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  •  जशपुरिया स्ट्राबेरी से महकेगा छत्तीसगढ़

    छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में स्ट्राबेरी की खेती लोकप्रिय होे रही है। अपने लजीज स्वाद और मेडिसिनल वेल्यू के कारण यह बड़े स्वाद के खाया जाता है। राज्य के जशपुर, अंबिकापुर, बलरामपुर क्षेत्र में कई किसान इसकी खेती कर रहे हैं। स्ट्राबेरी की मांग के कारण यह स्थानीय स्तर पर ही इसकी खपत हो रही है। इसकी खेती से मिलने वाले लाभ के कारण लगातार किसान आकर्षित हो रहे हैं। एक एकड़ खेत में इसकी खेती 4 से 5 लाख की आमदनी ली जा सकती है। जशपुर जिले में 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की खेती की है। जशपुर में विंटर डान प्रजाति की स्ट्राबेरी के पौधे लगाए गए हैं। इन किसानों को उद्यानिकी विभाग की योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत तकनीकी मार्गदर्शन और अन्य सहायता मिल रही है। किसानों का कहना है कि छत्तीसगढ़ में होने वाली स्ट्राबेरी की गुणवत्ता अच्छी है और साथ ही स्थानीय स्तर पर उत्पादन होने के कारण व्यापारियों को ताजे फल मिल रहे हैं। जिसके कारण उन्हें अच्छा प्रतिसाद मिल रहा है।

    स्ट्राबेरी की खेती धान के मुकाबले कई गुना फायदे का सौदा है। जहां धान की खेती के लिए मिट्टी का उपजाऊपन के साथ साथ ज्यादा पानी और तापमान की जरूरत होती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए सामान्य भूमि और सामान्य सिंचाइ में भी यह बोई जा सकती है। धान की खेती में जहां देख-रेख की ज्यादा जरूरत पड़ती है वहीं स्ट्राबेरी के लिए देख-रेख की कम जरूरत पड़ी है, सिर्फ इसके लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां धान से एक एकड़ में करीब 50 हजार की आमदनी ली जा सकती है वहीं स्ट्राबेरी की खेती में 3 से 4 लाख की आमदनी हो सकती है। इस प्रकार धान से 8-9 गुना आमदनी मिलती है। स्ट्राबेरी की खेती छत्तीसगढ़ के ठंडे क्षेत्रों में ली जा सकती है। इसके लिए राज्य के अंबिकापुर, कोरिया, बलरामपुर, सूरजपुर जशपुर का क्षेत्र उपयुक्त है।

    ठंडे क्षेत्र खेती के लिए उपयुक्त
    जशपुर में जलवायु की अनूकूलता को देखते हुए 25 किसानों ने 6 एकड़ में स्ट्राबेरी की फसल ली गई है। इन किसानांे ने अक्टूबर में स्ट्राबेरी के पौधे रोपे और दिंसबर में पौधे से फल आना शुरू हो गए। फल आते ही किसानों ने हरितक्राति आदिवासी सहकारी समिति के माध्यम से या स्वयं अच्छी पैकेजिंग की। पैकेजिंग के साथ कुछ समय में प्रतिसाद मिलना शुरू हो गए। जशपुर में 25 किसानों ने दो-दो हजार पौधे लगाए हैं। इससे हर किसान को अब तक करीब 40 से 70 हजार रूपए की आमदनी हो चुकी है। किसानों ने बताया कि स्ट्राबेरी के पौधों पर मार्च तक फल आएंगे, इससे करीब एक किसान को एक से डेढ़ लाख रूपए की आमदनी संभावित है। वहीं एक किसान से करीब 3000 किलो स्ट्राबेरी फल होने और सभी किसानों से कुल 75000 किलोग्राम स्ट्राबेरी के उत्पादन होने की संभावना है।सौंदर्य प्रसाधन और दवाईयों में उपयोग
    स्ट्राबेरी का उपयोग कई प्रकार के खाद्य पदार्थों में किया जाता है। आइस्क्रीम, जेम जेली, स्क्वैश आदि में स्ट्राबेरी फ्लेवर लोकप्रिय है। इसके अलावा इसका उपयोग पेस्ट्री, टोस्ट सहित बैकरी के विभिन्न उत्पादनों में किया जाता है। स्ट्राबेरी में एण्टी आक्सीडेंट होने के कारण इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के सौंदर्य प्रसाधनों लिपिस्टिक फेसक्रीम के अलावा बच्चों की दवाईयों में फ्लेवर के लिए किया जाता है।
    ग्रामीण अर्थव्यवस्था की मजबूती का असर: रविन्द्र चौबे कृषि मंत्री  
    छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल का असर अब खेती किसानी में दिखने लगा है। खेती किसानी में मिल रहे इनपुट सब्सिडी का उपयोग किसान अन्य फसलों के लिए कर रहे हैं। किसान अब परम्परागत धान की खेती की जगह बागवानी फसलों की ओर आकर्षित हो रहे हैं। किसानों के इस नवाचारी पहल की लिए बधाई और शुभकामनाएं।

  • कोरिया: प्रोजेक्ट उन्नति से प्रशिक्षण के बाद पशुपालन कर लाभांवित हो रहा है छत्रपाल का परिवार

