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केन्द्रीय ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि और किसान कल्याण मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने आज ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति, रॉबर्ट्सगंज के सांसद श्री पकौदी लाल कोल और ग्रामीण विकास सचिव श्री अमरजीत सिन्हा के साथ श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन (एसपीएमआरएम) के अंतर्गत अनुभव साझा करने के बारे में एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन किया। एसपीएमआरएम नवपरिवर्तन और समेकित तथा समावेशी ग्रामीण विकास को प्रोत्साहन देकर क्षेत्र के समग्र विकास के लिए भू-स्थानिक क्लस्टर आधारित एकीकृत विकास पर ध्यान देता है।
श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने भाग ले रहे प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि एसपीएमआरएम ग्रामीण इलाकों की जीवन शैली में सुधार करेगा। श्री तोमर ने जोर देकर कहा कि एसपीएमआरएम को श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और ग्रामीण-शहरी विभाजन को कमकरने के लिए उनके दूरदर्शिता पर आधारित विकास पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रत्येक मिशन के लिए धनराशि की आवश्यकता होती है, लेकिन मिशन की सफलता समुदाय और उसके स्वामित्व पर समान रूप से निर्भर करती है। उन्होंने सलाह दी कि ग्रामीण-शहरी पलायन को कम किया जा सकता है, यदि हम इन क्लस्टरों में रोजगार, शिक्षा और मूलभूत सुविधाएं प्रदान करें। उन्होंने बाजार से जुड़े कौशल विकास पर जोर दिया और कहा कि विषय आधारित क्लस्टरों को विकसित किया जाना चाहिए, जिससे उद्यम संबंधी कौशल को और क्लस्टर की क्रय शक्ति को प्रोत्साहन मिलेगा।
श्री तोमर ने जोर देकर कहा कि सफाई और स्वच्छ वातावरण को प्रदान करने में स्वच्छता प्रमुख भूमिका निभाती है और इसे समुदाय की भागीदारी की मदद से तथा एक जन आंदोलन बनाकर किया जा सकता है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किए गए स्वच्छ भारत अभियान की सराहना की क्योंकि इससे स्वच्छता में बड़े पैमाने पर सुधार लाने में मदद मिली है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2018 में कराए गए अध्ययन के अनुसार तीन लाख बच्चों को पेचिश से बचाया जा सका, क्योंकि 2015 में कराए गए अध्ययन की तुलना में स्वच्छता की स्थिति में सुधार आया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन क्लस्टरों में स्वच्छता का कार्य शुरू किया जाना चाहिए।
राज्यमंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने कहा कि लोगों की सहभागिता के लिए निरंतर प्रयास किए गए है। इस कारण ग्रामीण आबादी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक हुई है। सरपंच, भारत सरकार और ग्रामीण आबादी के बीच कड़ी का काम करते है। ग्रामीण-शहरी क्लस्टरों में विकास योजनाओं से रोजगार के अवसरों का सृजन होगा और ग्रामीण पलायन में कमी आएगी। उन्होंने कहा कि बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्लस्टर को पुरस्कार दिया जाना चाहिए, ताकि यह दूसरे क्लस्टरों के लिए प्रेरणादायक साबित हो। उन्होंने रोजगार आधारित कौशल विकास पर जोर दिया।
संसद सदस्य श्री पकौदी लाल कोल ने कोडई क्लस्टर में हुए कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि मूलभूत अवसंरचना सुविधाएं बेहतर हुई है। यह क्लस्टर पहले अंधेरे से घिरा रहता था। इस कार्यक्रम से बिजली आपूर्ति की सुविधा मिली है और यह क्षेत्र प्रकाशित हुआ है।
ग्रामीण विकास मंत्रालय के सचिव श्री अमरजीत सिन्हा ने कार्यशाला के आयोजन की सराहना की। इस कार्यशाला में निर्वाचित प्रतिनिधि अपने क्षेत्र में रर्बन मिशन के तहत विकास कार्यों के संदर्भ में अपने अनुभव साझा कर रहे हैं। श्री सिन्हा ने कहा कि अध्ययन से पता चलता है कि कृषि विनिर्माण सामग्री का 50 प्रतिशत ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पादन किया जाता है। ग्रामीण क्षेत्र, सेवा क्षेत्र में 20 प्रतिशत का योगदान देते है। क्लस्टरों की 75 प्रतिशत आबादी गैर-कृषि कार्य करती है।
आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मिजोरम, छत्तीसगढ़, पंजाब, महाराष्ट्र, राजस्थान, झारखंड, तेलंगाना, उत्तराखंड, केरल, नगालैंड, कर्नाटक, हरियाणा और मध्य प्रदेश के निर्वाचित प्रतिनिधियों ने अपने अनुभव साझा किए। प्रतिभागियों ने कहा कि मिशन के तहत अवसंरचना का विकास हुआ है और इसके साथ ही खाद्य प्रसंस्करण, बेकरी उद्योग, परिधान विनिर्माण, ई-रिक्शा सेवा, कृषि उपकरण बैंक जैसी गतिविधियों से लोगों की आय में वृद्धि हुई है। कई राज्यों ने ठोस अपशिष्ट प्रबंधन गतिविधियों के क्रियान्वयन और प्रभाव के बारे में जानकारी दी। इस बैठक में 275 प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसमें 80 निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल हैं।
एसपीएमआरएम का लक्ष्य है- मूलभूत सुविधा प्रदान करने के साथ आर्थिक विकास की गतिविधियां। मिशन का उद्देश्य 300 क्लस्टरों में समग्र विकास करना है। इनमें से 279 क्लस्टरों को एकीकृत क्लस्टर कार्य योजना के तहत मंजूरी दी गई है। इन 279 क्लस्टरों के लिए अनुमानित निवेश 26,258 करोड़ रुपये है। इस धनराशि में से 5,150 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके है जिसमें 800 करोड़ रुपये का क्रिटिकल गैप फंडिग शामिल है। क्लस्टर की मूल सुविधाओं में शामिल हैं- सभी घरों को 24/7 जलापूर्ति, आवास तथा क्लस्टर स्तर पर ठोस और द्रव अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं, ग्रामीण सड़कें, यातायात सुविधाएं आदि। छोटे और मध्यम स्तर के उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए क्लस्टरों में कृषि सेवा व प्रसंस्करण, पर्यटन, कौशल विकास आदि क्षेत्रों को भी शामिल किया गया है।
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जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक आज राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित की गई। नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद यह जीएसटी परिषद की पहली बैठक थी। यह बैठक सौहार्दपूर्ण एवं प्रोफेशनल माहौल में आयोजित की गई।
बैठक की शुरुआत में परिषद ने श्री अरुण जेटली द्वारा निभाई गई महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करने वाला प्रस्ताव पारित किया गया, जो जीएसटी परिषद के पूर्व अध्यक्ष थे। परिषद ने अपनी बैठक में जीएसटी परिषद को सहकारी संघवाद की एक उत्कृष्ट मिसाल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए श्री जेटली द्वारा दिए गए उल्लेखनीय योगदान की सराहना करते हुए उनके प्रति आभार व्यक्त किया। जीएसटी परिषद ने निवर्तमान सदस्यों का भी धन्यवाद किया और इसके साथ ही परिषद के नये सदस्यों का स्वागत किया। जीएसटी परिषद ने उत्तराखंड के पूर्व वित्त मंत्री श्री प्रकाश पंत के असमय निधन पर गहरी संवेदनाएं व्यक्त कीं।
जीएसटी परिषद की बैठक के दौरान कुल मिलाकर 12 एजेंडा विषयों (आइटम) पर विचार-विमर्श किया गया। इनमें से कुछ विषय नियमित प्रकृति के थे, जैसे कि जीएसटी परिषद की 34वीं बैठक के कार्य विवरण की पुष्टि करना, 12 मार्च, 2019 और 11 जून, 2019 के बीच केन्द्र सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं, परिपत्रों (सर्कुलर) एवं आदेशों का परिषद द्वारा अनुसमर्थन किया जाना, जीएसटी कार्यान्वयन समिति के निर्णयों को ध्यान में रखना इत्यादि।
जीएसटी परिषद ने बैठक के दौरान विभिन्न राज्यों और विधायिका युक्त केन्द्र शासित प्रदेशों के लिए वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय ट्रिब्यूनल (जीएसटीएटी) की राज्य एवं क्षेत्र संबंधी पीठों (बेंच) के विशिष्ट स्थान के बारे में निर्णय लिया। सिक्किम, नगालैंड, मणिपुर और अरूणाचल प्रदेश राज्यों के लिए एक साझा राज्य पीठ स्थापित करने के बारे में भी निर्णय लिया गया।
बैठक के दौरान राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण का कार्यकाल दो साल बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
