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  • Crime: हत्या की गुत्थी को सुलझाने चौकी मल्हार एवं थाना मस्तुरी पुलिस को मिली सफलता, 24 घंटे के भीतर सुलझाया अंधे कत्ल की गुत्थी, पैसे की लेन-देन बनी हत्या की वजह
    बिलासपुर। (Crime) जिले के मल्हार चौकी थाना मस्तुरी पुलिस को सूचना मिली कि चौकी मल्हार अंतर्गत स्थित पुरातत्व विभाग का छोटागढ़ किला में एक स्थान पर नयें खुदा हुआ गड्ढे जो की पटा हुआ है,, जिसमें से सडन की दुर्गंध आ रही है।सूचना मिलने पर मौके पर मस्तुरी थाना के मल्हार चौकी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित हुये उस स्थान को देखने पर कोई अज्ञात शव होने की शंका पर कार्यपालिक दण्डाधिकारी की उपस्थिति में स्थान का खुदाई कराया गया। (Crime) जिसमें करीब 02 फीट खोदने पर एक पुरुष मानव शव प्राप्त हुआ। जिसे वहां उपस्थित ग्रामीणों से पहचान कराया गया। जो शव को करीब 6-7 दिन पुराना होना तथा ग्राम मल्हार का दीपक लोहार पिता जगदीश विश्वकर्मा उम्र 26 वर्ष निवासी वार्ड कं. 04 मल्हार चौकी मल्हार थाना मस्तुरी जिला बिलासपुर के रूप में पहचान किये। मौके पर मर्ग कायम कर जांच पंचनामा कार्यवाही किया गया। (Crime) पकड़े गए आरोपियों के नाम मणीशंकर कैवर्त पिता स्व. उदय राम कैवर्त और दूसरा अजय कुमार भैना पिता उमेद राम मैना उम्र 22 वर्ष साकिन वार्ड क्रमांक 10 बरमदेव चौक मल्हार चौकी मल्हार थाना मस्तुरी व 4 अन्य विधि से संघर्षरत् बालक। पुलिस ने मृतक के शव को पीएम हेतु भेजा गया। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुये जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दीपक झा के द्वारा मौके उपस्थित पुलिस अधिकारियों को बारीकी से जांच करने के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण रोहित झा के मार्गदर्शन में मौके पर उपस्थित पुलिस अनुविभागीय अधिकारी चकभाठा सृष्टि चंद्राकर, थाना प्रभारी मस्तुरी एवं चौकी प्रभारी मल्हार के द्वारा अपने स्टाफ के साथ प्रकरण की बारीकी से तहकीकात की गयी। मौके पर रक्षित केन्द्र से खोजी डाग स्क्वायड को बुलाकर आरोपी तक पहुंचने में डाग स्क्वायड की मदद ली गयी। जिसमें प्रथम दृष्टया मृतक दीपक को किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा किसी धारदार हथियार से हत्या कर शव को दफना देना पाये जाने से अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध धारा 302,201 भादवि का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना की गयी । विवेचना के दौरान पता चला कि गांव के ही आरोपी मणीशंकर कैवर्त एवं अजय कुमार मैना तथा चार अन्य अपचारी बालक द्वारा पुरानी की लेन-देन की बात को लेकर मृतक को मारने योजना बनाकर योजनाबद्ध तरीके से धारदार हथियार से उसकी हत्या कर शव को दफना दिया गया था। जिसे पुलिस टीम द्वारा उक्त अंधे कत्ल की गुत्थी महज 24 घंटे की भीतर खुलासा कर प्रकरण के सभी आरोपी एवं अपचारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जिन्हे न्यायिक रिमांड में भेजा जा रहा है उक्त अंधेकत्ल की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी सृष्टि चंद्राकर थाना प्रभारी मस्तुरी प्रकाश कांत, चौकी प्रभारी मल्हार शंकर गिरी गोस्वामी एवं सउनि हेमंत पाटले, हेमसागर पटेल प्र.आर अंजोर सिंह मरावी, आरक्षक संजय गोस्वामी,आशीष वस्त्रकार, संतोष पाटले, शैलेन्द्र कुर्रे, विदयासागर खटकर, अजय मधुकर, दुर्गेश यादव, रामस्नेही साहू एवं अन्य स्टाप का विशेष योगदान रहा ।
