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  • शराब से अवैध कमाई के रमनसिंह आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि अपना 15 वर्षों का अनुभव बता रहे हैं - आर पी सिंह
    शराब से अवैध कमाई के रमनसिंह आरोप नहीं लगा रहे हैं बल्कि अपना 15 वर्षों का अनुभव बता रहे हैं - आर पी सिंह रायपुर/14 जून 2020। छत्तीसगढ़ कांग्रेस कमेटी के संचार विभाग के सदस्य और प्रवक्ता आर पी सिंह ने एक बयान जारी करके कहां है कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह का शराब पर बयान पढ़कर पुरानी कहावत याद आ गई "नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली"। डॉ रमन सिंह को भूपेश बघेल सरकार पर शराब संबंधी कोई भी आरोप लगाने से पहले इन सवालों के जवाब प्रदेश की जनता के समक्ष देने चाहिए। 1- छत्तीसगढ़ में शराब बिक्री का सरकारी करण करके गांव गांव गली गली में शराब की नदी बहा देने वाले रमन सिंह आखिरकार किस मुंह से शराबबंदी की वकालत करते हैं? 2- डॉ रमन सिंह जी को अपने कैबिनेट की वह बैठक तो याद होगी जिसमें तेजतर्रार मंत्री प्रेम प्रकाश पांडे जी ने यह जानना चाहा था कि शराब की बिक्री से मिलने वाला 1000 करोड़ रुपए से अधिक का कमीशन किसकी जेब में जाता है? 3- अगर डॉक्टर रमन सिंह को शराब से इतनी ही नफरत थी तो 15 वर्षों में शराबबंदी क्यों नहीं की? 4 - रमन सिंह को प्रदेश की जनता को यह भी बताना चाहिए आखिर वह कौन से कारण थे जिसके चलते शराब बिक्री का व्यवसाय निजी हाथों से छीनकर सरकारी हाथों में लेना पड़ा ? 5 - प्रदेश की जनता यह भी जानना चाहती है की रमन सरकार में शराब बिक्री के सरकारीकरण होते ही बियर का एक विशेष ब्रांड ही हर दुकान में क्यों बिकता था और उस ब्रांड का भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के साथ क्या संबंध है ? 6- क्या यह सच नहीं है कि रमनसिंह जी ही के शासनकाल में शराब से मिलने वाला राजस्व 400 करोड़ रुपए से बढ़ते बढ़ते लगभग 5000 करोड़ के आसपास पहुंच गया था। शराब बिक्री की इस अप्रत्याशित वृद्धि की वजह क्या थी? 7 - क्या यह सही नहीं है कि प्रदेश की जनता शराब की बेतहाशा बिक्री के चलते ही उन्हें चाउर वाले बाबा की जगह दारू वाले बाबा के नाम से पुकारने लगी थी? 8 - पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश में खरीद फरोख्त करके भाजपा की सरकार बनाई गई है क्या वहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरकारी अमले से शराब नहीं बिकवा रहे हैं? वह भी महिला कर्मियों से। डॉ रमन सिंह को अपना और भाजपा का पक्ष स्पष्ट करने के लिए जनता के इन 8 सवालों का जवाब जरूर देना चाहिए। कांग्रेस संचार विभाग के सदस्य और प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा है कि कांग्रेस का विधानसभा चुनाव का घोषणापत्र 5 वर्षों के लिए है और भूपेश बघेल सरकार शराबबंदी के लिए दृढ़ संकल्पित है। यह रमन सिंह सरकार ने 15 वर्ष में न जाने कितने वादे तोड़े न जाने मतदाताओं से कितनी धोखाधड़ी की वह कम से कम अभी तक हर वादा समय पर पूरा करने वाली भूपेश बघेल सरकार पर बयान बाजी ना करें । सूपा बोले तो बोले चलनी भी बोले जिसमें 72 छेद।
  • भाजपा के गैर जिम्मेदार सांसदों से बेहतर हैं,13 कोरोना योद्धा
    सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया कोरोना महामारी रोकने में असफल मोदी सरकार और भाजपा सांसदों से बेहतर हैं, 13 कोरोना योद्धा 13 कोरोना योद्धा का पता बताने के लिए सुनील सोनी का धन्यवाद भाजपा के जनता प्रति गैर जिम्मेदार सांसदों से बेहतर हैं,13 कोरोना योद्धा रायपुर /13 जून/ 2020/भाजपा सांसद सुनील सोनी के बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार की नाकामी के कारण देश के कोने कोने तक कोरोनावायरस फैला है। कोरोना वायरस फैलने के लिए जितना मोदी सरकार जिम्मेदार है उतना ही भाजपा के सांसद भी जिम्मेदार है। सांसद सुनील सोनी अब जनता को यह थोड़ी बताएंगे कि कोरेना महामारी फैलने के लिए मोदी सरकार के अंग होने नाते स्वयं भी जिम्मेदार है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं उनके मंत्रिमंडल कोरोना महामारी संकट को रोकने तत्काल एक योद्धा की तरह युद्ध स्तर पर काम की है सरकार के अभिन्न अंग स्वास्थ्य विभाग जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन नगर निगम नगरी पंचायत विभाग के अलावा सामाजिक संगठन धार्मिक संस्थान गुरुद्वारा एवं अन्य समाजसेवी संगठनों ने कोरोना महामारी के खिलाफ बढ़-चढ़कर इस लड़ाई में महती भूमिका निभाई है ।भाजपा के सांसद चाहते तो एक स्वर में खड़े होकर कोरोना महामारी संकट रोकने तत्काल उपाय करने मोदी सरकार को मजबूर करते और देश आज कोरेना महामारी संकट से कोसों दूर होता।कोरोना महामारी को लॉक डाउन वन के पहले ही अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आने वालों की टेस्टिंग कर उनको क्वॉरेंटाइन कर रोका जा सकता था। लेकिन मोदी सरकार के मनमानी हठधर्मिता और जिद्द, एवं निर्वाचित मध्य प्रदेश की सरकार को गिराने का षडयंत्र और मोदी के विदेशी मित्र ट्रंप के स्वागत करने की होड़ के चलते आज कोरेना देश के कोना कोना तक पहुंच चुका है। भाजपा के चुने हुए सांसद ने जनता की दी हुई जिम्मेदारी का ईमानदारी से निर्वहन नही किया।जनता की सुरक्षा स्वास्थ्य रोजगार सहित अन्य विषयों पर दलगत राजनीति से ऊपर उठकर एक जनप्रतिनिधि होने का धर्म नही निभाया। दुखद है भाजपा के सांसदों ने इस गंभीर संकट को समझने के बजाय मोदी के मनमानी का साथ देते रहे मोदी के तुगलकी फरमान में हां में हां मिलाते रहें और आज देश में कोरेना महामारी के कारण 7000 से अधिक लोगों की मौत हो गई है 3लाख के लगभग संक्रमित हैं 12 लाख करोड़ से अधिक की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है 600 से अधिक मजदूरों की अकाल मृत्यु हुई है इन सब के लिए मोदी सरकार के साथ भाजपा के सांसद भी जिम्मेदार हैं। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी संकटकाल को छत्तीसगढ़ में नियंत्रित करने में 9 भाजपा सांसदों योगदान शून्य हैं भाजपा के नेता और सांसद खाली जुबानी खर्चा के अलावा कोरोना महामारी संकट को रोकने किसी भी प्रकार से मदद नहीं किए हैं।मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के सफल नेतृत्व में सरकार के मंत्रिमंडल एवं प्रशासन ने कोरोना महामारी को चुनौती के रूप में स्वीकार किया इसका ही परिणाम है कि उत्तर प्रदेश बिहार झारखंड महाराष्ट्र जैसे राज्यों से छत्तीसगढ़ बेहतर स्थिति में है।
  • हजारो गौ वंश के हत्या के आरोप से ग्रसित भाजपा नेता हाथियों के मौत का बहाना लेकर सवाल कर रहे है
    आठ हजार गौ वंश की भूख से मौत पर बृजमोहन अग्रवाल चुप रहे
     