जीएसटी परिषद ने कारोबारियों के बीच (बी2बी) होने वाले लेन-देन के लिए इलेक्ट्रॉनिक इन्वॉयस प्रणाली को चरणबद्ध ढंग से लागू करने का भी निर्णय लिया। ई-इन्वॉयसिंग तेजी से विकसित होती एक प्रौद्योगिकी है, जिससे करदाताओं को पश्चगामी (बैकवर्ड) एकीकरण करने में मदद मिलेगी। इसके साथ ही कर की दृष्टि से प्रासंगिक मानी जाने वाली प्रक्रियाओं का स्वचालन (ऑटोमेशन) करने में भी मदद मिलेगी। यही नहीं, इससे कर प्राधिकरणों को कर चोरी की समस्या से निपटने में भी सहायता मिलेगी। पहले चरण को स्वैच्छिक रखने का प्रस्ताव है और इसका शुभारंभ जनवरी, 2020 से होगा।
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प्रकाशन विभाग श्री दत्त प्रसाद जोग के ‘गीत रामायण’ का हिंदी रूपांतरण लाएगा। यह निर्णय केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री श्री प्रकाश जावडेकर ने आज एक बैठक में लिया।
श्री जावड़ेकर ने इस बात की जानकारी पत्रों के माध्यम से आयुष मंत्रालय में राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री श्रीपद नाईक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री श्री देवेन्द्र फडणवीस, गोवा के मुख्यमंत्री श्री प्रमोद सावंत और गोवा के कला एवं संस्कृति, जनजातीय कल्याण एवं नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता कार्य मंत्री श्री गोविंद एस. गावड़े को भी दी।
गीत रामायण के बारे में
यह महाकाव्य रामायण की घटनाओं का क्रमवार वर्णन करने वाले 56 मराठी गीतों का संग्रह है। वर्ष 1955-1956 में इसका प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो, पुणे द्वारा किया गया था। ‘गीत रामायण’ को उसके गीत, संगीत और गायन के लिए सराहा गया। जी. डी. मडगुलकर द्वारा लिखित और सुधीर फड़के की संगीत रचना वाले इन गीतों को "मराठी सुगम संगीत का मील का पत्थर" और रामायण का "सबसे लोकप्रिय" मराठी संस्करण माना जाता है।
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केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज नई दिल्ली में जीएसटी परिषद की 35वीं बैठक आयोजित की गई। नई सरकार के शपथ ग्रहण के बाद यह जीएसटी परिषद की पहली बैठक थी। केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री श्री अनुराग ठाकुर के अलावा राजस्व सचिव श्री अजय भूषण पांडेय और वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी इस बैठक में भाग लिया। जीएसटी परिषद ने कानून एवं प्रक्रिया से संबंधित निम्नलिखित बदलावों की सिफारिश कीः
करदाताओं को संबंधित प्रणाली (सिस्टम) को अपनाने के लिए पर्याप्त अवसर देने के उद्देश्य से नई रिटर्न प्रणाली को चरणबद्ध ढंग से लागू किया जाएगा, जिसका उल्लेख नीचे किया गया हैः
i. जुलाई, 2019 और सितंबर, 2019 के बीच नई रिटर्न प्रणाली (केवल फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-1 एवं फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-2) करदाताओं के लिए परीक्षण हेतु उपलब्ध रहेगी। करदाता आगे भी फॉर्म जीएसटीआर-1 और फॉर्म जीएसटीआर-3बी को दाखिल करते रहेंगे, जैसी स्थिति फिलहाल है।
ii. अक्टूबर, 2019 से फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-1 को अनिवार्य कर दिया जाएगा। बड़े करदाता (पिछले वर्ष के दौरान 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का कुल कारोबार करने वाले) हर महीने फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-1 को दाखिल करेंगे, जबकि छोटे करदाता अक्टूबर, 2019 – दिसंबर, 2019 की तिमाही के लिए पहले फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-1 को जनवरी, 2020 में दाखिल करेंगे।
iii. अक्टूबर और नवंबर, 2019 के लिए बड़े करदाता पहले की तरह हर महीने फॉर्म जीएसटीआर-3बी दाखिल करेंगे और दिसंबर, 2019 के लिए पहले फॉर्म जीएसटी आरईटी-01 को जनवरी, 2020 में दाखिल करेंगे। उल्लेखनीय है कि अक्टूबर, 2019 से बड़े और छोटे करदाता दोनों ही निरंतर फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-1 में इन्वॉयस इत्यादि को अपलोड कर सकते हैं। इस अवधि के दौरान फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-2 को भी साथ में देखा जा सकता है, लेकिन इस तरह के फॉर्म जीएसटी एएनएक्स-2 पर किसी भी तरह की प्रविष्टि भरने की अनुमति नहीं होगी।
