National News
  • मध्य प्रदेश: गजब, कमलनाथ सरकार ने किए `कुत्तों` के भी तबादले

    मध्यप्रदेश।  सरकार तबादलों को लेकर एक बार फिर से सुर्खियों में है। सरकार के द्वारा इस बार कुत्तों का ट्रांसफर किया गया है। जी हां कुत्तों का। वो भी एक नहीं बल्कि 46 कुत्तों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर भेजा गया है। सरकार ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिया है। आदेश के अनुसार, सरकार ने 46 कुत्तों का ट्रांसफर किया है। कुत्तों के साथ ही उनके डॉग हैंडलर का भी तबादला कर दिया गया है।छिंदवाड़ा से कुत्ता डफी आया भोपाल

    मुख्यमंत्री कनलनाथ के बंगले की चौकसी अब डफी, रेणु और सिकंदर करेंगे। सीएम हाउस में आने वाला कोई भी व्यक्ति इनकी हरी झंडी के बाद ही बंगले में घुस पाएगा। ये तीनों स्निफर डॉग हैं। जिन्हें सीएम हाउस की सुरक्षा के मद्देनजर विशेष तौर पर ट्रांसफर करके छिंदवाड़ा से भोपाल लाया गया है। फिलहाल ये तीनों डॉग अलग-अलग जिलों में थे। राज्य शासन ने शुक्रवार को पीटीएस डॉग बाहिनी विलबल के तहत डॉग हैंडलर समेत 26 कुत्तों के तबादले किए हैं।तेज-तर्रार हैं तीनों डॉग

     

    जिन तीनों डॉगों को सीएम की सुरक्षा में लगाया गया है वो तेजतर्रार हैं। ये जहां भी रहे वहां एक भी बड़ी घटना नहीं हुई है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इसी कारण से तीनों स्निफर को सीएम हाउस के लिए चुना गया है। इनमें डफी नौ महीने, रेणु आठ साल और सिंकदर छह साल का है। इनकी औसत आयु 10 से 12 साल की होती है।पहले कुत्तों को दी जाती थी ये रैंक

    इससे पहले मध्यप्रदेश में कुत्तों को बाकायदा कांस्टेबल से लेकर टीआई तक की रैंक दी जाती थी लेकिन अब रैंक को खत्म कर दिया गया है। उनकी खुराक का बजट अलॉट होता है। ये 11-12 साल बाद रिटायर हो जाते हैं। सरकार के मुताबिक ये रूटीन तबादले हैं। बता दें कि मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार बनाने के बाद से अब तक कई कर्मचारियों, अधिकारियों और नौकरशाहों के तबादले किए गए हैं।

  • बंगाल में ममता बनर्जी को बड़ा झटका देने की तैयारी में BJP

    कोलकाता में एक प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने कहा, ‘सीपीएम, कांग्रेस और टीएमसी के पश्चिम बंगाल के 107 विधायक भाजपा में शामिल होंगे। हमारे पास उनकी सूची तैयार है और वे हमारे संपर्क में हैं।’

    नई दिल्ली। कर्नाटक और गोवा में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। गोवा में जहां 10 विधायकों ने भाजपा का दामन थाम लिया। तो वहीं कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पर खतरा मंडरा रहा है। पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार को सत्ता से बाहर करने के लिए भाजपा आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारियों में अभी से जुट गई है।

    mukul roy 2

    कोलकाता में एक प्रेस वार्ता के दौरान बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने कहा, ‘सीपीएम, कांग्रेस और टीएमसी के पश्चिम बंगाल के 107 विधायक भाजपा में शामिल होंगे। हमारे पास उनकी सूची तैयार है और वे हमारे संपर्क में हैं।’

    इससे पहले गोवा में 10 कांग्रेस विधायक बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में बीजेपी में शामिल हुए थे। इसके ठीक दो दिन बाद यह खबर आ रही है।

    pm modi mamata banerjee

    पिछले काफी समय से बीजेपी और टीएमसी के बीच संघर्ष चल रहा है। इस बीच पिछले महीने कई टीएमसी नेताओं ने बीजेपी का दामन थाम लिया था। जिसपर ममता बनर्जी ने बयान जारी करके पार्टी ने नेताओं को चेतावनी दी थी।

