State News
  • Surajpur: इस वजह से कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग…..पढ़िए
    सूरजपुर। (Surajpur) जिले के नगर पंचायत भटगांव में युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओ ने भाजपा के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने कि मांग कि है। दरअसल एक दिन पूर्व भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओ ने नगर मे एक निर्माणधीन चौक मे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान करने का आरोप कांग्रेसियों पर लगाया था। जिसका पोस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. (Surajpur साथ ही इस मामले में भटगांव तहसीलदार को ज्ञापन सौंप कार्यवाही की मांग भी की थी। (Surajpur जिसके विरोध मे युवा कांग्रेस ने कहा कि चौक का निर्माण कार्य नगर पंचायत द्वारा कराया जा रहा है। ऐसे में कांग्रेस की छवि को धुमिल करने के लिए भाजपा युवा मोर्चा सोशल मिडिया को जरिया बनाकर कांग्रेस पर आरोप लगा रही है, जो निंदनीय है। उन पर अपराध दर्ज होना चाहिए। ऐसे मे भाजपा युवा मोर्चा पर अपराध दर्ज नही होने की स्थिति में युवा कांग्रेस आंदोलन का रास्ता अपनाएगी।
  • नेत्रदान के लिए प्रचार –प्रसार रथ को सीएमएचओ ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

    जिले में इस वर्ष 36 वां राष्ट्रीय नेत्रदान पखवाड़ा 25 अगस्त से 8 सितंबर तक मनाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य लोगों में नेत्रदान के महत्व पर जन जागरूकता पैदा करना है और लोगों को मृत्यु के बाद अपनी आंखे दान करने के लिए प्रेरित करना है। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गम्भीर सिंह ठाकुर ने आज नेत्रदान पखवाड़े के प्रति जागरुकता लाने के लिए प्रचार-प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। उन्होंने बताया, “जिले में नेत्रदान पखवाड़ा के दौरान जागरूकता के लिए जिला एवं ब्लाक स्तर पर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। नागरिक नेत्रदान के लिए जिला चिकित्सालय के नेत्र विभाग के सहायक नेत्रदान अधिकारी अरुण सिंह को मोबाइल नंबर 98263-37525  एवं अजय नायक को मोबाइल नंबर 98274-67605 पर संपर्क कर सकते हैं। कोरोना काल में नेत्रदाता को 72 घंटे के पूर्व आरटी पीसीआर  कोविड-19 जांच  करवाना अनिवार्य है”।

    राष्ट्रीय दृष्टि हीनता एवं अल्प दृष्टि नियंत्रण कार्यक्रम के जिला नोडल अधिकारी अंधत्व डॉ. संगीता भाटिया ने बताया, “पखवाड़े के दौरान जिला स्तर एवं ब्लाक स्तर पर नेत्र सहायकों व स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा लोगों का निशुल्क नेत्र परीक्षण किया जाएगा। इस दौरान कोविड-19 को ध्यान में रखते हुए मास्क, सेनेटाइजर व दो गज की दूरी के नियम का पालन भी किया जाएगा। उन्होंने बताया, नेत्रदान पखवाड़े का शुभारंभ करते हुए आज जिला अस्पताल में 14 मोतियाबिंद पीड़ित मरीजों का ऑपरेशन किया गया। वहीं नेत्रदान के लिए 48 लोगों ने फार्म भी जमा किए। इस संबंध में नेत्र सहायक अधिकारियों की बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। डॉ. भाटिया ने बताया, नेत्रदान के लिए दान कर हाल में 6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। इस बीच मृतक के आंख को बंद रखना है। आंख को गीला रुई या कपड़ा से ढकना है यदि बर्फ हो तो उसे कपड़े या रुई के ऊपर रख दे। पंखा व कूलर को बंद कर देना चाहिए”।