iv. अक्टूबर, 2019 से छोटे करदाता फॉर्म जीएसटीआर-3बी को दाखिल करना बंद कर देंगे और फॉर्म जीएसटी पीएमटी-08 को दाखिल करना शुरू कर देंगे। वे अक्टूबर, 2019 – दिसंबर, 2019 तिमाही के लिए पहले फॉर्म जीएसटी-आरईटी-01 को जनवरी, 2020 में दाखिल करेंगे।
v. जनवरी, 2020 से फॉर्म जीएसटीआर-3बी को चरणबद्ध ढंग से हटा दिया जाएगा।
फॉर्म जीएसटीआर-9 और फॉर्म जीएसटीआर-9ए में वार्षिक रिटर्न और फॉर्म जीएसटीआर-9सी में सामंजस्य विवरण प्रस्तुत करने में करदाताओं को हो रही कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए इन रिटर्न/सामंजस्य विवरण प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2019 कर दी गई है।
व्यापार एवं उद्योग जगत को जॉब वर्क से संबंधित घोषणा को फॉर्म जीएसटी आईटीसी-04 में प्रस्तुत करने के लिए पर्याप्त समय देने के उद्देश्य से जुलाई, 2017 – जून, 2019 अवधि के लिए यह फॉर्म प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 अगस्त, 2019 कर दी गई है।
पिछली बैठक में जीएसटी परिषद द्वारा लिए गए निर्णयों को लागू करने के लिए जीएसटी कानूनों में कुछ विशेष संशोधन किए जाएंगे।
लगातार दो कर अवधियों के लिए रिटर्न दाखिल न करने की स्थिति में ई-वे बिलों पर रोक लगाने से संबंधित सीजीएसटी नियमों के नियम 138ई को 21 जून, 2019 की पिछली अधिसूचित तिथि के बजाय 21 अगस्त, 2019 से प्रभावी किया जाएगा।
अधिसूचना संख्या 2/2019-केन्द्रीय कर (दर), दिनांक 7 मार्च 2019, के तहत कर भुगतान के विकल्प को अपनाने के लिए फॉर्म जीएसटी सीएमपी-02 में सूचना दाखिल करने की अंतिम तिथि 30 अप्रैल, 2019 से बढ़ाकर 31 जुलाई, 2019 कर दी गई है।
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यूपीएससी ने मई 2019 के भर्ती नतीजे जारी किए 25-Jun-2019
संघ लोक सेवा आयोग ने मई 2019 के दौरान भर्ती नतीजों को अंतिम रूप दे दिया है। सफल उम्मीदवारों को डाक द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सूचित कर दिया गया है।
http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/UPSC-%20List%20(1).pdf
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केंद्रीय गृह मंत्री ने राजस्थान के बाड़मेर में पंडाल गिरने से हुई जनहानि पर शोक व्यक्त किया 25-Jun-2019
केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने राजस्थान के बाड़मेर में पंडाल गिरने से हुई जनहानि पर अपनी संवेदना प्रकट की है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि बाड़मेर में पंडाल गिरने से हुई मौतों की खबर से दुखी हूं। मैं पीड़ित परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना प्रकट करता हूं। घटना में घायल लोगों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
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रायपुर/26 जून 2019।नीति आयोग ने छत्तीसगढ़ के बस्तर में खाद्यसुरक्षा और पोषण के लिए बघेल सरकार के कार्यों और उपलब्धियों को ट्वीट किया है। प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि इसके साथ साथ किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन में कृषितकनीक के प्रयोग की सराहना की है। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि यह उन जिलों में कांग्रेस सरकार ने कर दिखाया है जिनकी अभी तक अनदेखी की गयी। बस्तर और किसानों के विकास के प्रति बघेल सरकार के संकल्प और दृढ़इच्छाशक्ति से ही यह सम्भव हो पाया है।
