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  • प्रदेश में घटी कोरोना की रफ्तार, इन जिलों मे नहीं मिले एक भी मरीज, देखें जिलेवार आंकड़े

    रायपुर। कोरोना वायरस के मामलों में गिरावट देखने को मिल रहा है। अब तक 11 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं। आज 107 नए मरीज मिलने की पुष्टि हुई है। अब छत्तीसगढ़ में कुल एक्टिव मरीज 888 हो गए हैं।

    107 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की आज पहचान हुई वहीं 224 मरीज़ स्वस्थ होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड हुए। कोरोना से आज कुल 0 मौतें हुई है।

    छत्तीसगढ़ में कोरोना के अब तक कुल 1151343 मरीज मिले हैं। जिसमें से 1136425 मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं। छत्तीसगढ़ में कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 888 है। वहीं कोरोना से प्रदेश में अब तक कुल 14030 मौतें हो चुकी हैं।

    छत्तीसगढ़ में आज 21 हजार 906 सैम्पलों की हुई जांच प्रदेश की औसत पॉजिटिविटी दर 0.49 प्रतिशत

    आज 4 मार्च की स्थिति में प्रदेश की पॉजिटिविटी दर 0.49 प्रतिशत है। आज प्रदेश भर में हुए 21 हजार 906 सैंपलों की जांच में से 107 व्यक्ति कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। प्रदेश में आज कोरोना संक्रमित किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है।

    प्रदेश के 07 जिलों में आज कोरोना का कोई नया मामला नहीं, 17 जिलों में 01 से 10 के मध्य कोरोना संक्रमित पाए गए।

     

  • नई राजधानी प्रभावित किसान आंदोलन खत्म करने तैयार नहीं,आठ में से ही तीन ही मांगे माने हैं..
    सरकार का कहना है किसानों की छह मांगे मान ली गई हैं रायपुर। दो माह हो गए नई राजधानी प्रभावित किसानों का आंदोलन जारी है। सरकार कहती है कि अधिकांश मांगे मान ली गई है इसलिए किसान आंदोलन समाप्त करें। वहीं किसान समिति के अध्यक्ष रूपन चंद्राकर कहते हैं कि हमने आठ मांगें की थीं, इसमें से 3 को इन्होंने माना है वह भी आधा अधूरा। यह वही मांगें हैं जो सशक्त समिति की 2012 में हुई 12वीं बैठक में तय हो चुका था। उसका समग्र परिपालन न तो पिछली भाजपा सरकार ने किया और न ही मौजूदा कांग्रेस सरकार कर रही है। उन्हीं पूर्व निर्णयों को नई शर्तें लादकर आधा-अधूरा आदेश जारी हुआ है।   रूपन चंद्राकर ने कहा, हम सरकार से निवेदन कर रहे हैं, मौजूदा सरकार के गठन से पहले हमारे साथ जो वादा किया था उसे पूरा कर दें। सरकार सारे मुद्दों पर किसानों को अपना फैसला दे दे। हम आंदोलन छोड़ देंगे और सरकार का सम्मान भी करेंगे। सरकार मांग नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा। किसानों की पूरी मांग क्या है-- 0 सन 2005 से स्वतंत्र भू क्रय-विक्रय पर लगे प्रतिबंध को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए। 