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  • दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल के टिकट चेकिंग स्क्वाड की सजगता से बची 13 बच्चों की जान*
    रायपुर29 जून 2019 को शालीमार कुर्ला एक्सप्रेस गाड़ी संख्या 18030 में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे, रायपुर रेल मंडल कमर्शियल विभाग के टिकट चेकिंग स्क्वाड जो टी. नाग के नेतृत्व में टिकट चेकिंग कर रहे थे रायपुर से टिकट चेक करते हुए S1 से S8 कोच में पहुंचे वहां टिकट चेकिंग के दौरान सीट क्रमांक 27- 28 बर्थ पर लगभग 6 से 14 साल की उम्र के 13 बच्चे भी सफर कर रहे थे उन्हें एक अभियुक्त द्वारा मदरसे पढ़ाई के बहाने ले जाया जा रहा था। टिकट चेकिंग स्टाफ की सजगता के कारण उन्हें कुछ शंका हुई और उन्होंने उन्हों से बात की बातचीत के दौरान स्पष्ट सत्य सामने नहीं आने पर उन्होंने इसकी सूचना मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय में कमर्शियल कंट्रोल ऑफिस, रायपुर रेल मंडल के उच्च अधिकारियों, रेलवे सुरक्षा बल को दी । सभी बच्चों को सकुशल दुर्ग स्टेशन पर अभियुक्त के साथ उतार लिया गया एवं अग्रिम कार्यवाही के लिए रेलवे सुरक्षा बल दुर्ग को सौंपा गया । दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल सभी यात्रियों से अनुरोध करता है इस तरह से बड़ी संख्या में यदि बच्चों को कोई ले जा रहा है किसी भी प्रकार की शंका होने पर यात्री सुरक्षा हेल्पलाइन 182 चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 पर जानकारी देकर बेबस, बेसहारा बच्चों को बचाया जा सकता है। रायपुर दुर्ग स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डैक्स की सुविधा भी प्रदान की गई है वहां भी व्यक्तिगत तौर पर बताया जा सकता है अथवा 1098 पर फोन किया जा सकता है।
  • बीजापुर में 3 जवान शहीद, सीएम बघेल ने की निंदा
    जगदलपुर। दक्षिण छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में CRPF और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए हैं वही मुठभेड़ में हुई क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर एक नाबालिग आदिवासी युवती की मौत हो गयी है। शुक्रवार सुबह 10:30 बजे भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशकुतूल गांव में एरिया डोमिनेशन पर निकली CRPF की टीम पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। नक्सलियों के द्वारा अचानक किये गए हमले का जवाब देते हुए CRPF के जवानों ने भी मोर्चा सम्हाल लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार केशकुतुल में CRPF और नक्सलियों के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई जिसमें CRPF के 3 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद जवानों के नाम- O. P. साझी, महादेव पाटिल और मदनलाल हैं। सभी जवान CRPF के 199 बटालियन में तैनात थे।  CRPF और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर 1 नाबालिग बच्ची जिब्बी तेलम की भी मौत हो गई है वहीं एक आदिवासी बच्ची का नाम रिंकी हेमला और गंभीर रूप से घायल है।   मुठभेड़ के तुरंत बाद ही बाद घटनास्थल पर बैकअप पार्टी को भेज दिया गया। सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्चिंग अभियान भी छेड़ दिया है।
  • नव-नियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष  29 जून को करेंगे पदभार ग्रहण

