National News
  • BREAKING NEWS : परिवहन विभाग से बड़ी खबर,मोटर ड्राइविंग स्कूलों पर लगाई गई रोक

    परिवहन विभाग से बड़ी खबर मोटर ड्राइविंग स्कूलों पर लगाई गई रोक एक ही दिन में वापस,आज सभी मोटर ड्राइविंग स्कूलों की आईडी फिर से खोली गई, सभी 97 ड्राइविंग स्कूल जारी कर सकेंगे लर्निंग लाइसेंस

  • POCSO का मुल्जिम पुलिस हिरासत से फरार

    POCSO का मुल्जिम पुलिस हिरासत से फरार पीपाड़ सिटी थाना में दर्ज था केस, आरोपी को रिमांड पर लेकर चल रही थी पूछताछ, जोधपुर ग्रामीण पुलिस के महिला थाने में रखा गया था आरोपी को, सुबह 5:00 बजे शौच के बहाने भागा आरोपी...

  • करीब 59 भेड़ें की हुई मौत  मौके पर ग्रामीणों की भीड़ ?

    करीब 59 भेड़ें की हुई मौत मौके पर ग्रामीणों की भीड़ हुई जमा, रेंजर राहुलजीत सहित अधिकारियों ने किया मौका मुआयना, फिलहाल अज्ञात जानवर का हमला बताया जा रहा कारण,कुछ ग्रामीण अन्य कारण भी मान रहे सोगवास गांव का वाकया

  • गाजियाबाद में सनसनी...पत्नी और तीन बच्चों को मौत के घाट उतारने के बाद शख्स ने की खुदकुशी

    उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के मसूरी थाना के अंदर आने वाले शताब्दी नगर इलाके में गुरुवार को एक प्रदीप नाम के 37 वर्षीय आदमी ने अपनी पत्नी और तीन बच्चों को मौत के घाट उतारने के बाद खुदकुशी कर ली. पुलिस को सुबह 5 बजकर 40 मिनट पर घटना की जानकारी मिली. मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने उस कमरे का दरवाजा तोड़ा, जिसमें यह घटना हुई थी.  आदमी  के शव के पास से एक सूइसाइड नोट मिला है, जिसमें उसने हत्या और खुदकुशी की वजह बताई है.

  • वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा ऐलान... नए घर खरीदने पर अब मिलेगी साढ़े तीन लाख रुपये तक की छूट

    आम बजट में सरकार ने मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है. अब घर खरीदने का आपका सपना पूरा हो सकता है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया है कि अब घर खरीददारों को साढ़े तीन लाख तक की टैक्स में छूट दी जाएगी.अगर आप 45 लाख रुपये तक का घर खरीद रहे हैं तो फिर आपको सरकार होम लोन पर साढे तीन लाख रुपये तक की छूट देगी. पहले नए घर खरीदने में मोदी सरकार ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की छूट देती थी. लेकिन अब इसमें डेढ़ लाख रुपये का इजाफा कर दिया गया है. यानी अब आप निजी निवेश के जरिए बने हर अफॉर्डेबल हाउस पर होम लोन में 3.50 लाख रुपए तक की ब्याज सब्सिडी पा सकते है. सरकार की ये योजना अगले साल यानी 31 मार्च 2020 तक लागू है.

  • मोदी सरकार का पहला बजट आज 2019:  वित्त मंत्री निर्मला सीताराम ने पेश किया बजट...

    मोदी सरकार 2.0 का पहला बजट आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश कर दिया है. निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्ण कालिक महिला वित्त मंत्री हैं, जिन्होंने बजट पेश किया है.वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि 2014 के बाद 9.6 करोड़ शौचालय का निर्माण किया गया है. 5.6 लाख गांव आज देश में खुले से शौच से मुक्त हो गए हैं. स्वच्छ भारत मिशन के विस्तार के लिए सरकार प्रतिबद्ध है. अभी तक 2 करोड़ लोगों को डिजिटल रूप से साक्षर बनाया गया है. ग्रामीण-शहरी अंतर को पाटने के लिए सरकार डिजिटल क्षेत्र को बढ़ावा दे रही है.

