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  • जानिए क्यों नक्सल क्षेत्र में सब इंस्पेक्टर के ट्रांसफर आदेश पर लगी रोक

    बिलासपुर : पांच साल तक नक्सल इलाके में ड्यूटी करने के बाद भी नक्सल क्षेत्र में ट्रांसफर किये जाने से दुखी 3 पुलिस इंस्पेक्टर्स के ट्रांसफर आदेश पर रोक लगाने हाइकोर्ट में याचिका लगाई. हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश पर रोक लगा दी (Bilaspur High Court has stayed the transfer of Sub Inspector) है. इंस्पेक्टर विजय कुमार चेलक, मुकेश सोम , राकेश खुटेश्वर ने अपने ट्रांसफर को लेकर याचिका लगाई थी, जिस पर कोर्ट ने यह रोक लगाई है.

    क्या है पूरा मामला : इंस्पेक्टर विजय कुमार चेलक, मुकेश सोम और राकेश खुटेश्वर छत्तीसगढ़ के जिलों में पुलिस निरीक्षक के पद पर तैनात थे. छत्तीसगढ़ पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्णयानुसार पुलिस महानिदेशक ( डीजीपी ) रायपुर द्वारा 26 अप्रैल 2022 को एक आदेश जारी कर इन इन्सपेक्टर्स का स्थानांतरण जिला- बस्तर और नारायणपुर कर दिया गया. ट्रांसफर आदेश से दुखी होकर इंसपेक्टर विजय कुमार चेलक , मुकेश सोम और राकेश खुटेश्वर ने हाईकोर्ट अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय और लक्ष्मीन कश्यप के माध्यम से रिट याचिका दायर कर ट्रांसफर आदेश को चुनौती (Appointment was being done again and again in Naxal area) दी.

    हाईकोर्ट में क्या था तर्क : मामले की सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अभिषेक पाण्डेय एवं लक्ष्मीन कश्यप ने हाईकोर्ट में तर्क प्रस्तुत किया . छत्तीसगढ़ शासन के सामान्य प्रशासन विभाग (General Administration Department of Government of Chhattisgarh) रायपुर दिनांक 03 . 06.2015 को जारी सर्कुलर जिसके पैरा 1.3 में यह प्रावधान किया गया है. यदि कोई शासकीय कर्मचारी ने दो वर्ष तक घोर अनुसूचित जिले एवं तीन वर्ष तक अनुसूचित जिले में अपनी सेवा दी है. तो कुल पांच वर्ष पश्चात् उनका गैर अनुसूचित ( गैर नक्सली ) जिले में पदस्थापना की जाएगी. सर्कुलर सामान्य प्रशासन विभाग , रायपुर ने जारी किया (Chhattisgarh PHQ had issued transfer order ) है. इसलिए यह अन्य विभागों के साथ-साथ पुलिस विभाग पर भी लागू होगा. सर्कुलर से संबंधित छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय बिलासपुर के सिंगल बेंच एवं डिवीजन बैंच ने पारित आदेश का हवाला दिया.

    क्या हैं नियम : इसके साथ ही अधिवक्ता ने यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि सभी याचिकाकर्ताओं ने नक्सली जिले में 5 वर्ष से अधिक समय तक अपनी सेवाऐं दी हैं. इसके बावजूद भी बार - बार इन्हीं इन्सपेक्टर्स का अनुसूचित ( नक्सली ) जिले में स्थानांतरण किया जा रहा है. जबकि वर्ष 2008 बैच एवं इसके पूर्व के वर्ष 2004 बैच लगभग 100 ( सौ ) के लगभग इन्सपेक्टर्स हैं. जिनकी आज दिनांक तक अनुसूचित ( नक्सली ) जिले में पदस्थापना नहीं की गई है. उन्हें बार-बार मैदानी जिले में पदस्थ किया जा रहा है. जो कि सर्कुलर दिनांक 03.06.2015 का उल्लंघन है. हाईकोर्ट में याचिका की सुनवाई के बाद तीनों इंसपेक्टर्स विजय कुमार चेलक मुकेश सोम और राकेश खुटेश्वर के दिनांक 26.04.2022 को जारी ट्रांसफर आदेश पर रोक लगा दी गई.