    रायपुर/28 जून 2019। नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम आज पदभार ग्रहण दोपहर 12 बजे प्रदेश कांग्रेस कार्यालय राजीव भवन में पदभार ग्रहण करेंगे। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नवनियुक्त प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम को सौंपेंगे। इस अवसर पर एआईसीसी के छत्तीसगढ़ प्रभारी पी.एल.पुनिया, छत्तीसगढ़ प्रभारी सचिवद्वय डॉ. अरूण उरांव, डॉ. चंदन यादव, प्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारीगण, कांग्रेस मंत्रीमंडल के सदस्यगण, कांग्रेस विधायकगण, जिला कांग्रेस अध्यक्षगण, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्षगण एवं कांग्रेसजन उपस्थित रहेंगे। 

  • चना वितरण पर लखमा का बयान शर्मनाक: संजय श्रीवास्तव
    रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के उस कथन का कड़ा प्रतिवाद किया है, जिसमें मंत्री लखमा ने कहा है कि चना का इस्तेमाल सिर्फ चखना के लिए होता है, और उसकी आपूर्ति बंद करने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि लखमा का यह कथन प्रदेश सरकार की आदिवासी विरोधी मानसिकता को जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि आबकारी मंत्री भले ही शायद सरकारी चना का उपयोग चखने के रूप में करते रहे होंगे लेकिन पूर्व सरकार ने वनवासी भाइयो के पोषण के लिए चना प्रदान करने का काम किया था । भाजपा प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सत्ता सम्हालने के बाद से ही प्रदेश की कांग्रेस सरकार लगातार जन विरोधी फैसले लेती आ रही है। पिछले कई महीनों से प्रदेश भाजपा आदिवासी क्षेत्रों में नमक-चना वितरण बंद होने को लेकर प्रदेश सरकार का ध्यान खींचती आ रही है। कांग्रेस सरकार ने तब इसे भाजपा का दुष्प्रचार कहकर आदिवासी वर्ग को गुमराह करने का शर्मनाक कृत्य किया था। बेजा प्रलाप करने वाले लखमा को आदिवासियों की प्राथमिकताओं का ध्यान रखना चाहिए लेकिन चना को चखना के तौर पर इस्तेमाल होने की बात कहकर मंत्री ने इसकी आपूर्ति बंद करने को उचित ठहराने की आदिवासी विरोधी चरित्र का प्रदर्शन किया है। श्रीवास्तव ने मंत्री कवासी लखमा से अपने इस कथन के लिए प्रदेश के आदिवासी समाज से निःशर्त माफी मांगने कहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से आदिवासी क्षेत्रों में चना की आपूर्ति प्राथमिकता के साथ तत्काल प्रारंभ करने की मांग भी की है।
  • जनादेश का सम्मान करना सीखे मंत्री जयसिंह: सुन्दरानी
    रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधायक श्रीचंद सुन्दरानी ने प्रदेश के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल के उस कथन पर ऐतराज जताया है जिसमें मंत्री अग्रवाल ने कहा कि भाजपा केवल बोलती है। यदि 15 साल में जनता के काम किए होते तो 15 सीट पर नहीं पहुंचते। श्री सुन्दरानी ने सवाल किया है कि लोकसभा चुनाव में 68 विधायकों वाली कांग्रेस के 66 विधानसभा क्षेत्रों में बुरी तरह पिछड़ने पर जयसिंह अग्रवाल की क्या राय है? भाजपा प्रवक्ता श्री सुन्दरानी कहा कि भाजपा ने छत्तीसगढ़ में अपने 15 वर्ष के शासनकाल में जनकल्याण और विकास की जो लकीर खींची है, उसकी लंबाई के आगे कांग्रेस का समूचा राजनीतिक कद पहले भी बौना ही नजर आया है और अब भी कांग्रेस सरकार बड़बोलेपन से उबर नहीं पाई है। पूरे प्रदेश में सिवाय बदलापुर की राजनीति के अघोषित एजेंडे और उगाही के नित नए तरीकों को ईजाद करने के कोई और काम नहीं हो रहा हैं और नरवा-गरुवा-घुरवा-बाड़ी के नाम पर पूरे प्रदेश को केवल गुमराह किया जा रहा है। श्री सुन्दरानी ने कहा कि अशांति, अपराध और असुरक्षा के साए में पूरा प्रदेश संत्रस्त है। जिस प्रदेश में अपनी सरकार के कामकाज पर वोट मांगने वालों को 66 विधानसभा क्षेत्रों में शर्मनाक शिकस्त मिली है, वे अब भी अपने सत्तावादी अहंकार से मुक्त नहीं हो पा रहे हैं। कांग्रेस की मौजूदा प्रदेश सरकार ने प्रदेश के हर वर्ग-समाज के साथ जिस तरह का छलावा किया है, उससे पूरा प्रदेश खुद को ठगा-सा महसूस कर रहा है और इसीलिए प्रदेश ने कांग्रेस को शिकस्त देकर प्रायश्चित किया है। प्रदेश के राजस्व मंत्री को जनादेश का मर्म समझकर उसका सम्मान करना चाहिए।