  • बस्तर के कांग्रेसियों एवं क्षेत्रवासियों ने दिल्ली में अपने सांसद के साथ प्रदर्शन क्यों किया ?
    जगदलपुर से रायपुर और किरंदुल से मनगुरू सीधी रेल लाइन की मांग के लिए दिल्ली के जंतर मंतर में धरना प्रदर्शन करने के बाद रेल मंत्रालय का घेराव करने निकले रेल लाइन अभियान के सदस्यों को बीच रास्ते में ही बेरीकेट लगा के रोका गया । धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में युवा, किसान, एवं आदिवासी समुदाय के लोग मौजूद थे । रेल लाइन की मांग को समर्थन करने धरना स्थल में बस्तर सांसद दीपक बैज, उमाशंकर शुक्ला, मलकीत सिंह गैदु, पुखराज बोथरा मौजूद थे ।
  • जगन्नाथ मंदिर से जुड़ीं 7 बातें कर देंगी हैरान - हवा के उल्टा लहराता है झंडा  -

    जगन्नाथपुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने वाली है. यहां जगन्नाथ रथ उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है. वैसे तो पुरी का जगन्नाथ मंदिर विश्वभर में प्रसिद्ध है 

    बावजूद इसके इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं. आइए जानते हैं भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी वो 7 बातें जो आपको हैरान कर सकती है    

     

     
     

    जगन्नाथपुरी में आज से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा शुरू होने वाली है. यहां जगन्नाथ रथ उत्सव 10 दिन तक मनाया जाता है - इस उत्सव को मनाने के लिए लाखो की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं - इस रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ ही नहीं बल्कि तीनों भाई-बहन के रथों के रंग अलग होते हैं -

    खास बात यह है कि  भगवान जगन्नाथ के रथ की ऊंचाई 13.5 मीटर होती है. इस रथ में लाल और पीले रंग के कपड़े का इस्तेमाल होता है - रंग के साथ इनके नाम भी अलग-अलग होते हैं. भगवान जगन्नाथ के रथ को 'गरुड़ध्वज' या 'कपिलध्वज' कहा जाता है - तीनों रथों में ये सबसे बड़ा रथ होता है. इस रथ में कुल 16 पहिए लगे होते हैं -

     

    माना जाता है कि इस रथ की रक्षा गरुड़ करते हैं - रथ पर लगे ध्वज को 'त्रैलोक्यमोहिनी" कहते हैं - इस मंदिर से जुड़ी कई ऐसी बातें हैं जिनके बारे में बहुत कम ही लोग जानते हैं - भगवान जगन्नाथ मंदिर से जुड़ी  महत्त्वपूर्ण 7 बातें जो आपको हैरान कर सकती है -   

    1- जगन्नाथ पुरी में किसी भी स्थान से आप मंदिर के शीर्ष पर लगे सुदर्शन चक्र को देखेंगे तो वह आपको सदैव अपने सामने ही लगा दिखेगा.

    2- मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज सदैव हवा के विपरीत दिशा में लहराता है

    3- इस मंदिर का रसोईघर दुनिया का सबसे बड़ा रसोईघर है.

    4- प्रतिदिन सायंकाल मंदिर के ऊपर स्थापित ध्वज को मानव द्वारा उल्टा चढ़कर बदला जाता है.

    5- मंदिर के सिंहद्वार में पहला कदम रखते ही मंदिर के भीतर किसी भी भक्त को सागर द्वारा निर्मित ध्वनि नहीं सुनाई देती लेकिन जैसे ही आप मंदिर से बाहर एक भी कदम रखते हैं आप इस आवाज को सुन पाएंगे.

    6- जगन्नाथ पुरी के रसोईघर में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाए जाने वाले महाप्रसाद को बनाने  के लिए 500 रसोइए और उनके 300 सहायक-सहयोगी एकसाथ काम करते हैं. यहां सारा प्रसाद मिट्टी के बर्तनों में ही पकाया जाता है.

    7- हैरानी की बात यह है कि इस मंदिर के ऊपर से कभी भी आप किसी पक्षी या विमान को उड़ते हुए नहीं देखेंगे.