0 प्रभावित 27 ग्रामों को घोषित नगरीय क्षेत्र की अधिसूचना निरस्त की जाए। 0 सम्पूर्ण ग्रामीण बसाहट का पट्टा दिया जाए। 0 प्रभावित क्षेत्र के प्रत्येक वयस्क व्यक्ति को 1200 वर्ग फीट विकसित भूखण्ड का वितरण किया जाए। 0 आपसी सहमति, भू-अर्जन के तहत अर्जित भूमि के अनुपात में शुल्क आवंटन।अर्जित भूमि पर वार्षिकी राशि का भुगतान तत्काल दिया जाए।सशक्त समिति की 12वीं बैठक के निर्णयों का पूर्णतया पालन हो। 0 मुआवजा प्राप्त नहीं हुए भू.स्वामियों को चार गुना मुआवजे का प्रावधान हो। सरकार का क्या रुख है-- वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया है कि किसानों की छह मांगे मान ली गई हैं। पट्टा वितरण का काम 7 मार्च से शुरू हो रहा है। 41 में से 13 गांवों कुहेरा, परसदा, पलौद, कोटनी, तांदुल, खंडवा, पचेड़ा, भेलवाडीह, तेंदुआ, पौता, बंजारी, चेरिया और कुर्रू में जमीन बेचने-खरीदने के लिए एनओसी लेने की आवश्यकता खत्म कर दी गई है। दुकान, गुमटी, चबूतरा और हॉल का आवंटन लागत मूल्य पर प्रभावित ग्रामीणों को लॉटरी के आधार पर करने का आदेश जारी है। एनआरडीए की संविदा सेवाओं में प्रभावित किसानों को 60 प्रश आरक्षण की बात मान ली गई है। वहीं वार्षिकी ऑडिट आपत्तियों के निराकरण के बाद वार्षिकी राशि का भी भुगतान किया जाएगा। सरकार किसानों के साथ हैं वे आंदोलन समाप्त तो करें।
  • यूक्रेन से लौटे छत्तीसगढ़ के 11 छात्रों का रायपुर एयरपोर्ट में स्वागत
    रायपुर। आज एयरपोर्ट निदेशक की ओर से केंद्र सरकार द्वारा यूक्रेन से निकाले गए छत्तीसगढ़ के 11 छात्रों का स्वागत किया गया। बता दें कि रूस के यूकेन पर हमला (Russia-Ukraine War) करने के बाद से ‘ऑपरेशन गंगा’ (Operation Ganga) के तहत अब तक केंद्र सरकार 11,000 भारतीयों की सुरक्षित वापसी करा चुकी है. एयर एशिया की उड़ान से दिल्ली पहुंचने वाले 170 नागरिकों का स्वागत करने पहुंचे विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन (V Muraleedharan) ने यह जानकारी दी है. मुरलीधरन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर इसको लेकर एक ट्वीट किया है. इसमें उन्‍होंने ल‍िखा, ‘यूक्रेन से अब तक 11,000 भारतीयों को निकाला गया है. नई दिल्ली हवाई अड्डे पर 170 भारतीयों के एक समूह को एयर एशिया इंडिया के माध्यम से निकाले जाने पर खुशी हुई.’ मुरलीधरन के अलावा भारतीय वायुसेना ने आज ट्वीट कर जानकारी दी कि ‘ऑपरेशन गंगा’ के तहत पिछले 24 घंटों में तीन IAF C-17 विमान पोलैंड, रोमानिया और स्लोवाकिया के हवाई क्षेत्रों से निकाले गए 629 भारतीय नागरिकों के साथ हिंडन एयरबेस पर लौट आए. साथ ही इन विमानों ने 16.5 टन राहत सामग्री पीड़ित मुल्क तक पहुंचाई.