  • केरल के बाद अब छत्तीसगढ़ देश में दूसरा राज्य होगा जो गर्भावस्था में मानसिक अवसादग्रस्त महिलाओं को देगा स्वास्थ्य सुरक्षा
    रायपुर 28 जून 2019 -नेशनल मेन्टल हेल्थ प्रोग्राम के तहत प्रसवकाल के दौरान महिलाओं में होने वाले मानसिक अवसादों की पहचान कर इलाज करने के लिए प्रदेश के जिला, सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में कार्यरत डॉक्टरों की दो दिवसीय ट्रेंनिग कि आज शुरुआत हुई । निम्हान्स बेंगलुरु से पहुंची प्रोफ़ेसर डॉ. चंद्रा ने बताया कि दुनियाभर में गर्भावास्था के दौरान तथा प्रसव के बाद अवसाद औऱ तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएँ बहुत आम हैं। विकासशील देशों में हर 5 में से एक महिला तथा विकसित देशों में करीब हर 10 महिला में एक महिला में गर्भावस्था के दौरान तथा प्रसव के बाद मानसिक तौर पर अस्वस्थता पायी जाती है। भारत में, गर्भावस्था के दौरान अवसाद और तनाव की दर 10-12% है जबकि प्रसवोत्तर अवस्था में यह 15% से 20% के बीच है। इस बीमारी को लेकर सबसे बड़ी चुनौती अवसादग्रस्त गर्भवती महिलाओं की सेहत को लेकर जागरूकता की समस्या है। पीड़ित महिलाओं में से 0.8 % ही इलाज के लिए अस्पताल में डॉक्टर के पास पहुंच पाती है। इसका प्रभाव से गर्भावस्था में घबराहट, कोख़ में पल रहे बच्चे के ब्रेन पर असर पड़ता है। बच्चे का वजन कम और समय पूर्व प्रसव जन्म जैसी समस्याओं का कारण बनती है। इलाज के अभाव में महिलाएं आत्म हत्या जैसे कदम उठा लेती हैं। गर्भावस्था के दौरान अवसाद और तनाव जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्यायें समय से पहले और कम वज़न के बच्चों पैदा हो सकते है। प्रसवोत्तर में, अगर माँ उदास रहती है, तो बच्चे की स्तनपान कराने की संभावना कम होती है जिससे शिशु का विकास प्रभावित होता है। गंभीर मामलों में, माँ आत्महत्या का प्रयास भी कर सकती है और कभी-कभी ऐसी स्थितियाँ भी हो जाती हैं जहाँ माँ शिशु को नुकसान पहुंचा सकती है । डॉ गीता देसाई ने बताया कि केंद्र सरकार ने मेन्टल हेल्थ केयर एक्ट में संशोधन करते हुए मानसिक रोगी के लिए अस्पताल में महिला के साथ उनके 3 साल के बच्चे को साथ में भर्ती रखने का नियम है ताकि माँ और बच्चे के बीच मातृत्व का एहसास बना रहे। देश में समग्र मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कम है। प्रसावकालीन मानसिक विकार के संबंध में, बहुत सारे मिथक और गलत धारणाएं हैं। लोग सोच सकते हैं कि गर्भावस्था में महिलाओं का सुस्त होना सामान्य है और माताओं के मानसिक स्वास्थ के बजाय बच्चे पर अधिक ध्यान केंद्रित होता हैं। डॉ माधुरी ने बताया कि हम उपचार के लिए महिलाओं की पहचान, स्क्रीन और संदर्भ के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य में पदस्थ डॉक्टरों और प्रसूति चिकित्सकों को प्रशिक्षित कर रहे हैं। हम उन्हें मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में पूछने के बुनियादी कौशल प्रदान करेंगे और एक एल्गोरिथ्म विकसित करेंगे जिससे वह स्वयं भी इसका उपचार करने में सक्षम हों , तथा समझ सकें की कब ऐसी महिलाओं को संदर्भित करना चाहिए। एमजीएम हॉस्पिटल मुंबई से आई डॉ सुभांगी डेरे ने बताया कि गर्भावस्था में अवसाद व तनाव के कई कारण हो सकते हैं। इसमें महिला के पारिवरिक