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रमन बतायें किसान हित में केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखना टकराव कैसे हो गया? - सुशील आनंद शुक्ला 22-Jan-2019
धान के कटोरे से धान नहीं खरीदा जायेगा तो कहां से खरीदेगी मोदी सरकार ? धान खरीदी का सेन्ट्रल पुल का कोटा नहीं बढ़ा कर मोदी सरकार राज्य के किसानों के साथ अन्याय कर रही - कांग्रेस रमन बतायें किसान हित में केन्द्र सरकार के समक्ष प्रस्ताव रखना टकराव कैसे हो गया? रायपुर/22 जनवरी 2019। धान खरीदी के लिए सेंट्रल पुल का कोटा, 24 लाख टन से बढ़ा कर, 32 लाख टन किये जाने के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के किये गये प्रस्ताव को अस्वीकार करके केंद्र की भाजपा सरकार ने एक बार फिर से छत्तीसगढ़ के किसानो के साथ अन्याय किया है। प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों में हुयी भाजपा की करारी हार के कारण मोदी सरकार का यह राज्य की जनता से बदले की कार्यवाही है। छत्तीसगढ़ की प्रमुख उपज धान है। अन्य फसलों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में धान का उत्पादन अधिक होता है, अतः छत्तीसगढ़ में धान खरीदी का सेन्ट्रल पुल का कोटा बढ़ाने का राज्य सरकार का प्रस्ताव न्याय संगत और तर्क संगत है। भाजपा और उसकी केन्द्र सरकार छत्तीसगढ़ के किसानो से विधानसभा चुनाव की हार का बदला ले रही है। धान के कटोरे से धान नहीं खरीदा जायेगा तो कहां से धान खरीदेगी मोदी सरकार? केंद्र के द्वारा कोटा नही बढ़ाए जाने के बाद भी राज्य सरकार द्वारा धान की खरीदी 2500 रु. प्रतिक्विंटल में जारी रखने के निर्णय को साहसिक और राज्य के हित में लिया गया फैसला है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सरकार किसानों से किये गए वायदे के अनुसार पूरे धान की खरीदी बढ़ी कीमत पर खरीदेगी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का यह फैसला कांग्रेस सरकार की अपने घोषणा पत्र को लागू करने की प्रतिबद्धता का जीताजागता सबूत है। छत्तीसगढ़ की जनता भारतीय जनता पार्टी की बदनीयती को भली भाँति समझ रही है। आने वाले लोकसभा के चुनावो मे भाजपा और मोदी के इस किसान विरोधी फैसले का पूरा हिसाब होगा। भारतीय जनता पार्टी आदतन किसान विरोधी है। राज्य में जब उसकी सरकार थी तब किसानो से वायदा कर धान पर बोनस नही दिया। धान का समर्थन मूल्य 2100 करने का वायदा कर मुकर गई। कांग्रेस अपने वायदे के अनुसार किसानो का कर्जा माफ कर रही 2500 रु. प्रतिक्विंटल मे धान खरीद रही तब उसमे भी भाजपा के छत्तीसगढ़ के नेताओं को पीड़ा हो रही है और अपनी केंद्र सरकार के माध्यम से इसमे अडंगेबाजी करवा रही है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा इस पूरे घटनाक्रम को केन्द्र से अनावश्यक टकराव बताये जाने का विरोध करते हुये कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य के हित में केन्द्र से मांग करना कहां से टकराव हो गया और यदि केन्द्र मांग नहीं मान रहा तो राज्य के किसानों के हित में स्वयं धान खरीदना कहां से गलत है? रमन सिंह क्या चाहते केन्द्र मना कर दे तो छत्तीसगढ़ धान नहीं खरीदे?


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