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  • सूरजपुर ब्रेकिंग : कोयला निकालते वक़्त हुआ दर्दनाक हादसा, मिट्टी धसकने से दो लोगों की हुई मौत

    छत्तीसगढ़ के सूरजपुर में कोयला निकालते समय दर्दनाक हादसा हो गया ।जहा मिट्टी धसकने से दो लोगो की मौत हो गई।
    बताया जा रहा है कि एसईसीएल भटगांव क्षेत्र की बंद पड़ी खदान से निकाल रहे थे कोयला तभी मिट्टी धसकने से दो लोगो की मौत हो गई, बता दे मृतक राम केश्वर राजवाड़े और सुख लाल राजवाड़े ग्राम बैजनाथपुर के है रहने वाले।यह पूरी घटना देर रात की है फिल्हाल ग्रामीणों की मदद से शव को रेस्क्यू ( rescue) लिया गया है।मृतक मजदूरों के घर में मातम पसरा हुआ है।

  • आरोपी को बचाने के लिए एएसआइ ने मांगे एक लाख रूपये, एसपी ने किया लाइन अटैच
    बिलासपुर। महिला संबंधी अपराध में आरोपित को बचाने के लिए मुंंगेली जिले में पदस्थ एएसआइ ने स्वजन से एक लाख स्र्पये की मांग की। दो महीने के बाद मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया में प्रसारित हो गया। वर्तमान में एएसआइ सकरी थाने में पदस्थ है। सकरी थाने में पदस्थ एएसआइ शत्रुहन खूंटे तीन महीने पहले मुंगेली जिले के फास्टरपुर चौकी में तैनात थे। इस दौरान एक युवती ने थाने में शिकायत दर्ज कराई थी। इस पर पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। इसी बीच एएसआइ ने आरोपित के स्वजन से केस को कमजोर करने और जल्द चालान पेश करने के लिए एक लाख स्र्पये की मांग की। इसका किसी ने मोबाइल पर वीडियो बना लिया। वायरल वीडियो में एएसआइ शत्रुहन खूंटे आरोपित के स्वजन से एक लाख स्र्पये की मांग को स्वीकार करते हुए केवल 20 हजार स्र्पये मिलने की बात कह रहे हैं। इसमें मामले की रिपोर्ट बनाने वाले डाक्टर और केस को जल्द न्यायालय में पेश करने के लिए और स्र्पये की मांग की जा रही है। स्र्पये नहीं मिलने पर चालान को देर से पेश करने की धमकी भी दी गई है। वायरल वीडियो में चालान पेश करने से आरोपित को जल्द जमानत मिलने की बात भी कही गई है।
  • लाखों रुपए के तेंदूपत्ता जलकर राख, नक्सली वारदात की आशंका
    कांकेर. सुदूर नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा थाना अंतर्गत हूरतराई में आधी रात 2 से 3 बजे के बीच 500 से अधिक तेंदूपत्ता के बोरी में आग लग गई. सुदूर क्षेत्र होने के कारण तेंदूपत्ता की बोरियां जल गई. दो दिन में तेंदूपत्ता के बोरियों में आग लगने की यह दूसरी घटना है. बुधवार को भी अंतागढ़ के टेमरूपानी गांव में तेंदूपत्ता के बोरियों आगजनी की घटना हुई थी. जहां 300 से ज्यादा बोरियां जलकर राख हो गईं थीं. पुलिस के मुताबिक आग नक्सलियों ने नहीं बल्कि असामाजिक तत्वों की करतूत है. वहीं घटना जिस जगह पर हुई है वहां पर कई तरह के बैनर और पोस्टर बरामद होने की भी सूचना है.
  • दर्दनाक हादसा: मार्निंग वॉक पर निकले बुजुर्ग को एक के बाद तीन हाइवा ने कुचला, सड़क पर चिपक गया शव
    जांजगीर-चांपा: जिले में बुधवार को मॉर्निंग वॉक पर निकले एक बुजुर्ग को तेज रफ्तार हाइवा ने कुचल दिया। हादसे के बाद उसी वक्त पीछे से आ रही दो और हाईवा ने बुजुर्ग की लाश को एक के बाद एक कुचलते हुए गुजर गई। सड़क पर बिखरी लाश को बड़ी मुश्किल से उठाया गया। जिसने भी इस हादसे को देखा वह सहम गया। हादसा जांजगीर चांपा के नेशनल हाईवे-49 का है। जानकारी के मुताबिक बनारी गांव निवासी किसान सैतराम सारथी (65) रोज की तरह बुधवार को भी मॉर्निंग वॉक पर निकला था। वह घर से कुछ दूर पुटपुरा चौक के पास पहुंचा था कि बिलासपुर की ओर से आ रही तेज रफ्तार हाइवा ने टक्कर मार दी। चेतराम सड़क पर गिरा तो हाइवा उसे कुचलते हुए निकल गई। तभी पीछे से आ रही दो अन्य हाइवा ने भी कुचल दिया। जिससे सैतराम का शव टुकड़े-टुकड़े होकर सड़क पर बिखर गया। आसपास के लोगों ने यह देख डायल 112 को सूचना दी। जिसके बाद पुलिस घटनास्थल पर पहुंची और शव को मशक्कत के बाद एकत्र किया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेज दिया है। हाइवा चालक की तलाश की जा रही है