    कोरिया जिले के जनपद पंचायत सोनहत अंतर्गत ग्राम पंचायत केशगंवा में रहने वाले एक वनाधिकार पत्रक धारी सामान्य किसान का जीवन अब सामान्य परिश्रम और बेहतर तकनीक से उन्नति की राह पर चल रहा है। पहले केवल अकुशल रोजगार पर आश्रित रहने वाले परिवार के पास स्वयं का ही पर्याप्त कार्य है और वह गौपालन के साथ सब्जी उत्पादन करके अपने परिवार के लिए आसानी से जीवन यापन की व्यवस्था कर पा रहे हैं। कोरिया जिले में महात्मा गांधी नरेगा के तहत पंजीकृत श्रमिक के रूप में दैनिक मजदूरी पर आश्रित श्री छत्रपाल स्वयं बतलाते हैं कि पहले वह केवल महात्मा गांधी नरेगा से मिलने वाले अकुशल श्रम पर ही आश्रित रहते थे।

    वह लगातार अकुशल श्रम करने के परिणामस्वरूप प्रोजेक्ट उन्नति के लिए चयनित हुए और उन्हे वर्ष 2021-22 में जनपद पंचायत स्तर पर एक प्रशिक्षण लेने का मौका मिला। इससे उन्हे पशुपालन करने के पारंपरिक तरीकों में सुधार करने की सीख मिली। उसके बाद श्री छत्रपाल ने अपने परिवार के साथ बकरी पालन और गौ पालन को व्यवसायिक तरीके से करना प्रारंभ कर दिया। अब उनके पास 10 दुधारू गाय और 21 से ज्यादा बकरे बकरियां हैं। इससे उन्हे प्रतिमाह 10 हजार रूपए से ज्यादा की औसत आमदनी प्राप्त होने लगी है। कुल आठवीं तक की शिक्षा प्राप्त छत्रपाल के परिवार में माता और पिता के साथ कुल आठ लोगों का परिवार है। इन्हे शासन की कई व्यक्तिगत हितकारी योजनाओं का लाभ भी मिल रहा है। इनके पूर्वज लंबे समय से वनक्षेत्र में काबिज थे जिससे इन्हे एक हेक्टेयर भूमि का वनाधिकार पत्रक प्राप्त हुआ है। इस भूमि का समतलीकरण महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से हो चुका है और वह इसमें दो फसल ले रहे हैं। ग्राम गोठान में इनकी पत्नी श्रीमती चमेली और माता श्री मती वर्मी कंपोस्ट उत्पादन से जुड़ी हुई हैं। गौपालन से होने वाले गोबर को यह गौठान में बेचते हैं जिससे इन्हे दोहरा लाभ हो रहा है। घर के समीप बाड़ी विकास का लाभ ले ते हुए इस परिवार ने सब्जी उत्पादन भी बेहतर तरीके से प्रारंभ कर दिया है पहले इन्हे पानी के लिए दिक्कत होती थी परंतु ग्राम पंचायत के प्रस्ताव के आधार पर इन्हे व्यक्तिगत तौर पर कूप निर्माण की स्वीकृति मिल गई जिससे इनके बाड़ी में सिंचाई की सुविधा बढ़ गई और अब सब्जी उत्पादन से ही यह परिवार प्रति माह 4 से 6 हजार रुपए का सब्जी उत्पादन करने लगा है। अब इस परिवार के लिए खेती बाड़ी और पशुपालन ही मुख्य व्यवसाय हो चुका है और पूरा परिवार खुशहाली की राह पर है।

  • रायपुर: प्रदेश की सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने केंद्र व राज्य सरकार करेंगे संयुक्त प्रयास

    मंत्री  अमरजीत भगत की उपस्थिति में छत्तीसगढ़ संस्कृति-पुरातत्व विभाग और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र के मध्य समझौता ज्ञापन पर हुआ हस्ताक्षर  

    रायपुर, 2 फरवरी 2023

    छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक धरोहरों को सहेजने, संरक्षण व संवर्धन के लिए संयुक्त रूप से केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर कार्य करेंगे। इसके लिए आज मंत्री श्री अमरजीत भगत की उपस्थिति में संचालनालय पुरातत्व, अभिलेखागार एवं संग्रहालय रायपुर तथा इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र नई दिल्ली के मध्य परस्पर समझौता ज्ञापन (एम.ओ.यू.) में हस्ताक्षर किया गया।
    इस समझौते में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र द्वारा स्थानीय छात्रों, पर्यटकों, शोधार्थियों एवं जनमानस को उनकी पुरा-संस्कृति के वास्तविक पक्षों से परिचित कराने हेतु विश्व व भारत की शैल कला के साथ छत्तीसगढ़ की शैल कला पर महन्त घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर में अलग से दीर्घा स्थापित की जाएगी। साथ ही दोनों संस्थाओं की विभिन्न अकादमिक कार्यक्रमों-परियोजनाओं जैसे शोध प्रशिक्षण, डिजिटल संसाधनों का संकलन, सर्वेक्षण, अभिलेखीकरण तथा राज्य संरक्षित शैलाश्रयों के संरक्षण-परिरक्षण जैसे कार्यों में सहायक होगी।
    संस्कृति मंत्री श्री भगत ने इस समझौते पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि “छत्तीसगढ़ की धरोहरों और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में यह समझौता ज्ञापन महत्वपूर्ण है। संस्कृति विभाग छत्तीसगढ़ की संस्कृति और पुरातात्विक महत्व की वस्तुओं को सहेजने के लिए प्रतिबद्ध है।” संस्कृति विभाग द्वारा इस दौरान केन्द्रीय प्रतिनिधियों को छत्तीसगढ़ की राजकीय गमछे से स्वागत किया गया।
    इस मौके पर संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के संचालक  विवेक आचार्य, उप संचालक डॉ. पी. सी. पारख, उत्खनन सहायक  प्रवीण तिर्की, डॉ. राजीव मिंज और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केन्द्र ( आई.जी.एन.सी.ए.) नई दिल्ली से शैलकला विभाग के विभागाध्यक्ष  डॉ. रमाकर पंत, सहायक प्राध्यापक  डॉ. दिलीप सन्त, परियोजना सहायक  जाकिर खान व परियोजना सहयोगी श्री प्रवीण सी.के. उपस्थित थे