स्थिति, गरीबी, आर्थिक संकट, पति पत्नी के बीच लड़ाई, पति का शराब सेवन, घर के एक कमरे तक ही महिला को सीमित कर बाहरी दुनिया से अलग करना, महिला में उदासी, अंदर से खुश नहीं रहना, घबराहट व सपने में डरना, नींद नहीं आना , अनचाही गर्भावस्था और लिंग-हिंसा ऐसे विकार रोगी की पहचान के लिए प्रमुख लक्षण हैं। पहले चरण में डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने के बाद फील्ड स्तर पर आरएचओ, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, महिला स्वसहायता समूह की महिलाएं और सामाजिक संगठनों को भी पीड़ित महिला की पहचान कर उपचार के लिए रेफर करने की प्रशिक्षण विशेष रूप से दी जाएगी। इससे प्रसव के बाद महिला व बच्चे पर पड़ने वाले मानसिक स्वास्थ्य को लेकर प्रदेश में बेहतर कार्य हो सके। केरल के बाद देश में छत्तीसगढ दूसरा प्रदेश होगा जहां राज्य शासन ने प्रसव के दौरान मानसिक विकारों से गुजरने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य को लेकर गंभीरता से लिया है। इस कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ महेंद्र सिंह को नियुक्त किया गया है।छत्तीसगढ़ सरकार अब अपने चिकित्सा अधिकारियों, नोडल अधिकारियों (मानसिक स्वास्थ्य), स्त्री रोग विशेषज्ञ और वर्चुअल नॉलेज नेटवर्क (VKN) से प्रशिक्षित डॉक्टरों (NIMHANS) और मनोचिकित्सकों को महिलाओं में प्रसावकालीन मानसिक विकारों की पहचान करने के लिए ट्रेनिंग दे रही है।
  • महारानी अस्पताल के डिलवरी कक्ष का छज्जा गिरा रात को गिरने के कारण बडा हादसा टला, मरीज सुरक्षित
    जगदलपुर28जून2019-जगदलपुर महारानी अस्पताल के डिलवरी वार्ड के बगल में बना पीपी ओटी का छज्जा देर रात को गिर गई, आवाज को सुनने के बाद वार्ड में भर्ती मरीज डर गए और बाहर की ओर गए, लेकिन वार्ड की जगह बगल में गिरने के कारण बडा हादसा टल गया। मामले के बारे में जानकारी देते हुए महारानी अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ विवेक जोशी ने बताया कि पीपी ओटी वार्ड के छत में पानी जाम होने के कारण पूरे दीवार में सीपेज हो गया था, इसके अलावा नमी के चलते छज्जा रात को गिर गया, जिसके किसी भी प्रकार से कोई बड़ी हानि नही हुई, मरीजो को जहाँ रखा गया है, वे सभी सुरक्षित है, छज्जा गिरने की बात का पता चलने के बाद तत्काल मजदूरों को बुलाकर छज्जा का रिपेयरिंग कर दिया गया है, और जो भी जगह और गंभीर दिख रहा है, उसे भी बनाया जा रहा है, अधिकारियों ने इस बात को भी बताया कि बिल्डिंग बहुत ही पुराना हो गया था, जिसकी वजह से भी छज्जा गिरा है, फिलहाल किसी भी प्रकार के कोई बड़ी दुर्घटना नही हुई है।
  • दो लाख कर्ज माफी की राशि से गौ-पालन  हर महीन दो लाख रूपए की कर रहे कमाई,  6 लोगों को दे रहे काम
    रायपुर, 28 जून 2019/ अब छत्तीगसढ़ के लोग खास तौर से किसान कहने लगे है कि बेटा चिन्ता मत कर किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है। उन्हें किसानों के हर दुख-दर्द और तकलीफों का पता है। वह सभी के दुख हर लेगा तू अपनी ईमानदारी से मेहनत कर के निष्चिंत हो जा। यह बातें अब किसानों में आम होने लगी है। नक्सल प्रभावित जिला नारायणपुर के गांव करलखा मंे जब किसान कर्ज माफी की चर्चा होती है तो पहला नाम किसान श्री अयोध्या प्रसाद यादव लिया जाना है, जिसका दो लाख 5 हजार 265 रूपए का कर्ज माफ हुआ। उसे छत्तीसगढ़ शासन की ओर से अल्पकालीन कृषि ऋण माफी योजना-2018 का प्रमाण पत्र भी मिल गया है। उन्होंने खेती-किसानी के लिए 1 लाख 90 हजार का कर्ज लिया था, जिस पर ब्याज भी लगा। श्री अयोध्या प्रसाद ने खेती-किसानी के साथ-साथ कर्ज माफी की राशि से अब