National News
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ऑपरेशन थांगजिंग 13-Jul-2019
डंपी गांव के मुखिया लुनखोलाल ल्हुंगडिम का 5 जुलाई, 2019 को 4 हथियारबंद लोगों ने मणिपुर के चूड़ाचंदपुर जिले के कापरांग गांव से अपहरण कर लिया था। असम राइफल्स ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर बचाव ऑपरेशन शुरू किया, और 6 जुलाई, 2019 को अपहृत व्यक्ति को छुड़ा लिया गया था।
आशंका थी कि यह कार्रवाई कुकी विद्रोहियों ने की थी और इलाके में सघन तलाशी अभियान शुरू किया गया था। अभियान के दौरान 9 और 10 जुलाई, 2019 को हथियारों और गोला-बारूद का बड़ा जखीरा बरामद किया गया। तलाशी अभियान में निम्नलिखित हथियार बरामद किये गए –
- एके 56 राइफल - एक अदद
- एमए-3 राइफल - तीन अदद
- एम4एआई कारबाइन - एक अदद
- एचके 33 राइफल - एक अदद
- एके 47 राइफल - एक अदद
- 12 बोर राइफल - दो अदद
- चीनी हथगोला - एक अदद
समय पर चलाए गए अभियान के कारण विद्रोही गुटों को बड़ा झटका लगा है और वसूली तथा अन्य छोटे-मोटे अपराधों की जघन्य साजिश उजागर हो गई है।
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पत्रकारिता में उत्कृष्टता के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए भारतीय प्रेस परिषद द्वारा प्रविष्टियां आमंत्रित 13-Jul-2019
भारतीय प्रेस परिषद ने पत्रकारिता में उत्कृष्टता के राष्ट्रीय पुरस्कार-2019 के लिए प्रविष्टियां आमंत्रित की है। आठ विभिन्न श्रेणियों में दिए जाने वाले इस पुरस्कार के तहत नगद राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।
पुरस्कारों की श्रेणियां :
क्र. संख्या
श्रेणी
नगद पुरस्कार
1
पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राजा राममोहन राय राष्ट्रीय पुरस्कार
Rs. 100000/-
2
ग्रामीण पत्रकारिता
Rs. 50000/-
3
विकास संबंधी रिपोर्टिंग
Rs. 50000/-
4
फोटो पत्रकारिता :
i) सिंगल न्यूज पिक्चर
ii)फोटो फीचर
Rs. 50000/-
Rs. 50000/-
5
सर्वोत्तम समाचार पत्र कला : जिसमें कार्टून ,व्यंग चित्र और चित्र शामिल
Rs. 50000/-
6
खेल रिपोर्टिंग/खेलों से जुड़े फोटो और फीचर
Rs. 50000/-
7
आर्थिक रिपोर्टिंग
Rs. 50000/-
8
लैंगिक मुद्दों से जुड़ी रिपोर्टिंग
Rs. 50000/-
पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए राजा राममेाहन राय राष्ट्रीय पुरस्कार के मामले में जूरी कमेटी खुद ही नामितों के नाम का फैसला लेगी इसके लिए प्रविष्टियां आमंत्रित नहीं की जाएंगी।
प्रविष्टि दाखिल करने के लिए आवश्यक अर्हताओं और प्रक्रियाओं का विस्तृत ब्यौरा तथा आवेदन फार्म प्रेस परिषद् की वेबसाइटwww.presscouncil.nic.in. से प्राप्त किया जा सकती है।
सभी प्रविष्टियां, सचिव, भारतीय प्रेस परिष्द्, सूचना भवन, 8 - सीजीओ काम्पलेक्स ,लोधी रोड , नई दिल्ली - 110003 के पते पर 30 अगस्त, 2019 के शाम पांच बजे तक पहुंच जानी चाहिएं। आवेदन की अग्रिम प्रतियां secy-pci@nic.in के पते पर ई-मेल की जा सकती हैं।
पृष्ठभूमि
भारतीय नागरिक द्वारा प्रिंट मीडिया में पत्रकारिता/फोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए यह पुरस्कार प्रति वर्ष 16 नवंबर को राष्ट्रीय प्रेस दिवस के दिन प्रदान किया जाता है।
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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने बच्चों को भारत की धरोहर, संस्कृति और परंपराओं की शिक्षा देने पर बल दिया है।