  • राजकीय पक्षी पहाड़ी मैना का अस्तित्व खतरे
    2017 के बाद से नहीं हुई इसकी गणना जगदलपुर/ जंगलों में पाई जाने वाली पहाड़ी मैना का अस्तित्व खतरे में है। वन विभाग और संरक्षणकर्त के साथ मिलकर इसके अस्तितव को बचाने का प्रयास किया जा रहा है। गहरा कालारंग रारंगी चोंच और पीले रंग के पैर और कलगी वाली इस खूबसूरत पक्षी की खूबी यह है कि यह हूबहू इंसान की आवाज नकल कर सकती है। जिसे देखने प्रतिवर्ष लोग जिला मुख्यालय जगदलपुर आते है। यह इंसानों से दूर अपना रैन बसेरा बनाना पंसद करती है। xज्ञात हो कि इस पक्षी को 2002 में राजकीय पक्ष़्ाी का दर्जा दिया गया था । यह पक्षी आज अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही है। जानकार बताते है। कि इसकी खूबियां ही बनी है इसके विनाश का कारण इसके लिए व्यापक पैमाने पर वनविभाग और पर्यावरण अमले ग्रामीणों में जागरूकता फैलाने का काम कर रही है। राज्य सरकार के पास वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कितने पक्षी हैं इसके संबध में कोई अधिकारिक जानकारी नहीं है। फिर भी बस्तर में ऐसे 14 स्थानों को चिन्हित किया गया है जहाँ ये पक्षी अपने भोजन की तलाश में आते है। और आफ सीजन में सूख चुके पेड़ों के खोखलों पर ये रहते है। 2017 में इनकी जब गणना की गई थी तब 100 जोड़े देखे जाने की बात की गई थी। 2017 के बाद इनकी गणना नहीं हो पाई है । वन विभाग बस्तर के मुताबिक आज से 20 साल पहले एक झुड में 200 की तादाद में पहाड़ी मैना देखे गए थे। इस पक्षी के संरक्षण में अब तक 20 करोड़ खर्च हो चुके है।।
  • सुसाइड नोट में लिखा- मॉ बहुत डिप्रेशन में हूं, मुझे माफ कर देना, और लगा लिया मौत को गले
    कोरबा। जिले में एक युवक ने फांसी लगाकर खुदकुशी (suicide by hanging) कर ली। उसने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि मॉ बहुत डिप्रेशन में हूं, मुझे माफ कर देना। घटना के वक्त घर पर कोई नहीं था। इसी दौरान उसने ये कदम उठा लिया। मामला रामपुर चौकी क्षेत्र (Rampur Chowki area) का है। जानकारी के मुताबिक, कमला प्रधान रामपुर इलाके के किसी सरकारी स्कूल में काम करती थीं। वो यहां पर अपने बेटे योगेंद्र प्रताप सिंह(19) के साथ रहती थी। बताया जा रहा है कि कमला इन दिनों अपने मूल निवास गौरेला-पेंड्रा-मरवाही(GPM) में घर बनवा रही हैं। इसी के चलते वह मंगलवार को भी वह गौरेला-पेंड्रा-मरवाही गईं थी।
  • DPI ने सभी कलेक्टरों और DEO को जारी किया आदेश, स्कूल को लेकर 16 बिंदुओं में दिए यह निर्देश
    रायपुर। छत्तीसगढ़ में गरमी की छुट्टी (summer vacation) के बाद 16 जून से फिर से स्कूल का संचालन शुरू होगा। गरमी की छुट्टी को लेकर DPI ने सभी कलेक्टरों और DEO को स्कूल के संचालन को लेकर दिशा निर्देश दिये हैं। अगल-अलग 16 बिंदुओं में जारी निर्देश में साफ है कि स्कूल के संचालन में कोरोना निमयों (corona rules) का भी पालन करना होगा। मतलब अगर महिला स्वयं सहायता समूह व रसोईयों को अगर सर्दी खांसी या बुखार की शिकायत है तो उन्हें स्कूल में प्रवेश नहीं दिया जायेगा। किसी भी घटना से बचने केलिए स्कूलों में रखे गये हैंड सैनिटाइजर को किचन और खाद्य पदार्थों से दूर रखने का निर्देश दिया गया है। बच्चों के मध्याह्न भोजन को लेकर भी डीपीआई ने स्पष्ट दिशा निर्देश दिया है। इसके तहत स्कूलों में ना सिर्फ खान पान और साफ सफाई की व्यवस्था का निर्देश दिया गया है, बल्कि रसोईयों को खाने बनाने और परोसने के वक्त मास्क लगाकर रहने के निर्देश दिये गये हैं।