    हजारो गौ वंश के हत्या के आरोप से ग्रसित भाजपा नेता हाथियों के मौत का बहाना लेकर सवाल कर रहे है
     
    पूर्व गौ सेवा आयोग अध्यक्ष पर कमीशनखोरी के आरोप पर क्यो खामोश रहे बृजमोहन अग्रवाल

     छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता विकास तिवारी ने भाजपा विधायक एवं पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बयान पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आज हाथियों के मौत पर प्रदेश को कब्रगाह की संज्ञा देने वाले भाजपा के पूर्व कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल को बताना चाहिए कि उनके शासनकाल में लगभग आठ हजार से अधिक गौवंश की मौत भूख से हुई थी और लगातार गौवंशयो की हत्या और तस्करी अनवरत चल रही थी। लगातार भाजपा चुनाव में गौ माता और गौवंश की बात तो करती थी लेकिन उन्हीं के शासनकाल में और जबकि भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल खुद इस विभाग के प्रमुख रहे उस समय पूर्व गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष विश्वेश्वर पटेल पर उन्हीं के पार्टी के नेता और गौवंश के हत्या के आरोपी ने यह सनसनीखेज बयान देकर कहा था कि गौवंश के चारा और उनके भोजन में हुवे घोटाले पर मोटा कमीशन भाजपा और आरएसएस  के नेता विश्वेश्वर पटेल मांगा करते थे जिसके कारण वह मजबूरन गौवंश का भोजन कम देते थे इतने बड़े खुलासे पर तत्कालीन कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल की चुप्पी प्रदेश की जनता के समझ से परे था।

