शिक्षकीय सेवा सबसे बड़ा पुण्य कार्य-स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव

- मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना अंतर्गत ज्ञानदीप एवं शिक्षा दूत हेतु कुल 15 शिक्षक-शिक्षिकाओं को किया गया अलंकृत
दुर्ग, 12 सितम्बर 2025/ शिक्षकीय ज्ञान प्रदान करने से बड़ा पुण्य कार्य कोई दूसरा नहीं हो सकता। यह बात स्कूल शिक्षा, विधि एवं विधायी तथा ग्रामोद्योग मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने मुख्यमंत्री गौरव अलंकरण सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि शिक्षक का सम्मान वास्तव में जीवन का सबसे बड़ा सम्मान है, क्योंकि गुरु से बड़ा कोई नहीं होता। संत कबीरदास के दोहे गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागूं पांय में बताया गया है कि भारतीय परंपरा में गुरु को ईश्वर से पहले स्थान दिया गया है।
मंत्री श्री यादव ने कहा कि यह उनका सौभाग्य है कि माननीय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में उन्हें शिक्षा विभाग की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि विभाग का कार्यभार ग्रहण करते ही उन्होंने सबसे पहले 1122 शिक्षकों के पदोन्नति आदेश जारी किए। इसके साथ ही प्रदेश में सरकारी स्कूल अब शनिवार को सुबह संचालित होंगे, जिसका आदेश स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी कर दिया गया है।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में माननीय उच्च न्यायालय के आदेश प्राप्त होते ही प्राचार्य और व्याख्याता पदों पर पदोन्नति को भी तत्काल प्रभाव से लागू किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी। मंत्री श्री यादव ने कहा कि उनका जीवन ग्रामीण परिवेश में बीता है, इसलिए वे गांव और वहां के बच्चों की जरूरतों को भलीभांति समझते हैं। उन्होंने शिक्षकों से कहा यदि आपने मुझे गुरु माना है, तो आपको मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। एक सच्चा गुरु जानता है कि शिष्य को कब क्या देना है। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल में शिक्षक की भूमिका सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि समाज में आदर्श प्रस्तुत करने की भी है। उन्होंने शिक्षकों को कहा कि पढ़ाई-लिखाई में कोताही और अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मंत्री श्री यादव ने कई उदाहरणों के माध्यम से बताया कि हमें शिक्षा के क्षेत्र में ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश के कई शीर्ष अधिकारी और नेता सरकारी स्कूलों में पढ़े हैं। अगर वे आगे बढ़ सकते हैं, तो आज के शिक्षक और विद्यार्थी भी पीछे न रहे। उन्होंने शिक्षकों से अपील की कि वे पूरी ईमानदारी से पढ़ाएं और छत्तीसगढ़ के भविष्य को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाएं। सांसद श्री विजय बघेल ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में आयोजन की सराहना की। शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने के लिए गुरूजनों का सम्मान जरूरी है। उन्होंने सभी शिक्षकों का आव्हान किया कि वे विद्यार्थियों के प्राथमिक शिक्षा पर विशेष ध्यान देवें। आधार मजबूत होने से विद्यार्थी का उच्च स्तरीय शिक्षा को मजबूती मिलेगी।
