State News
  • छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ सरिता उईके ने शिल्प नगरी में शिल्पकलाओं का किया अवलोकन

    छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग के सदस्य डॉ सरिता उईके ने रविवार को शिल्प नगरी कोण्डागांव में विभिन्न शिल्पकलाओं का तन्मयता के साथ अवलोकन कर इन आकर्षक एव सुंदर कलाकृतियों की प्रशंसा की। उन्होंने इस दौरान  बेलमेटल, तुमा शिल्प, बांस शिल्प, काष्ठ शिल्प, लौह शिल्प इत्यादि को गहनता से देखा तथा इन बेजोड़ कलाकृतियों के साथ ही  शिल्पकारों के अदभुत हुनर को सराहा। इस दौरान सीईओ जिला पंचायत श्री प्रेम प्रकाश शर्मा और शबरी एम्पोरियम के प्रबंधक श्री अनिरुद्ध कोचे ने बस्तर की समृद्ध शिल्पकलाओं के बारे में विस्तारपूर्वक अवगत कराया। वहीं शिल्पकारों के आय संवृद्धि की दिशा में झिटकू-मिटकी शिल्पकार उत्पादक कम्पनी के कार्यों की विस्तृत जानकारी दी।

  • कोण्डागांव : छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति  अरूप कुमार गोस्वामी पहुंचे कोण्डागांव प्रवास पर

    छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश न्यायमूर्ति  अरूप कुमार गोस्वामी सपत्नीक कोण्डागांव प्रवास पर पहंुचे। उनके साथ छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल  अरविंद वर्मा भी आये। इस दौरान सर्किट हाऊस में जिला एवं सत्र न्यायधीश  उत्तरा कुमार कश्यप, कलेक्टर श्री दीपक सोनी सहित पुलिस अधीक्षक  दिव्यांग पटेल और जिले के न्यायिक अधिकारियों ने उनका आत्मीय स्वागत किया। 

  • कोण्डागांव : जिले के स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था दुरुस्त कर सुदृढ़ करने पर बल

    कलेक्टर दीपक सोनी द्वारा जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने सहित आम जनता को बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की सुलभता के लिए संवेदनशीलता के साथ पहल किया जा रहा है। इसी कड़ी में उन्होंने जिला अस्पताल सहित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्थाओं में सुधार लाने के साथ ही मरीजों को समुचित उपचार सुविधा उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये हैं। इस ओर स्थानीय स्तर पर अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार, सीईओ जनपद पंचायत सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गयी है। इन अधिकारियों को विशेष रूप से आपातकालीन सेवाओं को उपलब्ध कराये जाने के लिए संवेदनशीलता बरतने कहा गया है। जिससे संकट के वक्त मरीजों को यथासम्भव उपचार सहायता उपलब्ध कराया जा सके। इस दिशा में विगत दिनों एसडीएम केशकाल सहित तहसीलदार केशकाल और सीईओ जनपद पंचायत माकड़ी द्वारा अपने क्षेत्र के स्वास्थ्य केंद्रों का रात्रि में औचक निरीक्षण कर व्यवस्था सुधार करने सहित चिकित्सक तथा अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ की उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये। इसी कड़ी में गत दिवस सीएमएचओ डॉ आरके सिंह द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र फरसगांव तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लजोड़ा का देर रात्रि आकस्मिक निरीक्षण किया गया। इस दौरान फरसगांव में कर्तव्य से अनुपस्थित आरएमओ सूर्यकांत साहू को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में इस ओर निरन्तर निरीक्षण किया जायेगा और कर्तव्य में लापरवाही बरतने वाले चिकित्सकों तथा मैदानी कर्मचारियों के विरुद्ध सख्त अनुशासनात्मक कार्यवाही की जावेगी।