    नेत्रदान के संबंध में जिले के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. बीआर कोसरिया ने बताया, “जिनकी नजर बिल्कुल कम है या फिर जिनकी नजर दो फीट या तीन फीट है। आंखों में सफेदी आ गयी है, एक आंख पूरी तरीके से नजर नहीं आ रही और दूसरे आंख में भी नजर बहुत खराब हो। उन्हें इस नेत्रदान पखवाड़े के दौरान जिला अस्पताल में नेत्र की जांच करानी चाहिए। ताकि समय पर सम्पूर्ण इलाज किया जा सके। जिन रोगियों को सुगर की बीमारी पांच वर्ष से अधिक हो गया हो उनके रेटिना की जांच के लिए जिला अस्पताल में भेजने के लिए नेत्र सहायक अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। ताकि समय रहते डायबिटिक रेटिनोपैथी जैसे गंभीर रोग से बचाया जा सके”।

    मृत्यु के 6 घंटे के अंदर नेत्रदान होना जरुरी -

    नेत्र सर्जन डॉ. कोसरिया ने नेत्रदान का तरीका बताते हुए कहा, “नेत्रदान मृत्यु के 6 घंटे के अंदर हो जाना चाहिए। नेत्रदान की सुविधा घर पर भी निशुल्क दी जाती है। यदि किसी व्यक्ति के द्वारा जीवन में नेत्रदान की घोषणा न की गई हो, फिर भी रिश्तेदार मृत व्यक्ति का नेत्रदान कर सकते हैं। नेत्रदाता को मृत्यु पूर्व एड्स, लेप्रोसी, आत्महत्या में होने वाली मौत, पीलिया, कर्करोग (कैंसर), रेबीज सेप्टीसीमिया टिटनेस, हेपेटाइटिस तथा सर्पदंश जैसी बीमारी है तो उसके नेत्रदान के लिए अयोग्य माने जाते हैं। मोतियाबिंद से नेत्र का ऑपरेशन पश्चात तथा चश्मा पहनने वाले व्यक्ति भी नेत्रदान कर सकते हैं। नेत्रदान के लिए 10 साल से 75 साल की उम्र का कोई भी लिंग का व्यक्ति नेत्रदान में योगदान दे सकता है। मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज भी नेत्रदान कर सकते हैं। विकासशील देशों में प्रमुख रूप से दृष्टिहीनता स्वास्थ्य समस्याओं में से एक बड़ी समस्या है”।

