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निर्माण कराए बिना डबरी का मूल्यांकन : इंजीनियर पर हो कार्यवाही 07-Apr-2020
बीजापुर - जहां एक और पूरा विश्व कोरोनावायरस की संक्रमण के कहर से जूझ रहा है वही बीजापुर जिले के भैरमगढ़ विकासखंड के एक पंचायत में मनरेगा के तहत कागजों में ही कार्यों का संपादन किया जा रहा है। मामला ग्राम पंचायत केतूलनार का है जहां पायको पोडियामी नामक हितग्राही के नाम से डबरी निर्माण की स्वीकृति तथा निर्माण कार्य की राशि का आहरण मनरेगा के वेबसाइट ऑनलाइन देखा जा सकता है लेकिन जमीनी हकीकत देखा जाए तो उसके नाम पर अब तक डबरी का निर्माण ही नहीं कराया गया। सबसे बड़ी बात तो यह है कि डबरी निर्माण के संबंध में इंजीनियर महेंद्र सिंह ठाकुर से बयान के संबंध में पूछे जाने का प्रयास किया गया लेकिन बयान देना भी मुनासिब नहीं समझा अब सवाल यह उठता है कि बिना निर्माण कराए गए डबरी का मूल्यांकन आखिर इंजीनियर ने किस आधार पर की।हालांकि केतुलनार ग्राम पंचायत में महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी के अंतर्गत जितने भी कार्य संपादित कराए गए हैं ।मनरेगा के तहत सभी निर्माण कार्य मजदूरों से ना कराकर डोजर वाहनों से कार्य संपादित कराए गए है। डोजर वाहनों का डबरी निर्माण एवं तालाब निर्माण कार्य में धड़ल्ले से उपयोग हो रहे हैं उन्हें मनरेगा के नियमों की भी उल्लंघन करते स्पष्ट देखा जा रहा है उन्हें किसी बात का भय नहीं है धड़ल्ले से फर्जी तरीके से कागजों में डबरी निर्माण करवाकर रुपए आहरण करने का मामला जो उजागर हुआ है इससे बड़ा भ्रष्टाचार होने का संदेह है। हितग्राही पायको पोड़ियामी ने बताया कि डबरी निर्माण कार्य मशीनों से की जा रही है आधा डबरी का कार्य हो चुका है मजदूर काम नहीं कर रहे हैं इसलिए वाहनों से कार्य कराए जा रहे हैं। ग्राम पंचायत केतुलनार के रोजगार सहायक जो भिलाई में पढ़ाई करता है उसके मोबाइल नंबर 07067961991 पर संपर्क करने पर वह गोलमोल जवाब देता है। आज जो टीम उक्त स्थल पर गई एक सदस्य के द्वारा इस संबंध में कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा भैरमगढ़ से मोबाइल से चर्चा कर पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि पहले मैं पता करता हूं सच्चाई क्या है फिर आपको बताऊंगा। इस संबंध में जनपद सीईओ ने कहा कि जांच समिति गठित कर जांच कराई जाएगी। रोजगार सहायक के कारनामे पिछले वित्त वर्षों में कई बार देखा गया कि मजदूरों के खाते में मजदूरी भुगतान ना कर अपने ही खाते में पैसे डाल लेना ऐसी कई शिकायतें उजागर हुई हैं किंतु प्रशासन ऐसे मनमानी करने वाले रोजगार सहायक के ऊपर कोई कार्यवाही ना कर शासकीय योजनाओं का लगातार क्रियान्वयन करवाना प्रशासनिक कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह अंकित करता है। रोजगार सहायक अपनी छोटी बहन काजल पोडीयामी जो कि वयस्क भी नहीं हुई जो 12 से 14 वर्ष की आयु की है मास्टर रोल में तालाब निर्माण डबरी निर्माण मजदूर बताकर एवं परिवार के अपने ही सदस्यों का नाम जोड़कर मजदूरी आहरण करने में महारत हासिल है। रामचन्द्रम एरोला की रिपोर्ट


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