  • Sarguja में छात्रों को JEE मेंस और NIT की फ्री कोचिंग, जिला प्रशासन की पहल
    अंबिकापुर@सरगुजा. जिला आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र माना जाता है. यहां के बच्चों के लिए बड़े कॉलेजों में दाखिला लेना एक सपने के समान होता है..लेकिन अब ऐसा नहीं है सरगुजा जिले में भी छात्र -छात्राओं के लिए इंजीनियरग और डॉक्टर की पढाई के लिए मुफ्त में कोचिंग सुविधा देने की पहल जिला प्रशासन द्वारा की गई है. क्लास में मन लगाकर पढ़ाई कर रहे बच्चे और उतनी ही शिद्दत से बच्चों को हर बारीकी सिखा रहे. शिक्षक यह नजारा किसी निजी कोचिंग संस्थान या बहुत बड़े शहरों में दिए जा रहे कोचिंग क्लासेस का नहीं है. बल्कि यह मुफ्त शिक्षा सरगुजा जिले में दी जा रही है..दरअसल सरगुजा जिला प्रशासन के सामने यह बात निकलकर आई कि जिले के ज्यादातर आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर बच्चे प्रतिभावान तो है..लेकिन उनके पास इतने पैसे नहीं होते कि वह नीट और जेईई की कोचिंग कर सकें. ऐसे में जिला प्रशासन ने इस समस्या का निजात ढूंढ निकाला और जिले में ऐसे मेधावी बच्चों की सूची बनाई गई जो आर्थिक रूप से कमजोर होने के बाद भी पढ़ाई में काफी तेज हैं स्कूलों से उन बच्चों के नाम मंगाए गए और शुरू की गई मुफ्त में जेईई और नीट की कोचिंग देने की सुविधा.. इधर कोचिंग ले रहे ज्यादातर बच्चे ग्रामीण क्षेत्र के परिवेश से हैं ऐसे में कोई लखनपुर,उदयपुर,सीतापुर और लुंड्रा के दूरस्थ गांव का रहने वाले है.. वही किसी के पिता मजदूरी करते हैं तो किसी के पिता खेती किसानी कर अपने परिवार की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं..साथ ही किसी के पास छोटी सी दुकान चलाते है.. तो किसी के सर से पिता का साया भी उठ चूका है..ऐसे में इन बच्चों के लिए मुफ्त में शुरू की गई यह कोचिंग की सुविधा किसी वरदान से कम नहीं है..यहां पढ़ने वाले बच्चे अपनी उम्मीदों को पूरा करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रहे है. वही ज्यादातर छात्र-छात्राओं की मंशा है कि वह आगे पढ़ लिखकर डाक्टर बनने तो कुछ इंजीनियर भी बनने की चाहत हैं. इधर छात्र -छात्राओं का साफ तौर पर कहना है कि अगर यह सुविधा जिला प्रशासन के द्वारा मुहैया नहीं कराई जाती तो शायद वह अपनी पढ़ाई आगे जारी नहीं रख पाते और नीट व जेईई की परीक्षा की तैयारी तो उनके लिए दूर का सपना ही साबित होता. मल्टीपरपज स्कूल में करीब 100 बच्चों को निशुल्क कोचिंग बहरहाल नीट और जेईई की तैयारी के लिए न सिर्फ ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ते हैं बल्कि बड़े शहरों में ही यह सुविधा उपलब्ध हो पाती है..ऐसे में अंबिकापुर के मल्टीपरपज स्कूल में करीब 100 बच्चों को निशुल्क तौर पर कोचिंग दी जा रही है..इसके पीछे जिला प्रशासन की मंशा यही है कि अगर बच्चे नीट और जेई में क्वालीफाई कर लेते हैं तो कहीं ना कहीं आदिवासी अंचल के बच्चों को एक बड़ी सौगात मिल सकेगी..वही जिला प्रशासन द्वारा इसके लिए लगातार पहल किया जा रहा हैं और तमाम वो सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं जो बड़े संस्थानों और कोचिंग इंस्टिट्यूट में कराई जाती है।
  • कृत्रिम गर्भाधान पर प्रशिक्षण का समापन