  • रायगढ़ / एक बार फिर हुई मानवता शर्मसार..! 6 साल के मासूम के साथ हैवानियत की कोशिश..! आरोपी गिरफ्तार… कोतवाली क्षेत्र का मामला..! पढ़ें खबर…
    रायगढ़। कोतवाली थाना क्षेत्र से वहशी युवक द्वारा 6 साल के मासूम बच्ची के साथ हैवानियत किए जाने की खबर निकल कर सामने आई है। कोतवाली पुलिस ने शिकायत के कुछ ही घंटों के बाद आरोपीके खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज केर हिरासत में लेकर रिमांड पर भेज दिया है। मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र की रहने वाली एक महिला ने पुलिस को बताया कि 17 अगस्त को शाम 5:30 बजे मोहल्ले का अमन सारथी उसकी 6 साल की मासूम बेटी को घर के ऊपर रूम में लेजाकर गलत काम करने का प्रयास कर रहा था। बच्ची जब जोर से रोने लगी तब आरोपी युवक ने उसे छोड़ दिया। तब वह दौड़ते हुए घर आई और अपने दादी व मां को बताई। लोक लाज के भय से परिवार वालों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज नहीं कराई थी। आरोपी का हौसला बढ़ता देख परिवार वालों ने 26 अगस्त को थाने में आकर मामले की शिकायत दर्ज कराये। शिकायत के 3 घंटे बाद ही कोतवाली पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर रिमांड पर भेज दिया है।
  • Kawardha: राजपरिवार के एक सदस्य की हत्या, बेड पर मिला खून से लथपथ पड़ा शव, सिर पर गंभीर चोटे, पुलिस जांच में जुटी
    कवर्धा। जिले में राजपरिवार के एक सदस्य की बेरहमी से हत्या कर दी गई हैं. मृतक व्यक्ति राजमाता का रिश्ते में भांजा लगता था. गुरुवार की दरमियानी रात विश्वनाथ नायर का शव बेड पर मिला. सिर पर गंभीर चोट के निशान थे. सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और जांच में जुट गई हैं. जानकारी के मुताबिक मृतक विश्वनाथ नायर राजमाता शशि प्रभा देवी का भांजा हैं, जो 10 सालों से ग्राम इंदौरी मे रहकर खेती बाड़ी का काम संभालता था. वहीं रहते भी थे. सुबह ग्रामीणों ने खून से लथपथ विश्वनाथ की लाश देखी. तो उन्होंने तत्काल इसकी सूचना योगेश्वर राज सिंह और पुलिस को दी. ग्रामीणों की सूचना के बाद राजा योगेश्वर राज सिंह मौके पर पहुंचे. उन्होंने स्थानीय पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने कहा है. वहीं हत्या के बाद राजमहल में मातम छा गया है. पुलिस मामले में कुछ भी बोलने से बच रही है, क्योंकि मामला राजपरिवार से जुड़ा हुआ है. फिलहाल शव को पंचनामा के लिए रवाना कर दिया गया और आगे की कार्रवाई की जारी है.
  • छत्तीसगढ़: वन परिक्षेत्र में हाथी के बच्चे का मिला शव, कैसे हुई मौत…पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद चलेगा पता
    बलरामपुर। (Balrampur) जिले के वन परिक्षेत्र में हाथी के बच्चे का शव मिला हैं. शव की सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची. हाथी की मौत कैसे हुई यह पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आने के बाद पता चलेगा. जानकारी के मुताबिक(Balrampur) हाथी के बच्चे का शव नाले के पास से बरामद हुआ. शव की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी और टीम मौके पर पहुंचे. शव को देखकर अनुमान प्राकृतिक मौत की आशंका जताई जा रही है. बता दें कि जिले के वन परिक्षेत्र में 12 हाथियों का दल विचरण कर रही हैं. जिनमें 4 नर, 5 मादा और 3 बच्चे मौजूद थे (Balrampur) हाथियों की मौजूदगी की वजह से वन विभाग ने गांवों-गांवों में मुनादी कराया हैं. साथ ही लोगों को जंगलों से दूर रहने की समझाइश दी जा रही हैं. वन विभाग लगातार मानव हाथी द्वंद रोकने के लिए निरंतर प्रयास किये जा रहे है.