  • सड़क निर्माण कार्य में लगी 5 गाड़ियों को नक्सलियों ने किया आग के हवाले
    कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में सड़क निर्माण कार्य में लगी पांच गाड़ियों को नक्सलियों ने आग के हवाले कर दिया है। कांकेर थानाक्षेत्र के मलाजकुंड जलप्रपात की ओर जाने वाले मार्ग को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाय) के तहत बनाया जा रहा है। सभी गाड़ियों इसी निर्माण कार्य में लगी है। इनमें 1 JCB, 2 हाइवा और 2 मिक्चर मशीन शामिल हैं। माओवादियों ने इन सभी वाहनों के डीजल टैंक को फोड़कर इनमें आग लगाई है।बताया जा रहा है कि कांकेर जिला मुख्यालय से महज 20 किमी की दूरी पर ही माओवादियों ने वारदात को अंजाम दिया है। मामला सिटी कोतवाली क्षेत्र का है। नक्सलियों ने सबसे पहले मरमामारी के पास निर्माण सामग्री लेकर जा रहे दो हाईवा वाहनों को रोककर आग के हवाले कर दिया। इसके बाद घटनास्थल से दो किलोमीटर आगे कलमुच्चे के पास खड़ी जेसीबी और दो मिक्सर मशीन में भी आग लगा दी। कांकेर एसपी शलभ सिन्हा ने बताया कि यह कार्य कांकेर के स्थानीय ठेकेदार अभय बाफना द्वारा करवाया जा रहा था। उन्हें कलमुच्चे से मारती तक लगभग 3 किमी सड़क निर्माण का ठेका मिला है। निर्माण कार्य में सभी वाहनों उनके स्वयं की है। एसपी ने कहा कि ठेकेदार द्वारा कोई सुरक्षा नहीं मांगी गई थी। बता दें कि घटनास्थल कांकेर मुख्यालय से महज बीस किमी की दूरी पर है। घटनास्थल पर मौजूद मजदूरों ने बताया कि माओवादियों ने घटना को अंजाम दिया और काम नहीं करने की चेतावनी देकर चले गए। नक्सलियों ने किसी मजदूर से कोई मारपीट नहीं की है। घटना के बाद से आसपास के इलाकों में दहशत है।
  • रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया
    दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का महत्वपूर्ण झारसुगुड़ा-बिलासपुर-रायपुर-नागपुर सेक्शन कवच सुरक्षा तकनीक के दायरे में । रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया । इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी । बिलासपुर - माननीय रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव ने आज कवच सुरक्षा तकनीक का सफल परीक्षण किया । इस ऑटोमैटिक तकनीक के जरिए अब दो गाड़ियों के बीच आमने-सामने से टक्कर नहीं होगी । खास बात ये है कि इस तकनीक को देश में तैयार किया गया है । केंद्रीय रेल, संचार और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री  अश्विनी वैष्णव ने दक्षिण मध्य रेलवे के सिकंदराबाद मंडल में लिंगमपल्ली-विकाराबाद खंड पर गुल्लागुडा-चिटगिड्डा रेलवे स्टेशनों के बीच कवच कार्य प्रणाली के परीक्षण का निरीक्षण किया । इस अवसर पर वी.के.त्रिपाठी, अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, रेलवे बोर्ड तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे । माननीय केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति में कवच का व्यापक परीक्षण किया गया । माननीय मंत्री उस लोकोमोटिव पर सवार थे जो गुल्लागुडा से चिटगिड्डा की ओर चला गया था । वी.के.