  • मंत्री डॉ. डहरिया कबीर आश्रम सत्संग समारोह में हुये शामिल

    सदगुरु कबीर देव एवं सदगुरु अभिलाष देव की पुण्य स्मृति में  रायपुर जिले के ग्राम संकरी (कोरासी) में  कबीर पंथी साहू समाज के द्वारा 20 वां वार्षिक सत्संग समारोह का आयोजन किया  कार्यक्रम में नगरीय प्रशासन, विकास एवं श्रम मंत्री डॉ शिवकुमार डहरिया शामिल हुये और उन्होंने मुख्य प्रवक्ता धर्मेंद्र साहेब का आशीर्वाद  लिया। इस अवसर पर मंत्री डॉ.डहरिया ने पंचायत के विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण भी किया। निर्माण कार्यों में  कबीर आश्रम में शेड निर्माण लागत 10 लाख रूपये, नवीन पंचायत भवन निर्माण लागत 14.15 लाख रूपये, उपस्वास्थ्य केंद्र में अहाता निर्माण लागत 7 लाख रूपये, हाई स्कूल में अहाता निर्माण लागत 7लाख रूपये, नवीन है स्कूल में शेड निर्माण लागत 08लाख रूपये, बाजार चौक में सीसी रोड़ निर्माण लागत 6 लाख रूपये, यात्री प्रतीक्षालय लागत 03 लाख रूपये के विकास कार्य का लोकार्पण किया गया। उक्त कार्यक्रम में प्रमुख रूप से  द्वारिका प्रसाद साहू डायरेक्टर अपेक्स बैंक रायपुर,  खिलेश्वर देवांगन अध्यक्ष जनपद पंचायत आरंग, दुर्गा राय जिला पंचायत सदस्य, केशरी मोहन साहू जिला पंचायत सदस्य, प्रीति चंद्रशेखर साहू जनपद सदस्य,  कोमल सिंह साहू  भगवती धुरंधर,  राजेश धुरंधर, संतोष कुमार साहू,  नारायण प्रसाद साहू सहित अनेक पंचायत प्रतिनिधि और नागरिक मौजूद थे ।

  • मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ग्राम तामासिवनी स्थित भेंट-मुलाकात स्थल पर पहुंचे

    भेंट-मुलाकात : जिला-रायपुर, अभनपुर विधानसभा, ग्राम तामासिवनी

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ग्राम तामासिवनी स्थित भेंट-मुलाकात स्थल पर पहुंचे। 

    उन्होंने छत्तीसगढ़ महतारी के छायाचित्र पर दीप प्रज्जवलन, माल्यार्पण एवं छत्तीसगढ़ के राज्यगीत "अरपा पैरी के धार" के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की।

    यहां जनप्रतिनिधियों ने पारंपरिक खुमरी पहनाकर एवं कृषक हल भेंटकर मुख्यमंत्री का आत्मीय स्वागत किया।

  • मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल रायपुर पुलिस लाईन हेलीपेड से रायपुर जिले के ग्राम डंगनिया (चम्पारण) के लिए रवाना

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल रायपुर पुलिस लाईन हेलीपेड से रायपुर जिले के ग्राम डंगनिया (चम्पारण) के लिए रवाना

    मुख्यमंत्री आज अभनपुर विधानसभा के ग्राम तामासिवनी और  ग्राम खोरपा में आम जनता से भेंट-मुलाकात करेंगे

    अभनपुर में विभिन्न प्रतिनिधिमंडलों से भी करेंगे मुलाकात

  • तेजी से खाली होने लगे धान खरीदी केन्द्र :100 लाख 25 हजार मेट्रिक टन धान का हो चुका उठाव

    मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी, उठाव, कस्टम मिलिंग और सेंट्रल पूल में चावल जमा कराने के मामले में छत्तीसगढ़ नित नये रिकॉर्ड गढ़ रहा है। समर्थन मूल्य पर सर्वाधिक 23.42 लाख किसानों से धान खरीद कर छत्तीसगढ़ ने देश के सभी राज्यों को पीछे छोड़ दिया है। धान के उठाव और कस्टम मिलिंग के मामले में भी छत्तीसगढ़ रिकॉर्ड कामयाबी की ओर अग्रसर है। इस साल छत्तीसगढ़ राज्य ने समर्थन मूल्य पर 107.53 लाख मेट्रिक टन धान की खरीदी की है। किसानों से क्रय किए गए धान के उठाव की बेहतर एवं समानान्तर व्यवस्था के चलते खरीदी केन्द्रों से अब तक 100 लाख 25 हजार मेट्रिक टन धान का उठाव हो चुका है, जो कि उपार्जित धान का 92 प्रतिशत है। कस्टम मिलिंग के लिए मिलर्स द्वारा सीधे खरीदी केन्द्रों से धान का उठाव करने से आज की स्थिति में राज्य में 577 खरीदी केन्द्र धान से पूरी तरह से खाली हो गए हैं। 
    छत्तीसगढ़ राज्य में जिस तेजी से खरीदी केन्द्रों से धान के उठाव का सिलसिला जारी है, उसको देखते हुए यह अनुमान है कि हफ्ते भर में सभी 2617 खरीदी केन्द्रों से शत-प्रतिशत धान का उठाव हो जाएगा। राज्य में युद्ध स्तर पर कस्टम मिलिंग और सेंट्रल पूल में चावल जमा करने का सिलसिला भी जारी है। सेंट्रल पूल में अब तक 32 लाख मेट्रिक टन चावल जमा किया जा चुका है। छत्तीसगढ़ को इस साल सेंट्रल पूल में 61 लाख मेट्रिक टन चावल जमा करना है। राज्य में धान की खरीदी की मात्रा, उठाव और कस्टम मिलिंग की स्थिति को देखते हुए, यह लक्ष्य भी जल्द पूरा हो जाएगा। 
    खाद्य सचिव श्री टी.के. वर्मा ने बताया कि धान उठाव के मामले में रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, जांजगीर-चांपा, गरियाबंद, महासमुन्द, नवगठित जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़ राज्य में अन्य जिलों से आगे चल रहे हैं। इन जिलों मंे खरीदे गए धान का 99 प्रतिशत उठाव हो चुका है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा धान के कस्टम मिलिंग की राशि 40 रूपए से बढ़ाकर 120 रूपए करने और खरीदी केन्द्रों से धान के सीधे उठाव की व्यवस्था के चलते धान के उठाव और कस्टम मिलिंग को लेकर मिलर्स में होड़ मची है। यही वजह है, कि खरीदी केन्द्रों से मिलर्स धान का तेजी से उठाव और कस्टम मिलिंग के लिए दिन-रात किए हुए हैं। राज्य में कस्टम मिलिंग के लिए इस साल मिलर्स के पंजीयन संख्या में भी वृद्धि हुई है। बीते वर्ष 2035 मिलर्स ने पंजीयन कराया था, इस साल 254 नये मिलर्स के पंजीयन कराने से यह संख्या बढ़कर 2289 हो गई है। खरीदी केन्द्रों से सीधे धान का उठाव होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि धान के सूखत और झड़त से होने वाला नुकसान बचेगा। खरीदे धान को संग्रहण केन्द्रों में ले जाकर भंडारित करने पर होने वाला परिवहन व्यय भी बचेगा। इसके चलते सरकार को लगभग 150 से 200 करोड़ रूपए की बचत होगी। 
    सर्वाधिक किसानों से धान खरीदी कर छत्तीसगढ़ देश में अव्वल
    छत्तीसगढ़ में खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर 107 लाख 53 हजार 25 मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई, जिसके के एवज में किसानों को  22,067 करोड़ 24 लाख रूपए का भुगतान किया गया है। राज्य में धान खरीदी एक नवम्बर से 31 जनवरी 2023 तक निर्बाध रूप से हुई। राज्य के 23 लाख 42 हजार 50 किसानों ने अपना धान बेचा है। राज्य में धान बेचने वाले किसानों की यह संख्या सर्वाधिक है। धान बेचने वाले किसानों की संख्या के मान से छत्तीसगढ़ पूरे देश में प्रथम स्थान पर रहा है। सेंट्रल पूल में धान के योगदानकर्ता के रूप में छत्तीसगढ़ देश का दूसरे नंबर का राज्य है। छत्तीसगढ़ में धान बेचने के लिए कुल 24.98 लाख कृषकों ने पंजीयन कराया था, जिनके धान का पंजीकृत रकबा    32.19 लाख हेक्टेयर था। इस साल छत्तीसगढ़ में 2.32 लाख नये किसानों ने समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए पंजीयन कराया था। 
    किसान और धान खरीदी की मात्रा हुई दोगुनी 
    धान खरीदी की भुगतान राशि बढ़कर हुई तीन गुनी  
    राज्य सरकार की किसान हितैषी नीतियों के चलते धान का कटोरा कहा जाने वाला छत्तीसढ़ राज्य अब धान की कोठी बनते जा रहा है। बीते पांच सालों में धान खरीदी और किसानों की संख्या दोनों दोगुनी हो गई है। धान खरीदी के एवज में किसानों को भुगतान राशि में लगभग तीन गुना का इजाफा हुआ है। वर्ष 2017-18 में 12.06 लाख किसानों ने   56.88 लाख मेट्रिक टन धान बेचा था, जिसके एवज में किसानों को 8890 करोड़ रूपए का भुगतान समर्थन मूल्य के रूप में किया गया था। तत्कालीन सरकार द्वारा 300 रूपए प्रति क्विंटल के मान से प्रोत्साहन राशि के भुगतान के बाद यह आंकड़ा 10,596 करोड़ तक पहुंच पाया था। 
    वर्ष 2022-23 में धान बेचने वाले किसानों की संख्या 23.42 और धान खरीदी की मात्रा 107.53 लाख मेेट्रिक टन के पार पहुंच गई है, जो कि वर्ष 2017-18 की तुलना में लगभग दोगुना है। इस साल किसानों धान खरीदी के एवज में समर्थन मूल्य के रूप में 22,067 करोड़ का भुगतान किया जा चुका है। राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत इनपुट सब्सिडी के रूप में किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रूपए का और भुगतान होना है, जिसके चलते भुगतान का यह आंकड़ा 22,067 करोड़ से बढ़कर 30,000 करोड़ रूपए के पार पहुंच जाएगा, जो पांच वर्ष पूर्व राज्य में किसानों को धान खरीदी के एवज में किए गए भुगतान का लगभग तीन गुना होगा। 