  • Ambikapur: राजनीतिक गलियारों में जो हलचल है…..उसमे कुछ होने वाला है बड़ा…राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम का बड़ा बयान- टीएस बनेंगे मुख्यमंत्री तो अंबिकापुर का होगा विकास
    सरगुजा। (Ambikapur) छत्तीसगढ़ में राजनितिक गलियारों में हलचल हैं. हाईकमान के मैसेज के बाद मुख्यमंत्री दिल्ली रवाना हो चुके हैं. 50 विधायक भी मौजूद हैं. आज शाम 4 बजे राहुल गांधी से सीएम की मुलाकात होगी. वही टीएस सिंहदेव दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. वहीं विपक्ष भी बयानों के तीर छोड़ने में पीछे नहीं है. (Ambikapur मीडिया से चर्चा करते हुए राज्य सभा सांसद रामविचार ने कहा कि जिस तरह से राजनीतिक गलियारों में जो हलचल है। उसमें कुछ बड़ा होने वाला है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव मुख्यमंत्री बनेंगे तो इस क्षेत्र का विकास जरूर होगा और हम चाहते भी है कि टीएस सिंह देव मुख्यमंत्री बने। यह आखिरी चांस है मुख्यमंत्री बनने,इस बार नही मिला मौका तो कभी नही मिलेगा। मुख्यमंत्री बनने का मौका। (Ambikapur जो मिठाई बाटने के लिए रखा हुआ है उसे बटाने का मौका मिल सके।
  •  जनता ने कांग्रेस की सरकार विकास के लिए बनाई थी, सांडों की लड़ाई देखने के लिए नहीं

    प्रदेश में मुख्यमंत्री बनने की होड़ में लगी भूपेश बघेल एवं टीएस सिंहदेव के बीच चल रही कुर्सी की लड़ाई को लेकर भाजपा के पूर्व मंत्री एवं विधायक अजय चंद्राकर ने ट्वीट कर कांग्रेस पर निशाना साधा है अजय चंद्राकर ने अपने ट्वीट में लिखा है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ के ढाई साल के विकास की नवीनतम फिल्म ओटीटी और नेटफ्लिक्स पर रिलीज,

    जिसे अजय सुपरहिट बताया अपने ट्वीट में उन्होंने एक वीडियो भी शेयर किया है जिसमें मुखिया की कुर्सी की लड़ाई चालू है छोड़ना कोई नहीं चाहता, हेडिंग के साथ कुर्सी को लेकर दो व्यक्तियों में खींचतान दिखाया गया है | अजय चंद्राकर ने एक अन्य ट्वीट में ही लिखा है कि छत्तीसगढ़ की जनता ने दो तिहाई बहुमत के साथ कांग्रेस की सरकार तथाकथित विकास के लिए बनाई थी सांडों की लड़ाई देखने के लिए नहीं छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार प्रदेश की जनता को धोखा दे रही है |

  • छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए खास दिन, सियासी घमासान के बीच 54 विधायक दिल्ली में, कौन होगा सीएम टीएस बाबा या भुपेश बघेल, आज हो सकता है राजनीतिक उठापटक
    कांग्रेस की सरकार 15 साल का वनवास झेलने के बाद भारी बहुमत से आई थी तो उस समय कांग्रेस में सीएम पद को लेकर काफी उठापटक हुई थी। शुरुआती दौर में देखा जाए तो प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते भूपेश बघेल प्रथम और प्रबल दावेदार थे, लेकिन टी एस सिंह देव जिन्होंने जन घोषणा पत्र के लिए सड़क सड़क से घर-घर घुमा था! यह जिम्मेदारी पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी के द्वारा सौंपी गई थी! शुरू में सिर्फ दो ही नाम थे उस समय के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, और दूसरे महाराजा टीएस सिंह देव। दोनों की आपसी प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए हाईकमान ने एक नया रास्ता निकाला। उस समय के तत्कालीन दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू को विधायक का चुनाव लड़ाया गया। उस समय की चुनावी परिस्थिति को देखा जाए तो कांग्रेस को भी यकीन नहीं था कि वह इतने अप्रत्याशित बहुमत से आएगी। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह थी प्रशासनिक आतंकवाद! जिस भाजपा ने 15 साल राज किया था, उसे 15 सीट भी नसीब नहीं हुई! उसे मात्र 14 सीट में संतोष करना पड़ा!! इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बनकर आयी कि उस समय के तत्कालीन सीएम रमन सिंह का अपने विधायको और अपने नेताओं से ज्यादा प्रोफेशनल और प्रशासनिक मशीनरी पर भरोसा करना! कांग्रेस ताबड़तोड़ बहुमत के साथ सरकार में आई। पार्टी हाईकमान ने तो अंतरयुद्ध को पहले ही महसूस कर लिया था इसलिए.. शुरुआती दौर पर सीएम पद के लिए सांसद से विधायक बने ताम्रध्वज साहू पर अपना ठप्पा लगा दिया था, मगर पिछले कई सालों से मेहनत कर रहे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट जन घोषणा पत्र के सूत्रधार रहे टीएस सिंह देव पीछे हटने वालों में से नहीं थे। 24 घंटे की मैराथन बैठक के बाद ताम्रध्वज साहू ने अपने आप को इस झमेले से बाहर कर दिया। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और राहुल गांधी के करीबी टीएस सिंह देव के बीच मुकाबला था। सरगुजा क्षेत्र से जहां से टीएस सिंह देव आते हैं। सीएम बनने का इतना जबरदस्त माहौल उठा कि सब को लगा कि सीएम अब टीएस बाबा ही होंगे.. लेकिन अचानक से भूपेश बघेल सीएम के रूप में घोषित किए गए! इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी कि पार्टी रूल के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पहला हक उनका ही बनता है। इसी बीच कुछ महीने बाद खबर आई कि इन दोनों के बीच ढाई ढाई साल के फार्मूले के बीच कॉम्प्रोमाइज हुआ है। इस पर आलाकमान ने भी हामी भरी है। इसके बाद शुरू हुआ मंत्रिमंडल के गठन और राजनीति की बिसात का खेल! सीएम भूपेश बघेल ने भूतपूर्व सीएम रमन सिंह के पद चिन्हों पर चलते हुए फाइनेंस विभाग अपने पास रखा! जबकि टीएस सिंह देव मीडिया में खुल कर बोल चुके थे कि उन्हें फाइनेंस में दिलचस्पी है। लेकिन जब पत्ता खुला तो बाबा के हाथ में सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय ही था। इसी बीच कोरोला महामारी का भयानक दौर आया। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते इस मामले में उनकी तवज्जो ज्यादा होनी थी मगर…? सारा क्रेडिट सीएम भूपेश बघेल अपने हाथ ले गए! यहां तक की एक बार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव द्वारा कलेक्टरों की मीटिंग ली गई क्योंकि उस समय सारी पावर कलेक्टरों के हाथ में थी ! मगर आनन-फानन में सब कुछ रिजेक्ट हो गया.. महामारी की पूरी कमान सीएम भूपेश बघेल संभाल रहे थे, इसके साथ ही जब ढाई साल के फार्मूले के हवा मिली तो सीएम भूपेश बघेल का दौरा सरगुजा क्षेत्र में बढ़ गया। जहां से राजा साहब टी एस सिंहदेव आते हैं। नतीजा टी एस सिंह देव को उनके क्षेत्र के एक विधायक बृहस्पति सिंह ने हाल ही में ऐसा आरोप लगाया, जो पचने के लायक नहीं था! उन्होंने कह दिया कि वह भूपेश बघेल के समर्थक है.. इसलिए बाबा ने उन पर हमला करवाया हालांकि जब बाबा अपनी जिद पर अड़ गए। उन्होंने विधानसभा भवन का भी त्याग कर दिया.. उसके बाद बात बढ़ी, हाईकमान की दखल के बाद वृहस्पति सिंह बैकफुट पर आ गए.. लेकिन, उसके पहले तक बाबा की छवि पर काफी धक्का पहुंच चुका था! बाबा अब अपने आप मानने वालों में से नहीं थे। अब ढाई साल के फार्मूले के बात की फिर से हवा उठी। गौरतलब है कि इस हफ्ते की मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और पार्टी अध्यक्ष पीएल पुनिया, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच एक गुप्त मीटिंग हुई.. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला! लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर आई सीएम भूपेश बघेल बुधवार को वापस रायपुर आ गए और शुक्रवार को भूपेश बघेल के समर्थन में 54 विधायक राहुल गांधी के समक्ष पहुंचने वाले हैं। सुबह 9:30 बजे सीएम भूपेश बघेल दिल्ली के लिए निकलेंगे दोपहर 4:00 बजे पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी से मीटिंग करेंगे। कहा जा रहा है कि इस विवाद के समाधान में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की भी बड़ी भूमिका हो सकती है। शीर्ष नेतृत्व उनसे इस संबंध में सलाह-मशवरा कर रहा है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस नेतृत्व की मौजूदा पीढ़ी में अधिकतर लोग दिग्विजय सिंह के करीबी हैं। उनको प्रदेश की राजनीतिक समझ भी अधिक है। उनसे मिलकर समाधान की ओर ले जाने की कोशिश हो रही है। गौरतलब है कि टीएस सिंहदेव के समर्थक जून के बाद से ही लगातार इस कमिटमेंट को लेकर आक्रामक रहे हैं। वे विभिन्न प्लेटफार्म, पार्टी फोरम पर टीएस को मुख्यमंत्री बनाए जाने की मांग उठाते रहे हैं। हालांकि टीएस इस मुद्दे पर हमेशा पार्टी लाइन की बातें करते रहे। उन्होंने गुरुवार को भी कहा कि टीम का हर खिलाड़ी कप्तान बनने की सोचता है, लेकिन सवाल उसकी सोच का नहीं क्षमता का है। अब फैसला हाईकमान करेगा। बहरहाल एक हफ्ते से दिल्ली में बैठे बाबा टीएस सिंहदेव का एक बहुत बड़ा बयान आया जिस ने स्पष्ट कर दिया और पूरे कथन का सार यह था कि छत्तीसगढ़ में सब कुछ ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि हर किसी को कैप्टन बनना है ! यहां कोई भी आगे तय नहीं है, पार्टी आलाकमान तय करेगा! कल शुक्रवार का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए काफी खास दिन रहेगा और विशिष्ट रूप से कहा जाए तो कांग्रेस पार्टी के लिए…
  • 70 में से 54 विधायक भूपेश बघेल के पक्ष में ? कौन रहेगा राजा ? आज होगा तय..! शुक्रवार दोपहर 3:00 बजे.. पढ़िए छत्तीसगढ़ के सियासी बिसात की शुरू से आखरी तक की शार्ट रिपोर्ट..