त्रिपाठी, अध्यक्ष और सीईओ, रेलवे बोर्ड उस लोकोमोटिव में सवार थे, जो चिटगिड्डा से गैलागुडा की ओर बढ़ा । ट्रायल के दौरान दोनों लोकोमोटिव एक दूसरे की ओर बढ़ रहे थे, जिससे आमने-सामने टक्कर की स्थिति पैदा हो गई थी । कवच प्रणाली ने स्वचालित ब्रेकिंग सिस्टम की शुरुआत की और इंजनों को 380 मीटर की दूरी पर रोक दिया । साथ ही, लाल सिग्नल को पार करने का परीक्षण किया गया; हालांकि, लोकोमोटिव ने लाल सिग्नल को पार नहीं किया क्योंकि कवच के लिए ब्रेक लगाना अनिवार्य हो गया था । गेट सिग्नल के पास आने पर स्वचालित सीटी की आवाज तेज और स्पष्ट थी । परीक्षण के दौरान चालक दल ने ध्वनि और ब्रेकिंग सिस्टम को मैन्युअल रूप से नहीं छुआ । लोकोमोटिव को लूप लाइन पर चलाने के दौरान 30 किमी प्रति घंटे की गति प्रतिबंध का परीक्षण किया गया था । लोकोमोटिव के लूप लाइन में प्रवेश करते ही कवच ने गति को 60 किमी प्रति घंटे से घटाकर 30 किमी प्रति घंटे कर दिया । कवच क्या है कवच भारतीय उद्योग के सहयोग से अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित एटीपी प्रणाली है और भारतीय रेलवे में ट्रेन संचालन में सुरक्षा के कॉर्पोरेट उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए दक्षिण मध्य रेलवे द्वारा परीक्षण किया गया है । यह सुरक्षा अखंडता स्तर - 4 मानकों की अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक प्रणाली है । कवच का मतलब ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पास करने और टक्कर से बचने के लिए सुरक्षा प्रदान करना है । यदि चालक गति प्रतिबंधों के अनुसार ट्रेन को नियंत्रित करने में विफल रहता है तो यह ट्रेन ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय कर देता है । इसके अलावा, यह कार्यात्मक कवच प्रणाली से लैस दो इंजनों के बीच टकराव को रोकता है । कवच सबसे सस्ती, सुरक्षा अखंडता स्तर 4 (एसआईएल -4) प्रमाणित तकनीकों में से एक है, जिसमें त्रुटि की संभावना 10,000 वर्षों में 1 है । साथ ही, यह रेलवे के लिए इस स्वदेशी तकनीक के निर्यात के रास्ते भी खोलता है । कवच की विशेषताएं • खतरे में सिग्नल पासिंग की रोकथाम (एसपीएडी) • ड्राइवर मशीन इंटरफेस (डीएमआई) / लोको पायलट ऑपरेशन कम इंडिकेशन पैनल (एलपीओसीआईपी) में सिग्नल पहलुओं के प्रदर्शन के साथ मूवमेंट अथॉरिटी का निरंतर अद्यतन । • ओवर स्पीडिंग की रोकथाम के लिए स्वचालित ब्रेक लगाना • समपार फाटकों के पास पहुंचते समय ऑटो सीटी बजना • कार्यात्मक कवच से लैस दो इंजनों के बीच टकराव की रोकथाम • आपातकालीन स्थितियों के दौरान एसओएस संदेश • नेटवर्क मॉनिटर सिस्टम के माध्यम से ट्रेन की आवाजाही की केंद्रीकृत लाइव निगरानी । भारतीय रेलवे पर कवच तैनाती रणनीति: रेलवे यातायात का 96% भारतीय रेलवे उच्च घनत्व नेटवर्क और अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क मार्गों पर किया जाता है । इस यातायात को सुरक्षित रूप से ले जाने के लिए रेलवे बोर्ड द्वारा निर्धारित निम्न प्राथमिकता के अनुसार कवच कार्यों को एक केंद्रित तरीके से शुरू किया जा रहा है। • पहली प्राथमिकता: हाई डेंसिटी रूट्स और नई दिल्ली-मुंबई और नई दिल्ली-हावड़ा सेक्शन पर ऑटोमेटिक ब्लॉक सिग्नलिंग और सेंट्रलाइज्ड ट्रैफिक कंट्रोल के साथ 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से। चूंकि इस तरह के वर्गों में ड्राइवरों की ओर से मानवीय त्रुटियों की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप दुर्घटनाएं होती हैं क्योंकि ट्रेनें एक-दूसरे के करीब चलती हैं । • दूसरी प्राथमिकता: स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग और केंद्रीकृत यातायात नियंत्रण के साथ अत्यधिक