    दाऊ  वासुदेव चंद्राकर कामधेनु विश्वविद्यालय, दुर्ग के अंतर्गत पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग में 30 दिवसीय आवासीय सैद्धांतिक एवं प्रायोगिक कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण का प्रथम चरण आज दिनांक 02.06.2022 को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी. दक्षिणकर, कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने, निदेशक विस्तार डॉ.आर.पी.तिवारी एवं कार्यक्रम समन्वयक डॉ. व्ही.एन.खुणे, डॉ.अमित कुमार गुप्ता, डॉ.यू.एस.तिवारी एवं राजनांदगांव जिले से 28 प्रशिक्षणार्थी उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ.एन.पी.दक्षिणकर ने संबोधित करते हुए कहा की सभी प्रशिक्षणार्थी प्रायोगिक एवं सैद्धांतिक कार्य जैसे - वीर्य परिक्षण, वीर्य की गतिशीलता का परिक्षण, पशुओं में दुग्द्य उत्पादन क्षमता, उनमें होने वाली बिमारियॉ तथा उसके उपचार आदि तकनीकी ज्ञान बढ़ाने पर जोर दे एवं यह प्रशिक्षण स्वरोजगार का एक अच्छा माध्यम बन सकता है तथा उनके परिवार के पालन पोषण में सहायक सिद्व होगा। डॉ. आर.पी.तिवारी ने बताया कि भारत सरकार की गोकुल मिशन योजना  अंतर्गत चयनित सुदुर अंचल से 28 प्रशिक्षणार्थियों ने भाग लिया। उन्होंने बताया कि आज भी 70 प्रतिशत पशुधन में कृत्रिम गर्भधान नहीं हो पा रहा है। उत्कृष्ण श्रेणी के बछिया एवं नस्ल सुधार हेतु कृत्रिम गर्भाधान आवश्यक है। साथ ही देसी सांडों का बधियाकरण भी आवश्यक है। कुलसचिव डॉ.आर.के.सोनवाने ने इस अवसर पर बताया कि ग्रामीण विकास में पशुधन की भूमिका महत्वपूर्ण है। अंत में प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा एक माह के दौरान अर्जित प्रशिक्षण ज्ञान का अनुभव साझा किया गया एवं द्वितीय चरण के अंर्तगत 60 दिवसीय मैदानी प्रायोगिक प्रशिक्षण हेतु संबंधित जिले के उपसंचालक, पशु चिकित्सा सेवायें को मुक्त किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय जनसंपर्क अधिकारी डॉ.दिलीप चौधरी का सराहनीय योगदान रहा।

  • प्रदेश में 15 जून से नए शिक्षा सत्र जारी, निरिक्षण के बाद देंगे रिपोर्ट, नहीं मिले मास्टर साहब तो होगी कार्रवाई

    छत्तीसगढ़ में स्कूलों का नया शिक्षा सत्र new academic session 15 जून से शुरू हो रहा है। स्कूल खुलते ही शिक्षकों-विद्यार्थियों के साथ इस बार अफसर भी वहां पहुंचेंगे। वे स्कूल की व्यवस्था, शिक्षकों, बच्चों की उपस्थिति और सरकार की योजनाओं का निरीक्षण करने वाले हैं। इस दौरान वहां मास्टर साहब नहीं मिले तो कार्यवाही भी होगी। निरीक्षण के बाद अफसरों को हर स्कूल के बारे में एक रिपोर्ट पेश करना है। यह रिपोर्ट जिला शिक्षा अधिकारी, संयुक्त संचालक से होते हुए विभागीय सचिव तक जाएगी।

    स्कूल शिक्षा सचिव डॉ. एस. भारतीदासन ने नए शैक्षणिक सत्र में शिक्षकों और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए है। उन्होंने नए शैक्षणिक सत्र में विभाग में संचालित विभिन्न योजनाओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों को 15 जून से 15 जुलाई 2022 तक शैक्षणिक संस्थाओं के आकस्मिक निरीक्षण और मॉनिटरिंग करने का निर्देश हुआ है।

    स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्देशित किया गया है कि सभी निरीक्षणकर्ता अधिकारी 15 जून से 15 जुलाई (निरंतर एक माह तक) आकस्मिक निरीक्षण के दौरान शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की शत-प्रतिशत उपस्थिति का परीक्षण करेंगे। अनुपस्थित पाये जाने वाले शिक्षकों के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही करेंगे।

    निरीक्षण के दौरान विभिन्न विभागीय योजनाओं जैसे स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिन्दी माध्यम स्कूल, निशुल्क पाठ्यपुस्तक वितरण, निशुल्क गणवेश वितरण, निशुल्क साइकल वितरण, मध्याह्न भोजन, आरटीई के तहत प्रवेश, छात्रवृति, महतारी दुलार योजना, स्कूल भवन की स्थिति, शौचालय, बालवाड़ी केन्द्रों का संचालन आदि के क्रियान्वयन का परीक्षण करेंगे।

    इन योजनाओं पर भी देना है ध्यान

    अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है, इस दौरान माटी पूजन महाअभियान के अंतर्गत शाला परिसर में साग-भाजी के उत्पादन, आदर्श शौचालय पर ध्यान देना है। गौठानों व महिला स्व-सहायता समूहों की ओर मध्याह्न भोजन की सामग्री की आपूर्ति के लिए स्कूलों के लिंकेज आदि योजनाओं का निरीक्षण और मूल्यांकन जरूर करना है।