  • कोरिया : महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना

    जिले के विकासखण्ड सोनहत में रहने वाले अंबिका प्रसाद अब अकुशल मजदूर से एक किसान बन चुके हैं। पहले काम की तलाश में भटकने वाले अंबिका प्रसाद अपने बाड़ी के विकास में इस कदर जुटे हैं कि अब उन्हे किसी जगह रोजगार की तलाष नहीं है। उनकी पत्नी स्व सहायता समूह से जुड़कर बिहान की मदद का लाभ ले रही हैं और वह पशुपालन के साथ बाड़ी में सब्जी उगाकर अपनी आर्थिक उन्नति की राह बना रहे है। 
    जनपद पंचायत सोनहत के ग्राम पंचायत ओदारी में रहने वाले 40 वर्षीय अंबिका प्रसाद अपने परिवार के मुखिया हैं। अंबिका प्रसाद बताते है कि लगभग उनके पास चार एकड़ भूमि है पहले इनके पास सिंचाई का कोई साधन नहीं था तो केवल बारिश पर आधारित धान की फसल ले पाते थे। साथ ही भूमि भी उपर नीचे थी तो फसल लेने में भी काफी परेशानी होती थी। फिर तीन वर्ष पूर्व उन्होनें ग्राम पंचायत में आवेदन देकर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत भूमि समतलीकरण कराने की मांग की। इनके आवेदन के आधार पर 75 हजार रूपए की स्वीकृति से 2018-19 में मनरेगा योजना से इनके खेतों का सुधार कार्य पूरा हुआ। जब फसल अच्छी हुई तो उन्होनें अपने बचत राशि से एक बोर खनन कराया और सौर सुजला योजना का लाभ लेते हुए बाड़ी विकास का कार्य प्रारंभ किया। साथ ही लगातार मनरेगा के रोजगार मूलक कार्यों में 100 दिन काम करने वाले परिवार के मुखिया के तौर पर चयनित होकर इनके क्षमता विकास के लिए मनरेगा अंतर्गत प्रोजेक्ट उन्नति के तहत जनपद पंचायत स्तर पर निषुल्क बकरीपालन का प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
           प्रषिक्षण के बाद अंबिका प्रसाद अपनी पत्नी श्रीमती रजनी बाई के साथ व्यवस्थित तरीके से बकरी पालन के कार्य मंे जुट गए। अब इनके पास 16 से ज्यादा बकरे बकरियां है। साथ ही इनके घर में तीन जोड़े बैल और दो गाय भी है। पशुपालन से इनके घर में पर्याप्त जैविक खाद और दूध की उपलब्धता है। बकरियों को बेचकर प्रतिमाह अंबिका प्रसाद 6 से 8 हजार रूपए कमा रहे है। साथ ही बाड़ी विकास करके हर माह सब्जी उत्पादन कर इनका परिवार 8 से 10 हजार रूपए का लाभ ले रहा है। अभी इनके खेतों में गोभी, मटर, मिर्च आलू सहित कई तरह की सब्जियों का उत्पादन हो रहा है। अंबिका प्रसाद कहते हैं कि हमारे परिवार को अब पैसों की कोई किल्लत नहीं है। उनके दोनों बच्चे अंकितेष और विकास अभी अध्ययन कर रहे है और अंबिका प्रसाद अपने भविष्य को लेकर पूरी तरह से निश्चिंत हो गए हैं। 