इस दौरान अतिथियों ने मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण योजना अंतर्गत ज्ञानदीप एवं शिक्षा दूत हेतु कुल 15 शिक्षक/शिक्षिकाओं को अंलकृत किया। शासकीय पू.माध्यमिक विद्यालय टेमरी के श्री पुष्पेन्द्र कुमार साहू, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चीचा के श्री संतोष कुमार, शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय अण्डा के प्रधानपाठक श्रीमती विजय लक्ष्मी राव, शासकीय प्राथमिक शाला मरोदा टैंक भिलाई के सहा शिक्षक कु. वर्षा यादव, शासकीय प्राथमिक शाला खोपली संकुल के श्री दीपक कुमार साहू, शा.प्रा.शाला कातरो के श्रीमती भानेश्वरी साहू, शास.प्राथमिक शा सुरपा के हिरेन्द्र कुमार मण्डावी, शा.प्रा.शा.उमरपोटी के राघवेन्द्र कुमार ध्रुव, शास.प्राथ.शाला चीचा के श्री कामता प्रसाद धनकर, शास.प्राथ, शाला रौंता के श्री सुनील कुमार स्वर्णकार, शास.प्राथ.शाला नवागांव के श्री दिलीप कुमार वर्मा, शास.प्राथ.शा. मलपुरीकला के श्री मोहन लाल यादव, कबीरधाम व्याख्याता श्री चंद्रिका प्रसाद चंद्रवंशी, बालोद के व्याख्याता श्री तामसिंह पारकर एवं दुर्ग के व्याख्याता श्रीमती शुभ्रा वर्मा को शिल्ड और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर दुर्ग ग्रामीण विधायक श्री ललित चंद्राकर, नगर निगम दुर्ग की महापौर श्रीमती अलका बाघमार, जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बंजारे, जिला पंचायत उपाध्यक्ष, जनपद सदस्य, जिला शिक्षा अधिकारी श्री अरविंद मिश्रा सहित शिक्षा विभाग के अन्य अधिकारी एवं शिक्षकगण बड़ी संख्या में उपस्थित थे।
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- 22 सितम्बर 2025 शाम 5.30 बजे तक प्रविष्टियाँ आमंत्रित
दुर्ग, 12 सितंबर 2025/ राज्य शासन ने सामाजिक समरसता यथा सभी वर्गों में समभाव, सौहार्द, समाज सेवा को स्थाई कार्य जैसे अस्पताल, धर्मशाला, पेयजल, स्वच्छता एवं सामाजिक विकास के अन्य स्थाई स्वरूप के कार्यों में जनभागीदारी को बढ़ावा देने, सामाजिक चेतना का अच्छा वातावरण विकसित करने के योगदान को प्रोत्साहित करने की दृष्टि से ’’अखिल भारतीय महाराजा अग्रसेन सम्मान’’ की स्थापना की है। वर्ष 2025 के लिए उक्त पुरस्कार प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति के चयन हेतु सर्वसंबंधितों से 22 सितम्बर 2025 शाम 5.30 बजे तक प्रविष्टियाँ आमंत्रित की गई है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार उक्त पुरस्कार की राशि 2 लाख रूपए चयनित व्यक्ति को नगद, सम्मान प्रतीक चिन्ह से युक्त पट्टिका एवं प्रमाण पत्र भी प्रशस्ति के रूप में दी जायेगी। उक्त पुरस्कार राज्य शासन द्वारा नियुक्त निर्णायक मंडल (जूरी) द्वारा चयन होने पर ही दिया जाएगा। पुरस्कार हेतु प्रविष्टि हेतु अपेक्षाओं की पूर्ति आवश्यक होगी। जिनमें व्यक्ति का पूर्ण परिचय, सामाजिक समरसता यथा सभी वर्गों में समभाव, सौहार्द, समाज सेवा के स्थाई कार्य जैसे अस्पताल, धर्मशाला, पेयजल, स्वच्छता एवं सामाजिक विकास के अन्य स्थाई स्वरूप के कार्यों में जनभागीदारी को बढ़ावा देने, सामाजिक चेतना का अच्छा वातावरण विकसित करने के क्षेत्र में किए गए अविस्मरणीय कार्य, सेवाओं तथा अभिनव प्रयास के लिए किए गए कार्यों की सप्रमाण विस्तृत जानकारी, देना शामिल है। यदि कोई अन्य पुरस्कार प्राप्त किया