पोलैंड और यूक्रेन में आयोजित वीर बाल उत्सव 2019 में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले बच्चों से आज नई दिल्ली में बातचीत करते हुए श्री नायडू ने बच्चों के माता-पिता और अध्यापकों से आग्रह किया कि वे बच्चों को भारत की धरोहर, संस्कृति और परंपराओं की शिक्षा देने को सबसे अधिक महत्व दें। उन्होंने कहा कि स्कूलों को बच्चों में स्वयंसेवक के गुण विकसित करने चाहिए और उन्हें एनएसएस, एनसीसी, स्काउट और गाइड जैसी ऐच्छिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वीर बाल अंतर्राष्ट्रीय उत्सव जैसे आयोजनों में हिस्सा लेने से हमारे युवा एक-दूसरे की संस्कृति का सम्मान और मित्रता का महत्व समझेंगे। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ऐसे आयोजनों में हिस्सा लेने से विश्व शांति को बढ़ावा मिलेगा।
श्री नायडू ने स्कूलों से आग्रह किया कि वे बच्चों को स्वस्थ रहने किए खेलों और योग को प्रोत्साहन दें। श्री नायडू के समक्ष बच्चों ने भांगड़ा और डांडिया का प्रदर्शन किया, जिसकी उपराष्ट्रपति ने सराहना की। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और कला को विश्व मंच पर प्रस्तुत किया जाना चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा, “आप लोग भारत के सांस्कृतिक दूत हैं।”
उल्लेखनीय है कि देहरादून के ‘नन्ही दुनिया’ संगठन के 6 युवा सांस्कृतिक कलाकार – खुशी, सानिया, आंचल, मनीष, सक्षम, राहुल, उनके निर्देशक आशु सात्विक गोयल, ग्रुप लीडर हर्षित तथा ‘नन्ही दुनिया’ के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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नियंत्रण रेखा के पास अछूरा गांव में 09 जुलाई को एक बच्चे का शव बरामद किया गया था। भारतीय सेना ने बिना समय गंवाए तुरंत कार्रवाई करते हुए स्थानीय प्रशासन की मदद से शव की पहचान नियंत्रण रेखा के पार गिलगित के मिनीमर्ग निवासी आबिद अहमद शेख के रूप में की।
सोशल मीडिया में आई खबरों के अनुसार बालक आबिद 8 जुलाई, 2019 से लापता था और संभवत दुर्घटनावश बुर्जिल नाले में गिर गया था।भारतीय सेना ने मानवता की मिसाल कायम करते हुए आबिद के बारे में तुरंत पाकिस्तानी सेना से हॉट लाइन पर संपर्क किया और साथ ही स्थानीय मौलवियों और गांव के बजुर्गों को बच्चे का अंतिम संस्कार तुरंत नहीं करने और उसके शव को उसके परिजनों को सौंपने के लिए मना लिया। इसके बाद स्थानीय लोगो ने दवार मस्जिद में बालक आबिद के लिए दुआ की। इस बीच नियंत्रण रेखा के दोनों ओर से लोग आबिद के शव को मानवता के आधार पर उसके परिजनों को सौपने की दिनभर सोशल मीडिया पर गुहार लगाते रहे।
भारतीय सेना के गुरेज स्थित स्थानीय कमांडरों ने 10 जुलाई को आबिद का शव मिनीमार्ग में पाकिस्तानी सेना के कमांडरों को सौंपने का अपनी ओर से हर संभव प्रयास किया, इस कोशिश को सफल बनाने के लिए आखिरकार भारतीय सेना के शीर्ष कमांडरों को हस्तक्षेप करना पड़ा और इसके परिणामस्वरूप 11 जुलाई, 2019 को दुधगई गांव के पास आबिद का शव पाकिस्तानी सेना को सौंप दिया गया।
स्थानीय लोगों ने मानवता की मिसाल कायम करने के लिए भारतीय सेना के प्रयास की सराहना की।