    किन-किन अफसरों को जाना है स्कूल

    • स्कूल शिक्षा विभाग के सभी संभागीय संयुक्त संचालक, अधीनस्थ उप संचालक, सहायक संचालक अपने कार्यक्षेत्र के जिलों में न्यूनतम 10-10 स्कूलों (हायर सेकेंडरी, हाई स्कूल, मिडिल और प्राइमरी) का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।
    • सभी जिला शिक्षा अधिकारी और अधीनस्थ सहायक संचालक, समग्र शिक्षा के जिला परियोजना समन्वयक, प्राचार्य डाइट न्यूनतम 10-10 स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।
    • – सभी विकास खंड शिक्षा अधिकारी, विकास खंड स्रोत समन्वयक, सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी भी अपने कार्यक्षेत्र अंतर्गत न्यूनतम 10-10 स्कूलों (मिडिल और प्राइमरी स्कूल) का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।
    • हायर सेकेंडरी स्कूल के सभी प्राचार्य, संकुल समन्वयक अपने-अपने संकुलों में न्यूनतम 5-5 मिडिल और प्राइमरी स्कूलों का आकस्मिक निरीक्षण करेंगे।

    समस्याओं को दूर कराने को भी कहा गया

    स्कूल शिक्षा सचिव की ओर से जारी निर्देशों में स्कूलों की समस्या दूर कराने को भी कहा गया है। कहा गया है कि सभी निरीक्षणकर्ता अधिकारी निरीक्षण के दौरान पाई जानी वाली समस्याओं के निराकरण के लिए संचालक लोक शिक्षण संचालनालय, प्रबंध संचालक समग्र शिक्षा अभियान, संचालक एससीईआरटी, प्रबंध संचालक हाथकरघा संघ, संभागीय संयुक्त संचालक, जिला शिक्षा अधिकारी तथा विकासखंड शिक्षा अधिकारी आदि से समन्वय कर विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन सुनिश्चित कराएंगे।

    30 जुलाई तक पहुंचनी है रिपोर्ट

    सभी जिला शिक्षा अधिकारी अपने अधीन मैदानी अधिकारियों से निरीक्षण पूरा होने के बाद एक समीक्षा करेंगे। उसकी एक संक्षिप्त रिपोर्ट अपने स्पष्ट अभिमत के साथ 25 जुलाई तक संभागीय संयुक्त संचालक को देंगे। इस रिपोर्ट के संभागीय संयुक्त संचालक इसकी समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट संचालक लोक शिक्षण को 30 जुलाई तक भेजेंगे।