  • CG Crime News : अंधे कत्ल की गुत्थी सुलझी, पुरानी रंजिश के चलते युवक की बेरहमी से हत्या, पुलिस ने 3 आरोपियों को किया गिरफ्तार

    जांजगीर।बिरकोनी गांव में हुए अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। हत्या के 3 आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।

    दरअसल, 23 जनवरी को बिरकोनी गांव के खेत में युवक की जली हुई लाश मिली थी। बाद में शव की पहचान प्रदीप चौबे के रूप में हुई थी।शव की पहचान प्रदीप चौबे के रूप में हुई थी। पुलिस ने शव को बिलासपुर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था, वहीं पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि हुई।

    पुरानी रंजिश पर की हत्या, तीनों आरोपियों ने कबूला जुर्म

    पुलिस ने जांच शुरू की ते पता चला कि 22 जनवरी को आरोपियों ने प्रदीप चौबे को पुराने मामले में राजीनामी नहीं करने पर धमकी दी थी। इस दौरान पुरानी रंजिश पर आरोपी शशिकांत शर्मा, सनत शर्मा और संजय श्रीवास ने हत्या की नीयत से डंडे से पिटाई की और बेहोशी की हालत में पेट्रोल डालकर आग लगा दी थी। मामले में पीएम रिपोर्ट से हत्या का खुलासा होने के बाद नैला उपथाना की पुलिस ने हत्या का जुर्म दर्ज किया और तीनों आरोपियों शशिकांत शर्मा, सनत शर्मा, संजय श्रीवास को गिरफ्तार किया है।

  • Petrol Diesel Price Today : पेट्रोल और डीजल हुआ सस्ता? चेक करें आपके शहर में कितना है रेट

    ग्‍लोबल मार्केट में कच्‍चे तेल की कीमतों में लगातार आ रही गिरावट का असर पेट्रोल-डीजल की खुदरा कीमतों पर भी दिख रहा है।सरकारी तेल कंपनियों( company)की ओर से गुरुवार सुबह जारी पेट्रोल-डीजल की कीमतों( price) में भी बदलाव दिख रहा है।

    नोएडा-ग्रेटर नोएडा में आज सुबह पेट्रोल ( petrol)के दाम 7 पैसे बढ़कर 96.65 रुपये लीटर हो गए, जबकि डीजल 7 पैसे महंगा होकर 89.82 रुपये लीटर बिक रहा है. यूपी की राजधानी लखनऊ में पेट्रोल 13 पैसे सस्‍ता हुआ और 96.44 रुपये लीटर हो गया, जबकि डीजल 12 पैसे सस्‍ता होकर 89.64 रुपये लीटर पहुंच गया है। ब्रेंट क्रूड की बात करें तो पिछले 24 घंटे में यह गिरकर 83.34 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।

    पेट्रोल ( petrol)और डीजल( diesel) की कीमतों( price) में बदलाव

    हर दिन सुबह 6 बजे पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. सुबह 6 बजे से ही नए रेट लागू हो जाते हैं। पेट्रोल व डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन, वैट और अन्य चीजें जोड़ने के बाद इसका दाम मूल भाव से लगभग दोगुना हो जाता है।

    इन शहरों में बदल गए रेट( rate) 

    – नोएडा में पेट्रोल 96.65 रुपये और डीजल 89.82 रुपये प्रति लीटर हो गया है.– लखनऊ में पेट्रोल( petrol) 96.44 रुपये और डीजल 89.64 रुपये प्रति लीटर हो गया है। मुंबई में पेट्रोल 106.31 रुपये और डीजल 94.27 रुपये प्रति लीटर– चेन्नई में पेट्रोल 102.63 रुपये और डीजल 94.24 रुपये प्रति लीटर– कोलकाता में पेट्रोल 106.03 रुपये और डीजल 92.76 रुपये प्रति लीटर।

     

  • जांजगीर-चांपा : महोत्सव से होता है आपसी मेल-जोल और उत्साह का माहौल - प्रभारी मंत्री  जयसिंह अग्रवाल

    राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने किया जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला का शुभारंभ
    एग्रीटेक कृषि मेला से होगा किसानो को लाभ - प्रभारी मंत्री
    विष्णु मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन कर विभिन्न विभागों के स्टाल का किया निरीक्षण