    रायगढ़। छत्तीसगढ़ में जब कांग्रेस की सरकार 15 साल का वनवास झेलने के बाद भारी बहुमत से आई थी तो उस समय कांग्रेस में सीएम पद को लेकर काफी उठापटक हुई थी। शुरुआती दौर में देखा जाए तो प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते भूपेश बघेल प्रथम और प्रबल दावेदार थे, लेकिन टी एस सिंह देव जिन्होंने जन घोषणा पत्र के लिए सड़क सड़क से घर-घर घुमा था! यह जिम्मेदारी पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी के द्वारा सौंपी गई थी! शुरू में सिर्फ दो ही नाम थे उस समय के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, और दूसरे महाराजा टीएस सिंह देव। दोनों की आपसी प्रतिद्वंद्विता को देखते हुए हाईकमान ने एक नया रास्ता निकाला। उस समय के तत्कालीन दुर्ग सांसद ताम्रध्वज साहू को विधायक का चुनाव लड़ाया गया। उस समय की चुनावी परिस्थिति को देखा जाए तो कांग्रेस को भी यकीन नहीं था कि वह इतने अप्रत्याशित बहुमत से आएगी। इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह थी प्रशासनिक आतंकवाद! जिस भाजपा ने 15 साल राज किया था, उसे 15 सीट भी नसीब नहीं हुई! उसे मात्र 14 सीट में संतोष करना पड़ा!! इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बनकर आयी कि उस समय के तत्कालीन सीएम रमन सिंह का अपने विधायको और अपने नेताओं से ज्यादा प्रोफेशनल और प्रशासनिक मशीनरी पर भरोसा करना! कांग्रेस ताबड़तोड़ बहुमत के साथ सरकार में आई। पार्टी हाईकमान ने तो अंतरयुद्ध को पहले ही महसूस कर लिया था इसलिए.. शुरुआती दौर पर सीएम पद के लिए सांसद से विधायक बने ताम्रध्वज साहू पर अपना ठप्पा लगा दिया था, मगर पिछले कई सालों से मेहनत कर रहे तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी के ड्रीम प्रोजेक्ट जन घोषणा पत्र के सूत्रधार रहे टीएस सिंह देव पीछे हटने वालों में से नहीं थे। 24 घंटे की मैराथन बैठक के बाद ताम्रध्वज साहू ने अपने आप को इस झमेले से बाहर कर दिया। इसके बाद तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल और राहुल गांधी के करीबी टीएस सिंह देव के बीच मुकाबला था। सरगुजा क्षेत्र से जहां से टीएस सिंह देव आते हैं। सीएम बनने का इतना जबरदस्त माहौल उठा कि सब को लगा कि सीएम अब टीएस बाबा ही होंगे.. लेकिन अचानक से भूपेश बघेल सीएम के रूप में घोषित किए गए! इसके पीछे सबसे बड़ी वजह थी कि पार्टी रूल के मुताबिक प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते पहला हक उनका ही बनता है। इसी बीच कुछ महीने बाद खबर आई कि इन दोनों के बीच ढाई ढाई साल के फार्मूले के बीच कॉम्प्रोमाइज हुआ है। इस पर आलाकमान ने भी हामी भरी है। इसके बाद शुरू हुआ मंत्रिमंडल के गठन और राजनीति की बिसात का खेल! सीएम भूपेश बघेल ने भूतपूर्व सीएम रमन सिंह के पद चिन्हों पर चलते हुए फाइनेंस विभाग अपने पास रखा! जबकि टीएस सिंह देव मीडिया में खुल कर बोल चुके थे कि उन्हें फाइनेंस में दिलचस्पी है। लेकिन जब पत्ता खुला तो बाबा के हाथ में सिर्फ स्वास्थ्य मंत्रालय ही था। इसी बीच कोरोला महामारी का भयानक दौर आया। स्वास्थ्य मंत्री होने के नाते इस मामले में उनकी तवज्जो ज्यादा होनी थी मगर…? सारा क्रेडिट सीएम भूपेश बघेल अपने हाथ ले गए! यहां तक की एक बार स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव द्वारा कलेक्टरों की मीटिंग ली गई क्योंकि उस समय सारी पावर कलेक्टरों के हाथ में थी ! मगर आनन-फानन में सब कुछ रिजेक्ट हो गया.. महामारी की पूरी कमान सीएम भूपेश बघेल संभाल रहे थे, इसके साथ ही जब ढाई साल के फार्मूले के हवा मिली तो सीएम भूपेश बघेल का दौरा सरगुजा क्षेत्र में बढ़ गया। जहां से राजा साहब टी एस सिंहदेव आते हैं। नतीजा टी एस सिंह देव को उनके क्षेत्र के एक विधायक बृहस्पति सिंह ने हाल ही में ऐसा आरोप लगाया, जो पचने के लायक नहीं था! उन्होंने कह दिया कि वह भूपेश बघेल के समर्थक है.. इसलिए बाबा ने उन पर हमला करवाया! हालांकि जब बाबा अपनी जिद पर अड़ गए। उन्होंने विधानसभा भवन का भी त्याग कर दिया.. उसके बाद बात बढ़ी, हाईकमान