    कांग्रेस प्रवक्ता विकास तिवारी ने कहा कि प्रदेश में हाथियों पर जो मौत हुई है उस पर वन मंत्री मोहम्मद अकबर संजीदा और गंभीर हैं और इस घटना को गंभीरता से लेते हुए उन्होंने एक जांच कमेटी गठित की है जो अपनी रिपोर्ट 30 दिन के अंदर प्रस्तुत करेगी लेकिन पूर्व कृषि मंत्री और भाजपा के विधायक बृजमोहन अग्रवाल को प्रदेश की जनता और गौ प्रेमियों को यह बताना चाहिए कि उन्होंने प्रदेश में उनके शासनकाल में हुए आठ हजार से अधिक गौवंश की भूख से मौत पर कौन सी जांच कमेटी गठित की थी और किन-किन दोषियों पर उन्होंने अपने अधो हस्ताक्षर युक्त कार्रवाई करने के लिए आदेश जारी किया था। केवल हाथियों की मौत पर बयान देकर अपने समय में हुए गौवंश की भूख से मौत भारतीय जनता पार्टी का क्या कहना है यह बात प्रदेश की जनता जानना चाहती है। पूर्व कृषिमंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने गौ माता और गोवंश के हत्यारों पर क्या कार्यवाही करने के लिए अपने अधो हस्ताक्षर युक्त आदेश जारी किए थे उसको जनता के सामने लाना भाजपा का दायित्व है।
  •  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने लोगों को दी बड़ी राहत : नगरीय क्षेत्रों में आवास, व्यवसाय और अन्य प्रयोजन के लिए अब सहजता से मिल सकेगी शासकीय जमीन

    शासकीय भूमि के आवंटन की प्रक्रिया हुई सरल: कब्जाधारियों को मिलेगी राहत

    कलेक्टर कर सकेंगे भूमि का आवंटन एवं व्यवस्थापन

    नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए एक चैथाई दर पर उपलब्ध होगी शासकीय जमीन

    15 वर्ष का भू-भाटक एकमुश्त जमा करने पर विशेष छूट

       

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि पर काबिज लोगों के साथ ही अन्य लोगों को आवासीय अथवा व्यावसायिक या अन्य प्रयोजन हेतु शासकीय भूमि सहजता से आवंटित हो सके इसके लिए अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए है। जिसके तहत शासकीय भूमि के आवंटन एवं व्यवस्थापन के संबंध में राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ राजस्व पुस्तक परिपत्र के खण्ड चार-एक एवं खण्ड चार-2 के प्रावधानों में आंशिक संशोधन करते हुए इसे अब और सरल करते हुए कलेक्टर को अधिकार प्रत्यायोजित किए गये है। इससे जिला स्तर पर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामलों को पूरी पारदर्शिता के साथ सहजता एवं शीघ्रता से निराकृत किया जा सकेगा। भूमि आवंटन की सरलीकृत प्रक्रिया का लाभ कब्जाधारियों सहित अन्य इच्छुक लोगों को मिल सकेगा।
        राज्य शासन द्वारा केन्द्र तथा राज्य के विभागों और निगमों, मंडलों एवं आयोगों को शासकीय भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टरों को दिया गया है। नगरीय क्षेत्रों में 7500 वर्गफीट तक शासकीय भूमि का 30 वर्षीय पट्टे पर आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार भी कलेक्टरों को दिया गया है। 7500 वर्गफीट से अधिक शासकीय भूमि के आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि के व्यवस्थापन का अधिकार राज्य सरकार को होगा।
        नगर तथा ग्राम निवेश द्वारा अधिसूचित विकास योजना के अनुरूप ही नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि का आवंटन तथा अतिक्रमित शासकीय भूमि का व्यवस्थापन हो सकेगा। नगरीय निकायों को व्यावसायिक प्रयोजन के लिए भू-खण्ड का आवंटन हेतु प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईड लाइन के 25 प्रतिशत के बराबर मूल्य पर किया जाएगा। शासकीय भूमि का आबंटन किसी व्यक्ति या संस्था को करते समय देय प्रब्याजि का निर्धारण प्रचलित गाईडलाईन के आधार पर किया जाएगा। इसी तरह किसी शासकीय भू-खण्ड के आवंटन हेतु दो या दो से अधिक व्यक्ति अथवा संस्था का आवेदन प्राप्त होने पर प्रचलित गाईडलाईन के दर पर निर्धारित की गई प्रीमियम दर को आफसेट मानते हुए नीलामी के माध्यम से सर्वाधिक बोली लगाने वाले को किया जाएगा। राज्य शासन ने भूमि स्वामी या पट्टेदार को भू-भाटक की अदायगी के मामले में भी विशेष रियायती दी है। भू-भाटक की राशि का 15 वर्ष का एकमुश्त भुगतान करने पर भूमि स्वामी या पट्टेदार को आगामी 15 वर्ष (16वें वर्ष से 30वें वर्ष तक) के भू-भाटक से छूट रहेगी। शासन की इस रियायत से प्रति वर्ष भू-भाटक के भुगतान की कठिनाईयों से भी लोगों को राहत मिलेगी।
         सचिव राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि जिला स्तर पर शासकीय भूमि के आवंटन एवं अतिक्रमित भूमि के व्यवस्थापन के संबंध में सभी कलेक्टरों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा चुके हैं। भूमि आवंटन के संबंध में प्राप्त होने आवेदनों का परीक्षण जिला स्तरीय समिति द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रियायती एवं गैर रियायती दर पर प्राप्त पट्टों की भूमि को भूमि स्वामी हक में परिवर्तन के लिए निर्धारित मूल्य से 2 प्रतिशत अतिरिक्त राशि देनी होगी। भूमि आवंटन अथवा व्यवस्थापन तथा भूमि स्वामी हक में परिवर्तन से संबंधित सभी प्रकरणों में ईश्तहार प्रकाशन, दावा-आपत्ति की प्रक्रिया तथा विधिवत सुनवाई किया जाना है। कलेक्टर भूमि आवंटन एवं व्यवस्थापन के मामले में केवल ऐसी भूमि का ही आवंटन कर सकेंगे, जिसे लोक बाधा, स्वास्थ्य सुरक्षा, जन सुविधा, लोक प्रयोजन तथा पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से सुरक्षित रखने की आवश्यकता न हो। आवंटन योग्य भूमि का चिन्हांकन कर भुईंया सॉफ्टवेयर में अपलोड कराकर शासकीय विभागों को उक्त भूमि की आवश्यकता के संबंध में प्रस्ताव प्राप्त कर आवंटित किया जाएगा।