  • छत्तीसगढ़ – हत्या कर कब्र में दफना दी युवक की लाश, कब्र से बाहर निकाल मामला हुवा दर्ज
    बिलासपुर: जिले के मल्हार में ह्त्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मिली जानकारी के मुताबिक यहां 35 वर्षीय युवक को मौत के घाट उतारकर ह्त्या की जुर्म को अंजाम दिया गया है। युवक की लाश को पुलिस से छिपाने के लिए कब्र खोदकर शव को दफन कर दिया गया था। पूरा मामला मस्तुरी थाना क्षेत्र के मल्हार गाँव का है, जहाँ दीपक लोहार की झाड़ियों के बीच कब्र खोदकर दफन किया गया था, इस संबंध में डीएसपी श्रृष्टि चंद्राकर स्थानीय लोगो की सुचना पर शव को मजिस्ट्रेड की मौजूदगी में कब्र से बाहर निकाला गया और विधिवत पंचनामा कार्यवाही कर शव को पोस्टमाडम के लिए भेजा गया है। फिलहाल ह्त्या की साजिश में शामिल आरोपियों की तलाश में जुट गई है।
  • रायगढ़ / शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक सुविधा एवं दूरियों के कारण नव गठित जिले में नही होना चाहते शामिल..!जनभावनाओं का सम्मान करते हुए सरिया को यथावत रायगढ़ जिले में ही रखा जाए: गौतम अग्रवाल..!
    रायगढ़। भाजपा युवा ब्रिगेड गौतम अग्रवाल ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए तथा स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गणमाण्य नागरिकों की मांग को सही बताते हुए सरिया को यथावत रायगढ़ जिले में रखने के लिए अपनी आवाज बुलन्द की है। युवा नेता गौतम अग्रवाल ने बताया कि मेरी सरिया नगरवासियों एवं ग्रामीण अंचलवासियों से लगातार बात होती रहती है उन सबका एक सुर में कहना है कि सरिया को रायगढ़ जिलें में ही रखा जावें। वे सारंगढ़ या बिलाईगढ़ के नव गठित जिला में शामिल होना नही चाहते है। शिक्षा, स्वास्थ्य, प्रशासनिक सुविधा एवं दूरियों के कारण सारगंढ़ जिले में सरियावासी शामिल नही होना चाहते है। सरिया से रायगढ़ जिला मुख्यालय की दूरी महज 30 कि.मी. में ही सभी सुविधा मिल रहा है। नव गठित जिला सारंगढ़ में शामिल हो जाने से उनको 90 कि.मी. की दूरी तय करना पड़ेगा। ऐसे में सरिया तहसील का रायगढ़ जिले में ही रहना ज्यादा बेहतर होगा। स्थानीय लोगों की समस्या को बताते हुए कहा कि रायगढ़ से सरिया आसानी से दिन और रात दोनों समय आना जाना किया जा सकता है जबकि सरिया से सारंगढ़ जाने के लिए मध्य रास्ते बृहद जंगल होंकर गुजरना पड़ता है जिसके लिए लोगो में सुरक्षा की दृष्टि से सम्भव नही है। इसके अलावा जब से सूरजगढ़ का पुल बनने के बाद सरिया अंचल के क्षेत्रवासी इस अंचल को रायगढ़ में ही शामिल रखने की मांग करने लगे है। गौरतलब है कि नव गठित जिला सारंगढ़ – बिलाईगढ़ के जिला पुनर्गठन होने के बाद से ही सरिया को सारंगढ़ में जोड़ने का संसय बना हुआ है और ऐसे में अब सरिया नगर पंचायत सहित ग्रामीण क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों, गणमान्य नागरिकों एवं आम जनता द्वारा लगातार मुख्यमंत्री से मांग किया जा रहा है कि उन्हें रायगढ़ जिले में ही यथावत रखा जाए। ग्रामीणों का यहां तक कहना है कि रोटी बेटी का रिश्ता है रायगढ़ नजदीक होने के साथ आमजन को सर्वसुविधा युक्त महसुस होता है सारंगढ़ की अपेक्षा रायगढ़ को बेहतर मानकर उनकी इच्छा रायगढ़ में ही यथावत बने रहने की है। स्थानीय लोगों द्वारा लगातार इस बात को लेकर ज्ञापन, रैली, जैसी अनेक माध्यमों से सरकार का ध्यानाकर्षण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री द्वारा प्रदेश में चार नए जिले बनाने की कवायद के बीच सारंगढ़ में सरिया अंचल को शामिल किए जाने को लेकर विवाद गहराते जा रहा है। तब से सरिया नगर सहित अंचलवासियों में काफी निराशाजनक महसूस कर रहे है। भाजपा युवा नेता गौतम अग्रवाल ने कहा कि सरियावासी खुद को सारंगढ़ जिले का वासी बनाए जाने का पुरजोर विरोध कर रहे है। इन लोगों का कहना है कि यह रायगढ़ जिलें में ही रहना चाहते है क्योकि यहां पर इन्हें सारी मूलभूत सुविधाएं मिल रही है। सामान्य जन अपने छोटे-छोटे काम के लिए जिला मुख्यालय जंगल के रास्ते से समय असमय आना जाना नही कर पाएगें। इनकी पेरशानियों को दृष्टिगत करते हुए मुख्यमंत्री जी से निवेदन है कि आम जनता की सुख सुविधा को ध्यान में रखकर ही निर्णय ले ताकि जनमानस पर सुशासन स्थापित हो सकें।
  • रायगढ़ / ट्रेन की ठोकर से अलग-अलग घटना में तीन लोगों की मौत..लापरवाही पड़ रही भारी..! पढ़ें खबर…
    रायगढ़। जिले के अंदर इन दिनों रेलवे ट्रैक पर लाश मिलने की सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है हर दूसरे दिन किसी न किसी थाना क्षेत्र से रेलवे ट्रैक पर लोगों की लाश मिल रही है। कोई लापरवाही की वजह से ट्रेन की चपेट में आ रहा है तो कोई जानबूझकर आत्महत्या के दृष्टिकोण से अपनी जान गवा रहे हैं। पहला मामला- आज का ताजा मामला भूपदेवपुर थाना क्षेत्र का है जहां नहरपाली के पास रेलवे ट्रैक पर महिला की लाश मिली है। महिला की पहचान अंजलि सारथी पति संतोष सारथी उम्र 38 वर्ष के रूप में की गई है। बताया जा रहा है कि महिला शराब के आदी थी जो नशे की हालत में ही बीती रात को घर से निकली थी। मिली जानकारी के अनुसार मृतिका का पति कुछ दिनों पूर्व जीवन यापन करने के लिए बाहर गया हुआ है जिससे वह नहरपाली में बीते 4 माह से बड़ी डेढ़ सास के यहां रह रही थी। दूसरा मामला– दूसरा मामला चक्रधर नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत जेएमजे के के पीछे का है। जहां रेलवे ट्रैक पर कल सुबह एक बुजुर्ग की लाश मिली। बताया जा रहा है कि 50 वर्षीय राम सिंह सिदार पिता बुधराम सिंह जो संजय नगर बैंक कॉलोनी में किराए का मकान पर रहता था। कल सुबह 5:00 बजे शौच के लिए निकला था तभी वह ट्रेन की चपेट में आ गया और ठोकर लगने से मौके पर ही मौत हो गई। सूचना मिलने पर चल रहा था नगर पुलिस मौके पर पहुंची और शव का पोस्टमार्टम करा कर मामले को विवेचना में लिया है। तीसरा मामला– तीसरा मामला जामगांव स्थित रेलवे ट्रैक का है जहां ट्रेन की ठोकर से एक व्यक्ति की मौके पर ही मौत हो गई। उक्त मामले में मिली जानकारी के अनुसार मृतक करीबन 25 साल का है जो रेलवे ट्रैक के करीब लापरवाही पूर्वक कान में हेडफोन डालकर चल रहा था जिस वजह से ट्रेन की चपेट में आया और जान गवा बैठा।
  • मास्क नहीं लगाने वाले 56 व्यक्तियों से 05 हजार रूपये का अर्थदण्ड