की दखल के बाद वृहस्पति सिंह बैकफुट पर आ गए.. लेकिन, उसके पहले तक बाबा की छवि पर काफी धक्का पहुंच चुका था! बाबा अब अपने आप मानने वालों में से नहीं थे। अब ढाई साल के फार्मूले के बात की फिर से हवा उठी। नतीजा..? इस हफ्ते की मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव और पार्टी अध्यक्ष पीएल पुनिया, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के बीच एक गुप्त मीटिंग हुई.. लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला! लेकिन इसी बीच एक बड़ी खबर आई सीएम भूपेश बघेल बुधवार को वापस रायपुर आ गए और शुक्रवार को भूपेश बघेल के समर्थन में 54 विधायक राहुल गांधी के समक्ष पहुंचने वाले हैं! सुबह 9:30 बजे सीएम भूपेश बघेल दिल्ली के लिए निकलेंगे दोपहर 4:00 बजे पार्टी सुप्रीमो राहुल गांधी से मीटिंग करेंगे! यह खबर लगने के बाद एक हफ्ते से दिल्ली में बैठे बाबा टीएस सिंहदेव का एक बहुत बड़ा बयान आया जिस ने स्पष्ट कर दिया और पूरे कथन का सार यह था कि छत्तीसगढ़ में सब कुछ ठीक नहीं है उन्होंने कहा कि हर किसी को कैप्टन बनना है ! यहां कोई भी आगे तय नहीं है, पार्टी आलाकमान तय करेगा! कल शुक्रवार का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए काफी खास दिन रहेगा और विशिष्ट रूप से कहा जाए तो कांग्रेस पार्टी के लिए… इस बारे में और अधिक विस्तार से आप जानना चाहे तो नीचे कुछ खबरों के लिंक दी गई है! आराम से पढ़िए और पूरे मामले को जानिए! 2 साल बाद फिर चुनाव है.. हमें फिर से वोट देना है! सारे बालिक है और समझदार है! हमें किसे चुनना है.. हम सभी जानते हैं.. कम से कम हमें इस बात की तो खुशी है.. हम किसी को भी वोट दें और किसी को भी जिताये? यह हमारा अधिकार है लेकिन हमारा राजा कौन होगा यह आलाकमान तय करेगा….? संविधान को पढ़ा जाए यह लोकतंत्र है, लेकिन इसका लोगों से कोई वास्ता नहीं.. सब कुछ आलाकमान करेगा.??
  • सड़क के किनारे बैठकर सब्जी बेचने लगे IAS अधिकारी, सोशल मीडिया में वायरल हुई तस्वीर
    लखनऊ: जरा सोचिए कि कभी आपको पता चले कि आप सड़क किनारे जिस शख्‍स से सब्‍जी खरीद हैं वो भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अधिकारी है तो आप कैसा महसूस करेंगे। क्‍या कभी किसी ने इसकी कल्‍पना की होगी कि कोई आईएएस कभी सड़क पर सब्‍जी बेचते मिलेगा लेकिन यूपी के एक आईएएस की ऐसी ही तस्‍वीरें इस वक्‍त सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही हैं। इन तस्‍वीरों में आईएएस सब्‍जी बेचते हुए नज़र आ रहे हैं। लोग तस्‍वीरों में सब्‍जी बेचते दिख रहे इस अधिकारी के बारे में जानकर चौंक जा रहे हैं। तस्वीरों में दिख रहा है कि दुकान पर टमाटर, तरोई, बैगन, लौकी, धनिया और मिर्ची सहित कई सब्जियां रखी हुई हैं। एक तस्‍वीर में वह कोई सब्‍जी उठाकर ग्राहक को देते हुए नज़र आ रहे हैं। एक तस्‍वीर में थोड़ी दूरी पर रखा उनका जूता भी नज़र आ रहा है। ये तस्‍वीरें उन्‍होंने खुद फेसबुक पोस्‍ट पर साझा कीं तो देखते ही देखते इसे लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। इन पर खूब लाइक और कमेंट्स मिलने लगे। तस्‍वीरें सोशल मीडिया में वायरल होने के कुछ समय बाद उन्‍होंने इन्हें अपनी फेसबुक पोस्‍ट से डिलीट कर दिया। हालांकि तब तक ये तस्‍वीरें काफी लोगों तक पहुंच चुकी थीं। वायरल हो रहीं तस्‍वीरें, लोगों का ज्‍यादा ध्‍यान खींचने लगीं तो इन पर आईएएस अखिलेश मिश्र की सफाई भी सामने आई। उन्‍होंने कहा कि वह किसी सरकारी काम से प्रयागराज गए थे। वापस आते समय एक स्थान पर सब्ज़ी देखने के लिए रुक गए। वहां सब्ज़ी विक्रेता एक वृद्ध महिला थीं जिन्‍होंने उनसे अनुरोध किया कि मैं उसकी सब्ज़ी पर नज़र रखूं। उनका बच्‍चा थोड़ी दूर चला गया था। उन्‍होंने कहा कि एक पल में आती हूं। मैं यूं ही उसकी दुकान पर बैठ गया। इस बीच कई ग्राहक और वो सब्ज़ी विक्रेता महिला आ गईं। उन्‍होंने बताया कि जब यह सब हो रहा था उसी दौरान उनके एक परम मित्र ने फ़ोटो खींच ली। मज़ाक़ में उनके ही फ़ोन से फ़ेसबुक पोस्ट बना दी और रात में पोस्ट कर दी। जब उन्‍होंने आज इस पोस्‍ट को खुद देखा तो उसे फौरन ही हटा दिया।वैसे आईएएस अखिलेश मिश्रा की छवि उत्‍तर प्रदेश की ब्‍यूरोक्रेसी में एक सक्रिय अधिकारी की है। कहा जाता है कि वह आम लोगों से जुड़ने और समस्‍याओं का समाधान करने को लेकर काफी सक्रिय रहते हैं। साहित्यिक और समसामयिक परिचर्चाओं में भी शामिल होते रहते हैं।