हो तो उसका विवरण भी देना होगा। इसी क्रम में सामाजिक, समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य तथा इसके सैद्धांतिक पक्ष के विषय में प्रकाशित साहित्य की सत्यापित छायाप्रति, सामाजिक समरसता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के संबंध में प्रख्यात पत्र/पत्रिकाओं/ग्रंथ के माध्यम से उपलब्ध साहित्य की जानकारी, चयन होने की दशा में सम्मान ग्रहण करने के बारे में व्यक्ति की लिखित सहमत्ति अनिवार्य रूप से देनी होगी। यदि आवेदक राज्य अथवा केन्द्र शासन के किसी विभाग निगम/मंडल में सेवारत् हो तो उसका स्पष्ट उल्लेख प्रविष्टि में किया जाए। इसके अलावा आवेदक जिस जिले का निवासी हो, उस जिले के कलेक्टर को अपनी प्रविष्टि निर्धारित अंतिम तिथि तक प्रस्तुत करेंगे। सीधे विभाग को प्राप्त प्रविष्टि पर कोई विचार नहीं किया जायेगा ।
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दुर्ग, 12 सितम्बर 2025/ दानवीर भामाशाह सम्मान 2025 के लिए दानशीलता, सौहाद्र एवं अनुकरणीय सहायता प्रदान करने वाले उत्कृष्ट व्यक्ति/संस्था अपनी प्रविष्टियां 21 सितम्बर 2025 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। जिसमें अपनी प्रविष्टियां संस्था/व्यक्ति का पूर्ण परिचय, व्यक्ति/संस्था छत्तीसगढ़ में निवासरत/कार्यरत हो, व्यक्ति/संस्था का पिछला कार्य उत्कृष्ट हो और वर्तमान में भी निरंतर सक्रिय हो, उक्त सम्मान हेतु ज्यूरी के सदस्यों की प्रविष्टि मान्य नहीं होगी, दानशीलता एवं राष्ट्रीयता के क्षेत्र में किये गये कार्यों का विस्तृत विवरण, अन्य पुरस्कार प्राप्त किया हो, तो उसका विवरण, उत्कृष्ट कार्यों के संबंध में प्रकाशन, प्रख्यात व्यक्तियों/पत्र पत्रिकाओं द्वारा की गई टिप्पणी, निरन्तर क्रियाशील एवं निर्विवाद होने के विषय में जिला कलेक्टर की अनुशंसा और चयन होने की दशा में पुरस्कार ग्रहण करने की लिखित सहमति एवं पासपोर्ट साईज 03 फोटोग्राफ्स उपसंचालक समाज कल्याण दुर्ग को प्रेषित कर सकते हैं। अन्य जानकारी हेतु कार्यालय उपसंचालक समाज कल्याण विभाग दुर्ग से संपर्क अथवा विभागीय वेबसाईट sw.cg.gov.in में अवलोकन किया जा सकता है।
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दुर्ग, 12 सितम्बर 2025/ कलेक्टर श्री अभिजीत सिंह के निर्देशानुसार आज लोक निर्माण कार्यालय के सभाकक्ष में ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना से संबंधित प्रशिक्षण आयोजित किया गया। ईडीएम सुश्री श्रुति अग्रवाल से मिली जानकारी अनुसार उक्त प्रशिक्षण में दुर्ग जिले के 106 कॉमन सर्विस सेंटर संचालक/लोक सेवा केंद्र/च्वाइस संचालक उपस्थित रहे। सभी संचालकों को ई-डिस्ट्रिक्ट परियोजना अंतर्गत संचालित सेवाओं जैसे आय/जाति/निवासी/विवाह आदि के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण में पाटन तहसील तहसीलदार श्री पवन कुमार ठाकुर, दुर्ग एवं धमधा के नायब तहसीलदार श्री हलेश्वर नाथ खुटे एवं श्री योगेश सिंह राजपूत उपस्थित रहे। सभी संचालकों को राजस्व सेवाओं में आवश्यक दस्तावेजों के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में संचालक के सभी प्रश्नों के उत्तर दिए गए। उक्त प्रशिक्षण में ई डिस्ट्रिक्ट मैनेजर चिप्स तकनीकी सहायक एवं अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे।