कारगिल विजय दिवस पर सिख यूथ एंड सीनियर एसोसिएशन इंडिया ने देश वासियों को दी बधाई

सिख यूथ एंड सीनियर एसोसिएशन इंडिया के दलबीर सिंह जस्सल ने कारगिल विजय दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि हमारे जवानों की वीरता और शौर्य और बलिदान के कारण कारगिल पर भारत में विजय प्राप्त की |
भारत में प्रत्येक वर्ष 26 जुलाई को कारगिल की घाटी में भारतीय सेना के शोर्य और पराक्रम को "कारगिल विजय दिवस" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच वर्ष 1999 में कारगिल की घाटी में युद्ध हुआ था जो लगभग दो माह तक चला और 26 जुलाई के दिन उसका अंत भारत विजय के रूप में हुआ ,
हमारे जवानों ने शोर्य ,पराक्रम और वीरता का प्रदर्शन करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा की ,कारगिल विजय दिवस, देश की विजय एवं युद्ध में शहीद हुए सभी भारतीय जवानों के सम्मान में मनाया जाता है।
*कारगिल युद्ध में शहीद हुए सभी 527 जवानों को उनके शोर्य , वीरता एवं बलिदान को स्मरण करते हुए उन्हें कोटि-कोटि नमन*
सिक्ख यूथ &सीनियर एसोसिएशन इंडिया रजि.
"देह शिवा वर मोह इहै ,
शुभ कर्मन ते कबहुँ न टरों
न टरों न डरूँ जब जाय लड़ूं
निश्चय कर अपनी जीत करूं"
""बोले सो निहाल सत श्री अकाल""
कारगिल विजय दिवस पर सिक्ख सैनिकों की बटालियन "सिक्ख रेजिमेंट" को भी विशेष तौर पर याद किया जाता है। 1999 के कारगिल युद्ध में, सिक्ख रेजिमेंट के जवानों ने वीरता और साहस का परिचय दिया था। उन्होंने कई महत्वपूर्ण चोटियों क फिर से हासिल करने में महत्वपूर्ण
भूमिका निभाई, और इस दौरान कई जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी,1999 के कारगिल युद्ध में, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने के लिए "ऑपरेशन विजय" शुरू किया था। इस युद्ध में, सिख रेजिमेंट के जवानों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। विशेष रूप से, 8 सिख बटालियन ने टाइगर हिल पर कब्जा करने के लिए कई प्रयास किए, जिनमें से कुछ सफल रहे और कुछ में उन्हें नुकसान उठाना पड़ा.
सिख रेजिमेंट के जवानों ने न केवल टाइगर हिल पर, बल्कि अन्य महत्वपूर्ण चोटियों पर भी कब्जा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस युद्ध में, कई सिख सैनिकों ने वीरता का प्रदर्शन करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी, और उन्हें मरणोपरांत वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया गया.
कारगिल विजय दिवस, 26 जुलाई को मनाया जाता है, और यह उन सभी सैनिकों को श्रद्धांजलि देने का दिन है जिन्होंने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी, जिसमें सिख रेजिमेंट के जवान भी शामिल हैं.
यह दिन हमें याद दिलाता है कि भारतीय सेना के जवानों ने कितनी मुश्किल परिस्थितियों में देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। सिख सैनिकों का बलिदान इस बात का प्रमाण है कि भारतीय सेना में सभी धर्मों और जातियों के लोग एक साथ मिलकर देश के लिए लड़ते हैं