प्रयुक्त नेटवर्क पर । • तीसरी प्राथमिकता : स्वचालित ब्लॉक सिग्नलिंग के साथ अन्य यात्री उच्च घनत्व वाले मार्गों पर । • चौथी प्राथमिकता : अन्य सभी मार्ग । आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत, 2022-23 में सुरक्षा और क्षमता वृद्धि के लिए 2,000 किलोमीटर नेटवर्क को कवच के तहत लाया जाएगा । कवच के तहत लगभग 34,000 किलोमीटर नेटवर्क लाया जाएगा । भारतीय रेलवे के दिल्ली – हावड़ा, हावड़ा – मुंबई, मुंबई – दिली, दिल्ली – गुवाहाटी, दिल्ली – चेन्नई, चेन्नई – हावड़ा एवं चेन्नई – मुंबई जैसे 7 उच्च घनत्व (हाई डेंसीटी) रूट पर कवच की तैनाती के लिए कार्य योजना बनाई गई है ।
  • IPS सुधीर सक्सेना आज से प्रदेश के नए DGP, प्रतिनियुक्ति से लौटने के बाद सरकार ने जारी किया आदेश

    भोपाल। मध्यप्रदेश के DGP विवेक जौहरी (IPS Vivek Johari) के सेवाकाल का आज अंतिम दिन है। आज वे रिटायर हो रहे हैं। IPS अफसर जौहरी के रिटायर होने पर पुलिस महानिदेशक (DGP) के रिक्त होते पद के लिए सक्षम दायित्व की तलाश 1987 बैच के IPS अफसर सुधीर कुमार सक्सेना (Sudheer Kumar Saxena) पर आकर थम गई, जिसके बाद राज्य सरकार की ओर से गृह विभाग (Home Department) ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।

    मध्यप्रदेश गृहविभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक 1987 बैच के IPS अफसर सुधीर कुमार सक्सेना (Sudheer Kumar Saxena) आज शाम मध्यप्रदेश के नए DGP के तौर पर पदभार ग्रहण करेंगे। बता दें कि 1987 बेच के IPS ऑफिसर सुधीर कुमार सक्सेना (Sudheer Kumar Saxena) केंद्रीय सचिवालय में सचिव (सुरक्षा) के पद पर पदस्थ थे। राज्य सरकार के अनुरोध पर केंद्र सरकार ने उन्हें मध्य प्रदेश के लिए कार्यमुक्त किया था।Image

    सीनियर आईपीएस अफसर सुधीर सक्सेना मूल रूप से ग्वालियर के रहने वाले हैं। 1992 से 2000 तक अलग-अलग जिले में एसपी रहे। 2012 से 2014 तक वो CM के OSD रहे हैं। इसके अलावा वो 2014 से 2016 तक इंटेलिजेंस चीफ रहे। वो CISF के महानिदेशक पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल चुके हैं। साल 2002 में उन्हें सीबीआई में नियुक्ति किया गया था। वर्तमान में सक्सेना 2021 से भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में बतौर सचिव (सुरक्षा) जिम्मेदारी संभाल रहे थे।

  • CG News: जानिए ऐसा क्या हुआ की सेंट्रल जेल में मचा हड़कंप
    दुर्ग। दुर्ग केंद्रीय जेल में एक कैदी ने आत्महत्या करने की कोशिश की है। कैदी ने अपनी गले की नस काट ली जिससे जेल में हड़कंप मच गया| जिसे फौरन गंभीर अवस्था में जिला चिकित्सालय में भर्ती किया गया है। आरोपी राजेश थापा 2015 से केंद्रीय जेल दुर्ग में निरुद्ध था
  • नाबालिग बेटे ने की माता—पिता की हत्या, घर के भीतर ही कर दिया दफन, वजह जानकर उड़ जाएंगे होश
    सरगुजा। आज के दौर में बच्चे किस कदर हिंसक प्रवृत्ति के होते जा रहे हैं, जिसका आकलन नहीं किया जा सकता। उनके दिमाग में क्या और क्यों चलता रहता है, कैसे वे अचानक क्रुरता पर उतर आते हैं, वास्तव में इन बातों का अनुमान लगाना मुश्किल हो गया है। ऐसा ही एक मामला छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा जिले (Sarguja) के उदयपुर थाना अंतर्गत ग्राम खोंधला से सामने आया है, जहां पर एक नाबालिग बेटे ने अपने माता—पिता की हत्या (Minor Killed Parents) कर दी और