  •  राज्य में सबसे पहले पीएचई में लागू हुआ नया यूएसओआर रेट निर्माण एवं संधारण कार्यों में आएगी तेजी

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देश के परिपालन में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने राज्य में सबसे पहले अपना नया यूएसओआर रेट लागू कर दिया है। पीएचयू मंत्री गुरु रूद्रकुमार के मार्गदर्शन में विभागीय अधिकारियों द्वारा नया यूएसओआर रेट सभी बारीकियों को ध्यान में रखकर काफी मशक्कत से तैयार किया गया है। इस नए यूएसओआर रेट से विभागीय निर्माण कार्यों एवं संधारण के कार्यों को कराने में आसानी होगी। 

    मंत्री गुरू रूद्रकुमार ने नवीन दर को विभागीय कार्यों के लिए बीते एक जून को विधिवत लागू करते हुए इसके लिए विभागीय अधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि नवीन दर लागू होने से वर्ष 2024 तक राज्य के सभी गांवों के प्रत्येक घर में नल के माध्यम से जल की आपूर्ति के अंतर्गत कराये जाने वाले कार्य सहजता से समय-सीमा में पूर्ण कराए जा सकेंगे। नया यूएसओआर रेट लागू हो जाने से पेयजल संबंधी निर्माण एवं मरम्मत के कार्यों को कराने में आसानी होगी। नया यूएसओआर रेट के कारण अब राज्य शासन के राज्यांश के अतिरिक्त अन्य वित्तीय भार की बचत होगी। 

    गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने सभी विभागों को कांट्रेक्ट दर को नए सिरे से लागू करने निर्देश दिए हैं। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग प्राथमिकता से नवीन दर (यूएसओआर) को लागू करने के साथ ही इसे विभाग के वेबसाइट में भी आॅनलाईन लांच किया गया है। 

    पीएचई सचिव श्री अविनाश चंपावत के अनुसार इस नवीन यूएसओआर में राज्य के सभी मदों की पेयजल योजनाओं के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए अनेक जॉब वर्क के रूप में सम्मिलित हैं। इससे राज्य के सुदूर अंचल सहित अन्य इलाकों में विभागीय कामकाज को तेजी से पूरा कराने में मदद मिलेगी। ज्ञातव्य है कि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में वर्ष 2013 का यूएसओआर प्रचलन में था।

    प्रमुख अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी के अनुसार राज्य में पेयजल के कार्यों को गति प्रदान करने हेतु वर्ष 2013 के यूएसओआर के आधार पर नया यूएसओआर तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि तत्काल प्रभावशील नवीन यूएसओआर में पहली बार निर्माण कार्यों के साथ-साथ संचालन-संधारण से संबंधित समस्त कार्यों की लागत को भी इसमें शामिल किया गया है। जिसका उपयोग शासन के अन्य विभागों जैसे- नगरीय प्रशासन, पंचायत विभाग, नगर निगम, नगर पालिका और उद्योग विभाग में भी पेयजल संबंधी निर्माण कार्यों में ला सकेंगे।