    ममता बनर्जी ने कहा था, ‘कुछ नेता इस उम्‍मीद से ऐसे कदम उठा रहे हैं कि उनके पाप धुल जाएंगे। लेकिन वे बहुत बड़े भ्रम में हैं। ऐसा कभी नहीं होने वाला है। अगर किसी ने अपराध किया है तो उसे उसके नतीजे भुगतने पड़ेंगे। चाहे उसे किसी भी पार्टी का समर्थन क्‍यों न प्राप्‍त हो।

    mamata-banerjee-ll

    इससे पहले अप्रैल माह में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल के सेरमपुर में रैली के दौरान ममता बनर्जी पर जमकर निशाना साधा था। उन्‍होंने ममता बनर्जी के उस बयान पर धन्यवाद दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि वो पीएम मोदी को मिट्टी से बना रसगुल्ला भेजेंगी।

  • सेल्फी लेने के चक्कर में हुए तीन युवकों की मौत,इलाके में पसरा मातम

    उत्तर प्रदेश: के अंबेडकरनगर में सेल्फी लेने के चक्कर में हुए एक दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई है. तीनों जिगरी दोस्त थे और शहर से दूर पानी के बीच सेल्फी लेने के लिए पहुंचे थे.

    सेल्फी लेने के चक्कर आये दिन कोई न कोई घटना की खबर सामने आती रहती है लेकिन लोगों पर शायद ही इसका कोई असर पड़ता दिख रहा है. लोगों पर सेल्फी का ऐसा भूत सवार हो गया है कि अपनी जान तक की फिक्र नहीं है. ऐसा ही कुछ मामला सामने आया है उत्तर प्रदेश के अंबेडकरनगर से.

    यहां पर सेल्फी लेने के चक्कर में हुए एक दर्दनाक हादसे में तीन युवकों की मौत हो गई है. तीनों जिगरी दोस्त थे और शहर से दूर पानी के बीच सेल्फी लेने के लिए पहुंचे थे. तीनों की उम्र 18 से 20 साल के बीच थी. मामला अंबेडकरनगर के टांडा तहसील क्षेत्र की है.
    सेल्फी लेने के लिए पानी में उतरे थे तीनों दोस्त
    तीनों दोस्त पानी में सेल्फी लेने के लिए घाघरा नदी के बड़े नाले में उतरे थे. इस दौरान सेल्फी लेते समय एक पैर फिसल गया और वो गहरे पानी में चला गया. उसे बचाने के लिए जैसे ही दोनों दोस्ते आगे बढ़े, वो भी डूबने लगे. आसपास मौजूद लोगों को जबतक इस बारे में पता चला, तीनों डूब चुके थे. तीन दोस्तों के डूबने की खबर मिलते ही चारों तरफ हड़कंप मच गया. इस खबर को सुन घटना स्थल पर लोगों की भीड़ जमा हो गई. स्थानीय लोगों ने प्रशासन को इसकी सूचना दी. इसके बाद गोताखोरों की मदद से दो युवकों का शव तो निकाल लिया गया है पर तीसरे युवक के शव की तलाश जारी है.

  • वरिष्ठ नेताओं ने खोला शीला दीक्षित के खिलाफ मोर्चा

    दिल्ली: कांग्रेस की अध्यक्ष और 15 साल मुख्यमंत्री रहीं शीला दीक्षित के खिलाफ प्रभारी पीसी चाको के साथ-साथ तीनों कार्यकारी अध्यक्षों और अनेक वरिष्ठ नेताओं ने मोर्चा खोल दिया है। 29 वरिष्ठ नेताओं की बैठक में कहा गया कि शीला दीक्षित के बीमार रहने के चलते उनके नाम पर फैसला कोई और ले रहा है। प्रभारी के मना करने के बावजूद कल दीक्षित ने फिर से 280 ब्लॉक और जिलों के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त किए। चाको ने उनको इस बारे में पत्र लिखा है वहीं तीनों कार्यकारी अध्यक्षों ने दीक्षित को पत्र लिखकर कहा है कि फैसलों में उनकी भागीदारी नहीं कराई जा रही है। वहीं, आज दिल्ली कांग्रेस के करीब तीन दर्जन वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने बैठक कर राहुल गांधी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की अपील की है।

    दिल्ली की राजनीति में हाशिए पर पहुंच गई कांग्रेस विरोधी दलों से मुकाबला करने के बजाए आपस में लड़कर अपने वजूद को ही खत्म करने में लगे हुए हैं। 80 की उम्र पार करके दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष बनीं शीला दीक्षित और दिल्ली के प्रभारी पीसी चाको लोकसभा चुनाव से ही आमने-सामने हैं। कांग्रेस नेताओं को चिंता इस बात की है कि भाजपा और ‘आप’ विधानसभा चुनाव की तैयारी में जुटी हुई है और कांग्रेस के नेता आपसी लड़ाई में। 10 जनवरी को शीला दीक्षित को दिल्ली कांग्रेस का अध्यक्ष और उनके साथ हारून युसूफ, राजेश लिलोठिया और देवेंद्र यादव को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। राहुल को लिखे पत्र में कहा गया है कि दीक्षित के बीमार रहने के चलते कुछ लोग स्यंभू पदाधिकारी बनकर फैसला कर रहे हैं और कार्यकारी अध्यक्षों को विश्वास में नहीं ले रहे हैं।

    दीक्षित के अध्यक्ष बनने से पहले तब के अध्यक्ष अजय माकन ने प्रभारी चाको की स्वीकृति से सभी 280 वार्डों के और 14 जिलों के अध्यक्ष बनाए, उसे बदला गया तो चाको ने रोक लगा दी लेकिन फिर से 12 जुलाई को नई सूची जारी कर दी गई है। कांग्रेस के इतिहास में पहली बार प्रभारी की मनाही के बावजूद फैसले किए जा रहे हैं। इतना ही नहीं लोकसभा चुनाव की समीक्षा के लिए बनी कमेटी की भी कोई भूमिका नहीं रही है। तीन पेज की चिट्ठी पर जिन 29 नेताओं के हस्ताक्षर हैं उनमें पूर्व विधायक हरिशंकर गुप्ता, नसीब सिंह, आसिफ मोहम्मद खान, मतीन अहमद, सुरेन्द्र कुमार, दिल्ली महिला कांग्रेस अध्यक्ष शर्मिष्ठा मुखर्जी, वरिष्ठ नेता चतर सिंह, ब्रह्म यादव और कमल कांत शर्मा शामिल हैं।

    पत्र राहुल गांधी के नाम लिखा गया है और उसकी प्रति कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और पीसी चाको को भेजी गई है। वहीं, पीसी चाको ने दीक्षित को पत्र लिखकर बिना प्रभारी और कार्यकारी अध्यक्ष की जानकारी में फैसला करने पर ऐतराज किया है। उन्होंने इन मुद्दों पर फौरन कमेटी की बैठक बुलाने के निर्देश दिए हैं। दीक्षित को लिखे एक अलग पत्र में दिल्ली के तीनों कार्यकारी अध्यक्षों-हारून युसूफ, राजेश लिलोठिया और देवेन्द्र यादव ने कहा कि ब्लॉक और जिला अध्यक्ष को हटाना, नए ब्लॉक और जिला अध्यक्ष की नियुक्ति और लोकसभा चुनाव की समीक्षा करने वाली समिति के फैसलों में भी उनकी सलाह नहीं ली गई। इन नेताओं का आरोप है कि दीक्षित की बीमारी का फायदा उठाकर कुछ लोग मनमाना फैसला कर रहे हैं।

    कहां खो गई कांग्रेस
    ’पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने पर कई दिन इंतजार करने के बाद महिला कांग्रेस ने प्रदर्शन किया
    ’दिल्ली में बिजली के दाम तय करने के लिए दिल्ली विद्युत नियामक आयोग (डीईआरसी) की जनसुनवाई में कांग्रेस के नेता पहुंचे ही नहीं ‘आप’ और भाजपा के नेता ही इस मुद्दे पर जूझते दिखे
    ’मानसून के पहले नालों की सफाई नहीं हो पाई है और दिल्ली सरकार स्कूलों के नतीजों पर झूठे दावे करती रही, कांग्रेस शांत रही
    ’हौज काजी तनाव पर कांग्रेस कुछ करते नहीं दिखी
    ’‘आप’ सरकार हो या नगर निगम में शासन कर रही भाजपा के तमाम कमियों के खिलाफ कांग्रेस कोई आंदोलन नहीं कर पाई

  • देश के करीब 37 फीसदी स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं, असम की हालत सबसे खराब

    नई दिल्ली: देश के सभी गांवों तक बिजली जरूर पहुंचा दी गई हो लेकिन भारत के करीब 37 प्रतिशत स्‍कूलों में आज भी बिजली उपलब्ध नहीं है. स्कूलों में बिजली की उपलब्धता के मामले में लक्षद्वीप, चंडीगढ़ और दादरा और नगर हवेली की स्थिति सबसे बेहतर है. वहीं, दिल्ली के भी 99.93 प्रतिशत स्कूलों में बिजली उपलब्‍ध है. असम, उत्तर प्रदेश, झारखंड, बिहार, मध्य प्रदेश, जम्मू कश्मीर जैसे राज्यों के स्कूलों में बिजली की पहुंच सबसे खराब है.