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भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन का क्रियान्वयन राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकारों द्वारा संबंधित शहरी स्थानीय निकायों के माध्यम से किया जाता है। इसके तहत इच्छुक लाभार्थी भागीदारी में किफायती आवास लाभार्थी आधारित व्यक्तिगत आवास निर्माण तथा स्व-स्थान स्लम पुनर्विकास के लिए स्थानीय शहरी निकायों से तथा ब्याज आधारित सब्सिडी के लिए अपने निकटतम बैंक शाखा से संपर्क करें। भारत सरकार के आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय (निर्माण भवन, नई दिल्ली) में पीएमवाई के तहत आवेदन पत्र सीधे तौर पर स्वीकार किये जाने का कोई प्रावधान नहीं है। प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना की विस्तृत जानकारी इस मंत्रालय की वेबसाइट www.mohua.gov.in और www.pmaymis.gov.in पर उपलब्ध है।
प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन के अंतर्गत संबंधित शहरी स्थानीय निकायों द्वारा निःशुल्क ऑफलाइन एवं ऑनलाइन आवेदन जमा करने का प्रावधान है। इसकी वैधता की जांच कर पात्र लाभार्थी की सूची तैयार करने के बाद, राज्य/केंद्र शासित प्रदेश सरकार द्वारा विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार कर भारत सरकार को केन्द्रीय सहायता हेतु प्रेषित की जाती है।
केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली के सन्दर्भ में, दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब) को दिल्ली में आवासों की मांग सर्वे के काम की जिम्मेदारी दी गई है। इस सन्दर्भ में डूसिब और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को समय-समय पर आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। दिल्ली के इच्छुक लाभार्थी प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) योजना के अंतर्गत आवास प्राप्ति हेतु निम्नलिखित पते पर संपर्क कर सकते हैं।
- शहरी आश्रय सुधार बोर्ड, पुनर्वास भवन, आई पी इस्टेट, नयी दिल्ली – 110002
- दिल्ली विकास प्राधिकरण,विकास सदन,आई.एन.ए., नयी दिल्ली - 110023
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आर.के.मीणा/आरएनएम/एएम/एमएस/डीके – 1998
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आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने मॉडल किराएदारी अधिनियम, 2019 का मसौदा तैयार किया है। इस प्रारूप में मालिक और किराएदार दोनों के हितों और अधिकारों को संतुलित बनाने तथा परिसरों को अनुशासित और सक्षम तरीके से किराए पर देने में उत्तरदायी और पारदर्शी व्यवस्था बनाने का प्रावधान है। यह अधिनियम समाज के विभिन्न आय वर्गों के लिए किराए के मकान का पर्याप्त स्टॉक बनाने में सहायता देगा। समाज के इन वर्गों में एक स्थान से दूसरी जगह पर बसे लोग, औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्र के श्रमिक, पेशेवर लोग, विद्यार्थी आदि शामिल हैं। इसका उद्देश्य गुणवत्ता सम्पन्न किराए के आवास तक पहुंच को बढ़ाना है। यह विधेयक पूरे देश में किराए के मकान के समग्र कानूनी रूपरेखा को नया रूप देने में सहायक होगा। आशा है कि इस विधेयक से देश में रिहायशी मकानों की भारी कमी की समस्या से निपटने के लिए किराए के आवास क्षेत्र में निजी क्षेत्र की भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।
प्रारूप एमटीए किराए के मकान की वृद्धि, क्षेत्र में निवेश, उद्यम के अवसर तथा स्थान साझा करने की नवाचारी व्यवस्था को प्रोत्साहित करेगा। यह एमटीए भविष्य में होने वाली किराएदारी के मामले में लागू होगा और वर्तमान किराएदारी के मामलों को प्रभावित नहीं करेगा।