गौ-पालन शुरू कर दिया है। आज उनके तबेले में लगभग 10-12 गाय है। उन्होंने बताया कि वह रोज सुबह और शाम लगभग सवा क्विंटल दूध बेच लेते है। इसके अलावा समय-समय पर पनीर और घी बनाकर भी बेच रहे है। उन्हांेने बताया कि वह रोज लगभग 6 हजार रूपए का दूध घरों और दुकानों पर बेच लेते है। महीने में लगभग दो लाख रूपए का इनकम हो जाता है। गायों के चारा-दाना-पानी और अन्य खर्च काटकर लगभग 40-50 हजार रूपए की हर महीने बचत हो जाती है। उन्होंने कहा कि उनके परिवार के साथ-साथ वह गो सेवा कार्यों के लिए रखे गये 6 लोगों के परिवार का भी भरण पोषण कर रहे है। माटीपुत्र किसान अयोध्या प्रसाद ने बताया कि वह किसान कर्ज माफी से पहले बेहद परेशन रहता था। क्योंकि उसने खेती-किसानी के लिए एक लाख 90 हजार रूपए का बैंक से कर्ज ले रखा था। फसल भी उसकी उम्मीद से अच्छी नहीं हुई थी। उसे यही चिन्ता खाए जा रही थी कि वह बैंक का कर्ज कैसे चुकाएगा। किश्त समय पर जमा नहीं होने के कारण ब्याज भी बढ़ रहा था। वह हमेशा गुमसुम रहता था। उस समय अयोध्या प्रसाद की खुशी का ठिकाना नही रहा जब उसे पता चला कि किसान का बेटा मुख्यमंत्री बन गया है और नये मुख्यमंत्री बनते ही श्री भूपेश बघेल ने किसानों की कर्ज माफी और रूपए 2500 प्रति क्विटल की दर से धान खरीदी का निर्णय लिया। इसके साथ ही एक नम्बर 2018 से 30 नवम्बर 2018 के बीच लिंकिंग या नकद रूप मे चुकाए कर्ज की राशि भी माफी योग्य रहेगी, जो किसानों को वापसी योग्य रहेगी।
  • ब्रेकिंग न्यूज़ : बीजापुर जिले में CRPF और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 जवान शहीद - मुठभेड़ में - एक नाबालिग आदिवासी युवती की मौत हो गयी
    जगदलपुर। दक्षिण छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में CRPF और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 3 जवान शहीद हो गए हैं वही मुठभेड़ में हुई क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर एक नाबालिग आदिवासी युवती की मौत हो गयी है। आज शुक्रवार सुबह 10:30 बजे भैरमगढ़ थाना क्षेत्र के केशकुतूल गांव में एरिया डोमिनेशन पर निकली CRPF की टीम पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला कर दिया। नक्सलियों के द्वारा अचानक किये गए हमले का जवाब देते हुए CRPF के जवानों ने भी मोर्चा सम्हाल लिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार केशकुतुल में CRPF और नक्सलियों के बीच भयंकर मुठभेड़ हुई जिसमें CRPF के 3 जवान शहीद हो गए हैं। शहीद जवानों के नाम- O. P. साझी, महादेव पाटिल और मदनलाल हैं। सभी जवान CRPF के 199 बटालियन में तैनात थे।  CRPF और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में क्रॉस फायरिंग की चपेट में आकर 1 नाबालिग बच्ची जिब्बी तेलम की भी मौत हो गई है वहीं एक आदिवासी बच्ची का नाम रिंकी हेमला और गंभीर रूप से घायल है।   मुठभेड़ के तुरंत बाद ही बाद घटनास्थल पर बैकअप पार्टी को भेज दिया गया। सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्चिंग अभियान भी छेड़ दिया है। शहीद जवानों का जगदलपुर के महारानी अस्पताल में पोस्टमार्टम कर शव रायपुर भेजे जा रहे हैं -
  • Breaking : मोहन मरकाम बने छत्तीसगढ़ कांग्रेस के नए अध्यक्ष
    कोंडागांव। इलाके के विधायक मोहन मरकाम अब छत्तीसगढ़ के कांग्रेस की कमान संभालेंगे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी से हाल ही में उनकी मुलाकात हुई थी जिसके बाद अब उन्हें कांग्रेस का नया अध्यक्ष बना दिया गया है । कांग्रेस की केंद्रीय टीम की तरफ से एक खत जारी करते हुए मोहन मरकाम की नियुक्ति को पुख्ता किया गया है । मोहन मरकाम से पहले छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कांग्रेस के अध्यक्ष पद का जिम्मा भी संभाल रहे थे अब इस दौरान चर्चा थी कि नए अध्यक्ष की नियुक्ति होनी है लिहाजा अब वो चेहरा मोहन मरकाम बन चुके हैं।
  • नियमित भर्ती होने तक बस्तर एवं सरगुजा संभाग में,30 जुलाई तक अतिथि शिक्षक व्यवस्था
    रायपुर, 28 जून 2019/राज्य शासन के निर्णय अनुसार बस्तर एवं सरगुजा संभाग में संचालित हाई स्कूल और सेकेण्डरी स्तर की शासकीय शालाओं के अंग्रेजी, गणित, भौतिक, रसायन, जीव विज्ञान एवं वाणिज्य विषय में 1885 और माडा पॉकेट क्षेत्र में संचालित स्कूल में 631 रिक्त पदों पर नियमित भर्ती होने तक अतिथि शिक्षक की व्यवस्था 30 जुलाई तक की जाएगी। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति द्वारा अतिथि शिक्षक को 18 हजार मासिक का भुगतान किया जाएगा।  निर्धारित मापदण्ड अनुसार अतिथि शिक्षक व्यवस्था शाला प्रबंधन एवं विकास समिति द्वारा की जाएगी। रिक्त पदों का विज्ञापन संबंधित जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किया जाएगा। शैक्षणिक योग्यता संबंधित विषय में द्वितीय श्रेणी स्तानकोत्तर उपाधि एवं बी.एड. होना जरूरी है।  बस्तर और सरगुजा संभाग में रिक्त 1885 पदों में से विषय अंग्रेजी के 350, गणित के 504, भौतिक के 308, रसायन के 203, जीव विज्ञान के 293 और वाणिज्य के 227 पद पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाएगी। इसमें सरगुजा संभाग में 930 पदों में से अंग्रेजी के 180, गणित के 250, भौतिक के 153, रसायन के 105, जीव विज्ञान के 141 और वाणिज्य के 101 पद पर व्यवस्था की जाएगी। इसी प्रकार बस्तर संभाग में 955 पदों में अंग्रेजी के 170, गणित के 254, भौतिक के 155, रसायन के 98, जीव विज्ञान के 152 और वाणिज्य के 126 पद पर व्यवस्था की जाएगी।  सरगुजा संभाग के सूरजपुर जिले में 205 पदों में से अंग्रेजी के 40, गणित के 45, भौतिक के 25, रसायन के 20, जीव विज्ञान के 45 और वाणिज्य के 30 पद पर व्यवस्था की जाएगी। बलरामपुर जिले में 285 पदों में से अंग्रेजी के 60, गणित के 80, भौतिक के 38, रसायन के 25, जीव विज्ञान के 44 और वाणिज्य के 38 पद पर व्यवस्था की जाएगी। कोरिया जिले में 220 पदों में से अंग्रेजी के 40, गणित के 50, भौतिक के 40, रसायन के 30, जीव विज्ञान के 35 और वाणिज्य के 25 पद पर व्यवस्था की जाएगी। जशपुर जिले में 45 पदों में से गणित के 15, भौतिक के 20, रसायन के 10 पद पर व्यवस्था की जाएगी। सरगुजा जिले में 175 पदों में से अंग्रेजी के 40, गणित के 60, भौतिक के 30, रसायन के 20, जीव विज्ञान के 17 और वाणिज्य के 8 पद पर व्यवस्था की जाएगी। इसी प्रकार बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में 100 पदों में से अंग्रेजी के 4, गणित के 34, भौतिक के 17, रसायन के 10, जीव विज्ञान के 10 और वाणिज्य के 25 पद पर व्यवस्था की जाएगी। दंतेवाड़ा जिले में 65 पदों में से अंग्रेजी के 10, गणित के 19, भौतिक के 11, रसायन के 12, जीव विज्ञान के 5 और वाणिज्य के 8 पद पर व्यवस्था की जाएगी। कोण्डागांव में 280 पदों में से अंग्रेजी के 66, गणित के 78, भौतिक के 42, रसायन के 25, जीव विज्ञान के 52 और वाणिज्य के 17 पद पर व्यवस्था की जाएगी। नारायणपुर जिले में 60 पदों में से अंग्रेजी के 10, गणित के 18, भौतिक के 10, रसायन के 6, जीव विज्ञान के 11 और वाणिज्य के 5 पद पर व्यवस्था की जाएगी। कांकेर जिले में 245 पदों में से अंग्रेजी के 25, गणित के 50, भौतिक के 60, रसायन के 25, जीव विज्ञान के 35 और वाणिज्य के 50 पद पर व्यवस्था की जाएगी। जगदलपुर में 205 पदों में से अंग्रेजी के 55, गणित के 55, भौतिक के 15, रसायन के 20, जीव विज्ञान के 39 और वाणिज्य के 21 पद पर व्यवस्था की जाएगी। माडा पॉकेट क्षेत्र में 631 पदों में से अंग्रेजी के 122, गणित के 159, भौतिक के 78, रसायन के 91, जीव विज्ञान के 125 और वाणिज्य के 56 पद पर व्यवस्था की जाएगी। इसमें बिलासपुर संभाग में 292 पदों में से अंग्रेजी के 49, गणित के 70, भौतिक के 37, रसायन के 42, जीव विज्ञान के 59 और वाणिज्य के 35 पद पर व्यवस्था की जाएगी। रायपुर संभाग में 211 पदों में से अंग्रेजी के 36, गणित के 49, भौतिक के 28, रसायन के 31, जीव विज्ञान के 49 और वाणिज्य के 18 पद पर व्यवस्था की जाएगी। दुर्ग संभाग में 128 में से अंग्रेजी के 37, गणित के 40, भौतिक के 13, रसायन के 18, जीव विज्ञान के 17 और वाणिज्य के 3 पद पर व्यवस्था की जाएगी। अतिथि शिक्षक चयन के लिए वरीयता क्रम में सर्वप्रथम पूर्व में सेवायें दंे चुके विद्यामितानों को प्राथमिकता दी जाएगी। उसके बाद राजस्व जिला के आवेदकों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिले में उम्मीदवार उपलब्ध न होने पर दूसरी प्राथमिकता राजस्व संभाग और अंत में संभाग स्तर पर उम्मीदवार नहीं मिलने पर अतिथि शिक्षक की व्यवस्था का क्षेत्र राज्य स्तर होगा। विद्यामितान उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में अन्य आवेदकों से प्राप्त आवेदन में स्नातकोत्तर में प्राप्त अंकों की मेरिट के आधार पर चयन किया जाएगा। इनमें से किसी भी परिस्थिति में स्नातकोत्तर में समान अंक होने पर अधिक उम्र के आवेदक का चयन किया जाएगा।   संस्था प्रमुख द्वारा अतिथि शिक्षक की उपस्थिति के लिए पृथक से पंजी संधारित की जाएगी और मानदेय का भुगतान इस प्रमाणित पंजी के आधार पर ही होगा। निर्धारित कार्य दिवस में अध्यापन नहीं करने पर आनुपातिक रूप से मानदेय की कटौती की जाएगी।  अन्य शर्तों में अतिथि शिक्षक मात्र एक अंतिरिम व्यवस्था है, अतः किसी प्रकार का कोई नियमानुसार नियुक्ति या पदस्थापना आदेश जारी नहीं किए जाएंगे, अपितु चयनित होने के उपरांत संबंधित संस्था में कार्यभार ग्रहण करने के औपचारिक निर्देश समिति के अध्यक्ष द्वारा दिए जाएंगे। शाला में अतिथि शिक्षक की व्यवस्था नियमित शिक्षक के पदभार ग्रहण करने तक प्रभावी होगी। शाला प्रबंधन एवं विकास समिति अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था समाप्त की जा सकती है। 
  • छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का दायरा बढ़ा
    रायपुर 28 जून 2019/ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि सुराजी गांव योजना राज्य शासन की सर्वाधिक प्राथमिकता की योजना है। सुराजी गांव एक ऐसी अवधारणा है, जिसमें पुरातन ग्रामीण अर्थव्यवस्था को पुर्नजीवन मिलेगा वहीं आर्थिक और रोजगार संबंधी अवसर उपलब्ध कराने के लिए भी यह योजना मील का पत्थर साबित होगी।          श्री बघेल कल मंत्रालय में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण की बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण निधि नियम में संशोधन कर इसका दायरा बढ़ाया गया है। बैठक में गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे, वनमंत्री श्री मोहम्मद अकबर, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरू रूद्र कुमार, अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री श्री डॉ. शिव कुमार डहरिया, उद्योग मंत्री श्री कवासी लखमा, राजस्व मंत्री श्री जयसिंह अग्रवाल, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती अनिला भेंड़िया, प्राधिकरण के सदस्यगण सहित मुख्य सचिव श्री सुनील कुजुर, पुलिस महानिदेशक श्री डी.