  • दंतेवाड़ा  : बदलता दंतेवाड़ाः नई तस्वीर : रीपा के जरिये समूह के सदस्यों के जीवन में आ रहा बदलाव

    गांधी जयंती के अवसर पर ‘महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना‘ की शुरुआत की है। इस योजना का मूल उद्देश्य ग्रामीण गरीब परिवारों के लिए रोजगार और आय के साधन उपलब्ध कराने के लिए गांव के गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करना है। सरकार द्वारा अंतिम पंक्ति के व्यक्ति को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनायी जा रही है, जिससे उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव दिखायी देने लगे हैं, और वे आर्थिक रूप से सशक्त हो रहे हैं। 
    ऐसी ही कहानी है दंतेवाड़ा जिले के ग्राम पंचायत भैरमबंद में संचालित गौठान एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर की। जहां रीपा के माध्यम से गौठान में औद्योगिक इकाई स्थापित कर ग्रामीणों को आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है। इस मल्टी एक्टिविटी सेंटर में मुर्गी पालन, केंचुआ खाद, बाड़ी, मशरूम उत्पादन यूनिट स्थापित किया गया है। जिला प्रशासन द्वारा इन समूह की महिलाओं एवं पुरुषों को इसके लिए दूसरे जिलों एवं राज्यों में भेजकर प्रशिक्षण भी दिलाया गया है। प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत ये समूह के सदस्य बखूबी अपने काम को अंजाम देकर आर्थिक लाभ प्राप्त कर रहे हैं। जिला प्रशासन ने नवाचार करते हुए भैरमबंद मल्टी एक्टिविटी सेंटर में गोबर पेंट यूनिट स्थापित किया गया है, जिसकी जिम्मेदारी गौठान में काम करने वाले समूह मां दंतेश्वरी प्राकृतिक पेंट उत्पादक समूह को दी गयी है। 
    इस समूह के अध्यक्ष श्री श्यामलाल यादव बताते है कि समूह से जुड़ने से पहले वे अपने पुश्तैनी जमीन लगभग 8 एकड़ में खेती-किसानी का काम करते थे, जिससे उन्हें उतनी आय नहीं हो पाती थी, जितनी की आशा रखते थे। कक्षा 12वीं तक की शिक्षा प्राप्त कर चुके श्यामलाल गांव के गौठान एवं मल्टी एक्टिविटी सेंटर से जुड़ते हुए अपनी रूचि के कार्य गोबर पेंट बनाने की कला को सीखने की इच्छा जताई। चूंकि श्यामलाल पढ़ा-लिखा समझदार युवक था, समूह के सदस्यों ने उसे राजस्थान के जयपुर और चारामा में गोबर पेंट बनाने का प्रशिक्षण प्राप्त करने भेजा। प्रशिक्षण प्राप्त कर लौटे श्यामलाल ने अब भैरमबंद मल्टी एक्टिविटी सेंटर में ही गोबर पेंट बनाने का प्रयोग शुरू किया।शुरूआत में कुछ दिक्कतें आयी फिर साथियों की मदद से सब ठीक हो गया। श्यामलाल अब प्रतिदिन लगभग 500 लीटर गोबर पेंट तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि अब तक उनके समूह द्वारा 1300 लीटर से ज्यादा का गोबर पेंट तैयार कर लिया गया है। 
    श्यामलाल ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा भी उन्हें हर संभव मदद उपलब्ध करायी जा रही है। जिसके लिए सरकारी विभागों से मांग पत्र भी प्राप्त हो रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक समूह के द्वारा लगभग 50 लीटर गोबर पेंट का विक्रय किया जा चुका है, जिसके एवज में उन्हें लगभग 10 हजार रूपये की आय हुई है। श्यामलाल ने कहा कि गोबर पेंट की एंटी बैक्टीरीया, एंटी फंगल, इको फ्रेंडली, नेचुरल थर्मल इंसुलेटर, कॉस्ट इफेक्टिव, फ्री फ्राम हेवी मेटल, नॉन आक्सीस, और आर्डर लेस गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए आने वाले दिनों में भारी मांग की संभावना है, जिसे ध्यान में रखते हुए हमारे समूह के सभी सदस्य पूरी तरह तैयार है और आने वाले दिनों में ऐसा लगता है कि दंतेवाड़ा जिले की सभी दीवारें गोबर पेंट से ही रंगी जायेंगी, जिसके लिए श्यामलाल प्रदेश के मुख्यमंत्री को रीपा जैसी योजना प्रारंभ करने एवं इस योजना के क्रियान्वयन में सहायता देने के लिए जिला प्रशासन को धन्यवाद देते है। श्यामलाल आज अपने गांवों के अन्य युवाओं को भी स्वरोजगार की ओर अग्रसर होने प्रेरित कर रहे हैं। 