फिर उनकी लाश को घर के भीतर ही दफन कर दिया। सामने आ रही जानकारी के मुताबिक नाबालिग बेटे (Minor Son) ने अपने माता—पिता (Parents) की हत्या करना स्वीकार कर लिया है, जिसकी निशानदेही पर दोनों की लाश को जमीन के भीतर से निकाला गया है। बताया जा रहा है कि दोनों की लाश बुरी तरह से सड़ चुकी है। लाश का पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है, तो मामले की फॉरेंसिक जांच भी कराई जाएगी। सूचना पर पहुंची पुलिस गांव वालों ने काफी दिनों तक जब नाबालिग के माता—पिता को नहीं देखा और किशोर को विचलित पाया, तब जाकर अंदेशा के चलते पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस न किशोर से जब पूछताछ की, तब हकीकत सामने आई। इसके बाद नायब तहसीलदार शिवनारायण राठिया और उप निरीक्षक समरेंद्र सिंह की मौजूदगी में पंचनामा कार्रवाई की गई। क्यों की हत्या पर बताया इस दोहरे हत्याकांड (Double Murder) को लेकर पुलिस ने किशोर से पूछताछ की, तो उसका जवाब आया कि करीब सालभर से ज्यादा वक्त से पहले उसके परिवार वाले उस पर ध्यान नहीं दे रहे थे। इस बात से उसे गुस्सा आया और उसने वारदात को अंजाम दे दिया। इसके पीछे उसे प्रेरणा कहां से मिली के सवाल पर उसने जो जवाब दिया, ज्यादातर लोग उस बात से परिचित हैं।
  • BREAKING NEWS : छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर में भूकंप के झटके, 4 सेकंड तक महसूस हुए झटके
    छत्तीसगढ़-ओडिशा बॉर्डर chhattisgarh odissa border से लगे गरियाबंद gariyaband के मैनपुर-देवभोग mainpur devbhopg में गुरुवार को भूकंप earthquake के हल्के झटके महसूस किए गए। इसका असर देवभोग और अमलीपदर क्षेत्र के कुछ गांवों में दिखा। तीव्रता काफी कम होने के कारण जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। झटकों के डर से लोग थोड़ा डर जरूर गए। जिले में मौसम विभाग नहीं होने के कारण इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की जा सकी है। भूकंप का केंद्र ओडिशा का नवरंगपुर जिला था। भुवनेवश्वर bhuvneshwar मौसम विज्ञान weather department केंद्र ने शाम को भूकंप की पुष्टि की है। उनके मुताबिक, नवरंगपुर जिले में सुबह करीब 11.29 बजे 3.5 तीव्रता का भूकंप earthquake रिएक्टर स्केल पर दर्ज किया गया। इसके चलते करीब 4 सेकेंड के लिए झटके महसूस हुए किए गए हैं। इसका प्रभाव ओडिशा के नवरंगपुर के खोखसरा ब्लॉक के अलावा बॉर्डर से लगे छत्तीसगढ़ के देवभोग और अमलीपदर क्षेत्र के कुछ गांव में मामूली तौर पर देखा गया है। भूकंपearthquake का केंद्र छत्तीसगढ़ के जगदलपुर से करीब 93 किमी उत्तर पूर्व में बताया जा रहा है। इसकी गहराई पृथ्वी के अंदर 9 किमी थी। भूकंपearthquake से अभी तक कहीं से भी किसी के हताहत होने या संपत्ति के नुकसान की कोई सूचना नहीं मिली है। नवरंगपुर जिले में जरूर लोगों के मकानों की दीवारों पर दरारें आ गई हैं। कुछ दिन पहले भी ओडिशा odissa के कंधमाल जिले में 3.2 तीव्रता के भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
  • मौत के बाद भी जिंदा रहेंगी बृजलाल भाई की आंखें, देखेंगी दुनिया, पिता की अंतिम इच्छा का सम्मान कर परिजनों ने अंतिम संस्कार से पहले किया नेत्रदान