  • बिना फोरेंसिक साईन्स के न्याय की कल्पना करना अनुचित है - रतन लाल डांगी
    2 दिवसीय फोरेंसिक इन्वेस्टिगेशन कार्यशाला का शुभारंभ रतन लाल डांगी (भापुसे) ने फोरेंसिंक साइंस की अनिवार्यता एवं उपयोगिता को इंगित करते हुए कहा कि बिना फोरेंसिक साईन्स के न्याय की कल्पना करना अनुचित है। बिलासपुर रेंज व सरगुजा रेंज पुलिस तथा फोरेंसिंक इन्वेस्टीगेशन बिलासपुर के संयुक्त तत्वावधान में फोरेंसिंक तकनीकों में बुनियादी प्रशिक्षण नई चुनौतियॉ एवं प्रगति’ थीम पर दो दिवसीय प्रथम ई-कान्फ्रेंस का शुभारंभ किया गया ।कान्फ्रेस में फोरेंसिंक इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी के डायरेक्टर दिपेन्द्र बारमते के द्वारा स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए फोरेंसिक साईन्स के चारों स्तंभों के प्रबुद्ध वक्ताओं का हृदय से आभार व्यक्त किया । प्रथम सत्र में बिलासपुर पुलिस महानिरीक्षक रतन लाल डांगी (भापुसे) ने ‘‘फोरेंसिंक साइंस की अनिवार्यता एवं उपयोगिता’’ को इंगित करते हुए कहा कि बिना फोरेंसिक साईन्स के न्याय की कल्पना करना अनुचित है। अपराधियों की मॉडस ऑपरेंडी लगातार बदल रही है, अतः पुलिस के लिए जरूरी हो जाता है कि वे नवीनतम टेक्नालॉजी से अपडेट रहे। इसी क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक बिलासपुर दीपक कुमार झा (भापुसे) के द्वारा सभी विवेचकों को इवीडेंस कलेक्शन में डिजिटल फोरेंसिंक की महत्ता को बताया गया एवं इसकी मदद से विवेचना के स्तर में सुधार होने से अपराधियों की धर-पकड़ एवं आरोपियों को किस तरह सजा दिलायी जा सकती है इस संबंध विस्तृत चर्चा की गई। दुसरे सत्र में आर. के. विज (भापुसे) विशेष महानिदेशक, पुलिस मुख्यालय, छत्तीसगढ़ रायपुर ने ‘‘डिजिटल एवं सायबर फोरेंसिक साइंस’’ विषय पर चर्चा करते हुए बताया कि सायबर क्राईम में विगत कुछ वर्षो में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है। विवेचना अधिकारियों को सायबर क्राईम के मूल तत्वों को जानना जरूरी है, विज ने मर्डर, सेक्सुअल असाल्ट एवं अन्य प्रकरणों में इलेक्ट्रानिक साक्ष्यों के महत्व बताया साथ ही किसी भी क्राईम में इलेक्ट्रॉनिक एविडेंस कलेक्शन हेतु पुलिस विभाग के लिए भारत सरकार एवं पुलिस मुख्यालय छत्तीसगढ़ द्वारा जारी गाईड लाईन को हर संभव पालन करने की हिदायद दी । तीसरे सत्र में मुख्य वक्ता प्रोफेसर मनीष निगम ने ‘‘बियॉण्ड द क्राईम सीन - आटोप्सी’’ विषय पर चर्चा कर विभिन्न प्रकार के होमीसाईड एवं सुसाईड केस का विस्तृत चर्चा करते हुए बर्न, हैग्गींग, ड्राउनिंग, एक्सीडेंटल केस मे शव पंचनामा एवं पोस्टमार्टम से संबंधित विभिन्न पहलुओं को बारिकी से समझाया। कान्फ्रेंस के अंतिम सत्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. विश्वास ने ‘‘फोरेंसिक एन्टोमोलॉजी एवं वाईल्ड लाईफ फोरेंसिक’’ विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए उपस्थित अधिकारियों के प्रश्नों का जवाब दिये एवं सुसाइडल, होमीसाइडल प्रकरणों में एन्टोमोलॉजी के महत्व को विस्तारपूर्वक समझाया। कार्यक्रम को सफल बनाने में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दीपमाला कश्यप का विशेष सहयोग रहा एवं कार्यक्रम का संचालन श्रद्धा नायक ने किया। कार्यक्रम में बिलासपुर रेंज एवं सरगुजा रेंज के पुलिस अधीक्षक से लेकर उप निरीक्षक तक के लगभग 200 अधिकारी उपस्थित रहे एवं फोरेंसिक साईन्स के छात्र उपस्थित रहे। मन्नू मानिकपुरी संवाददाता बिलासपुर
  • गौठानों में आर्थिक स्वावलंबन की कम से कम पांच गतिविधियां होंगी शुरू