     

     

  • श्रीगोन्चा रथयात्रा पूजा विधान  - भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा, बलभद्र स्वामी के 22 विग्रह होंगे तीन रथों में रथारूढ़
    जगदलपुर। बस्तर गोंचा पर्व में नेत्रोत्सव पूजा विधान के 04 जुलाई को परंपरानुसार 360 घर आरण्यक ब्राह्मण समाज के ब्राह्मणों के द्वारा सम्पन्न करवाया जाएगा। भगवान जगन्नाथ के श्रीगोन्चा रथयात्रा आज सम्पन्न होगी। श्रीगोन्चा पूजा विधान में भगवान जगन्नाथ, सुभद्रा, बलभद्र स्वामी के 22 विग्रहो को तीन रथों मे रथारूढ़ कर रथ परिक्रमा स्थल गोल बाजार चौक से गुरुनानक चौक, दंतेश्वरी मंदिर के सामने से सीरासार भवन-जनकपुरी, गुंडिचा मंदिर अपनी मौसी के घर पंहुचेगी जहां भगवान जगन्नाथ 09 दिनों तक सभी के दर्शनार्थ स्थापित किये जायेंगे। श्रीगोन्चा रथयात्रा पूजा विधान के तहत श्रीमंदिर के बाहर नेत्रोत्सव पूजा विधान में भगवान जगन्नाथ के भक्तो-श्रधालुओं के आध्यात्मिक मिलान पश्चात भगवान जगन्नाथ विश्व के समस्त श्रद्धालुओं-भक्तो के दर्शनार्थ विश्व भ्रमण में निकलते है। श्रीगोन्चा रथयात्रा पूजा विधान अर्थात भगवान जगन्नाथ के रथयात्रा का श्रीगणेश होना श्रीगोन्चा रथयात्रा कहलाती है। सरल शब्दों में इसे भगवान जगन्नाथ के श्रीमंदिर से रथारूढ़ होकर विश्व भ्रमण में निकलने के पूजा विधान को श्रीगोन्चा पूजा विधान कहते है। भगवान जगन्नाथ रथारूढ़ होकर विश्व भ्रमण करते हुए अपने मौसी के घर जनकपुरी गुंडिचा मंदिर पहुचते है। रियासत काल से जनकपुरी-गुंडिचा मंदिर, सीरासार भवन जहां भगवान जगन्नाथ के दर्शन 09 दिनों तक अनवरत होगी । CG 24 News Akash Mishra
  • मनरेगा के तहत जल संरक्षण
    पिछले पांच वर्षों के दौरान मनरेगा एक ऐसी प्रमुख ताकत बनकर उभरी है जो समस्त ग्रामीण भारत में जल संरक्षण के प्रयासों को आगे बढ़ा रही है। इस योजना के जरिए पहले मुख्यतः ग्रामीण क्षेत्रों में गहराए संकट को कम करने पर ध्यान दिया जाता रहा है, लेकिन अब यह राष्ट्रीय संसाधन प्रबंधन (एनआरएम) से जुड़े कार्यों के जरिए ग्रामीण आमदनी बढ़ाने के एक ध्यान केन्द्रित अभियान में तब्दील हो गई है। वर्ष 2014 में मनरेगा अनुसूची-I में संशोधन किया गया जिसके तहत यह अनिवार्य किया गया है कि कम से कम 60 प्रतिशत व्यय कृषि एवं उससे जुड़ी गतिविधियों पर करना होगा। इसके परिणामस्वरूप अधिनियम के तहत स्वीकृति योग्य कार्यों की एक सूची तैयार की गई है जिसमें ऐसी लगभग 75 प्रतिशत गतिविधियों या कार्यकलापों का उल्लेख किया गया है जो जल सुरक्षा एवं जल संरक्षण के प्रयासों को सीधे तौर पर बेहतर बनाते हैं। पिछले पांच वर्षों के दौरान एनआरएम से जुड़े कार्यों पर किए गए खर्चों में निरंतर बढ़ोतरी दर्ज की गई है। पिछले पांच वर्षों (वित्त वर्ष 2014-2019) के दौरान मनरेगा के तहत एनआरएम पर किया गया व्यय कुछ इस तरह से रहाः
  • जीएसटी के दो वर्ष पूरे होने की सफलता पर कैट ने वित्त मंत्री को दी बधाई जीएसटी के सरलीकरण का आग्रह किया

    कॅान्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी, प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष मगेलाल मालू , प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंह देव, प्रदेश महामंत्री जितेन्द्र दोषी, प्रदेश कार्यकारी महामंत्री परमानन्द जैन, प्रदेश कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल, एवं प्रवक्ता राजकुमार राठी ने बताया कि  जीएसटी के देश में लागू होने के दो वर्ष सफलतापूर्वक संपन्न होने पर कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीथारमन को बधाई देते हुए कहा की जीएसटी के अंतर्गत कर का दायरा बढ़ाने, जीएसटी का और अधिक सरलीकरण किये जाने, विभिन्न टैक्स स्लैब में वर्णित वस्तुओं की एक बार पुनः समीक्षा , 28 प्रतिशत के स्लैब में विलासिता की वस्तुओं के अलावा सभी अन्य वस्तुओं को अन्य टैक्स स्लैब में डालने जैसे अन्य अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर सरकार और जीएसटी कॉउन्सिल को काम करना जरूरी है, जिससे देश का आम व्यापारी भी आसानी से जीएसटी कर प्रणाली की पालना कर सके ।

    कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.सी.भरतिया,  राष्ट्रीय महामंत्री श्री प्रवीन  खंडेलवाल एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष    श्री अमर पारवानी ने भारत में जीएसटी को सफलतापूर्वक लागू करने करने के लिए पूर्व वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली के योगदान की सराहना करते हुए कहा की प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं श्री अरुण जेटली की मजबूत इच्छाशक्ति से ही भारत में जीएसटी कर प्रणाली लागू हो पाई ह,ै और देश के व्यापारियों ने इसमें सरकार का खुलकर साथ दिया ह,ै जिसके चलते जीएसटी के अंतर्गत अब तक 1 करोड़ 35 लाख व्यापारी पंजीकृत हो चुके हैं जिसमें से लगभग 17.74 लाख व्यापारियों ने कम्पोजीशन स्कीम का लाभ उठाया है, और जीएसटी का कर संग्रह प्रति महीने 1 लाख करोड़ रूपए से ऊपर का हो रहा है।  देश में लगभग 7 करोड़ व्यापारी हैं, और यदि जीएसटी का सरलीकरण हो जाता है तो बड़ी मात्रा में जीएसटी का कर दायरा बढ़ेगा और सरकार को राजस्व मिलेगा। 
    कैट ने श्रीमती सीथारमन से आग्रह करते हुए कहा की जीएसटी में रिटर्न फॉर्म का सरलीकरण किया जाना बहुत जरूरी है, वही दूसरी ओर प्रति माह की जगह हर तिमाही पर. रिटर्न दाखिल किये जाने की भी आवश्यकता है।  उन्होंने यह भी कहा की 28 प्रतिशत कर स्लैब में से अनेक वस्तएं जिसमें ऑटो पार्ट्स, सीमेंट, मार्बल, पेंट आदि को अन्य कम कर स्लैब में डाला जाए और 28 प्रतिशत के कर स्लैब को केवल विलासिता की वस्तुओं तक ही सीमित रखा जाए। वही एल्युमीनियम के बर्तन, हाथ से बनने वाले लांड्री साबुन , आइस क्रीम आदि को कम कर स्लैब में रखा जाए। उन्हीने यह भी कहा की व्यापारियों का रिफंड विभाग से तुरंत दिया जाना बेहद जरूरी है, जिससे व्यापारियों का पैसा विभाग पर न अटके ।
    कैट ने कहा की वार्षिक रिटर्न भरने के फॉर्म का सरलीकरण किया जाना बेहद जरूरी है, क्योंकि इस फार्म में जो विवरण माँगा गया है, वो पहले कभी नहीं माँगा गया और इसीलिए किसी भी एकाउंटिंग सॉफ्टवेयर में इनका कोई प्रावधान नहीं है, और व्यापारियों का इस फार्म को भरना लगभग असंभव है । अभी तक जीएसटी में रिटर्न को रिवाइज़ करने का कोई प्रावधान नहीं है, जबकि ऐसा प्रावधान किया जाना जरूरी है,  उन्होंने यह भी कहा की क्योंकि यह कर प्रणाली एक नई कर प्रणाली थी। इसलिए अब तक विभाग ने जो भी रूपया ब्याज, लेट फी, पेनल्टी आदि द्वारा लिया गया है, वो व्यापारियों को वापिस किया जाए। जो व्यापारी अब तक किसी भी कारण पड़े इनपुट क्रेडिट नहीं ले सके हैं, उन्हें एक बार इनपुट क्रेडिट लेने का मौका दिया जाए। जिन व्यापारियों का टर्न ओवर 10 करोड़ से कम है, उनको ऑडिट, एनुअल रिटर्न दाखिल करने से 2 वर्ष तक के लिए मुक्त किया जाए। 
    कैट ने यह भी आग्रह किया है, की जीएसटी कॉउन्सिल में व्यापारियों को भी प्रतिनिधित्व दिया जाए इससे निश्चित रूप से जहाँ नियमों को सरल कराने में सुविधा होगी वही सरकार को भी राजस्व बढ़ाने में व्यापारियों की मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा की जीएसटी लोकपाल का गठन किया जाए और देश भर में सभी जिला स्तरों पर जीएसटी सलाहकार समिति का गठन किया जाए जिसमें अधिकारियों के अलावा व्यापारियों का भी प्रतिनिधित्व हो ।