  • BSP के मृतक श्रमिक के परिजन को मिलेगी नौकरी
    भिलाई। भिलाई इस्पात संयंत्र के ब्लास्ट फर्नेस सात में बुधवार को हुए हादसे में मृत ठेका श्रमिक राहुल उपाध्याय के परिजन गुरुवार की सुबह से ही सेक्टर 9 अस्पताल के शव घर के बाहर जुट गए थे। उनकी मांग थी कि जब तक संयंत्र प्रबंधन आश्रित परिवार के एक सदस्य को नौकरी का पत्र नहीं देगा तब तक वे दिवंगत के शव को सुपुर्द नहीं लेंगे। इस दौरान विभिन्न यूनियन के पदाधिकारी यह मांग भी कर रहे थे कि ठेकेदार द्वारा आश्रित परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाए। इस घटना में बीएसपी ने मैकेनिकल के डीजीएम केएसएनआर रमेश को सस्पेंड कर दिया है। घटना की जानकारी लगने के बाद अस्पताल परिसर में भिलाई इस्पात संयंत्र के अधिकारी एवं पुलिस भी पहुंच गई थी। मौके पर पीड़ित परिवार एवं संयंत्र के अफसरों की बातचीत हुई। इसके बाद दिवंगत श्रमिक की पत्नी रमा उपाध्याय के नाम संयंत्र प्रबंधन ने अनुकंपा नियुक्ति का आश्वासन पत्र दिया। इसमें स्पष्ट किया गया है कि संयंत्र प्रबंधन मामले की जांच के बाद नियमानुसार आश्रित परिवार के एक सदस्य को संयंत्र में नियुक्ति देगा। नियुक्ति पत्र मिलने के बाद ठेका एजेंसी अमन कंस्ट्रक्शन के संचालक से दस लाख रुपए पीड़ित परिवार को बतौर आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग को लेकर चर्चा जारी थी।
  • स्वामी आत्मानंद स्कूल में प्रवेश को बनाएं पारदर्शी, गरीब के बच्चो को मिले अवसर, माकपा ने जिलाधीश के नाम सौंपा ज्ञापन
    रायपुर. मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने राज्य सरकार द्वारा अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के रूप में अद्यतन किए गए सरकारी स्कूलों में प्रवेश की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की मांग करते हुए गरीबों के बच्चों को यहां प्राथमिकता एवं अवसर देने की मांग की । पार्टी ने साथ ही उसमे शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी पारदर्शी बनाने की मांग की । माकपा के एक प्रतिनिधिमंडल कामरेड धर्मराज महापात्र, प्रदीप गभने, के के साहू, साजिद रजा, मोहम्मद शकील ने जिलाधीश महोदय की अनुपस्थिति में अतिरिक्त जिलाधीश श्री एन आर साहू को एक ज्ञापन सौंपकर उक्त मांग की । माकपा ने अपने ज्ञापन में कहा कि रायपुर नगर निगम के 3 स्कूलों को राज्य सरकार द्वारा अद्यतन कर उसे अंग्रेजी माध्यम के स्कूल के रूप में संचालित करने का निर्णय लिया गया है , इसका उद्देश्य यही है कि गरीब एवं निम्न मध्यम वर्ग के बच्चो को भी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल जैसी शिक्षा प्राप्त हो सके । किंतु इन स्कूलों में प्रवेश को लेकर अब तक नियमो को लेकर किसी को भी कोई जानकारी नहीं है और न ही उसमे प्रवेश को लेकर कोई प्रक्रिया ही सार्वजनिक की गई है जिससे आम लोगों में ऐसी आशंका झलक रही है कि अंततः इसमें जो लोग संपन्न परिवारों के बच्चे हैं उन्हें ही लाभन्वित किया जाएगा । अतः हम आपसे आग्रह करते हैं कि इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप कर प्रवेश की पारदर्शी व्यवस्था एवं गरीब बच्चों के अधिकार के संरक्षण के लिए कदम उठाए। शिक्षा के अधिकार कानून के तहत भी निजी स्कूलों में गरीबी रेखा के सीमा के।नीचे के परिवार के बच्चों के लिए 25% प्रवेश आरक्षित किया गया है किंतु अनेक स्थानों पर इसका पालन नहीं किया जाता । विगत दो साल करोना की अवधि में उसकी कोई निगरानी या परीक्षण भी नही किया जा सका है । अतः हम आपसे आग्रह करते हैं कि निजी स्कूलों में इस अधिनियम के पालन सुनिश्चित करने और बी पी एल श्रेणी के बच्चो के प्रवेश की वर्तमान स्थिति का परीक्षण कर पाते बच्चो के प्रवेश के लिए कदम उठाए जाएं । जैसा आपको विदित है रायपुर में नगर निगम द्वारा संपति कर के साथ ही आम नागरिकों से शिक्षा उपकर के रूप में भी विगत वर्षो में 17 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूली गई है बावजूद इसके नगर निगम द्वारा संचालित 13 स्कूलों में से मात्र 3 स्कूलों का ही अद्यतन किया गया है और अन्य स्कूल बुनियादी आवश्यक ढांचे और शिक्षक की कमी से जूझ रहे है । अतः आपसे आग्रह है कि इसके सुधार हेतु कदम उठाए जाएं । 4.आप अवगत होंगे कि नगर निगम के अद्यतन अंग्रेजी स्कूल में रिक्ति की भर्ती हेतु इंटरव्यू के समय भारी अव्यवस्था रही है अतः इस पूरी प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए उचित कार्यवाही की जाय । माकपा ने जिला प्रशासन से इस पर तत्काल कदम उठाने की मांग की । प्रदीप गभने जिला सचिव