    जिले में आयोजित जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला का शुभारंभ राजस्व एवं आपदा प्रबंधन पुनर्वास, पंजीयन एवं स्टाम्प तथा जिले के प्रभारी मंत्री  जय सिंह अग्रवाल के मुख्य आतिथ्य एवं नेता प्रतिपक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा  नारायण प्रसाद चंदेल की अध्यक्षता में हुआ। शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि जाज्वल्यदेव लोक महोत्सव एवं एग्रीटेक कृषि मेला जांजगीर-चांपा जिले का प्रतिष्ठा पूर्ण आयोजन है। वर्ष 2000 एवं 2001 में एग्रीटेक कृषि मेला के रूप में शुरूआत होने के पश्चात इसे लोक महोत्सव को जोड़कर एक नया आयाम दिया गया। विगत दो वर्ष कोरोना की वजह से कार्यक्रम स्थगित रहा। जिला प्रशासन स्थानीय नागरिकों, जन प्रतिनिधियों के सहयोग से यह कार्यक्रम पुनः प्रारंभ हो रहा है। जो कि प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि महोत्सव को आपसी मेल-जोल और उत्साह का वातावरण विकसित होता है। हमारी संस्कृति में गांव-गंवई का मेला-मड़ई समाहित होने के साथ कृषि तथा श्रम की महत्ता प्रदर्शित होती है।

     राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने आगे कहा कि मेले में लघुधान्य फसलों का उत्पादन संवर्धन और इसे अधिक से अधिक खान पान में शामिल करने मिलेट्स थीम का चयन किसानों के लिए लाभदायक साबित होगा। एग्रीटेक कृषि मेले के माध्यम से किसान भाई नए कृषि यंत्र की नवीन तकनीक और कृषि संगोष्ठी के माध्यम से खेती के नए तौर तरीको को जान पाएंगे। उन्होंने महोत्सव तथा मेले के सफल आयोजन के लिए आयोजकों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इससे पूर्व प्रभारी मंत्री श्री अग्रवाल ने कार्यक्रम स्थल तथा जांजगीर के ऐतिहासिक प्राचीन विष्णु मंदिर में दीप प्रज्ज्वलन किया। इसके साथ ही अतिथियों ने महोत्सव स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये स्टॉलों का निरीक्षण किया।
    बिना भेदभाव के सभी वर्गा के लिए कार्य कर रही है राज्य सरकार
          शुभारंभ अवसर पर राजस्व मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ की सरकार बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गा के लिए कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की सरकार द्वारा अनेक जनकल्याकारी योजनाएं संचालित की जा रही है। जांजगीर-चांपा जिला कृषि प्रधान जिला है। कोरबा में बांगो डेम बनने के पश्चात स्वर्गीय  बिसाहूदास महंत,  श्यामाचरण शुक्ला सहित अन्य विभूतियों के सहयोग से कोरबा में उद्योग की स्थापना तथा जांजगीर-चांपा जिले को सिंचाई की सुविधा मिल पायी। मंत्री श्री अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा विगत चार वर्षां में जो भी घोषणा की गई है, उसे अमलीजामा पहनाया गया है। कोरबा सहित अन्य जिले में मेडिकल कॉलेज प्रारंभ करने के साथ ही चंदूलाल चंद्राकर के नाम पर मेडिकल कालेज अधिग्रहित कर संचालित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में जांजगीर के लिए की गई घोषणा शीघ्र पूरी होगी। मंत्री श्री अग्रवाल ने नवपदस्थ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी की प्रशंसा करते हुए उन्हें जागरुक और कड़ी मेहनत के लिए तत्पर बताया और कहा कि वे जिले के जनप्रतिनिधियों के साथ मिलकर जांजगीर-चांपा जिले के विकास की दिशा में कार्य करेंगी।
         कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए नेताप्रतिक्ष छत्तीसगढ़ विधानसभा ने कहा कि जांजगीर जाज्वल्यदेव की पावन भूमि है। यहां बहुत ही प्राचीनकाल से मेला लगाया जाता है। यहां के कृषि मेले की अलग पहचान है। कृषि मेले में किसानों को फसल उत्पादन बढ़ाने नवीन तकनीकों की जानकारी दी जानी चाहिए। किसानों की जो भी समस्याएं है उसका भी निराकरण की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। उन्होंने कृषि आधारित फूड प्रोसेसिंग उद्योग स्थापित करने की बात कहते हुए कहा कि जिले में डेयरी उद्योग की भी अपार संभावनाए हैं।
          महोत्सव में विधायक अकलतरा  सौरभ सिंह ने कहा कि जिले में किसानों के आय बढ़ाने की दिशा में कार्य किया जाना चाहिए। उन्होंने फसल खरीदी पर योजना बनाने, दुग्ध उत्पादन, मत्स्य पालन, पशुपालन, कुक्कुट पालन को और भी बढ़ावा देने की बात कही।
          कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष  रामकुमार पटेल ने कहा कि इस महोत्सव स्थल में विभिन्न विभागों द्वारा शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का स्टॉल लगाकर जानकारियां दी जा रही है। जिसका सभी आमजन लाभ ले सकते हैं। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती यनिता यशवंत चन्द्रा, नगर पालिका जांजगीर-नैला के अध्यक्ष श्री भगवानदास गढेवाल ने भी संबोधित किया।
           नवपदस्थ कलेक्टर सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि महोत्सव का आयोजन नवाचार पर केन्द्रित मिलेट थीम पर आधारित है। इस अवसर पर उन्होंने आगे कहा कि जाज्वल्यदेव महोत्सव के साथ ही कृषि उपज मंडी प्रागंण जांजगीर में किसानों को खेती के नए तकनीक व तौर-तरीकों से जोड़ने के लिए किसान सम्मेलन का आयोजन भी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि लोक कला के संरक्षण संवर्धन और उसकी गतिशीलता को बनाये रखने में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का विशेष महत्व है। कलेक्टर ने जिलेवासियों से इस तीन दिवसीय महोत्सव का पूरा लाभ उठाते हुए नई तकनीक व तौर तरीकों से लाभान्वित होने का आग्रह किया।
          कार्यक्रम का शुभारंभ मंच पर दीप प्रज्ज्वलन कर एवं राजगीत गायन कर किया गया। शुभारंभ अवसर पर नगर पालिका परिषद चांपा के अध्यक्ष  जय थवाईत, जिला पंचायत उपाध्यक्ष  राघवेन्द्र प्रताप सिंह, सदस्य भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल छ.ग श्रीमती मंजू सिंह, सदस्य माटीकला बोर्ड छ.ग. सुश्री पुनिता प्रजापति, सदस्य अनुसूचित जाति आयोग छ.ग.  रमेश पैगवार, सदस्य अनुसूचित जाति आयोग छ.ग श्री श्रीराम पप्पू बघेल, सदस्य, खाद्य आयोग छ.ग. श्रीमती ज्योति किशन कश्यप, उपाध्यक्ष, लौह शिल्प विकास बोर्ड छ.ग  विष्णु विश्वकर्मा, सदस्य, जीव जन्तु कल्याण बोर्ड छ.ग.  नारायण खण्डेलिया, अध्यक्ष, कृषि उपज मण्डी नैला-जांजगीर  व्यास कश्यप, सदस्य, उर्दू अकादमी छ.ग,  गुलाबुद्दीन खान, सदस्य, श्रम कल्याण बोर्ड छ.ग. हरप्रसाद साहू,  राघवेन्द्र कुमार सिंह, दिनेश शर्मा, रवि पांडेय, रविशेखर भारद्वाज, देवेश सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान, गणमान्य नागरिक एवं आमजन भी उपस्थित थे।

  • पुलिस महानिरीक्षक बद्री नारायण मीणा द्वारा रेंज के जिलों में M-Passport प्रारंभ किये जाने के संबंध में ली गई समीक्षा बैठक
    L M-Passport की सुविधा अब तक रेंज के तीन जिलों के 09 थानों में संचालित थी जिसे रेंज के सभी थानों में क्रियान्वयन किया जावेगा। माह फरवरी, 2023 से जिला बिलासपुर के सभी थानें में M-Passport की सुविधा होगी उपलब्ध मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुरl बिलासपुर- छ0ग0 शासन द्वारा राज्य में पासपोर्ट बनवाने की प्रक्रिया में पुलिस सत्यापन के कार्य को सरलीकृत किये जाने, गति प्रदान कर आम नागरिकों को सुविधा प्रदान करने के लिए रेंज के जिला बिलासपुर, कोरबा व रायगढ़ के 09 थानों में M-Passport की सुविधा टेस्ट रन के रूप में प्रारंभ की गई है, जिसके सफल क्रियान्वयन के उपरांत रेंज के अन्य थानों में भी M-Passport की सुविधा आगामी दिनों में प्रारंभ की जानी है । प्रथम चरण में माह फरवरी 2023 से जिला बिलासपुर के सभी थानों को M-Passport की सुविधा प्रारंभ की जायेगी, जिसके लिए आवश्यक प्रक्रिया पूर्ण कर ली गई है, जिले में इसके सफलतापूर्वक संचालन किये जाने हेतु रेंज पु.म.नि. कार्यालय बिलासपुर में थानों के संबंधित कर्मचारियों का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया । इस दौरान रेंज के जिलों के सभी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एवं जिला विशेष शाखा के प्रभारी/कर्मचारी वर्चुअली सम्मिलित हुए । उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यशाला को पुलिस महानिरीक्षक, बद्री नारायण मीणा द्वारा भी सम्बोधित कर मार्गदर्शन दिया गया। मीणा द्वारा पासपोर्ट सत्यापन की ऑनलाईन/ऑफलाईन प्रक्रिया को 15 दिवस में आवश्यक रूप से पूर्ण करने कहा गया, उन्होंने बताया कि समयावधि में पासपोर्ट वेरिफिकेशन का कार्य पूर्ण करने पर विभाग को जहां लाभ मिलता है वही आम नागरिकों को भी सुविधा प्राप्त होती है। मीणा द्वारा जिलों के थाना प्रभारियों को पुलिस वेरिफिकेशन का कार्य अच्छी तरीके से संपादित करने हेतु निर्देश दिये गये । उपरोक्त प्रशिक्षण कार्यशाला में बिलासपुर जिले के प्रशिक्षणार्थियों के साथ जिला सक्ती से गायत्री सिंह, जिला कोरबा से अभिषेक वर्मा, जिला जांजगीर-चांपा से अनिल सोनी, जिला मुंगेली से प्रतिभा तिवारी, जिला बिलासपुर से राहुल देव शर्मा, जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ से महेश्वर नाग, जिला रायगढ़ से संजय महादेवा, जिला गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से आई तिर्की रेंज के जिलों के जिला विशेष शाखा के प्रभारी व कर्मचारियों तथा रेंज कार्यालय में पदस्थ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपमाला कश्यप एवं उप पुलिस अधीक्षक माया असवाल उपस्थित रहीं।
  • ट्रेन में यात्रियों का मोबाइल चोरी करने वाला शातिर चोर पकड़ाया, पास से दस मोबाइल बरामद
    मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर ट्रेन में मोबाइल चोरी करने वाला शातिर चोर तोरवा पुलिस के हत्थे चढ़ा है, जिसके पास से अलग-अलग कंपनियों के 10 मोबाइल जप्त किए गए हैं । पुलिस को अपने मुखबिर तंत्र से सूचना मिली थी कि रेलवे स्टेशन मुल्क राज होटल के पास एक व्यक्ति काला जींस और काला शर्ट पहने हुए हैं, जिसके पास मौजूद नीले रंग के पिट्ठू बैग में चोरी के कई मोबाइल है, जिसे वह बेचने के लिए ग्राहक ढूंढ रहा है। तोरवा पुलिस ने तुरंत एक टीम बनाकर मौके पर रवाना किया, जिसने बताए गए हुलिए के आधार पर संदेही को मुल्क राज होटल के पास घेराबंदी कर पकड़ा। पूछताछ में उसने अपना नाम एनटीपीसी जमनीपाली इंदिरानगर थाना दरी कोरबा निवासी दीपक उर्फ अंकित साहू बताया। जांच में उसके बैग से 9 टच स्क्रीन मोबाइल और एक कीपैड मोबाइल मिला, जिनकी कीमत करीब 79,000 रु है। पूछताछ में पता चला कि युवक ट्रेन में मौका मिलते ही यात्रियों का मोबाइल गायब कर देता था। संपूर्ण कार्यवाही में निरीक्षक उत्तम साहू रेलवे सुरक्षा बल के निरीक्षक भास्कर सोनी का विशेष योगदान रहा।
  • रायपुर : छत्तीसगढ़ के स्वामी आत्मानंद स्कूलों के मुरीद हुए प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी

    यूपीएससी की परीक्षा पास कर भारतीय प्रशासनिक सेवा के नवनियुक्त प्रशिक्षु अधिकारी छत्तीसगढ़ सरकार की स्वामी आत्मानंद इंग्लिश-हिन्दी मीडियम उत्कृष्ट विद्यालयों की योजना के मुरीद हो गये। सभी अधिकारियों ने इस योजना को गरीब-मध्यम वर्गीय परिवारों के बच्चों को हिन्दी-अंग्रेजी माध्यम की गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए आदर्श योजना बताया और मुख्यमंत्री श्री बघेल की दूरदर्शिता और योजना के लिए तारीफ भी की। 2022 बैच के 15 प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी इस समय छत्तीसगढ़ के शैक्षणिक प्रवास पर है। अधिकारियों के प्रशिक्षण के दौरान शैक्षणिक भ्रमण भारत दर्शन के तहत उन्हें छत्तीसगढ़ भेजा गया है। इस दौरान अधिकारियों ने आज कलेक्टर डॉ सर्वेश्वर भुरे से मार्गदर्शन लिया और राज्य सरकार की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं तथा उनके क्रियान्वयन के संबंध में जानकारी ली। प्रशिक्षु अधिकारियों ने जनसामान्य तक योजनाओं के इम्पैक्ट के बारे में भी कलेक्टर से मार्गदर्शन लिया। डाॅ. भुरे ने सभी प्रशिक्षु अधिकारियों का स्वागत किया और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के बारे में बताया।

    प्रशिक्षु अधिकारियों का यह दल 30 जनवरी से 1 फरवरी तक छत्तीसगढ़ में रहेगा। इस दौरान अभी तक प्रशिक्षु अधिकारियों ने राज्य में संचालित स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों के संचालन, मोबाइल मेडिकल यूनिट योजना, धन्वतंरी जेनेरिक दवा स्टोर्स के साथ-साथ स्मार्ट सिटी के तहत विकसित मेरीन ड्राइव का अवलोकन किया और इन योजनाओं से जनसामान्य को होने वाले फायदों तथा सहुलियतों का भी आकलन किया है। कलेक्टर डाॅ. भुरे ने प्रशिक्षु अधिकारियों से पिछले दो दिनों मंे देखे गये स्थानों और योजनाओं के बारे में भी पूछा और शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक भी लिया। यह प्रशिक्षु अधिकारी छत्तीसगढ़ से पहले सिक्किम, केरल, लक्षद्वीप, गुजरात, झारखण्ड और पूर्वोत्तर राज्य नागालैण्ड का भी शैक्षणिक भ्रमण कर चुके है।

  • CG NEWS : इन राशनकार्डधारियों की बल्ले- बल्ले, इस महीने से मिलेगी फोर्टिफाइड चावल

    बिलासपुर : CG NEWS : भारत सरकार के निर्देशानुसार केन्द्रीय योजनाओं में माह अप्रैल 2023 से कार्ययोजना बनाकर जिले में राष्ट्रीय खाद्य अधिनियम अंतर्गत जारी अन्त्योदय एवं प्राथमिकता श्रेणी के राशनकार्डो पर फोर्टिफाईड चावल (fortified rice) का वितरण किया जायेगा।

    राज्य शासन के खाद्य नागरिक एवं आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण द्वारा जारी आदेशानुसार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत जारी अन्त्योदय, प्राथमिकता श्रेणी एकल निराश्रित, निःशक्तजन राशनकार्डो में एपीएल राशन कार्ड को छोड़कर अप्रैल 2023 से फोर्टिफाईड चावल वितरण प्रारंभ किया जाएगा।

    कलेक्टर  सौरभ कुमार ने जिले में संचालित सभी उचित मूल्य की दुकानों में अप्रैल 2023 से फोर्टिफाईड चावल वितरण की जाने एवं आवश्यक तैयारी करने कहा है इसके साथ ही विभिन्न माध्यमों से इसका व्यापक प्रचार-प्रसार करने को भी कहा है। फोर्टिफाईड चावल में आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 जैसे पोषक तत्व होते है, जो एनिमिया और कुपोषण जैसे बीमारियों से निपटने में कारगर होता है।

  • *छत्तीसगढ़ में 107.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड*
    *छत्तीसगढ़ में 107.52 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी का नया रिकॉर्ड* *23 लाख 42 हजार किसानों से धान खरीदने वाला देश का पहला राज्य* *देश में सर्वाधिक धान खरीदने वाले राज्यों में छत्तीसगढ़ का दूसरा स्थान* *किसानों से धान खरीदने के एवज में 22 हजार 37 करोड़ 47 लाख रूपए का भुगतान* *मिलर्स द्वारा अब तक 90 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव* रायपुर, 31 जनवरी 2023/ छत्तीसगढ़ राज्य ने खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में धान खरीदी की अंतिम तिथि 31 जनवरी तक 107 लाख 51 हजार 858 मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीदी कर एक नया रिकॉर्ड कायम कर बीते साल 98 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया है। छत्तीसगढ़ देश में पंजाब के बाद दूसरा राज्य है, जहां सर्वाधिक मात्रा में धान खरीदा गया है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यदि देखा जाए, तो छत्तीसगढ़ पूरे देश में अव्वल स्थान पर है। राज्य में 23 लाख 41 हजार 935 किसानों ने अपना धान समर्थन मूल्य पर बेचा है। समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से यह आकड़ा इतना ज्यादा है कि देश के अन्य राज्य इसके आसपास भी नहीं है। गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य में बीते चार सालों में धान खरीदी की व्यवस्था को इतना सुदृढ़ और बेहतर किया गया है कि किसानों को धान बेचने और भुगतान प्राप्त करने में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता है। यही वजह है कि बीते चार सालों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वालों किसानों की संख्या और धान खरीदी की मात्रा में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है, जिसके चलते छत्तीसगढ़ सेंट्रल पूल में धान के योगदानकर्ता राज्य के रूप में दूसरे स्थान पर पहुंच गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते राज्य में कृषि और किसान दोनों समृद्ध हुए हैं। राज्य में धान खरीदी के आंकड़े में साल-दर-साल की रिकॉर्ड वृद्धि और राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत प्रति एकड़ के मान से उत्पादक कृषकों को दी जा रही 9 हजार रूपए की इनपुट सब्सिडी का ही परिणाम है कि राज्य की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था लगातार सुदृढ़ होते जा रही है। इस बात का अंदाजा सिर्फ इससे लगाया जा सकता है कि इस साल राज्य में 249 नई राईस मिले स्थापित हुई है, जिसके कारण राज्य में समर्थन मूल्य पर उपार्जित धान की कस्टम मिलिंग करने के लिए पंजीकृत मिलर्स की संख्या 2035 से बढ़कर अब 2284 हो गई है। बीते चार सालों में कृषि के क्षेत्र में समृद्धि और किसानों की खुशहाली का ही परिणाम है कि, राज्य में टैªक्टर खरीदने वाले ग्रामीणों और किसानों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। राज्य में चार सालों में किसानों ने 80 हजार से अधिक ट्रैक्टर की खरीदी की है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा राज्य में धान खरीदी के लिए खरीदी केन्द्रों की संख्या में वृद्धि के साथ ही पंजीकृत किसानों से धान खरीदी के लिए मैन्यूअल टोकन के साथ-साथ ऑनलाईन टोकन जारी करने की व्यवस्था ‘टोकन तुहंर हाथ‘ एप के माध्यम से किसानों को धान विक्रय के लिए बेहतर व्यवस्था कर दी है, जिसके चलते राज्य में धान खरीदी शुरूआती दिन 01 नवम्बर से लेकर आखिरी दिन 31 जनवरी तक धान खरीदी राज्य में निर्बाध रूप से जारी रही। राज्य में 24.98 लाख पंजीकृत किसानों और 32.19 लाख हेक्टेयर रकबा को देखते हुए इस साल 110 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान था। खाद्य सचिव श्री टी.के. वर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप राज्य में बीते वर्ष की तरह इस वर्ष भी धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए खरीदी केन्द्रों से मिलर्स द्वारा सीधे धान का उठाव की व्यवस्था सुनिश्चित की गई, जिसके चलते अब तक 90 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान का उठाव किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव की व्यवस्था के चलते इस साल बमुश्किल 3 लाख मेट्रिक टन धान ही संग्रहण केन्द्रों में ले जाना पड़ेगा, जबकि बीते साल लगभग 23 लाख मेट्रिक टन धान संग्रहण केन्द्रों ले जाने की जरूरत पड़ी थी। धान का उठाव की इस व्यवस्था के चलते लगभग 150-200 करोड़ रूपए की बचत होगी। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स को दी जानी वाली प्रोत्साहन राशि को प्रति क्विंटल के मान से 120 रूपए दिए जाने से भी कस्टम मिलिंग में तेजी आई है। इस साल 249 नये मिलर्स ने पंजीयन कराया है। इसका सीधा अर्थ यह है कि धान से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था और औद्योगीकरण को गति मिली है, इससे रोजगार के नये अवसर भी सृजित हुए हैं। राज्य सरकार की किसान हितैषी नीति और फैसलों के चलते धान का रकबा बढ़कर 32.19 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। पंजीकृत किसानों में 2.32 लाख नये किसान शामिल हैं।
  • *अनुशासित जीवन पद्धति से पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं युवा – सुश्री अनन्या बिड़ला*
    *अनुशासित जीवन पद्धति से पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं युवा – सुश्री अनन्या बिड़ला* *छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं की भूमिका विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में शामिल हुईं युवा उद्यमी, मशहूर गायिका और म्यूजिक कंपोजर सुश्री अनन्या बिड़ला* *कार्यक्रम में सुश्री अनन्या बिड़ला की प्रस्तुतियों पर झूमे युवा* रायपुर. 31 जनवरी 2023. युवा उद्यमी, मशहूर गायिका और म्यूजिक कंपोजर सुश्री अनन्या बिड़ला आज छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं की भूमिका’ विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में शामिल हुईं। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल द्वारा रायपुर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में यूनिसेफ, एनएसएस, अनन्या बिड़ला फाउंडेशन और संज्ञा पीआर के सहयोग से पैनल डिस्कशन तथा लाइव बैंड का आयोजन किया गया था। पैनल डिस्कशन में छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक अनिल साहू और पर्यावरणविद एम.एल. नायक, अजय मिश्रा, श्वेता पटनायक, मंजरी शर्मा और तनुजा वर्मा शामिल हुए। श्याम सुंदर पैनल डिस्कशन के मॉडरेटर थे। पैनल डिस्कशन के बाद सुश्री अनन्या बिड़ला ने लाइव बैंड पर अपनी प्रस्तुति भी दी जिसने कार्यक्रम में मौजूद युवाओं को झूमने पर मजबूर किया। पैनल डिस्कशन में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ युवाओं की भूमिका सुनिश्चित करने और राज्य में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने कई विशेषज्ञों एवं यूथ आइकॉन के रूप में मौजूद सुश्री अनन्या बिड़ला ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम में सभी पैनलिस्ट्स ने अनुशासित जीवन पद्धति से जलवायु परिवर्तन पर नियंत्रण पर जोर दिया। पैनलिस्ट्स ने अपने-अपने संस्थान द्वारा पर्यावरण की सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने युवाओं को ऊर्जा संरक्षण के लिए जागरूक होने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री गौरव द्विवेदी ने कार्यक्रम में अपने स्वागत उद्बोधन में कहा कि आज युवाओं का युग है। पर्यावरण के संरक्षण और जलवायु परिवर्तन को रोकने में युवाओं की अहम भूमिका है। श्री द्विवेदी ने छत्तीसगढ़ का राजकीय गमछा पहनाकर यूथ आइकन सुश्री अनन्या बिड़ला का सम्मान किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ आने के लिए सुश्री बिड़ला को धन्यवाद दिया। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री अनिल साहू ने सुश्री बिड़ला को बस्तर आर्ट की भगवान श्रीराम की मूर्ति और छत्तीसगढ़ हर्बल्स का हैंपर स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट किया। पैनल डिस्कशन में शिरकत करते हुए सुश्री अनन्या बिड़ला ने कहा कि युवा समझदार हैं। वे अनुशासित जीवन पद्धति को अपनाकर पर्यावरण का संरक्षण कर सकते हैं। उन्होंने युवाओं से अपील की कि यदि उनके पास पर्यावरण संरक्षण को लेकर कोई विचार हैं, तो हमसे अवश्य साझा करें। हम उस पर अमल करेंगे। सुश्री बिड़ला ने कार्यक्रम में वर्ष 2023 में दस हजार पेड़ लगाने का संकल्प लिया। उन्होंने रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम परिसर में पौधा लगाकर इसकी शुरूआत की। छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल के प्रबंध संचालक श्री अनिल साहू ने पर्यावरण सन्तुलन और पर्यटन के विकास में छत्तीसगढ़ शासन की योजनाओं की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि राज्य में 90 लाख क्विन्टल से अधिक धान की खरीदी होती है, लेकिन पराली जलाने की जो समस्या दिल्ली और पंजाब में देखी जाती है, वैसी स्थिति यहां नहीं है।