  • राहुल को आज सुबह नर्स ने कराया नाश्ता, कलेक्टर ने बोला- हल्का बुखार है, इलाज जारी
    रायपुर: बोरवेल में फंसे राहुल को आखिरकार 105 घण्टे रेस्क्यू के बाद सकुशल बाहर निकाल लिया गया. ऑपरेशन राहुल- हम होंगे कामयाब के साथ राहुल के बचाव के लिए लगभग 65 फीट नीचे गड्ढे में उतरी रेस्क्यू दल ने कड़ी मशक्कत के बाद राहुल को सुरक्षित बाहर निकाला. राहुल जैसे ही सुरंग से बाहर आया. उसने आँखे खोली और एक बार फिर दुनिया को देखा. यह क्षण सबके लिए खुशी का एक बड़ा पल था. पूरा इलाका राहुलमय हो गया. वहीं आज सुबह नर्स के द्वारा राहुल को नाश्ता कराया गया है. कलेक्टर सारांश मित्तर के मुताबिक राहुल को हल्का बुखार है.  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बोरवेल में फंसे राहुल को सुरक्षित निकालने के लिए जिला प्रशासन को विशेष निर्देश दिए गए थे. आखिरकार देश के सबसे बड़े रेस्क्यू अभियान को कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में अंजाम दिया गया. सुरंग बनाने के रास्ते में बार-बार मजबूत चट्टान आ जाने से 4 दिन तक चले इस अभियान को रेस्क्यू दल ने अंजाम देकर मासूम राहुल को एक नई जिंदगी दी है. इस रेस्क्यू के सफल होने से देशभर में एक खुशी का माहौल बन गया. राहुल को बाहर निकाले जाने के बाद मौके पर मौजूद चिकित्सा दल द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य जांच की गई. मुख्यमंत्री के निर्देश पर राहुल को तत्काल ही बेहतर उपचार के लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अपोलो अस्पताल बिलासपुर भेज गया. बता दें कि जांजगीर -चाम्पा जिले के अंतर्गत मालखरौदा ब्लॉक के ग्राम पिहरीद में 11 वर्षीय बालक राहुल साहू अपने घर के पास खुले हुए बोरवेल में गिरकर फंस गया था. 10 जून को दोपहर लगभग 2 बजे अचानक घटी इस घटना की खबर मिलते ही जिला प्रशासन की टीम कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला के नेतृत्व में तैनात हो गई. समय रहते ही ऑक्सीजन की व्यवस्था कर बच्चे तक पहुंचाई गई. कैमरा लगाकर बच्चे की गतिविधियों पर नज़र रखने के साथ उनके परिजनों के माध्यम से बोरवेल में फंसे राहुल पर नजर रखने के साथ उनका मनोबल बढाया जा रहा था. उसे जूस, केला और अन्य खाद्य सामग्रियां भी दी जा रही थी. विशेष कैमरे से पल-पल की निगरानी रखने के साथ ऑक्सीजन की सप्लाई भी की जा रही थी. आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्था और एम्बुलेंस भी तैनात किए गए थे. राज्य आपदा प्रबंधन टीम के अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन(एनडीआरएफ) की टीम ओडिशा के कटक और भिलाई से आकर रेस्क्यू में जुटी थी. सेना के कर्नल चिन्मय पारीक अपने टीम के साथ इस मिशन में जुटे थे. रेस्क्यू से बच्चे को सकुशल निकालने के लिए हर सम्भव कोशिश की गई. देश के सबसे बड़े रेस्क्यू के पहले दिन 10 जून की रात में ही राहुल को मैनुअल क्रेन के माध्यम से रस्सी से बाहर लाने की कोशिश की गई. राहुल द्वारा रस्सी को पकड़ने जैसी कोई प्रतिक्रिया नहीं दिए जाने के बाद परिजनों की सहमति और एनडीआरएफ के निर्णय के पश्चात तय किया गया कि बोरवेल के किनारे तक खुदाई कर रेस्क्यू किया जाए. रात लगभग 12 बजे से पुनः अलग-अलग मशीनों से खुदाई प्रारंभ की गई. लगभग 60 फीट की खुदाई किए जाने के पश्चात पहले रास्ता तैयार किया गया. एनडीआरएफ और सेना के साथ जिला प्रशासन की टीम ने ड्रीलिंग करके बोरवेल तक पहुचने सुरंग