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इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच फाइनल विश्व कप आज 14-Jul-2019

14 जुलाई: के दिन लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर नया सरताज मिलना तय हो गया है। अब बस देखना यह है कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में से कौन सी टीम विश्व कप ट्रॉफी उठाने के सपने को साकार कर पाती है। न्यूजीलैंड ने दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई है जबकि मेजबान इंग्लैंड चौथी बार फाइनल में पहुंचा है। पिछले विश्व कप में ही न्यूजीलैंड ने पहली बार फाइनल में कदम रखा था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उसको खिताब से महरूम रख दिया था। इंग्लैंड को देखा जाए तो वह 27 साल बाद फाइनल में पहुंची है। 1992 में उसने ग्राहम गूच की कप्तानी में फाइनल खेला था लेकिन इमरान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान ने उसे विजेता की ट्रॉफी नहीं उठाने दी थी और पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था।

कीवी टीम लगातार दूसरी बार विश्वकप फाइनल में
अब दोनों के पास पहली बार विश्व कप जीतने का मौका है, लेकिन किसकी झोली खाली रहती है और किसके हिस्से ट्रॉफी आती है यह तो मैच के दिन ही साफ हो पाएगा। एक रोचक तथ्य यह भी है कि इंग्लैंड के पास तीसरी ऐसी टीम बनने का मौका भी है, जो मेजबान रहते विश्व विजेता बने। भारतीय टीम ने 2011 में अपने घर में विश्व कप जीता था तब वह अपनी मेजबानी में विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनी थी। ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में इसे दोहराया था। वहीं, विश्व क्रिकेट में 23 साल बाद ऐसा होगा जब विश्व कप कोई ऐसी टीम नहीं जीतेगी, जो पहले जीत चुकी है। 1996 में श्रीलंका ने पहली बार विश्व कप जीता था। तब से लेकर 2015 तक कोई नया विश्व विजेता नहीं बना और वही टीमें विश्व कप जीतती आईं, जो पहले जीत चुकी थीं। लेकिन इस बार इतिहास बदलेगा।

तीन बार फाइनल में हार चुकी है इंग्लैंड की टीम
1975 में वेस्टइंडीज ने विश्व कप जीता था। वेस्टइंडीज ने 1979 में भी इंग्लैंड को मात देकर विश्व कप अपने पास रखा था। जिसे 1983 में भारत ने छीन लिया था। 1987 में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीतने से रोक दिया था तो 1992 में पाकिस्तान ने उसे एक बार फिर विश्व विजेता बनने से रोक दिया था। 1996 में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया के दूसरी बार विश्व विजेता बनने का सपना तोड़ दिया था, लेकिन 1999 में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को मात दे दूसरी बार विश्व कप जीता था। जिसे 2003 में भारत और 2007 में श्रीलंका को मात देकर अपने पास ही रखा था। 2011 में भी दो ऐसी टीमें फाइनल में भिड़ीं थी जो पहले एक-एक बार विश्व कप जीत चुकी थीं। यहां महेंद्र सिंह धौनी की कप्तानी वाली भारत ने श्रीलंका को मात देकर 28 साल बाद विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी।

केन – रूट तोड़ सकते हैं सचिन का विश्व रिकॉर्ड 
2015 में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को मात देकर एक बार फिर विश्व विजेता का तमगा वापस ले लिया था। इसी फाइनल में नजरें सचिन तेंदुलकर के किसी एक विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले रिकॉर्ड पर ही रहेंगी, जिसे न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन और जो रूट तोड़ सकते हैं। सचिन ने 2003 विश्व कप में 673 रन बनाए थे। रूट अगर खिताबी मुकाबले में 125 रन बनाने में सफल होते हैं तो वह सचिन के 16 साल पुराने रिकॉर्ड को तोड़ने में सफल हो जाएंगे। रूट के अभी तक 549 रन हैं। इसी तरह, अगर विलियमसन ने 126 रनों की पारी खेली तो वह भी अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराने में सफल होंगे। विलियम्सन ने अभी तक 548 रन अपने खाते में डाल लिए हैं।



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