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केन्द्रीय एवं राज्य टीमों ने 100 बेड वाले पीआईसीयू के स्थान एवं रूपरेखा को अंतिम रूप दे दिया है, जिसे केन्द्रीय रूप से प्रायोजित एक योजना के तहत सहायता दी जाएगी।’ केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कल यहां स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बिहार के एईएस मामलों की स्थिति की समीक्षा करने के बाद ये उद्गार व्यक्त किये। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के साथ दैनिक आधार पर एईएस मामलों की समीक्षा कर रहे हैं।
डॉ. हर्षवर्धन ने यह भी कहा कि कल एक मौत और एक नई भर्ती हुई है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एसकेएमसीएच में 84 मरीज़ है जिनमें से 4 रोगियों की स्थिति गंभीर है और उन पर नियमित रूप से निगरानी रखी जा रही है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से मुजफ्फरपुर में बहु-विषयक केन्द्रीय टीम शिविर लगा कर रह रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि ‘राज्य एवं जिला प्रसाशन के सहयोग से सामुदायिक स्तर पर सामाजिक एवं व्यवहारगत बदलाव के प्रयासों और आरंभिक पहचान तथा प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के प्रबंधन को सुदृढ़ किया गया है।’ उन्होंने यह भी कहा कि एक्यूट इनसैफालोपैथी सिन्ड्रोम (एईएस) के नैदानिक प्रबंधन की बहु-विषयक केन्द्रीय टीम द्वारा भी सहायता की जा रही है और रोगियों को 24 घंटे नैदानिक, डायग्नोस्टिक एवं दवा की सहायता उपलब्ध कराई जा रही है।
अन्य वरिष्ठ अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के साथ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव एवं मिशन निदेशक (एनएचएम) श्री मनोज झालानी ने एसकेएमसीएच, जहां मुजफ्फरपुर के एईएस रोगियों की भर्ती की जा रही है, सहित मुजफ्फरपुर का दौरा किया है और स्थिति का जायजा लिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव श्री लव अग्रवाल समुदाय स्तर, प्राथमिक सुविधा स्तर एवं जिला अस्पताल तथा एसकेएमसीएच में एईएस मामलों के रोकथाम एवं प्रबंधन के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की निगरानी एवं सहायता के लिए कल तक मुजफ्फरपुर में तैनात थे। केन्द्रीय टीमें बिहार में तब तक तैनात रहेंगी, जब तक एईएस के कारण मृत्यु दर नियंत्रित नहीं हो जाती।
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केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने केंद्रीय एटीएफएम परिसर का किया उद्घाटन 23-Jun-2019
केंद्रीय नागर विमानन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आज नई दिल्ली के वसंत कुंज में हवाई यातायात आवाजाही प्रबंधन–केंद्रीय कमान केंद्र (यानी एयर ट्रैफिक फ्लो मैनेजमेंट- सेंट्रल कमांड सेंटर) का उद्घाटन किया। इस अवसर पर भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष, बोर्ड के सदस्य और एएआई के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
सी-एटीएफएम प्रणाली प्राथमिक रूप से क्षमता की कमी वाले प्रत्येक भारतीय हवाई अड्डे पर मांग के मुताबिक हवाई अड्डे, एयरस्पेस और विमान जैसे प्रमुख संसाधनों के सर्वोत्तम उपयोग के लिए क्षमता में संतुलन स्थापित करने के लिए बनाई गई थी।
सी-एटीएफएम प्रणाली एटीसी ऑटोमेशन सिस्टम, फ्लाइट अपडेट्स और फ्लाइट अपडेट संदेश जैसी विभिन्न उप प्रणालियों, उड़ान संबंधी आंकड़ों को एकीकृत करती है। यह प्रणाली हवाई अड्डे, एयरस्पेस और हवाई मार्गों की स्थिर जानकारी के साथ मौसम की सूचना भी उपलब्ध कराती है। यह प्रणाली मांग और क्षमता संबंधी सूचना को संसाधित करती है और सहयोगपूर्ण निर्णय लेने तथा भारत के प्रत्येक हवाई अड्डे पर यातायात की नियंत्रित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए एटीएफएम आवाजाही प्रबंधक को निर्णय लेने संबंधी साधन उपलब्ध कराती है।
सी-एटीएफएम प्रणाली दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरु और हैदराबाद सहित विभिन्न हवाई अड्डों पर 36 आवाजाही प्रबंधन पदों (एफएमपी) द्वारा समर्थित है। आठ रक्षा हवाई अड्डे भी एटीएफएम नेटवर्क का हिस्सा हैं, जिन्हें एफएमपी उपलब्ध हैं।