- एमटीए में शिकायत समाधान की मजबूत व्यवस्था का प्रावधान है। इस व्यवस्था में किराया प्राधिकरण, किराया न्यायालय और किराया न्यायाधिकरण शामिल हैं। इसमें आवासीय सम्पत्तियों के मामले में अधिकतम दो महीने के किराए के बराबर जमानत राशि की सीमा प्रस्तावित है और गैर आवासीय सम्पत्ति के मामले में यह सीमा कम से कम एक महीने के किराए की है।
- इस अधिनियम के लागू होने के बाद कोई भी व्यक्ति लिखित समझौता किए बिना न तो परिसर को किराए पर दे सकता है और न कोई व्यक्ति परिसर को किराए पर ले सकता है।
- मॉडल अधिनियम सम्पूर्ण राज्य यानी राज्य के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में भी लागू होगा।
- किराया समझौता होने के दो महीने के अन्दर मकान मालिक और किराएदार के लिए समझौते के बारे में किराया प्राधिकरण को सूचना देनी होगी तथा किराया प्राधिकरण सात दिनों के अन्दर दोनों पक्षों को विशिष्ट पहचान संख्या जारी करेगा।
- किराएदारी समझौता तथा अन्य दस्तावेजों को प्रस्तुत करने के लिए राज्य की स्थानीय भाषा में एक डिजिटल प्लेटफार्म स्थापित किया जाएगा।
- लोगों तथा अन्य हितधारकों द्वारा 01/08/2019 तक टिप्पणियां देने के लिए प्रारूप मॉडल किराएदारी अधिनियम, 2019 की प्रति मंत्रालय की वेबसाइट (http://mohua.gov.in/) पर अपलोड कर दी गई है।
- राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के विचारों/टिप्पणियों के लिए प्रारूप अधिनियम की प्रति साझा की गई है।
- मॉडल अधिनियम को अंतिम रूप दिए जाने के बाद इसे अपनाने के लिए राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों के साथ साझा किया जाएगा।
2011 की जनगणना के अनुसार देश में लगभग 1.1 करोड़ मकान खाली पड़े थे। इन मकानों को किराये पर उपलब्ध कराने से 2022 तक सभी के लिए घर के विजन को पूरा किया जा सकेगा। वर्तमान किराया नियंत्रण कानून किराए पर मकान की वृद्धि को रोके हुए हैं और मालिकों को इस बात के लिए हत्तोसाहित करते हैं कि मकान को किराए पर देने से मकान दूसरे के कब्जे में चला जाएगा।
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ऑपरेशन थर्स्ट -अनाधिकृत पानी की बोतलों की बिक्री पर रोक के लिए आरपीएफ द्वारा देश भर में अभियान 12-Jul-2019
रेलवे परिसर में अनाधिकृत ब्रांड वाली पानी की बोतलें धड़ल्ले से बेचे जाने के मामलों पर रोक लगाने के लिए ऑपरेशन थर्स्ट नाम से एक देश व्यापी अभियान 08/09 जुलाई 2019 को महानिदेशक, रेलवे सुरक्षा बल, रेलवे बोर्ड, नई दिल्ली के निर्देश पर शुरू किया गया । इसके तहत प्रधान मुख्य सुरक्षा आयुक्तों को इन अनाधिकृत गतिविधियों पर लगाम लगाने का आदेश दिया गया । अभियान के दौरान भारतीय रेलवे के लगभग सभी प्रमुख स्टेशनों को कवर किया गया ।
ऑपरेशन थर्स्ट के दौरान 1371 व्यक्तियों को अनाधिकृत ब्रांडों के पानी की बोतलें बेचने के मामले में रेलवे अधिनियम की धारा 144 और 153 के तहत गिरफ्तार किया गया था। इस दौरान नकली पीने के पानी की कुल 69294 बोतलें जब्त की गईं और अपराधियों से जुर्माने के तौर पर कुल 6,80,855 रूपए वसूल किए गए । गैर कानूनी बिक्री गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में 4 पेंट्री कार प्रबंधकों को भी गिरफ्तार किया गया । प्लेटफार्मों पर लगे स्टॉल में भी ऐसे ब्रांड की पेयजल बोतलें बिकती हुयी पाई गईं , जो रेलवे द्वारा अधिकृत नहीं हैं।
इन गैर कानूनी गतिविधियों की तह तक पहंचने के लिए ऐसे मामलों में और जांच की जा रही है और इसमें शामिल पाए गए लोगों के खिलाफ कानून के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इस विशेष अभियान के बाद संबंधित पीसीएससी द्वारा आगे भी निरंतर कार्रवाई जारी रखी जाएगी।
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सराहनीय वृत्तचित्र फिल्मों का अब सार्वजनिक प्रदर्शन किया जाएगा और फिल्म प्रेमियों को फिल्मों को देखने के साथ ही साथ उनके निदेशकों/निरीक्षकों के साथ बातचीत करने का अवसर भी मिलेगा। ऐसा फिल्म क्लब ‘क्षितिज’ के शुभारंभ की बदौलत होने जा रहा है। क्षितिज का शुभारंभ फिल्म प्रभाग, सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा भारतीय वृत्तचित्र निर्माता संघ (आईडीपीए) के सहयोग से कल होने जा रहा है। वृत्तचित्र फिल्मों का सार्वजनिक प्रदर्शन हर महीने के दूसरे और चौथे शुक्रवार को शाम पांच बजे से साढ़े छह बजे तक फिल्म प्रभाग परिसर में किया जाएगा। उसके फौरन बाद वृत्तचित्र फिल्म के निदेशकों/निरीक्षकों के साथ संक्षिप्त बातचीत होगी।
वृत्तचित्र फिल्म क्लब ‘क्षितिज’ का उद्घाटन शहरी विकास राज्य मंत्री, महाराष्ट्र सरकार श्री योगेश सागर द्वारा विख्यात फिल्मकार अरुणाराजे पाटिल और मृणाल कुलकर्णी की मौजूदगी में कल (12 जुलाई, 2019) शाम पांच बजे ऑडिटोरियम-1, न्यू म्यूजियम बिल्डिंग, फिल्म प्रभाग परिसर,मुंबई में किया जाएगा।
उद्घाटन फिल्म के तौर पर बेहद सराही गई अजय एवं विजय बेदी की वृत्तचित्र फिल्म ‘सीक्रेट लाइफ ऑफ फ्रॉग्स’ दिखाई जाएगी।
फिल्म प्रभाग की स्थापना 1948 में की गई थी और वह तब से निरंतर देश की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक कल्पनाओं और वास्तविकताओं का रिकॉर्ड फिल्मों में संजो रहा है। पिछले सात दशक से ज्यादा अर्से से वह सक्रिय रूप से भारत में व्यक्तिगत दृष्टि और सामाजिक प्रतिबद्धता वाली फिल्म निर्माण की संस्कृति को प्रोत्साहन और बढ़ावा देता आ रहा है। प्रभाग के पास 8,000 से ज्यादा टाइटल हैं जिनमें बहुमूल्य आईएनआर, वृत्तचित्र, लघु फिल्में और एनीमेशन फिल्में शामिल हैं।
मीडिया से अनुरोध है कि इस फिल्म क्लब के बारे में सूचना का प्रसार करे ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इन फिल्मों को देखने का अवसर पा सके।
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चारा घोटालाः लालू यादव को मिली जमानत… 12-Jul-2019रांची : राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू यादव को रांची हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. देवघर कोषागार मामले में सजा की आधी अवधि गुजर जाने को आधार बनाकर लालू की तरफ से जमानत याचिका दायर की गई थी. इस पर सुनवाई करते हुए रांची हाईकोर्ट ने लालू यादव को 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दे दी. इसके साथ ही कोर्ट ने लालू को पासपोर्ट जमा कराने का आदेश दिया है चारा घोटाला मामले में पिछले दिनों 5 जुलाई को सुनवाई हुई थी, लेकिन लालू प्रसाद यादव को रांची हाईकोर्ट से राहत नहीं दी थी. लालू यादव ने जमानत के लिए याचिका दायर की थी, जिस पर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई के लिए अगली तारीख 12 जुलाई निर्धारित की थी. लालू यादव चारा घोटाला मामले में रांची की एक जेल में बंद हैं.