    जिले के नगरीय क्षेत्रों में कलेक्टर श्री चन्दन कुमार के निर्देशानुसार कोविड-19 के गाईडलाईन का पालन नहीं करने एवं मास्क नहीं लगाने वाले 56 व्यक्तियों से चालानी कार्यवाही करते हुए 05 हजार 600 रूपये का अर्थदण्ड लिया गया। नगर पंचायत चारामा के 10 व्यक्तियों से 01 हजार रूपये, नगर पंचायत पखांजूर के 25 व्यक्तियों से 02 हजार 500  रूपये और नगर पंचायत भानुप्रतापपुर के 21 व्यक्तियों से 02 हजार 100 रूपये का अर्थदण्ड लेकर मास्क का उपयोग करने का समझाईश दी गई।

  • फील्ड भ्रमण के दौरान स्कूलों का भी निरीक्षण करने कलेक्टर ने दिये अधिकारियों को निर्देश

    कलेक्टर  चन्दन कुमार ने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को फील्ड भ्रमण के दौरान स्कूलों का भी निरीक्षण कर विद्यार्थियों को आवश्यक मार्गदर्शन देने के लिए निर्देशित किया है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने  पर लॉकडाउन के दौरान बच्चों को सीखने में हुए नुकसान की कुछ हद तक भरपाई हो सकेगा एवं शिक्षकों को भी प्रोत्साहन मिलेगा। शाला अवलोकन के दौरान शाला का वातावरण, साफ-सुथरा एवं सीखने-सिखाने के लिए अनुकूल, समुदाय के अनुसार बच्चे एवं शिक्षकों का समय पर शाला मे उपस्थिति एवं नियमितता, बच्चों का साफ-सुथरा, स्वच्छ गणवेश और मास्क पहनने, सभी बच्चों को पाठ्य-पुस्तकें एवं अभ्यास पुस्तकें का वितरण, बच्चों के लिखित कार्य का नियमित आंकलन कर उस पर सुधार हेतु फीडबैक, शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका रोचक एवं आकर्षक है या नहीं,  प्रत्येक कक्षा में लर्निंग आउटकम एवं उनको हासिल कर चुके बच्चों की अद्यतन स्थिति, शाला प्रबंधन समिति की नियमित बैठकों का आयोजन, शाला के भीतर एवं बाहर समुदाय के बीच प्रिंट-रिच वातावरण, बच्चों को समूह में बैठकर समूह कार्य करने की आदत, बच्चों में पाठ्य-पुस्तक के पाठों की समझ, गणित के सवाल ठीक से हल करने, शाला में सेनिटाईजर, बच्चों के बीच दूरी एवं कोरोना से संबंधित अन्य सावधानियों का पालन, विद्यालय में मध्यान्ह भोजन बनाने, वितरण एवं पेयजल की व्यवस्था, शाला में शौचालय-मूत्रालय आदि की स्वच्छता, उपयोग के लायक पानी एवं हाथ धोने के लिए साबुन की व्यवस्था  इत्यादि बिन्दुओं पर जानकारी भरकर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर श्री चन्दन कुमार द्वारा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है।