बनाया. सुरंग बनाने के दौरान कई बार मजबूत चट्टान आने से इस अभियान में बाधा आई. बिलासपुर से अधिक क्षमता वाली ड्रिलिंग मशीन मंगाए जाने के बाद बहुत ही एहतियात बरतते हुए काफी मशक्कत के साथ राहुल तक पहुंच गया. आज सेना,एनडीआरएफ के जवानों द्वारा रेस्क्यू कर राहुल को बाहर निकाला गया. मौके पर ही चिकित्सकों द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण की गई और बेहतर उपचार के लिए उसे ग्रीन कॉरिडोर बनाकर अपोलो अस्पताल ले जाया गया. बहरहाल 104 से अधिक घण्टे तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में राहुल साहू के जीवित बाहर निकाल लिए जाने से सभी ने राहत की सांस ली है. पिता लाला साहू, माता गीता साहू सहित परिजनों ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कलेक्टर, जिला प्रशासन के अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों और एनडीआरएफ, सेना,एसडीआरएफ सहित सभी का विशेष धन्यवाद दिया. कलेक्टर सहित सभी अफसर दिन रात रहे मुस्तैद राहुल के सलामती के लिए जहाँ दिन- रात पर दुआओं का दौर चला. वहीं घटनास्थल पर इस ऑपरेशन के पूरा होने तक कलेक्टर जितेंद्र कुमार शुक्ला, पुलिस अधीक्षक, विजय अग्रवाल सहित तमाम अफसर रात भर घटनास्थल पर रेस्क्यू पर निगरानी रखे हुए थे. लगभग 105 घण्टे से अधिक समय तक चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में राहुल के सकुशल बाहर आने की घटना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं थी. कलेक्टर शुक्ला ने कहा कि बोरवेल में फंसे होने की वजह से बालक का रेस्क्यू बहुत ही आसान काम नहीं था. सभी की कोशिश थी कि उन्हें सुरक्षित निकाला जाए. विपरीत परिस्थितियों के कारण जो भी संभव था. वह फ़ैसला एनडीआरएफ और परिजनों के साथ मिलकर लिए गए. कलेक्टर ने इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए जिले के अधिकारियों सहित आमनागरिकों से भी अपील की है कि किसी भी स्थान पर बोरवेल को खुला न रखे. अपने छोटे बच्चों को ऐसे स्थानों पर कतई न जाने दें और स्वयं भी अपने बच्चों को निगरानी में रखे. सीएम ने वीडियो कॉल से की बात मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जांजगीर में बोरवेल में गिरे बच्चे के लिए बेहद चिंतित रहे. यही वजह है कि वे लगातार रेस्क्यू का अपडेट लेते रहे. उन्होंने राहुल को सकुशल बाहर निकालने के निर्देश दिए थे. उन्होंने वीडियो कॉल कर राहुल के पिता और माता से भी बात की थी. सीएम ने राहुल को बाहर निकालने के लिए हरसंभव मदद का आवश्वासन दिया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ही राज्य स्तर पर वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा सम्पूर्ण घटनाक्रम की निगरानी रखी जा रही थी. चट्टानों से न हौसला डिगा न राहुल बोरवेल में फंसे राहुल को बचाने के लिए रेस्क्यु दल ने हर बार कड़ी चुनातियों का सामना किया. राहुल के रेस्क्यु में बड़े-बड़े चट्टान बाधा बनकर रोड़ा अटकाते रहे, इस बीच रेस्क्यू टीम को हर बार अपना प्लान बदलने के साथ नई-नई चुनौतियों से जूझना पड़ा. मशीनें बदलनी पड़ी. 65 फीट नीचे गहराई में जाकर होरिजेंटल सुरंग तैयार करने और राहुल तक पहुंचने में सिर्फ चट्टानों की वजह से ही 4 दिन लग गए. रेस्क्यू टीम को भारी गर्मी और उमस के बीच झुककर, लेटकर टार्च की रोशनी में भी काम करना पड़ा. इसके बावजूद अभियान न तो खत्म हुआ और न ही जीवन और मौत के बीच संघर्ष कर रहे राहुल ने हार मानी.
