पाकर अपना कंधा आगे करके उन्हें मजबूती से आगे बढ़ाने का आश्वासन दे दिया |
अब कांग्रेस के पास एक ही रास्ता बचा है कि या तो वे ज्योतिरादित्य सिंधिया को मना ले जिसकी कोई संभावना नजर नहीं आ रही परंतु फिर भी प्रयास किया जा सकता है |
कांग्रेस के पास सरकार बचाने का दूसरा रास्ता यही बचा है कि सियासी चाल चलते हुए कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी के सभी नए विधायकों को कम से कम 22 मंत्री बनाने और लगभग 10 विधायकों को अन्य निगम मंडल सहित प्रमुख विभागों में जिम्मेदारी देने का भरोसा दिलाएं, क्योंकि जब बड़े पद की लालच में ज्योतिरादित्य सिंधिया जैसे ग्वालियर महाराजा पाला बदल सकते हैं, तो गरीब विधायक भी मंत्री पद के लालच में पाला बदल सकते हैं और कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं परंतु इसके लिए कांग्रेस को मन बड़ा करके और कड़ा करके मंत्री पद भारतीय जनता पार्टी के विधायकों को देने पड़ेंगे तभी मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार बचने की संभावना है |
भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस अपने अपने विधायकों को सुरक्षित स्थानों की ओर भेज रहे हैं |
अब कांग्रेस के ऊपर सबसे बड़ी जिम्मेदारी यह है कि अगर वह इस फार्मूले पर कार्य करना चाहे तो भारतीय जनता पार्टी के नवनिर्वाचित विधायकों तक यह संदेश भिजवाने के फार्मूले पर विचार करें क्योंकि फ्लोर टेस्ट में गुप्त मतदान से मंत्री पद का लालच कांग्रेस को सियासी जीत दिला सकता है |
CG 24 News
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