    गरियाबंद वार्ड नं 9 निवासी बृजलाल ठक्कर का आज सुबह 6.30 बजे हो गया । जिसके बाद परिवार ने उनकी नेत्रदान करने की इच्छा को पूरा करते हुए डॉक्टरों को बुला उनका नेत्र दान किया । लोगों में नेत्रदान की अलख जगाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जाते हैं। नेत्रदान से बड़ा कोई दान नहीं, जिसमें जीव, निर्जीव होकर भी दूसरे के काम आ सकता है। यह ध्येय वाक्य नगर के 94 वर्षीय बुजुर्ग बृजलाल ठक्कर के जेहन में इस कदर बैठ गया कि उन्होंने नेत्रदान करने का प्रण कर लिया। आंखों के बिना इस दुनिया में अंधेरे के अलावा कुछ भी नहीं और शायद इसी कारण पिता की इच्छा का सम्मान कर परिजनों ने उनकी मौत के बाद नेत्रदान किया। नगर के वार्ड नं 9 निवासी 94 वर्षीय बृजलाल ठक्कर ने मृत्यु से पहले ही प्रण ले लिया था कि उसकी मृत्यु के बाद उसकी आंखें किसी के काम आ सके और उन्होंने अपने परिजनों को पहले से ही नेत्रदान करने की बात कही थी। अपनी पिता की सराहनीय पहल को लेकर उनके पुत्र हरीश ठक्कर ने अपने पिता की मौत के बाद उनकी आंखें गरियाबंद जिला अस्पताल में दान कर दी । जिस परिवार में घर की मुखिया की मौत हुई हो और उसके द्वारा पूर्व में किये गये घोषणा पर परिवार द्वारा नेत्र दान करना सच में एक साहसिक कदम है। सच में एक नेत्र दान से दो जिंदगियों को रौशनी मिलती है निश्चित तौर पर ठक्कर परिवार का ये दान लोगों के लिए मिसाल बनेगा । डॉ पी सी पात्रे नेत्र रोग विशेषज्ञ,डॉ सविनय बोस,डॉ हरीश चौहान,डॉ दीपिका साहू ने घर पहुंचकर उनका कॉर्निया सुरक्षित किया।
  • पत्रकार पर हमला, रायपुर के निजी हॉस्पिटल में कराया गया भर्ती
    भिलाई। पाटन क्षेत्र के अमलेश्वर में पत्रकार धीरेंद्र गिरी गोस्वामी पर जानलेवा हमला हुआ है. धीरेंद्र को रायपुरा जगन्नाथ अस्पताल में भर्ती कराया गया है. इसकी सूचना रायपुर के पत्रकारों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करके दी है. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है. हमला करने वालों की पतासाजी में पुलिस जुट गई है. इस मामले में अमलेश्वर थाना प्रभारी गोपाल वैश्य ने बताया कि वुडलैंड कॉलोनी में राव परिवार में पत्रकार धीरेंद्र गिरी गोस्वामी पहुंचे थे. राव परिवार में बच्चे को लेकर दो गुटों में विवाद हुआ. विवाद होता देख उन्होंने बीच-बचाव किया, लेकिन हमला करने वालों ने पत्रकार पर हमला कर दिया. धीरेंद्र को अस्पताल में दाखिल कराया गया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
  • छत्तीसगढ़ में नौकरी पाने का सुनहरा मौका, NMDC में इन पदों पर होगी भर्ती, जल्द करें आवेदन
    रायपुर। सरकारी नौकरी (Government Job) की तलाश कर रह युवाओं के लिए एनएमडीसी (NMDC Limited) में रोजगार का बढ़िया अवसर सामने आया है। यहां अपरेंटिस (NMDC Apprentice Recruitment 2022) के पदों पर योग्य उम्मीदवारों से आवेदन मांगे गए हैं। इन पदों के लिए ग्रेजुएट पास कैंडिडेट अप्लाई कर सकते हैं. एनएमडीसी लिमिटेड (NMDC Limited Chhattisgarh) के इन पदों पर आवेदन केवल ऑनलाइन किए जा सकते हैं। ऐसा करने के लिए एनएमडीसी लिमिटेड दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ की आधिकारिक वेबसाइट का पता है – nmdc.co.in एनएमडीसी लिमिटेड रिक्रूटमेंट 2022 (NMDC Limited Recruitment 2022) के अंतर्गत कुल 171 पदों पर भर्ती होगी कुल पदों की संख्या – 171 ( total post) आवेदन 3 मार्च से शुरू ( starting) – एनएमडीसी लिमिटेड (NMDC Limited Apprentice Recruitment) के अपरेंटिस पदों पर आवेदन प्रक्रिया कल यानी 03 मार्च से शुरू हो गई है।