  • चमकी बुखार’ को गंभीर मुद्दा बता कर केंद्र और राज्य सरकार जवाबदारी से छुड़ा रही है पीछा  डबल इंजन की बीजेपी सरकारे महामारी की रोकथाम में पूरी तरह से नाकाम - कांग्रेस

    रायपुर/02 जुलाई 2019। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने बिहार, असम और उत्तर प्रदेश में लगातार फैल रही और मौतों का तांडव मचा रही एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एइएस) के प्रकोप पर राज्य सरकारों और केंद्र सरकार के नकारात्मक रवैय्ये पर अफसोस जताते हुए कहा है, कि सैकड़ों गरीब बच्चों की मौतें हो रही है और सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है। केवल गरीब बच्चे ही इस दिमागी बुखार की चपेट में क्यों है? इस रोग को क्यों नियंत्रित करने में विफलता आ रही है और क्यों इसे अति गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है?
    प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि  बिहार के मुजफ्फरपुर और आसपास के जिलों में चमकी बुखार का तांडव पहली बार नहीं हुआ है। भारत सरकार के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री ने जो पेशे से स्वयं चिकित्सक भी हैं ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री के रूप में वर्ष 2014 में कहा था, कि यहां की अस्पतालों में सुधार किया जाएगा और बच्चों के स्वास्थ्य के विषय को लेकर कई वादे किए थे। जो आज तक पूरे नहीं किए गए हैं, जबकि वे इसी तरह बच्चों की मौतों पर हुए हाहाकार के बाद बिहार का दौरा किए थे। आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपए गंभीर बीमारी में देने की बात की जाती है, पर सैकड़ों मौत के बाद भी इस रोग को गंभीर नहीं माना जा रहा है और मासूम बच्चों को पर्याप्त सुविधा मुहैया नहीं कराई जा रही है।
    प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मोहम्मद असलम ने कहा है कि चमकी बुखार पर कांग्रेस सियासत चमकाने का प्रयास नहीं कर रही है। वास्तविकता यही है कि इस दिमागी बुखार से विगत 5 वर्षों  से हो रही मौतों पर राज्य सरकार और केंद्र सरकार की लापरवाही सर्वविदित है। कांग्रेस ने बिहार में हुए 154 बच्चों सहित देश के अन्य राज्यों में बच्चों की मौतों पर अफसोस जताया है और समय रहते हुए रोग को नियंत्रित नहीं कर पाने को सरकार की विफलता बताते हुए कहा है कि दुर्भाग्य जनक स्थिति यह है कि इतने बड़े पैमाने पर बच्चों की मौतों को लेकर कोई जवाबदारी नहीं लेना चाहता है।गरीब परिवार ही इस रोग से प्रभावित क्यों है? खतरनाक बीमारी की असली वजह अब तक सामने क्यों नहीं आई है? इस सवाल का कोई जवाब देना नहीं चाहता है। केवल संवेदना व्यक्त कर देना और बीमारी को गंभीर मुद्दा बताकर पीछा छुड़ाना कहां तक जायज है। क्या सरकारों का यही दायित्व रह गया है?