एम. अवस्थी, अपर मुख्य सचिव श्री के.डी.पी. राव एवं श्री आर.पी. मंडल, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।        मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक परिवर्तन की दृष्टि से नरवा, गरवा, घुरूवा अउ बाड़ी अभिनव एवं महत्वपूर्ण योजना है। पशुपालन को वतर्मान में अनार्थिक क्रिया होने के कारण बोझ समझा जाने लगा हैं। वास्तव में ये हमारे पशुधन है और एक बार फिर से सुराजी गांव योजना के माध्यम से इन्हें तथा हमारे जल संसाधनों, जैविक खाद और बाड़ी के समन्वित विकास को ग्रामीण अर्थव्यस्था का आधार स्तंभ बनाना है। उन्होंने कहा कि वन क्षेत्रों के गांवों में गोठान का निर्माण वन विभाग के द्वारा किया जाएगा, इसके लिए कैम्पा की राशि का उपयोग किया जाए। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नगरीय क्षेत्रों के लिए भी गौठान निर्माण पर भी जोर दिया, इससे सड़क दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में भी मदद मिलेगी। उन्होंने प्रदेश में बनाए जा रहे गोठानों का समय-सीमा में गुणवत्ता के साथ सुनिश्चित हो सके इसके लिए जनप्रतिनिधि गौठानों का नियमित निरीक्षण एवं मानिटरिंग करंे।       मुख्यमंत्री ने कहा कि गांव में धान बुआई के बाद मवेशियों को खुला नहीं छोड़ने की छत्तीसगढ़ में परम्परा रही है। उन्होंने रथ यात्रा के बाद ’रोका छेंका’ की छत्तीसगढ़ी परम्परा के अनुरूप निर्णय लेकर तथा जन-सहयोग से इसका प्रभावी क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि गौठानों में पशुओं के लिए ’डे-केयर’ की व्यवस्था है। रात में मालिक अपने पशुओं को घरों में रखेंगे। उन्होंने कहा कि गांवों में पैरादान के लिए ग्रामीणों को प्रेरित करें और चारागाह विकास के लिए उपयुक्त भूमि का चिन्हांकन कर लें। उन्होंने गौठान व्यवस्था से ग्राम पटेलों को भी जिम्मेदारी सौपने तथा जहां पटेलों के पद रिक्त हैं वहां नियुक्त करने के निर्देेश भी दिए।         मुख्यमंत्री ने गौठानों के लिए उपयुक्त ऊंचे स्थानों का चयन करने, इसके समीप हरे चारे की व्यवस्था करने के लिए चारागाह भूमि का चिन्हांकन करने भी कहा। उन्होंने गौठान की व्यवस्था से मवेशी चराने का कार्य करने वाले लोगांे और स्व सहायता समूह के माध्यम से महिलाओं को जोड़ने के साथ ही रोजगार परक कार्य प्रारंभ करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि युवाओं और महिलाओं को देशी किस्म के कुक्कुट पालन और वर्मी कम्पोस्ट निर्माण से जोड़ा जा सकता है।  बैठक में बताया गया कि नई सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण निधि नियम में संशोधन कर इसका दायरा बढ़ाया गया है। पहले जहां निर्माण कार्याें पर जोर था, वहीं संशोधन के बाद अब स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, जल संरक्षण, पशु सेवाएं, रोजगार मूलक योजनाएं, कौशल उन्नयन जैसे अन्य महत्वपूर्ण बिन्दुओं मंे भी कार्य किये जा सकेंगे। इनके माध्यम से हितग्राही मूलक एवं सामुदायिक योजनाओं को स्वीकृत किया जाएगा।              मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण प्राधिकरण के तहत नये कार्याे को स्वीकृति प्रदाय करने केे लिए जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया जाएगा। सभी संबंधित जिला कलेक्टर अपने जिलों में जनप्रतिनिधियों से प्रस्ताव प्राप्त कर एवं बैठक लेकर प्राथमिकता आधार पर प्रस्ताव 10 जुलाई तक प्राधिकरण को भेजना सुनिश्चित करेंगे। मुख्यमंत्री के उप सचिव श्री तारन प्रकाश सिन्हा ने प्राधिकरण के कार्यों पर आडियो-वीडियो का प्रदर्शन कर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।