    मानव संसाधन विकास मंत्री ने क्या कहा

    इस रिपोर्ट को एकीकृत जिला शिक्षा प्रणाली ( यूडीआईएसई) ने साल 2017-19 के बीच तैयार किया है. इसके मुताबिक, ‘‘देश के केवल 63.14 स्कूलों में बिजली मौजूद है जबकि बाकी सकूलों में बिजली अभी भी नहीं है.’’ मामले पर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का कहना है कि  'दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना’ के अंतर्गत गांवों और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली पहुंचाई जाती है.

    मानव संसाधन मंत्री ने कहा कि ऐसे स्कूल जिन्हें बिजली कनेक्शन की आवश्यकता है, वे राज्य विद्युत युटिलिटी से सम्पर्क कर सकते हैं और बिजली कनेक्शन मौजूदा नियमों के तहत ले सकते हैं.’’ यूडीआईएसई की रिपोर्ट के अनुसार, असम में 24.28 फीसदी स्‍कूलों में बिजली है, जबकि मेघालय के 26.34 प्रतिशत, बिहार में 45.82 %, मध्य प्रदेश 32.85%, मणिपुर 42.08%, ओडिशा 36.05% और त्रिपुरा 31.11% स्कूलों में बिजली कनेक्शन हैं .

    दिल्ली की स्थिति सबसे बेहतर

    दिल्ली के 99.93 प्रतिशत स्कूलों में बिजली उपलब्‍ध है. आंध्रप्रदेश में 92.8 प्रतिशत, छत्तीसगढ़ में 70.38 प्रतिशत, गोवा में 99.54 प्रतिशत, गुजरात में 99.91 प्रतिशत, हरियाणा में 97.52 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 92.09 प्रतिशत, केरल में 96.91 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है. अन्य राज्यों में महाराष्ट्र में 85.83 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है जबकि झारखंड में 47.46 प्रतिशत, जम्मू कश्मीर में 36.63, पुदुचेरी में 99.86 , पंजाब में 99.55 , राजस्थान में 64.02, तमिलनाडु में 99.55, तेलंगाना में 89.89, उत्तर प्रदेश में 44.76, उत्तराखंड में 75.28 और पश्चिम बंगाल में 85.59 प्रतिशत स्कूलों में बिजली कनेक्शन है .

  • बिहार के छह जिलों में घुसा बाढ़ का पानी, अब तक तीन की मौत, सड़क-रेल यातायात ठप

     बिहार: लगातार बारिश से बिहार के कई जिलों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है. बारिश के कारण आई बाढ़ ने जिन जिलों को प्रभावित किया है उनमें सुपौल, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, किसनगंज, मधुबनी सहित सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर जिले शामिल हैं. इसके कारण मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी, सीतामढ़ी-रक्सौल, मुजफ्फरपुर-सुगौली रेलखंड पर रेलवे ट्रैक धंसने की वजह से ट्रेनों का परिचालन बाधित है. बाढ़ के कारण अब तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है. अररिया में दो और मोतिहारी में एक बच्‍ची की डूबने से मौत हो गई.

    मोतिहारी 

    मोतिहारी के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है जिस कारण ग्रामीणों ने ऊंचे स्थानों पर शरण लिया है.
    जिले के छौड़ादानो, बनकटवा, ढाका, पताही में बाढ़ का पानी घुसने की खबर है.

    मधुबनी

    मधुबनी जिले में कमला बलान का तटबंध टूटने से जयनगर शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है. बढ़ते जलस्तर के मद्देनजर कोसी बराज के सभी 56 फाटक खोल दिए गए हैं जानकारी के मुताबिक जिले के कई हिस्सों में बाढ़ का पानी 3 फीट से ऊपर बह रहा है.