हवाई यातायात आवाजाही प्रबंधन प्रणाली के सफल कार्यान्वयन के बाद भारत अब अमेरिका, यूरोप, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, जापान, ब्राजील के बाद ऐसा करने वाला सातवां देश बन गया है।
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के अध्यक्ष डॉ. गुरुप्रसाद महापात्रा, ने कहा, “केंद्रीय हवाई यातायात आवाजाही प्रबंधन परिसर के केंद्रीय कमान केंद्र के चालू होने के साथ हमने आज एक अच्छी शुरुआत की है। इस सुविधा के साथ, अगले पांच वर्षों में हम दुनिया के देशों द्वारा प्रस्तुत सर्वश्रेष्ठ सुविधाओं से अपनी तुलना कर सकेंगे।
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हलवे की रस्म के साथ वर्ष 2019-20 का आम बजट छपने की प्रक्रिया शुरू
केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की गरिमापूर्ण उपस्थिति में आज दोपहर नॉर्थ ब्लॉक में हलवे की रस्म के साथ आम बजट 2019-20 की छपाई प्रक्रिया शुरू हो गई।
केंद्रीय आम बजट 2019-20 5 जुलाई, 2019 को पेश किया जाना है। बजट की गोपनीयता बनाए रखने के लिए, बजट तैयार करने की प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को "बंद रहना" होता है। केंद्रीय बजट की प्रस्तुति तक की अवधि तक सभी अधिकारियों को नॉर्थ ब्लॉक में स्थित बजट प्रेस में ही रहना होता है। केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा संसद में बजट पेश किए जाने के बाद ही ये अधिकारी और कर्मचारी अपने प्रियजनों के साथ संपर्क कर पाते हैं।
हलवा रस्म में केंद्रीय वित्त मंत्री के साथ केंद्रीय वित्त और कॉर्पोरेट कार्य राज्य मंत्री, श्री अनुराग ठाकुर; वित्त सचिव श्री एस.सी. गर्ग; राजस्व सचिव श्री ए.बी.पांडे; डीएफएस में सचिव श्री राजीव कुमार और डीआईपीएएम में सचिव श्री अतनु चक्रवर्ती और अन्य लोग शामिल थे।
सीबीडीटी के अध्यक्ष श्री पी.सी. मोदी; सीबीआईसी के अध्यक्ष श्री पी.के. दास, , सीबीडीटी और सीबीआईसी के सदस्य तथा संयुक्त सचिव (बजट) श्री अरविंद श्रीवास्तव के अलावा बजट तैयार करने और उसकी छपाई की प्रक्रिया में शामिल वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारी और कर्मचारी भी इस अवसर पर मौजूद थे। बाद में, वित्त मंत्री ने प्रेस का दौरा किया और छपाई प्रक्रिया के बारे में जानकारी प्राप्त की।
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जीएसटी आसूचना मुख्यालय के महानिदेशालय (डीजीजीआई मुख्यालय) ने मैसर्स सुशील कुमार मुनीश कुमार, हिसार हरियाणा के साझेदार और मैसर्स सुशील कुमार मुनीश कुमार एंड कंपनी, अहमदाबाद के नियंत्रक श्री मुनीश कुमार नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। इन दोनों कंपनियों ने 16 करोड़ रूपये से अधिक आईटीसी धोखाधड़ी से लिया जिसमें गैर-मौजूद फर्जी कंपनियों द्वारा जारी चालान पर 322 करोड़ रूपये मूल्य का चालान शामिल है। तत्पश्चात इन दो कंपनियों ने फर्जी तरीके से लिये गये आईटीसी को सुस्थापित कॉटन यार्न स्पिनरों को दे दिया, जिन्होंने सरकारी खजाने को लूटने के लिए एक गुप्त उद्देश्य के साथ बाहरी आपूर्ति के खिलाफ अपनी जीएसटी देयता का निर्वहन करने के लिए उसका लाभ उठाया। श्री मुनीष कुमार ने डीजीजीआई मुख्यालय द्वारा की गई जाँच के दौरान स्वीकार किया कि उक्त दोनों फर्मों ने गैर-मौजूद फर्जी फर्मों द्वारा जारी चालानों पर फर्जी तरीके से आईटीसी लिया था और फिर विभिन्न स्पिनरों को आगे बढ़ाया था। इस प्रकार, श्री मुनीश कुमार ने सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (1) (बी) और 132 (1) (सी) के प्रावधानों के तहत अपराध किया है; जो सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (5) के अंतर्गत संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध है और सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 132 (1) (i) के तहत दंडनीय है। नतीजतन, श्री मुनीश
कुमार को 21.06.2019 को सीजीएसटी कानून, 2017 की धारा 69 (1) के तहत गिरफ्तार किया गया, जिसके बाद उन्हें पटियाला हाउस कोर्ट में सीएमएम, नई दिल्ली के समक्ष पेश किया गया। सीएमएम ने मुनीश कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। कपास उद्योग में फर्जी बिलिंग रैकेट में अब तक की गई जाँच के दौरान, डीजीजीआई मुख्यालय जीएसटी चोरी वाली 28 करोड़ रूपये की राशि बरामद कर चुका है। मामले में आगे की जांच जारी है।
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केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन तथा सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर और पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास, प्रधानमंत्री कार्यालय; कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन; परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज जम्मू-कश्मीर राज्य के लिए विस्तृत पहलों की शुरुआत की। एसकेआईसीसी, श्रीनगर में आयोजित एक शानदार समारोह में जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक और दोनों मंत्रियों ने अन्य गणमान्य लोगों की मौजूदगी में जम्मू-कश्मीर में दूरदर्शन के फ्री डिश सेट टॉप बॉक्स वितरित किए। इसके अलावा आधे घंटे के डोगरी कार्यक्रम और डीडी कशीर से न्यूज़ बुलेटिन और चैनल की सिग्नेचर ट्यून का शुभारंभ किया।
प्रकाश जावड़ेकर ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए सीमावर्ती इलाकों में लोगों तक सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के संदेश का प्रसार करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय विशेष रूप से दूरदर्शन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बुनियादी आवश्यकताओं के बाद, सूचना और मनोरंजन लोगों की सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इन सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए लोगों तक पहुंचने के लिए सभी कदम उठा रही है।
आकाशवाणी की भूमिका की सराहना करते हुए, श्री जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ जैसे माध्यम के जरिये इस माध्यम की सेवाओं का बड़ी कुशलता के साथ उपयोग किया है जो अब बेहद लोकप्रिय हो चुका है। श्री जावड़ेकर ने कहा कि दूरदर्शन और आकाशवाणी की विश्वसनीयता है जो उनको कभी-कभी अफवाहों में बह जाने वाले अन्य चैनलों के मुकाबले अच्छी स्थिति में रखती है। उन्होंने कहा कि दूरदर्शन विश्वास करने योग्य संस्था है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूरे देश के लोगों तक पहुंच बढ़ाने के लिए दूरदर्शन द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि डोगरी कार्यक्रम और समाचार बुलेटिन के शुभारंभ से लोगों में गर्व और एकजुटता की भावना आएगी। उन्होंने दूरदर्शन को एक ऐसा चैनल बताया, जो दिलों को जोड़ सकता है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्य पाल मलिक ने दर्शकों को संबोधित करते हुए कहा कि सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को निश्चित रूप से इस पहल से लाभ मिलेगा। इस क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए राज्य के युवाओं की समस्याओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने दूरदर्शन और आकाशवाणी को समझाया कि वे आखिरी मील तक की जानकारी प्रदान करने के लिए सुदूरवर्ती इलाकों तक अपना प्रसार करें।
प्रसार भारती के अध्यक्ष डॉ. ए सूर्य प्रकाश ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए डीडी फ्री डिश डीटीएच की गुणवत्ता पर प्रकाश डाला और इसे सशक्तिकरण का साधन बताया। उन्होंने पूरे क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।
सूचना एवं प्रसारण सचिव, अमित खरे, दूरदर्शन की महानिदेशक सुप्रिया साहू, जम्मू और कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव बी.वी.आर. सुब्रह्मण्यम और राज्य और केंद्र सरकार के अन्य अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
यह सेट टॉप बॉक्स नि:शुल्क प्रदान किया जाएगा और दर्शक 100 चैनल मुफ्त में देख सकेंगे। डीडी कशीर पर समाचार बुलेटिन रोजाना शाम 6:00 बजे डिजिटल मोड पर प्रसारित किया जाएगा।सिग्नेचर ट्यून की रचना राहुल शर्मा ने की है। इसमें घाटी की भावना गूंजती है।