  • मूणत आरोप लगाने से पहले उनकी रमन सरकार के दौरान हुये  भूमि आवंटन पर भी नजर डाल ले - कांग्रेस
    पूर्व पीडब्लूडी मंत्री राजेश मूणत के आरोपों का कांग्रेस ने दिया कड़ा जवाब रमन राज में सरकारी जमीनों को अपने चहेतों को कौड़ी के मोल में देने वाले नियम संगत हो रहे भूमि आवंटन पर टीका टिप्पणी कर रहे हैं-कांग्रेस शासकीय भूमि का आवंटन पूरी तरह नियमानुसार और पारदर्शी पद्धति से पूर्व मंत्री श्री मूणत आरोप लगाने से पहले उनकी रमन सरकार के दौरान हुये भूमि आवंटन पर भी नजर डाल ले रायपुर/12 जून 2020। पूर्व पीडब्लूडी मंत्री एवं भाजपा नेता राजेश मूणत के आरोप का कांग्रेस ने तीखा जवाब दिया प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत भूमि आवंटन पर सवाल उठाने से पहले पूर्व के रमन सरकार के दौरान भाजपा की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार के चलते हुई सरकारी जमीन की बंदरबाट पर नजर डाले।भाजपा के चहेतों को फायदा पहुँचाने रमन सरकार ने बेशकीमती सरकारी जमीनो को पानी के मोल आबंटित सरकारी जमीन और सरकारी खाजने को भारी क्षति पहुँचा था।पूर्वमंत्री राजेश मूणत रमन सरकार में हुई भूमि आवंटन और सरकारी भूमि घोटालो पर जनता को पहले जवाब दे? सरकारी जमीन पर बेजा कब्जा करने वाले सरकारी जमीन के रिकार्ड में हेराफेरी कर खरीदी बिक्री करने वालों को भाजपा का संरक्षण और समर्थन था। प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की सरकार में छत्तीसगढ़ में शासकीय भूमि के आवंटन का कार्य पूरी तरह से नियमानुसार और पारदर्शी पद्धति से किया जा रहा है । भूमि आवंटन का आवंटन पहले से ही राज्य सरकार के पास हैं और राज्य सरकार , शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन और अन्य उद्देश्यों के लिए भूमि का आवंटन करती रही हैं ।राज्य सरकार ने पूर्व से चले आ रहे भूमि आवंटन के नियमों केवल इतना परिवर्तन किया है कि 7500 वर्ग फ़ीट तक की भूमि के आवंटन का अधिकार कलेक्टर को प्रदान कर दिए हैं । इसमें भी भूमि आवंटन के लिए प्राथमिकता तय की गई हैं , जैसे शासकीय विभाग को भूमि आवंटन में प्राथमिकता दी जायेगी जो जमीन पर बॉउंड्री बनाने का काम कर सके । इसके साथ स्थानीय निकायो को 25 प्रतिशत गाइड लाइन की दर पर भूमि आवंटित की जाएगी । इसके साथ एक ही ज़मीन के एक से अधिक निजी लोगों द्वारा माँग करने पर नीलामी द्वारा भूमि आवंटित की जाएगी ।अतिक्रमित भूमि को गाइड लाइन दर के 150 प्रतिशत पर भूमि आवंटित की जाएगी । प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर ने कहा कि पूर्व मंत्री राजेश मूणत का नियम विरुद्ध भूमि आवंटन का आरोप तथ्यहीन है , दुर्भावना और राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से लगाया प्रतीत होता हैं । वे अगर पूर्व सरकार के भूमि आवंटन की प्रक्रिया का पहले अवलोकन कर लेते तो इस प्रकार के अनर्गल और तथ्यहीन आरोप नही लगाते
  • प्रदेश सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों के रोज़गार और कल्याण की कार्ययोजना नहीं - विष्णुदेव
    प्रवासी मज़दूरों के नाम पर प्रदेश सरकार केवल ज़ुबानी जमाखर्च कर अपने दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचय दे रही : साय प्रदेश सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों के रोज़गार और कल्याण की कार्ययोजना नहीं रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रवासी मज़दूरों की दिक्कतों और बदहाल क्वारेंटाइन सेंटर्स में इन प्रवासी मज़दूरों को ज़बरिया समय-सीमा से अधिक रोके जाने को लेकर प्रदेश सरकार पर हमला बोला है। श्री साय ने कहा है कि कोरोना मोर्चे पर प्रदेश सरकार बुरी तरह विफल रही है। प्रदेश के उच्च न्यायालय ने मज़दूरों के लिए बनाई गई योजनाओं का तीन हफ्तों में ब्योरा भी मांगा है। श्री साय ने राजधानी के टाटीबंध में मज़दूरों के गुरुवार को हुए प्रदर्शन का ज़िक्र कर प्रदेश सरकार पर प्रवासी श्रमिकों के प्रति बेरुखी दिखाने का आरोप भी लगाया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर्स में अन्य प्रदेशों से आए छत्तीसगढ़ के मज़दूरों को निर्धारित 14 दिनों की समय-सीमा से अधिक ज़बरिया रोका जा रहा है। कतिपय सेंटर्स में इन मज़दूरों को 22 दिनों तक महज़ इसलिए रोका गया है क्योंकि उनके स्वाब सैंपल की जाँच रिपोर्ट अब तक नहीं आई है। श्री साय ने इसे अमानवीय बताया और कहा कि क्वारेंटाइन सेंटर में रोकने के बजाय रिपोर्ट आने तक इन श्रमिकों को होम आइसोलेशन में रखा जाना बेहतर विकल्प हो सकता है। इस तरह क्वारेंटाइन सेंटर्स में निर्धारित समय-सीमा से अधिक उन्हें ज़बरिया रोकना अपने ही गाँव में एक तरह से क़ैद में रखे जाने जैसा है। श्री साय ने कहा कि प्रदेश के अमूमन सभी क्वारेंटाइन सेंटर्स बदइंतज़ामी और बदहाली के चलते नारकीय यंत्रणा के केंद्र बने हुए हैं। स्वाब सैंपल की जाँच रिपोर्ट निर्धारित क्वारेंटाइन पीरियड में आ जाए, यह सुनिश्चित करना राज्य सरकार का दायित्व है और यदि ऐसा नहीं हो रहा है तो यह प्रदेश सरकार की नाकामी का प्रमाण है। प्रदेश के मंत्री डॉ. शिव डहरिया के इस कथन को कि, जाँच रिपोर्ट आने तक क्वारेंटाइन सेंटर में ही रहना होगा, श्री साय ने सत्तावादी अहंकार का परिचायक बताया और कहा कि प्रदेश सरकार अपनी ज़िमेमदारी ठीक तरह से नहीं निभा पा रही है और इसके कारण अन्य प्रदेशों से आए छत्तीसगढ़ के श्रमिक बिलावज़ह परेशान हो रहे हैं। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रवासी मज़दूरों के मामले में प्रदेश सरकार का रवैया शुरू से दोहरे मापदंडों का रहा है। इन मज़दूरों की वापसी के समय भी प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रेल मंत्रालय से तालमेल बिठाने के बजाय सियासी ड्रामेबाजी की और जो श्रमिक किसी तरह अपने प्रयासों से छत्तीसगढ़ की सीमा तक पहुँचे तो एक तो उन्हें प्रदेश की सीमा में प्रवेश करने से रोके जाने की शिकायतें सामने आईं, दूसरे प्रदेश की सीमा पर उनके लिए भोजनादि तक की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई। कई श्रमिकों को लौटा दिया गया जिनमें एक बीमार बुजुर्ग की मौत तक हो गई। श्री साय ने कहा कि अब भी प्रदेश सरकार लगातार आ रहे प्रवासी मज़दूरों के लिए कोई संवेदना नहीं दिखा रही है। जो लोग राजधानी तक पहुंच रहे हैं, उन्हें उनके गृहनगर या ग्राम तक पहुँचाने की भी कोई व्यवस्था प्रदेश सरकार के स्तर पर नहीं की जा रही है। गुरुवार को राजधानी के टाटीबंध में इन परेशान मज़दूरों का प्रदर्शन व रास्ता जाम करना प्रदेश सरकार की नाकामी का एक और नमूना है जो स्पष्ट करता है कि प्रवासी मज़दूरों के नाम पर प्रदेश सरकार केवल ज़ुबानी जमाखर्च कर अपने दोहरे राजनीतिक चरित्र का परिचय दे रही है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री बघेल विभिन्न प्रदेशों से पहुँचे प्रवासी श्रमिकों के कल्याण और रोज़गार की बड़ी-बड़ी बातें करके भी अपने झूठ का रायता ही फैलाने में लगे हैं। केंद्रीय श्रम मंत्री ने पिछले अप्रैल माह में प्रदेश के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखकर सेस फंड का उपयोग निर्माणी मज़दूरों को आर्थिक लाभ प्रदान करने और कल्याणकारी योजनाएँ बनाने को कहा था। इसी आशय का पत्र केंद्रीय श्रम सचिव ने राज्यों के मुख्य सचिव को लिखा था। श्री साय ने कहा कि इसके बाद देश के 17 राज्यों ने इस दिशा में कारग़र पहल कर इन मज़दूरों को लाभ पहुँचाना शुरू कर दिया लेकिन छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने लगभग दो माह बीतने के बाद भी एक तो ऐसी कोई योजना बनाई ही नहीं, दूसरे इस राशि का इस्तेमाल अन्य मदों में कर दिया! प्रदेश सरकार की बदनीयती, कुनीतियों और आर्थिक कुप्रबंधन की यह जीती-जागती मिसाल है। अब भी प्रदेश सरकार के पास न तो प्रवासी श्रमिकों के रोज़गार और कल्याण की कोई सुस्पष्ट और सुविचारित कार्य योजना है और न ही कोई दृष्टिकोण ही है। इसीलिए इस संबंध में दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए प्रदेश उच्च न्यायालय ने सरकार को तीन हफ़्तों में मज़दूरों के लिए बनाई गई योजनाओं का ब्योरा पेश करने कहा है।
  •  दस्तावेजों के पंजीयन का कार्य हुआ सरल : तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन अब जिला मुख्यालयों में भी किया जा सकेगा-श्री जयसिंह अग्रवाल