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राजिस्तान:सदन में आज उठेगा किसान ऋण माफी का मामला मदरसा पैरा टीचर्स का मामला भी उठाया जाएगा, सहकारी समितियों में अनियमितता की गूंज सुनाई देगी, ब्यावर के स्टेडियम में अनियमितता का मामला उठाया जाएगा
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कर्नाटक में बागी विधायकों पर फैसला मंगलवार तक टला, सुप्रीमकोर्ट ने कहा- यथास्थिति बरकरार रहे 12-Jul-2019
नई दिल्ली: कर्नाटक में जारी उठापटक पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मामले को मंगलवार तक के लिए टाल दिया है और कहा है कि तब तक यथा स्थिति रहे. इससे पहले बागी विधायकों की ओर से पेश वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि विधायकों को मेरे पास आना चाहिए था उनको सुप्रीम कोर्ट के पास नहीं जाना चाहिए था. स्पीकर ने कहा कि मुझे पूरी रात इस्तीफों को पढ़ना है. जनता के प्रति जवाबदेह हूं. बागी विधायकों की तरफ से कहा गया कि स्पीकर ने कल कहा कि सुप्रीम कोर्ट हमें निर्देश नही दे सकता. स्पीकर ने ये भी कहा था कि मैं पहले इस्तीफे को देखूंगा उसके बाद फैसला करूंगा और अभी तक कोई फैसला भी नहीं दिया. बागी विधायकों की तरफ से कहा गया कि ये मामला केवल इस्तीफा का है. बागी पब्लिक, टीवी और कोर्ट हर जगह कह रहे है कि वो इस्तीफा देना चाहते हैं.
इस पर प्रधान न्यायाधीश ने पूछा कि स्पीकर का फैसला क्या है, तो बागी विधायकों की तरफ से कहा गया कि अभी तक स्पीकर की तरफ से कुछ नही कहा गया है. आज से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है स्पीकर बस विधायकों को अयोग्य करार देने चाहते हैं. मुकुल रोहतगी ने कहा कि कांग्रेस की ओर से व्हिप जारी किया गया है और इस तरह तो वह अयोग्य घोषित हो जाएंगे.