  • छात्रों की मौत पीड़ादायक,जिम्मेदार कौन:कौशिक

    छात्रों की मौत पीड़ादायक,जिम्मेदार कौन:कौशिक

    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने सड़क हादसे में हुए छात्रों के मृत्यु पर जताया शोक

    पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर कोरर में सड़क हादसे से हुए छात्रों के मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि सड़क दुर्घटनाओं ने सबको विचलित कर रखा है लेकिन हादसों पर अंकुश लगाने राज्य की कांग्रेस सरकार के पास अब तक कोई नीति नहीं है और न कोई तैयारी। भानुप्रतापपुर में सड़क दुर्घटना में स्कुली बच्चों की मौत हो गई। इस तरह की घटनाएं हर जिले में बढ़ते जा रही है, यातायात पुलिस का पता तो प्रदेश में पता ही नहीं। उन्होनें कहा कि इसके लिये सड़को की दुर्दशा व यातायात व्यवस्था का दुरूस्त नहीं होना ही मूल रूप से जिम्मेदार है। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हादसों की एक ही वजह  नशे  की हालात में वाहन चलाना ही है जिसके लिये प्रदेश सरकार जिम्मेदार है। जगह-जगह नशे का सामान उपलब्ध है। कांग्रेस सरकार इस पर कार्यवाही के बजाए शराब के हर तरह के धंधे को प्रोत्साहित कर रही है। उन्होंने कहा कि हर जिले में हर अनुविभाग में एक यातायात पुलिस उप अधीक्षक की नियुक्ती हो साथ ही यातायात पुलिस की जिम्मेदारी और तय की जाए।जिससे की ऐसे हादसों रोका जा सके। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष धरमलाल कौशिक पर कहा कि कांग्रेस सरकार इस हादसे की जल्द से जल्द कार्यवाही करें एवं जिम्मेदार व्यक्तियों को सजा दिलाई जाए साथ ही घायल हुए बच्चों को तत्काल ही निःशुल्क स्वास्थ्य की व्यवस्था की जाए एवं मृतक के परिवारों को मुआवजा दी जाए।