    अब कॉमन सर्विस सेंटर से भी ई-स्टाम्प विक्रय के लिए अनुमति

        रायपुर 12 जून 2020

    प्रदेश के राजस्व एवं वाणिज्यक कर (पंजीयन एवं मुद्रांक) मंत्री  जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि पंजीयन विभाग द्वारा दस्तावेजों के पंजीयन कार्य को अब सरलीकृत किया गया है। उन्होंने बताया कि कोरोना (कोविड-19) से संक्रमण की रोकथाम के लिए राज्य के समस्त पंजीयन कार्यालयों में पंजीयन कार्य सम्पादित करने के सम्बंध में सभी जिलों के कलेक्टरों को आवश्यक निर्देश जारी किये गये हैं। गौरतलब है कि रजिस्ट्रीकरण अधनियम, 1908 की धारा 30 के अंतर्गत यह प्रावधान है की कोई भी रजिस्ट्रार अपने अधिनस्थ किसी भी उप रजिस्ट्रार द्वारा रजिस्ट्रीकृत की जा सकने वाले  किसी भी दस्तावेज को, स्वविवेक  से प्राप्त कर और रजिस्ट्रीकृत कर सकेगा। अर्थात अन्य तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन जिला मुख्यालयों के मुख्यालय उप पंजीयक द्वारा स्वीकार किया जा सकता है। पंजीयन विभाग द्वारा पूर्व में अन्य तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन जिला मुख्यालय के मुख्यालय उप पंजीयक द्वारा स्वीकार न किये जाने के आदेश को शिथिल किया गया है। वही पूर्व में कॉमन सर्विस सेंटर को ई-स्टाम्प विक्रय के लिए अनुमति नही दी गई थी, चूंकि चिप्स द्वारा कॉमन सर्विस सेंटर को खोलने की अनुमति दी गई है अतः अब कॉमन सर्विस सेंटर से भी ई-स्टाम्प विक्रय की अनुमति दी गयी है।
         राजस्व मंत्री  जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि नोवेल कोरोना वायरस (कोविड-19)  के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुये विगत 23 मार्च 2020 से राज्य के सभी पंजीयन कार्यालयों को बंद रखे जाने का निर्णय लिया गया था। साथ ही समय-समय पर केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन के समय जारी निर्देशों का पालन किया गया। चूंकि पंजीयन कार्य राज्य की एक महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधि है। सभी पंजीयन कार्यालयों में संक्रमण रोकने के लिये सभी सुरक्षात्मक उपाय किये गए हैं। उन्होंने कहा की राज्य में कॉमन सर्विस सेंटर से ई-स्टाम्प विक्रय की अनुमति मिलने से लोगो को सहूलियत होगी। साथ ही जिला मुख्यालयों में अन्य तहसीलों के दस्तावेजों का पंजीयन जिला मुख्यालयों में भी होने से लोगों को राहत मिलेगी। उल्लेखनीय है की बाजार मूल्य 75 लाख से कम अथवा उससे बराबर मूल्य के  आवासीय मकानों एवं फ्लैट्स के विक्रय अभिलेखों पर पंजीयन शुल्क की वर्तमान दर (संपत्ति के गाइडलाइन मूल्य का 4 प्रतिशत) में  2 प्रतिशत की छूट अब 31 मार्च 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया है। प्रदेश में जमीनों की खरीदी-बिक्री के लिए 2019-20 की शासकीय गाईड लाईन दरें ही 31 मार्च 2021 तक के लिये लागू होने की अधिसूचना जारी की जा चुकी है। राजस्व मंत्री ने कहा कि कोरोना महामारी से निर्मित स्थिति में हमारी सरकार जनता की बेहतरी के लिये अनेक महत्वपूर्ण निर्णय ले रही है, और उनका बेहतरी से क्रियान्यवयन करवाया जा रहा है।

  • कोरोना आपदा से लड़ने में मोदी सरकार विफल : दीपक बैज

    जगदलपुर  ।  देश में कोरोना संक्रमण की लगातार बढ़ती संख्या पर बस्तर लोकसभा के सांसद  दीपक बैज ने कहा है कि केंद्र सरकार के निर्णयों ने साबित कर दिया है कि वह कोरोना आपदा से लड़ने में सक्षम नहीं है। केंद्र के ग़लत फ़ैसलों की वजह से करोड़ों मज़दूरों के सामने रोज़गार का संकट पैदा हो गया। केंद्र की विफलता को छिपाने के लिए केंद्र के मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता षडयंत्रपूर्वक राज्यों का दोष निकालने में लगे हुए हैं।

    जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने थाली, ताली, घंटा बजवाने, अंधेरा करवा के मोमबत्ती टॉर्च जलवाने और फूल बरसाने के अलावा कोरोना से लड़ने के लिये कोई ठोस और सुसंगत कदम नहीं उठाए।  कोरोना से निपटने के लिए मोदी  ने पीएम-केयर्स नाम का नया कोष बनाया और देश के सभी बड़े उद्योगों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को भारी भरकम दान देने के लिए बाध्य किया। अब मोदी देशवासियों को बता भी नहीं रहे हैं.