  • हाथियों ने बरपाया कहर, दो घरों को किया क्षतिग्रस्त, ग्रामीण दहशत में
    कोरबा। जिले के वनमंडल कटघोरा में हाथियों ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। एतमानगर केंदई व पसान रेंज में हाथियों का दल विचरण कर रहा है। दल में शामिल कई हाथी आक्रामक हो गए हैं। दंतैल ने विगत सोमवार सुबह केंदई रेंज में रोदे के आश्रित ग्राम डंगोरा में एक वृद्ध को सूढ़ से उठाकर पटक दिया था। वृद्ध की मौके पर ही मौत हो गई। इसी तरह बीती रात हाथियों के दल ने एतमा नगर रेंज के गुरसिया बांधापारा में कहर बरपाया। यहां दो ग्रामीणों के मकान को बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही वन विभाग का अमला मंगलवार की सुबह मौके पर पहुंचा। वन विभाग की टीम ने ग्रामीणों की नुकसानी का आंकलन किया। सूत्रों के मुताबिक क्षेत्र में 12 हाथियों का दल विगत 3 दिनों से विचरण कर रहा है। इसी दल में से हाथी बीती रात बांधापारा पहुंचे थे। यहां घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। उधर 15 हाथी केंदईरेंज के कापर नवापारा व परला जंगल में डेरा डाले हुए हैं। इन हाथियों ने फिलहाल कोई नुकसान नहीं पहुंचाया है। जानकारी मिली है कि वृद्ध की जान लेने वाला दंतैल भी बनिया गांव के पहाड़ में दूसरे दिन भी देखा गया है। वन विभाग द्वारा इस दंतैल की निगरानी की जा रही है। कोरबा वन मंडल के कुदमुरा रेंज में भी हाथियों का दल विचरण कर रहा है। हाथियों की मौजूदगी से ग्रामीणों में दहशत का माहौल है।
  • छत्तीसगढ़ : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राहुल के सफल रेस्क्यू पर कहा- रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे
    जांजगीर-चांपा जिले के मालखरौदा विकासखंड के गांव पिहरीद में बोरवेल में फंसे 11 वर्षीय बालक राहुल साहू के सफल रेस्क्यू( rescue) पर मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल( chief minister bhupesh baghel) ने राहुल के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री ने कहा , समझदारी और साहस के साथ पूरा कर लिया है।  बघेल ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, एसईसीएल, छत्तीसगढ़ राज्य पुलिस, भारतीय सेना, चिकित्सा दल और प्रशासनिक अधिकारियों समेत बचाव दल में शामिल हर टीम और हर व्यक्ति ने संयुक्त रूप से कर्त्तव्यनिष्ठा का पालन करते हुए राहुल को बोरवेल से निकालने का दुष्कर कार्य कर दिखाया। मुख्यमंत्री बघेल ने किया ट्वीट ( tweet) मुख्यमंत्री बघेल ने बोरवेल में फंसे राहुल साहू के सकुशल बाहर आने पर खुशी व्यक्त करते हुए ट्वीट में लिखा है कि ”माना कि चुनौती बड़ी थी, पर हमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थी। रास्ते अगर चट्टानी थे, तो इरादे हमारे फौलादी थे।” उन्होंने कहा कि सभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।
  • BIG BREAKING : 105 घंटे की कड़े संघर्ष के बाद, सकुशल वापिस लौटा राहुल
    जांजगीर चांपा। आखिरकार इंतजार की घड़ियां समाप्त हुई और 105 घंटे के कड़े संघर्ष के बाद 60 फ़िट अंदर बोरवेल में फंसे राहुल साहू सकुशल बाहर आ गया है ।स्ट्रेचर से उन्हें एम्बुलेंस में घटना स्थल से लाया गया, स्वास्थ्य परीक्षण के लिए उसे घटना स्थल से सीधे बिलासपुर रवाना किया जाएगा , सीएम के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण किया है। लगातार पूरे प्रदेश और देश में प्रार्थनाओं का दौर जारी है , आसपास में पूरे ग्रामवासी टकटकी लगाए बैठे थे, अपने राहुल की एक झलक पाने के लिए। चार दिन की जद्दोजहद के बाद आखिरकार राहुल लौट आया है। राहुल के सकुशल लौट आने से आसपास का माहौल थोड़ा भावनात्मक हो गया है । बच्चे की माँ राहुल के साथ एम्बुलेंस में मौजूद हैं। कड़ी मेहनत के बाद तमात प्रकार की बाधाओं को पार कर के जब ये रेस्क्यू ऑपरेशन सफ़ल हुआ ऐसे में उच्चाधिकारियों, ग्रामवासियों के चेहरे पर इस बात की ख़ुशी दिखाई दे रही है कि वह सकुशल लौट आया। राहुल की जीवटता के सभी हुए कायल महज़ दस साल की उम्र में 104 घँटे तक बिना ठीक से कुछ खाय पीये 60 फिट बोरवेल के गड्ढे में फंसे रहना और हर परिस्थिति का सामना कर के सभी बाधाओं को अपनी जीवटता से दूर कर करते हुए सभी को अपना कायल बना दिया है ।
  • क्रेडा विभाग की घटिया निर्माण कार्य की खुली पोल
    कांकेर. जिले के कोयलीबेड़ा ब्लॉक में विधायक फंड से अलग अलग ग्रामपंचायतों के चौराह पर क्रेडा विभाग द्वारा 26 हाईमास्क लाइट कगया जा रहा है,ताकि तेज रोशनी से चौराहों को उजाला किया जा सके,वही मटोली से गुजरा एस्टेट हाइवे क्रमांक 25 मटोली चौक में हाईमास्क लाइट लगाने के लिए गद्दा खोद कर सिविल बनाया गया है,बतादे की संबंधित विभाग के अधिकारियों की साठगांठ से पेटी ठेकेदार ने rcc/बेस ढलाई ना करते हुए लोहे की छड़ से बना जाली को जमीन(मिट्टी)पर रख कर सीधा पिलर की ढलाई घटिया सामग्री से रात के अंधेरे का फायदा उठाकर सिविल बनवा दिया. मटोली चौक हाईमास्क सिविल निर्माण कार्य में नई तकनीक से सिविल निर्माण कार्य किया गया है कार्य में देखा गया है जहाँ नियम अनुसार 4mm गिट्टी एव रेत तथा सीमेंट से rcc/बेस ढलाई कर उसके ऊपर लोहे से बना जाली डाल कर कंक्रीट ढलाई कर पिलर की ढलाई किया जाना था मगर ठेकेदार ने अधिक मुनाफा कमाने के लिए निर्माण कार्य को आरसीसी बेस ढलाई ना करते हुए मिट्टी पर ही लोहे से बना हुआ जाली को रख कर जाली में कंक्रीट ना करते हुए सीधा रूखा सूखा घटिया क्वालिटी की कंक्रीट कर पिलर/सिविल को निर्माण किया गया है। वही मामले की जानकारी के लिए जब क्रेडा विभाग के कोयलीबेड़ा ब्लॉक इंचार्ज चेतन गावड़े की मोबाइल पर फोन किया गया तो उनका नंबर नही लगा तो जिला प्रभारी देवांगन से फोन के माध्यम से निर्माण कार्य को लेकर बात की गई तो उन्होंने बताया कि rcc/बेस ढलाई के ऊपर लोहे की जाली बिठा कर 4इंच ढलाई कर फिर पिलर/सिविल की ढलाई किया जाना है,अगर ऐसा निर्माण कार्य किया गया है तो तोड़ कर गुणवत्तापूर्ण निर्माण कर हाईमास्क लाइट लगाया जायेगा,मगर जमीनी हकीकत तो कुछ ओर बयान कर रहे हैं खैर देखने वाली बात ये होगी कि क्रेडा विभाग के अधिकारी की बाते जमीनी स्तर पर कितनी कारगार सावित होता हैं।
  • घर में खून से सनी मिली लड़की की लाश, इलाके में फैली सनसनी, जांच में जुटी पुलिस
    रायगढ़। चक्रधर नगर थाना क्षेत्र के स्वास्तिक विहार कॉलोनी (Swastik Vihar Colony ) में एक छात्रा की हत्या करने का मामला प्रकाश में आया है। सूचना पर मौके में पहुंची पुलिस ने मकान को सील कर जांच में लिया है। घटना के बाद से इलाके में सनसनी फ़ैल है। बता दें कि मृतिका काजल मसंद 23 वर्ष स्वास्तिक विहार कालोनी में अपनी मां के साथ रहती थी। बताया जाता है कि काजल की मां रोज की तरह आज भी काम पर चली गई थी। वहीं काजल अपने घर में परीक्षा की तैयारी कर रही थी। जिसके बाद पड़ोसियों ने देखा की काजल की लाश खून से लथपथ (blood soaked corpse) जमीन पर पड़ी हुई है। जिसके बाद इसकी सूचना मृतिका की मां को दी। जानकारी मिलते ही मृतका की मां मौके पर पहुंची और इसकी जानकारी पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस शव को पोस्टमॉर्टेम के लिए भेज कर मामले की जाँच कर रही है।
  • राष्ट्रीय स्तर पर धर्मांतरण रोकने के लिए कानून सहित संविधान में संशोधन की आवश्यकता !

    आज देश में प्रतिवर्ष हिन्दुओं का लाखों की संख्या में धर्मांतरण कर उन्हें ईसाई अथवा मुसलमान बनाया जा रहा है । अनेक राज्यों में धर्मांतरण विरोधी कानून है, तब भी उजागर रूप से बडी मात्रा में हिन्दुओं का धर्मांतरण कर भारत को तोडने का षड्यंत्र चल रहा है । धर्मांतरण की समस्या देशव्यापी होने के कारण संविधान के अनुच्छेद 25 में सुधार कर उसमें से धर्म का प्रचार करना (Propagate Religion) यह शब्द हटा देना चाहिए । इसके साथ ही गोवा सरकार को विधानसभा में इससे संबंधित प्रस्ताव पारित कर केंद्र सरकार को भेजना चाहिए । तब ही अवैध  धर्मांतरण पर संपूर्ण प्रतिबंध लगेगा । स्वयं के धर्म का पालन करने में किसी प्रकार की रोक लगाने की आवश्यकता नहीं है; परंतु अन्यों को फंसाकर, बलपूर्वक अथवा उनकी असहायता का अनुचित लाभ उठाकर किए जानेवाले धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगाने की आवश्यकता है, ऐसी मांग सी.बी.आई. के भूतपूर्व संचालक श्री. एम. नागेश्वर राव ने पत्रकार परिषद में की ।

           वे दशम ‘अखिल भारतीय हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’ के तृतीय दिन फोंडा, गोवा स्थित ‘श्री रामनाथ देवस्थान’ के विद्याधिराज सभागृह में आयोजित पत्रकार परिषद में बोल रहे थे । इस अवसर पर व्यासपीठ पर हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) चारुदत्त पिंगळे, ईसाई पंथ छोडकर हिन्दू बनी तेलंगाना की श्रीमती एस्थर धनराज, छत्तीसगढ में लाखाें हिन्दुओं की घरवापसी करनेवाले भाजपा के प्रदेशमंत्री श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव और नेपाल के विश्व हिन्दू महासंघ के जिलाध्यक्ष श्री. शंकर खरेल उपस्थित थे ।

          इस समय समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद्गुरु (डॉ.) पिंगळे ने कहा कि, धर्मांतरण रोकने के लिए हिन्दुओं में धर्मजागृति कर उन्हें धर्मशिक्षा दी जानी चाहिए । धर्मशिक्षा ग्रहण कर धर्माचरण प्रारंभ करने से कोई भी धर्मांतरण नहीं कर पाएगा । गोवा के मुख्यमंत्री श्री. प्रमोद सावंत ने धर्मांतरण प्रतिबंधक कानून बनाने की घोषणा की है  । उसका हम स्वागत करते हैं । उसी प्रकार गोवा में डॉमनिक और मिशनरी द्वारा जो धर्मातंरण चल रहा है, उसे रोकने के लिए गोवा में धर्मांतरणविरोधी कानून के साथ संविधान में बदलाव करना आवश्यक है । छत्तीसगढ के भाजपा के प्रदेशमंत्री श्री. प्रबल प्रतापसिंह जुदेव ने कहा कि, हिन्दुओं का धर्मांतरण करनेवाली विदेशी शक्तियों के पास प्रचंड पैसा और साधन हैं । मेरे पिताजी ने लाखों हिन्दुओं की तथा मैंने 15 हजार हिन्दुओं की घरवापसी की है; परंतु यह करते समय हमपर मिशनरी तथा नक्सलवादियों द्वारा प्राणघातक आक्रमण किए गए हैं । धर्मांतरण रोकने के लिए प्रत्येक ग्रामपंचायत में धर्म समिति स्थापित कर धर्मसेना बनानी चाहिए, उससे अच्छा लाभ हुआ है । नेपाल के श्री. शंकर खरेल ने कहा कि नेपाल में 3 करोड जनसंख्यावाले देश में 30 लाख लोग धर्मांतरित हो गए हैं । यह चिंता का विषय है । यह धर्मांतरण रोकने के लिए गरीबी, शिक्षा और अन्य मूलभूत आवश्यकताओं पर काम करने की आवश्यकता है । तेलंगाना की एस्थर धनराज ने कहा कि, मैं स्वयं ईसाई थी; परंतु अमेरिका जाने के पश्चात बाइबिल का अध्ययन करने पर मेरे ध्यान में आया कि, उसमें तर्कशास्त्र नहीं है । आगे भारत में आने पर मिशनरी लोगों द्वारा धर्मांतरण के लिए चल रहे षड्यंत्र देखकर उसके विरोध में जागृति चल रही है तथा धर्मांतरित हिन्दुओं को पुनः हिन्दू धर्म में लाने का तथा युवकों को समुपदेशन करने का काम कर रही हूं ।

  • अब NDRF की जगह सेना के जवान टनल में उतरे, राहुल को जल्द लेकर आएंगे बाहर
    जांजगीर-चांपा। जिले में बोरवेल के लिए खोदे गए गड्ढे में फंसे हुए राहुल को 92 घंटे हो चुके हैं। उसको बचाने का प्रयास अभी तक सेना के निर्देश पर NDRF कर रही थी, लेकिन अब जवानों ने कमान अपने हाथ में ले ली है। NDRF को वहां से हटाकर अब सेना के जवान टनल में उतरे हैं। हालांकि इसका कारण नहीं बताया गया है। दूसरी ओर राहुल की हालत अब बिगड़ रही है। उसके मूवमेंट का एक नया वीडियो अभी सामने आया है। इसमें राहुल सिर उठाता हुआ और रिस्पॉन्स देता दिखाई दे रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की ओर से भी ट्वीट कर कहा गया है कि सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ हैं। अभी इशारों में राहुल ने कुछ खाने की मांग की है। रेस्क्यू अभियान जारी है। चट्टानों से भी मज़बूत इस मासूम बालक के साहस को सलाम है। कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि सर्जन का कहना है कि राहुल की सांस की गति सामान्य है।वहीं उसकी सेहत और सलामती के लिए प्रदेश भर में पूजा-अर्चना का दौर जारी है। बलौदा बाजार में राहुल के लिए गायत्री परिवार की ओर से हवन-पूजन किया जा रहा है। साथ ही दीर्घायु होने की कामना के लिए महामृत्युंजय जाप भी चल रहा है। बताया गया कि राहुल और जवानों के बीच में बड़े पत्थर हैं। ऐसे में राहुल से दूरी महज 8 इंच है, उसे साइड से निकालने के चलते दूरी डेढ़ फीट बढ़ गई है। टनल के अंदर लाइम स्टोन होने के कारण समय लग रहा था। उसे तोड़कर आगे बढ़े तो फिर एक चट्‌टान ने रास्ता रोक लिया है। NDRF अफसर चोटिल इस दौरान राहुल तक पहुंचने के लिए टनल बनाने के काम में लगे NDRF के कमांड इन चीफ वर्धमान मिश्रा चोटिल हो गए हैं। डॉक्टर ने मौके पर उनका उपचार किया और वे फिर से काम में लग गए हैं। वर्धमान मिश्रा के ऊपर ही ऑपरेशन की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि काम किसी हालत में रुकना नहीं चाहिए। वहीं दूसरी ओर राहुल के नजदीक अब NDRF की टीम पहुंचती जा रही है। महज 2 से ढाई फीट की दूरी रह गई है। उसे बाहर निकालने के लिए खुदाई का एंगल थोड़ा बदला गया है। जिससे उसे चोट न लगे। बल्ली ले जाकर एक स्ट्रक्चर खड़ा किया जा रहा है। इसके साथ ही वाइब्रेटर से राहुल के नीचे के पत्थर को चिकना बनाया जा रहा है। जिससे उसको बाहर निकालने के दौरान चोट न लगे।
  • CGPSC में आज ही कर दें इन पदों के लिए आवेदन
