राजनांदगांव जिला जेल में राखी के पावन त्योहार पर बहनों ने बांधी रक्षा डोर, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

राजनांदगांव जिला जेल में राखी के पावन त्योहार पर बहनों ने बांधी रक्षा डोर, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

बिलासपुर से मन्नू मानिकपुरी की रिपोर्ट

राजनांदगांव। रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम और विश्वास का प्रतीक है। इसी कड़ी में शुक्रवार को राजनांदगांव जिला जेल का माहौल भी भावुक और उल्लासमय रहा, जब जेल में बंद कैदियों की बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधने पहुंचीं। सुबह से ही जेल परिसर में बहनों का तांता लगा रहा। करीब 400 से अधिक कैदियों की बहनें इस खास मौके पर अपने भाइयों से मिलने आईं और उन्हें राखी बांधकर उनके लंबे जीवन और खुशहाली की कामना की।

जेल प्रशासन ने इस अवसर पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए थे। जेल अधीक्षक उत्तम पटेल ने बताया कि किसी भी तरह की अवैध सामग्री जेल के अंदर न जा सके, इसके लिए गेट पर सख्त चेकिंग व्यवस्था की गई थी। बहनों को ‘गेट सुरक्षा जांच’ से होकर गुजरना पड़ा। केवल सूखी मिठाई और रक्षा सूत्र (राखी) ले जाने की अनुमति दी गई थी। जेल प्रशासन ने स्पष्ट किया कि राखी के साथ अन्य कोई सामग्री, खासकर तरल या पैक्ड खाद्य पदार्थ, जेल के अंदर ले जाने की अनुमति नहीं थी।

अधीक्षक उत्तम पटेल ने आगे बताया कि बहनों की सुविधा के लिए विशेष व्यवस्था की गई थी। आरती की थाली, पीने के पानी और बैठने की पर्याप्त व्यवस्था के साथ सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे, ताकि त्योहार का माहौल सुरक्षित और सुचारु रहे। उन्होंने कहा, “रक्षाबंधन एक भावनात्मक पल होता है। हमने कोशिश की है कि बहनों और कैदियों के बीच यह मुलाकात पूरी तरह सुरक्षित और सहज माहौल में हो, जिससे वे अपने रिश्ते की मिठास को खुलकर जी सकें।”

सुबह से ही जेल के मुख्य द्वार के बाहर रक्षाबंधन की तैयारी में आई बहनों की लंबी कतारें दिखाई दीं। कई बहनें अपने भाइयों से महीनों बाद मिल रही थीं, जिससे उनके चेहरों पर खुशी और आंखों में आंसू दोनों नजर आ रहे थे। राखी बांधने के बाद बहनों ने भाइयों को मिठाई खिलाई और उनसे जल्द सही रास्ते पर चलने का आशीर्वाद मांगा। वहीं, कैदियों ने भी बहनों को त्योहार की शुभकामनाएं दीं और भावुक पल साझा किए।

जेल प्रशासन की सतर्कता और संवेदनशीलता के कारण कार्यक्रम शांतिपूर्ण और गरिमामय ढंग से संपन्न हुआ। रक्षाबंधन के इस अवसर ने एक बार फिर यह साबित किया कि रिश्तों का बंधन किसी भी दीवार या कैद से परे होता है। जेल के ऊंचे-ऊंचे फाटक और सुरक्षा की कई परतें भी इस पावन रिश्ते की डोर को कमजोर नहीं कर सकीं।

इस अवसर पर जेल स्टाफ भी पूरी तरह मुस्तैद रहा, ताकि सभी व्यवस्थाएं समय पर और सही ढंग से संचालित हों। दिनभर जेल परिसर में भाई-बहन के प्रेम और अपनापन का माहौल बना रहा, जिसने कैदियों के जीवन में भी एक पल के लिए आजादी और रिश्तों की गर्माहट का अहसास दिला दिया।