  • कांग्रेस नेता की अनोखी राय, बोले- हनुमान चालीसा पढ़ो, नहीं छू पाएगा कोरोना

    मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता रमेश सक्सेना ने कोरोना से बचने का अजीब सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा का पाठ करने से लोगों को कोरोना वायरस बीमारी (कोविड -19) से बचाया जा सकेगा। कोरोना से देश में 2.86 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और 8,000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 1993 से 2008 तक चार बार विधायक रहे रमेश सक्सेना ने गुरुवार को सीहोर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।

    उन्होंने कहा कि मैं यह दावे के साथ कह सकता हूं कि अगर किसी भी परिवार के सदस्य 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए एक साथ बैठते हैं, जिसमें मुश्किल से आधे घंटे लगते हैं तो उन्हें कोरोना छू नहीं सकता है। एक बार निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में और तीन बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के टिकट पर चुनाव जीत चुके सक्सेना पिछले साल जनवरी में कांग्रेस में शामिल हुए थे।

    उन्होंने कहा कि हनुमान चालीसा में एक पंक्ति है - नसे रोग हर सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत वीरा (भगवान हनुमान के नाम का निरंतर पाठ सभी रोगों और दर्द को ठीक करता है)। हमें इस पर भरोसा करना चाहिए। गौरतलब है कि इससे पहले, सक्सेना ने 2018 में बारिश और ओलावृष्टि के दौरान फसलों को क्षतिग्रस्त होने से रोकने के लिए इसी तरह की सलाह दी थी। उन्होंने लोगों से हर दिन कम से कम 500 बार हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए कहा था।

    स्वास्थ्य विभाग के पूर्व निदेशक डॉ. केएल साहू ने कहा, "हम सभी भगवान में एक मजबूत विश्वास रखते हैं और हम सभी प्रार्थना करते हैं लेकिन जब हम सभी कोविड -19 से लड़ रहे हैं तब इस तरह के सुझाव केवल सार्वजनिक रूप से भ्रम पैदा करेंगे।"

    भाजपा की राज्य इकाई के प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा, "पवित्र ग्रंथों और भगवान में हमारी आस्था हमारे मनोबल को बढ़ावा देती है और इस तरह किसी भी संकट से निपटने के लिए प्रतिरक्षा शक्ति को बढ़ावा देती है लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि इससे किसी भी कोविड मरीज को ठीक किया जा सकता है। जब हम सार्वजनिक जीवन में होते हैं तो हमें ऐसा कोई बयान नहीं देना चाहिए कि कोई भी व्यक्ति इसे आंख बंद करके मानता रहे और चिकित्सा से बचता है।"

  •  विकासखण्ड लोहण्डीगुड़ा के नवीन ग्राम पंचायतो में उचित मूल्य दुकानों का संचालन हेतु आवेदन 30 जून तक आमंत्रित

    अनुविभागीय अधिकारी (रा.) लोहण्डीगुड़ा द्वारा विकासखण्ड लोहण्डीगुड़ा में नवीन ग्राम पंचायतों में बोदली, मिचानार-2, बडांजी-2, पालम, धर्माबेड़ा, सुलेंगा और एरण्डवाल के उचित मूल्य की दुकानों का संचालन हेतु आंबटन किया जाना है। उक्त ग्राम पंचायतो में उचित मूल्य दुकान संचालन करने हेतु इच्छुक ग्राम पंचायत, स्व-सहायता समूह, वन विकास समिति से आवेदन आमंत्रित किया गया है। उचित मूल्य की दुकान के आंबटन के लिए विधिवत प्रारूप तथा आवष्यक दस्तावेज के साथ कार्यालयीन समय में अनुविभागीय अधिकारी (रा.) लोहण्डीगुड़ा कार्यालय में 30 जून 2020 तक प्रस्तुत कर सकते हैं। निर्धारित समयावधि के पष्चात् प्राप्त आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। संबंधित ग्राम पंचायत के आवेदन को प्राथमिकता दी जाएगी।

     
  • फ्लोराईड प्रभावित क्षेत्रों में मिलेगा शुद्ध पेयजल

    छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश के दूरस्थ एवं वनांवल इलाकों  के रहवासियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। इसी कड़ी में बस्तर जिले के विकासखण्ड बस्तर के फ्लोराईड प्रभावित ग्रामों में पेयजल आपूर्ति के लिए कोसारटेडा समूह जल प्रदाय योजना में शामिल 20 ग्राम पंचायतों का स्थल सर्वे लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसके अलावा जिले के दुर्गम एवं पहुंचविहीन क्षेत्रों मंे भी बरसात के दिनों मंे भी शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था की जा रही है। जिले के ऐसे पहुंचविहीन क्षेत्रों में बरसात के समय लोग झिरिया आदि का पानी पीते हैं, जिससे उन्हें जल जनित रोग की संभावना बनी रहती है। अब इन इलाकों में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अधिकारियों को शुद्ध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।

        जिले के बकावण्ड विकासखण्ड के ग्राम छिंदगांव तथा बस्तर विकासखण्ड के सुधापाल गांव में पेयजल आपूर्ति हेतु सबमर्सिबल पंपों से पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने पीएचई विभाग को निर्देशित किया गया है। इसी तरह से आयरन प्रभावित गांवों में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के संबंध में वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। बस्तर के गांवों में शीघ्र हैण्डपम्पों की मरम्मत एवं जल शुद्धिकरण करने के कार्य कराने अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।