    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत की जानकारी लेने के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी लगातार जिलों में दौरा कर रहे हैं। इसी सिलसिले में आज अपर मुख्य सचिव  सुब्रत साहू एवं विशेष सचिव डॉ.एस.भारतीदासन राज्य सरकार की फ्लैगशिप वाली योजनाओं विशेषकर सुराजी गांव योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी कार्यक्रम के क्रियान्वयन की जमीनी हकीकत का जायजा लेने जांजगीर-चांपा जिले का दौरा किया। उन्होंने जिले के कई गौठानों का औचक निरीक्षण कर वहां संचालित गतिविधियों का जायजा लिया। उन्होंने नवागढ़ ब्लॉक के खोखरा गौठान में महिला समूहों द्वारा संचालित आय मूलक गतिविधियों की एक ओर जहां सराहना की, वहीं अकलतरा ब्लॉक के तरौद गौठान के निरीक्षण दौरान वहां पशुधन के चारे के लिए पैरा का रख-रखाव एवं निर्माण कार्यो में उदासीनता का मामला सामने आने पर जनपद पंचायत अकलतरा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। इस दौरान कलेक्टर  जितेन्द्र कुमार शुक्ला, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी  गजेन्द्र सिंह सहित अन्य विभागीय अधिकारी उनके साथ थे।अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू ने अकलतरा ब्लॉक के तरौद, अमोरा, किरारी,  नवागढ़ ब्लॉक के खोखरा गौठानों के निरीक्षण के दौरान स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा की। उन्होंने अधिकारियों को महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन के लिए प्रत्येक गौठान में वर्मी कम्पोस्ट के निर्माण के साथ-साथ कम से कम पांच आय मूलक गतिविधियां अनिवार्य रूप से संचालित करने के निर्देश दिए, ताकि महिला समूहों को गौठानों में रोजगार मिलने के साथ-साथ उन्हें और अधिक लाभ मिल सके। आदर्श गौठान खोखरा में महिला स्व-सहायता समूह द्वारा वर्मी कम्पोस्ट के साथ-साथ मशरूम का उत्पादन, फिनाईल व पैरदान का निर्माण किया जा रहा है। अपर मुख्य सचिव श्री साहू एवं विशेष सचिव डॉ.भारतीदासन ने महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री का मुआयना किया और फिनाईल, पैरदान की क्वालिटी, की सराहना की। खोखरा में तीन महिला स्व-सहायता समूह गौठान से जुड़कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भरता की ओर अग्रसर हैं। गौठान में पशुओं के हरे चारे की व्यवस्था के लिए 10 एकड़ में रोपित नेपियर घास का भी उन्होंने अवलोकन किया और महिला समूहों, गौठान समिति के प्रयासांे की प्रशंसा की। इस मौके पर अपर मुख्य सचिव एवं विशेष सचिव सहित अन्य अधिकारियों ने गौठान में कटहल और आम के पौधे रोपित किए। अपर मुख्य सचिव एवं विशेष सचिव ने पामगढ़ विकासखंड के ग्राम भैंसों स्थित हायर सेकेण्डरी स्कूल का भी मुआयना किया और बच्चों से पढ़ाई-लिखाई के बारे में जानकारी ली। उन्होंने शाला प्राचार्य और शिक्षकों को कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्कूल में प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने सेनेटाईजेशन और साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखने के निर्देश दिए।  

  • CG टीका पोर्टल से टीका लगवाने वालों की समस्या का समाधान
    कार्यालय कलेक्टर जिला रायपुर द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार 21 जून के पहले जिन लोगों ने सीजी टीका के माध्यम से कोविड-19 टीका का पहला डोज लगवाया है, उन सभी लोगों को दूसरे डोज के लिए कोविन् पोर्टल में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं करना है, सीधे नजदीकी टीकाकरण केंद्र में संपर्क करना है। इसकी वजह यह है कि पहला डोज सीजी टीका से लगने अर्थात पहला डोज कोविन् पोर्टल से नहीं लगने की दशा में सीधे दूसरे डोज के लिए रजिस्ट्रेशन की सुविधा कोविन् पोर्टल में आम जनता हेतु उपलब्ध नहीं है। यह सुविधा केवल टीकाकरण केंद्रों पर ही उपलब्ध है। जिन व्यक्तियों के दूसरे डोज का समय हो गया है, उनसे अपील है कि कृपया वैक्सीन का दूसरा डोज अवश्य लगवा लें। यदि वैक्सीनेशन सर्टिफिकेट में कोई त्रुटि हो तो सुधार के लिए संबंधित व्यक्ति निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क कर सकते हैं।