  • *छत्तीसगढ़ में महिला समूहों ने बेचा 198 करोड़ रूपए का वर्मी कम्पोस्ट*
    *अब महिलाओं के लिए गोबर बना आय का नया जरिया* *छत्तीसगढ़ में महिला समूहों ने बेचा 198 करोड़ रूपए का वर्मी कम्पोस्ट* *गौठानों में आर्थिक गतिविधियों से जुड़ी हैं सवा लाख से अधिक महिलाएं* *मनेन्द्रगढ़ की महिला संघ ने एक करोड़ रूपए का वर्मी कम्पोस्ट बेचकर कमाए 36 लाख रूपए* रायपुर, 09 फरवरी 2023/ छत्तीसगढ़ में गोबर से लोगों के जीवन में परिवर्तन आ रहा है। गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ पेंट और बिजली भी तैयार किया जा रहा है। गांवों में महिला समूह की कोई सदस्य टू-व्हीलर खरीद रही है, तो कई ने गहने भी खरीदे। किसी ने अपने परिवार के सदस्य के लिए शादी के लिए कर्जा चुकाया है। ये सभी महिलाएं गरीब परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। जिन्होंने कभी चार दीवारी से बाहर कदम नहीं रखा था। ऐसे समूहों में आत्मविश्वास और काम के प्रति ललक को देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार गोबर से बने उत्पादों को प्रोत्साहित कर रही है। मनेन्द्रगढ़ शहरी क्षेत्र की महिलाओं ने वर्ष 2020 में गौठानों से जुड़कर वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने का काम शुरू किया। इन महिलाओं के द्वारा बनाए गए स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ ने पिछले तीन साल में एक करोड़ रूपए का वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर बेचा है। ये आंकड़ा राज्य के बाहर के लोगों के लिए चौकाने वाला हो सकता है लेकिन छत्तीसगढ़ में कोई नई बात नहीं है। यहां बड़ी संख्या में महिलाएं गौठानों से जुड़कर गोबर से वर्मी कम्पोस्ट तैयार कर अच्छी आमदनी प्राप्त कर रही हैं। महिलाओं द्वारा तैयार वर्मी कम्पोस्ट की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से की जा रही है। स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ ने वर्ष 2020 में गोधन न्याय योजना के शुभारंभ के साथ ही शहरी गौठान में गोबर खरीदी का कार्य शुरू किया। अब तक यहां से 33 हजार 195 क्विंटल गोबर क्रय किया गया, जिससे 10 हजार 809 क्विंटल वर्मी खाद बनाया जा चुका है और 10 हजार 32 क्विंटल वर्मी बेचा गया है। इससे उन्हें 1 करोड़ रूपए से अधिक राशि प्राप्त हुई है। महिला संघ को पिछले तीन साल में अब तक 36 लाख रूपए से अधिक का लाभांश प्राप्त हुआ है। इन्हें पूर्व से डोर टू डोर कचरा एकत्र के लिए करीब 6 हजार रूपए महीना दिया जा रहा था। अब उन्हें वर्मी कम्पोस्ट के विक्रय के लाभांश से अतिरिक्त आय भी हो रही हैं। अपनी आय में वृद्धि से महिला समूह की सदस्य उत्साहित है। स्वच्छ मनेन्द्रगढ़ क्षेत्र स्तरीय संघ की अध्यक्ष श्रीमती प्रीति टोप्पो बताती है कि उन्हें मिले लाभांश से उसने बहन की शादी में कुछ कर्ज लिया था, वो इस पैसे से छूट गया, बच्चों को स्कूल आने-जाने के लिए साईकल लेकर दी और घर के लिए टीवी भी ले लिया। संघ की सदस्य सविता दास कहती हैं कि जब गोधन न्याय योजना शुरू हुई तो शहर के गौठान में समूह के रूप में जुड़कर वर्मी कम्पोस्ट निर्माण का कार्य शुरू किया। जैसे-जैसे उत्पादन एवं विक्रय से लाभ मिला, लोगों का हमारे प्रति नजरिया बदलने लगा। इस योजना से हमें स्वरोजगार का जरिया मिला है और वर्मी खाद विक्रय से जो लाभांश मुझे मिला उससे मैंने टू व्हीलर गाड़ी खरीदी है। *27 लाख क्विंटल वर्मी खाद का उत्पादन* राज्य में गौठानों में वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने 11 हजार 477 महिला समूह की लगभग सवा लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी है। इनके द्वारा 27 लाख क्विंटल से अधिक वर्मी कम्पोस्ट तैयार किया गया है। महिला समूहों द्वारा 198 करोड़ रूपए का वर्मी कम्पोस्ट बेचा जा चुका है। यही वजह है कि पिछले तीन सालों में छत्तीसगढ़ में खाद की कमी नहीं हुई। वर्मी कम्पोस्ट का किसानों द्वारा भरपूर इस्तेमाल किया। राज्य सरकार के प्रयासों की सफलता का सबूत है कि इस वर्ष छत्तीसगढ़ में धान का बम्पर उत्पादन हुआ है और राज्य में समर्थन मूल्य में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है।
  • सड़क हादसे में 7 स्कूली बच्चों की मौत : कांकेर के कोरर की घटना
    भीषण दुर्घटना कांकेर जिले के कोरर के पास एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना हो गई है | स्कूली वैन और ट्रक की टक्कर की भीषण सड़क हादसे में दुर्घटना स्थल पर ही पांच स्कूली बच्चों की मौत हो गई है ,और 2 बच्चें गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है। घटना कोरर के पास हुई है। घयलो को जिला अस्पताल कांकेर लाया गया है जहा से रायपुर रेफर करने की चल रही तैयारी । जानकारी के अनुसार, स्कूल की छुट्टी होने के बाद 7 बच्चे एक ऑटो में सवार होकर अपने घर जा रहे थे। इस दौरान आयुष केंद्र कोरर के पास तेज रफ्तार ट्रक ने ऑटों को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि ऑटो के परखच्चे उड़ गए। घटना स्थल पर ही 5 बच्चों की मौत हो गई। वहीं 2 बच्चे घायल हो गए। इस भीषण सड़क हादसे में ऑटो चालक भी गंभीर रूप से घायल हुआ है | CG 24 News