वहीं स्पीकर की ओर से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि संविधान में भी पूरा ब्यौरा है कि किसी विधायक के इस्तीफे को मंज़ूर करने से पहले क्या क्या करने की प्रक्रिया होगी. स्पीकर की तरफ से कहा गया कानून के हिसाब से स्पीकर जब संतुष्ट होंगे तब इस्तीफा स्वीकार होता है. इसमें समय लगता है. जिस तरह से याचिकाकर्ता चाहते है कि तुरंत किया जाए ये संभव नहीं है. पहले ये देख जाता है कि इस्तीफा सही है या नहीं.वी की इस दलील पर कोर्ट ने पूछा- क्या स्पीकर सुप्रीम कोर्ट के पावर को चैलेंज कर रहे हैं? सिंघवी ने कहा नहीं. हम सिर्फ प्रक्रिया बता रहे हैं. सिंघवी ने आगे कहा कि सभी दस विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्रवाही चल रही है. इनमें से आठ के खिलाफ कार्रवाही स्पीकर के पास इस्तीफा पहुंचने से पहले शुरू की गई. विधायक स्पीकर से मिलने की बजाए मुंबई जाकर रिसॉर्ट में रूक गए. स्पीकर की संवैधानिक पद पर है विधायकों का इस्तीफा सही फॉर्मेट में नहीं था. कल ही उन्होंने इसे सही किया है. फिलहाल मंगलवार को फिर सुनवाई होगी.वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की ओर से पेश वकील राजीव धवन ने कहा कि इस याचिका में कोई तथ्य नहीं हैं. जिस पोंजी घोटाले की बात इस्तीफे के लिए कही गई है उसमें याचिकाकर्ता में से ही एक शामिल है. यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है. इस याचिका में एक शब्द भी ऐसा नही है जिसपर आर्टिकल 32 के तहत सुनवाई की जाए. विधायकों का कहना है कि इन्होंने राज्यपाल को इस्तीफा दिया था जिन्होंने इसे स्पीकर को भेजा. अरूणाचल प्रदेश जजमेंट में साफ है कि राज्यपाल का कोई रोल नहीं है. सिर्फ स्पीकर की भूमिका होती है. धवन ने आगे कहा कि विधायकों ने दावा किया है कि वो स्वेच्छा से अपनी सदस्यता छोड़ रहे हैं. लेकिन उनकी मंशा संदिग्ध है. सुप्रीम कोर्ट का ही फैसला है कि अगर स्पीकर को निजी तौर पर भी इस्तीफे की सूचना मिले तो स्पीकर की ज़िम्मेदारी है कि वो उसके पीछे के कारणों की जांच कराए. संविधान की 10 वी अनुसूची में इस प्रक्रिया का पूरा ब्यौरा है.
टिप्पणियांइसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने बागी विधायकों के वकील मुकुल रोहतगी से पूछा कि इस्तीफे के अलावा अयोग्यता का मामला भी विचाराधीन है. दो विधायकों की अयोग्यता कार्रवाही फरवरी में शुरू हुई. बाकी आठ का क्या हुआ. इस पर मुकुल रोहतगी ने कहा कि दो के खिलाफ फरवरी में कार्रवाई शुरू हुई फिर बंद कर दी. अब दबाव में दोबारा शुरू की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर कहा कि याचिका के सुनवाई योग्य होने के अलावा सवाल संवैधानिक मुद्दों का भी है.
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मदरसा के छात्र पास ही के मैदान में क्रिकेट खेल रहे थे. इसी दौरान वहां कुछ युवक आए और मारपीट की घटना को अंजाम दिया.
उत्तर प्रदेश: के उन्नाव जिले में क्रिकेट खेलने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया. विवाद इतना बढ़ गया कि बात मारपीट तक पहुंच गई. मामला शहर कोतवाली के जीआईसी मैदान का है. यहां पर गुरुवार दोपहर में दारुल उलूम फैज-ए-आम मदरसे के बच्चे क्रिकेट खेल रहे थे. उन्होंने आरोप लगाया कि इसी दौरान कुछ युवक आए और उनकी बैट से पिटाई कर दी और पथराव भी किया. मदरसा के छात्रों का कहना है कि वे लोग उन्हें जय श्री राम का नारा लगाने के लिए मजबूर कर रहे थे. ऐसा नहीं करने पर मारपीट पर उतर आए.
इस पूरे मामले पर उन्नाव जामा मस्जिद के मौलाना नईम मिसबाही ने कहा कि क्रिकेट खेल रहे बच्चों को कुछ लड़कों ने मारा क्योंकि उन्होंने जय श्री राम का नारा लगाने से इनकार कर दिया था. उनलोगों ने बच्चों पर पत्थर भी फेंका. मौलाना ने बताया कि उन लोगों का फेसबुक प्रोफाइल चेक करने पर पता चला कि वे बजरंग दल से जुड़े हैं.