    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग ने व्याख्याता पद के रिक्त पद को भने के लिए अनुभवी उम्मीदवारों के लिए आवेदन का एलान कर दिया है, जिन उम्मीदवारों ने स्नातकोत्तर डिग्री पास कर ली हैं और अनुभव हैं तो आज ही इन पदों के लिए फॉर्म भर दें, ऐसा मौका नहीं मिलेगा आपको सरकारी नौकरी पाने का, आज ही इन पदो के लिए फॉर्म भर दें। कितना मिलेगा वेतन – व्याख्याता – नियमानुसार महत्वपूर्ण तिथि व सूचनाएं – परीक्षा का नाम- व्याख्याता कुल पद – 13 अंतिम तिथि – 2-7-2022 स्थान- रायपुर आयु सीमा– उम्मीदवारों की न्यूनतम आयु 22 से लेकर 30 वर्ष तक मान्य होगी । वेतन- उम्मीदवारों को विभाग के नियमानुसार वेतन दिया जाएगा। योग्यता- उम्मीदवारो को किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्नातकोत्तर डिग्री प्राप्त हो और अनुभव हो। चयन प्रक्रिया– लिखित परीक्षा के आधार पर होगा आवेदनकर्ताओं का चयन। ऐसे करें आवेदन- योग्य और इच्छुक उम्मीदवार आवेदन पत्र के निर्धारित प्रारूप पर फॉर्म भर सकते है, साथ ही शिक्षा और अन्य योग्यता, डेट ऑफ़ बर्थ और अन्य आवश्यक जानकारी और दस्तावेजों के साथ स्वयं प्रतिबंधात्मक प्रतियां और नियत तारीख से पहले भेजना अनिवार्य है।
  • सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ...कुछ देर पहले ही खाने की मांग की
    रायपुर। दिल्ली में उठापठक के बीच भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जांजगीर के पिहरीद में बोरवेल में फंसे मासूम राहुल के बचाव अभियान पर संपर्क बनाये हुए हैं। कलेक्टर से बीच-बीच में पूरी जानकारी ले रहे हैं। इस बीच ट्वीट कर उन्होने मासूम राहुल और अभियान दल के सदस्यों का हौसला बढ़ाने के लिए कहा कि सबकी दुआएं मासूम राहुल के साथ है। अभी इशारों में उन्होने कुछ खाने की मांग की है। रेसक्यू अभियान जारी है। चट्टानों से भी मजबूत इस मासूम बालक के साहस को सलाम है।
  • Breaking : राहुल और रेस्क्यू टीम के बीच 8 इंच की दूरी, कभी भी निकल सकता है बाहर

    जांजगीर। बोरवेल में फंसे राहुल साहू को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू जारी है। टनल के अंदर टीम लगातार काम कर रही है। अब राहुल तक पहुंचने के लिए केवल 8 इंच की मात्र दूरी बची है। राहुल तक पहुंचने के लिए दो तरह से कोशिशें की जा रही है। रास्ते में लास्ट में स्टोन आया है। सीधे और पीछे से रास्ता सर्च कर रहे हैं। सीधे जाने में 8 इंच की मात्र दूरी बची है। तिरछा जाने में डेढ़ फीट का डिस्टेंस है। हेवी स्टोन होने के कारण समय लग रहा है। रेस्क्यू के दौरान NDRF के कमांड एंड चीफ को चोट आ गई है। वर्धमान मिश्रा को चोट आई है। डॉक्टर ने मौके पर पहुंचकर उनका उपचार किया है। इस बीच DM जितेंद्र शुक्ला ने रेस्क्यू का जाएजा लिया है। उन्होंने सुरंग में जाकर रेस्क्यू कार्य का अवलोकन किया है। बहरहाल सुरंग में तेजी से रेस्क्यू का काम किया जा रहा है। रेस्क्यू टीम काफी नजदीक पहुंच गई है। वहीं DM जितेंद्र शुक्ला ने राहुल के स्वास्थ्य को लेकर कहा है कि राहुल की श्वसन गति को सामान्य के आसपास बताया है, कल से कुछ नहीं खाने के कारण शारीरिक अशक्तता से राहुल जूझ रहा है। डेंजर जोन से बाहर लाने के लिए रेस्क्यू की कवायद हो रही है।