     

  • कोलकाता मेट्रो के दरवाजे में हाथ फंसने से यात्री की मौत, दो निलंबित

    पश्चिम बंगाल: की राजधानी कोलकाता में शनिवार की शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया. कोलकाता मेट्रो के दरवाजे में एक यात्री का हाथ फंस गया. हाथ फंसने से उसकी दर्दनाक मौत हो गई. घटना पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन की है. दिवंगत यात्री दक्षिणी कोलकाता के कसबा इलाके का निवासी सजल बताया जाता है.

    जानकारी के अनुसार जिस मेट्रो ट्रेन में यह हादसा हुआ, वह सुभाषनगर की ओर जा रही थी. समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबिक प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सजल ने पार्क स्ट्रीट मेट्रो स्टेशन पर शाम 6:40 बजे सुभाषनगर की ओर जा रही मेट्रो ट्रेन पकड़ने की कोशिश की. भीड़ अत्यधिक होने के कारण वह अंदर नहीं जा पाया. लेकिन उसका हाथ अंदर ही रह गया और मेट्रो ट्रेन का दरवाजा बंद हो गया.

    सजल का हाथ दरवाजे में फंसा रह गया और मेट्रो ट्रेन अगले स्टेशन की ओर रवाना हो गई. हाथ फंसे होने के कारण उसका शरीर मेट्रो ट्रेन से बाहर झूलता रहा और ट्रेन चलती रही. अगले स्टेशन पर मेट्रो ट्रेन के रुकने पर दरवाजा खुला और वह हाथ निकलने पर वहीं गिर पड़ा. बेहोश सजल को आनन-फानन में एसएसकेएम अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया.

    मोटरमैन और गार्ड निलंबित

    कोलकाता मेट्रो प्रशासन ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है. हादसे के बाद उक्त मेट्रो ट्रेन के मोटरमैन और गार्ड के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दोनों को निलंबित कर दिया गया है.

    कोलकाता मेट्रो के इतिहास में पहली घटना

    कोलकाता मेट्रो के प्रवक्ता ने कहा है कि कोलकाता मेट्रो के 35 साल के इतिहास में ऐसी घटना पहली बार हुई. ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था. बता दें कि मेट्रो ट्रेन में आपातकालीन स्थिति में चालक से बात करने का विकल्प दिया रहता है. ऐसे में सहयात्रियों ने यदि थोड़ी सी संवेदना दिखाते हुए चालक को जानकारी दी होती, तो शायद सजल की जान बच सकती थी.

  • इस रूट पर बढ़ेगी रेल यात्रियों की परेशानी, 70 ट्रेनें रद्द, 50 के रूट में बदलाव

    नई दिल्ली : और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच 5वीं तथा छठी रेलवे लाइन को जोड़ने के लिए नॉन इंटरलाकिंग का कार्य चल रहा है, जिसके चलते एक बार फिर रेलवे के मुसाफिरों के लिए मुसीबत खड़ी होने वाली है. 15 जुलाई से अलग-अलग दिनों में 21 जुलाई तक सैंकड़ों गाड़िया प्रभावित होंगी. यही वजह है कि नॉन इंटरलाकिंग के काम के चलते करीब 70 गाड़िया रद्द की गई हैं, तो 53 गाड़ियों के रूट में बदलाव किया गया है. जबकि करीब 30 गाड़ियों को रोक कर चलाया जा रहा है. ट्रेनों के इस तरह रद्द होने से रेल मुसाफिरों के लिए बड़ी मुसीबतें हैं. रद्द होने वाली ट्रेनों में लखनऊ से जाने वाली कई महत्वपूर्ण ट्रेनें भी शामिल हैं.

  • नवजोत सिंह सिद्धू ने पंजाब के मंत्रीमंडल पद से दिया इस्तीफा, ट्वीट कर 1 महीने बाद किया खुलासा

    नई दिल्ली पंजाब सरकार के कैबिनेट में शामिल नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. सिद्धू ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष को भेजा है. सिद्धू ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है. उन्होंने ट्वीट किया कि 10 जून को ही उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को सौंप चुके हैं.नवजोत सिंह सिद्धू का मंत्री पद से इस्तीफा

    लोकसभा चुनाव के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद और भी ज्यादा गहरा गया था. पंजाब में सीटें कम आने पर सीएम अमरिंदर ने इसका ठीकरा सिद्धू के ऊपर फोड़ा था और कांग्रेस अध्यक्ष से इसे लेकर शिकायत भी की थी. यही नहीं चुनाव परिणाम से नाराज कैप्टन ने सिद्धू समेत कई मंत्रियों के प्रभार में भी बदलाव कर दिया था. जिसके बाद दोनों के बीच की खाई और भी ज्यादा बढ़ गई थी. मंत्रालय बदलने से नाराज सिद्धू ने नया विभाग ज्वाईन नहीं किया था. उधर ज्यादा समय तक सिद्धू द्वारा अपना कार्यभार नहीं संभालने के बाद भाजपा नेता तरुण चुग ने राज्यपाल से इसकी शिकायत की थी. राज्यपाल को लिखे पत्र में उन्होंने कहा था कि सिद्धू और सीएम के बीच विवाद ने संवैधानिक संकट पैदा कर दिया है. अगर वे काम नहीं करना चाहते तो उनकी जगह कोई और कार्यभार संभाले. वे बगैर काम के मंत्री का वेतन और भत्ते ले रहे हैं उनके खिलाफ कार्रवाई होना चाहिए. पंजाब के हित में आप कोई फैसला करें.

  • बंगलादेश में बिजली गिरने से  14 लोगों की मौत...

    ढाका। बंगलादेश में शनिवार को बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में कम से कम 14 लोगों की मौत हो गई। बंगलादेश के पबना, माइमेनसिंह, नेत्राकोना, सुनमगंज, चौडंगा और राजशाही जिले में बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाएं हुईं जिनमें इन लोगों की मौत हो गई। पबना जिले के बेरा उपजिला में दोपहर बाद बिजली गिरने की एक घटना हुई जिसमें एक ही परिवार के तीन सदस्यों सहित कम से कम चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान मोटालेब सरदार (55) उनके दो पुत्र फरीद सरदार (22) और सरीफ सरदार (18) तथा रहम अली (50) के रूप में की गई है। इसी प्रकार अन्य जिलों में भी बिजली गिरने की घटनाओं में कई लोगों की मौत हो गई। बंगलादेश में इस वर्ष बिजली गिरने से मरने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। एक गैर-सरकारी संगठन की ओर से एकत्र की गई जानकारी के मुताबिक इस वर्ष मई और जून में कम से कम 126 लोगों की मौत हुई है। आंकड़ों के मुताबिक मारे गए लोगों में 21 महिलाएं, सात बच्चे और 98 पुरुष शामिल हैं।

  • मुंबई: BMC की लापरवाही से गड्ढे में गिरने से 12 साल के बच्चे की हुई मौत

    मुंबई | में बीएमसी की लापरवाही से लगातार लोग अपनी जान गवां रहे हैं. मुंबई के पॉश कोस्टल रोड इलाके में खुले गड्ढे में गिरकर कल 12 साल के बच्चे की मौत हो गई. बच्चा अपने दोस्तों के साथ वरली सी फेस पर खेलने गया था. यहां कोस्टल रोड का काम चल रहा है. खेलते-खेलते बच्चा गड्ढे में गिर गया. जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसकी जान नहीं बचाई जा सकी

     
     
  • 17 जुलाई को होगा आंशिक चन्द्रग्रहण

    17 जुलाई को होने वाला आंशिक चन्द्रग्रहण भारत में देखा जा सकेगा। चन्द्रग्रहण भारतीय समयानुसार 1 बजकर 31 मिनट से शुरू होगा और 4 बजकर 30 मिनट पर खत्म हो जाएगा। इस अवधि में चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया धीरे-धीरे बढ़ती जाएगी और सबसे ज्यादा आंशिक चन्द्रग्रहण 3 बजकर 1 मिनट पर देखा जा सकेगा। इस दौरान चन्द्रमा का आधे से थोड़ा ज्यादा हिस्सा पृथ्वी की छाया से पूरी तरह ढक जाएगा।

    अरुणाचल प्रदेश के सुदूर उत्तर-पूर्वी हिस्से को छोड़कर भारत के अन्य सभी स्थानों से आंशिक चन्द्रग्रहण देखा जा सकेगा। इसे ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका तथा दक्षिणी अमेरिका के ज्यादातर हिस्सों, सुदूर उत्तरी स्केंडिनेविया को छोड़कर पूरे यूरोप तथा पूर्वोत्तर को छोड़कर समूचे एशिया में भी देखा जा सकेगा।

    आंशिक चन्द्रग्रहण 2 घंटा 59 मिनट तक रहेगा।