  • एक दिवसीय प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन 27 अगस्त को

    जिला रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र कांकेर में 27 अगस्त को सुबह 11 बजे से सायं 03 बजे तक एक दिवसीय प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन किया जाएगा, जिसमें निजी क्षेत्र के नियोजकों द्वारा तकनीकी तथा गैर तकनीकी श्रेणी के 156 रिक्त पदों पर भर्ती किया जाएगा। जिला रोजगार एवं स्वरोजगार अधिकारी बी.आर. ठाकुर ने बताया कि फायर मेन के 20 पद, सिक्युरिटी गार्ड के 100 पद, वाहन चालक, रिलेशनशिप ऑफिसर और सीनियर रिलेशनशिप ऑफिसर के 10-10 पद, फिल्ड सेल्स कंसलटेंट के 04 पद तथा रयुरल सेल्स कंसलटेंट के 02 पदों पर भर्ती किया जावेगा।
        इच्छुक आवेदक उक्त प्लेसमेंट कैम्प में उपस्थित होकर अपना सम्पूर्ण बायोडाटा के साथ कोविड-19 नियमों का पालन करते हुए आवेदन पत्र जमा कर सकतें हैं। प्राप्त आवेदनों के आधार पर नियोक्ता द्वारा प्राथमिक चयन कर साक्षात्कार लिया जावेगा, जिसकी सूचना फोन के माध्यम से आवेदक को दिया जावेगा।

  • अगर पुलिस आपकी शिकायत को दर्ज करने से इनकार कर देती है तो आपके पास क्या अधिकार है। जीरो एफआईआर  क्या होता हेै

     राजेश श्रीवास्तव जिला व सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन, व निर्देशन में कोविड-19 के संक्रमण को ध्यान में रखते हुए, श्रीमती प्रज्ञा पचैरी अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं श्री आनंद वारियल अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वारा ऑनलाइन वीसी के माध्यम से बताया की जब भी कोई अपराध होता है या किसी तरह की कोई दुर्घटना होती है, तो सबसे पहले उस घटना की जानकारी को पास के पुलिस स्टेशन में देनी होती है। इसे हम एफआईआर कहते हैं । एफआईआर यानी वो लिखित दस्तावेज जिसे पुलिस जानकारी मिलने पर दर्ज करती है और फिर कार्यावाही  करती है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस रिपोर्ट को तैयार करती है। जब तक घटना या किसी अपराध की एफआईआर नहीं दर्ज होगी पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर सकती है ।
    आम आदमी पुलिस थाने जाने में संकोच करता है। बात अगर किसी अपराध की रिपोर्ट लिखाने की हो तो आम आदमी के जहन में कई सवाल आते हैं और वह सोचता है कि अगर पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी तो । अगर पुलिस किसी अपराध की रिपोर्ट लिखने से मना करे तो आपके पास इसका भी कानूनी उपचार है। जब भी कोई संज्ञेय अपराध होता है यानी गंभीर प्रवृत्ति का अपराध हो तो इसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट पुलिस को तुरंत दी जानी चाहिए और पुलिस का काम है कि वह इस तरह के अपराध की रिपोर्ट अपने प्रथम सूचना रिपोर्ट रजिस्टर में दर्ज करंे। इसका प्रावधान दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 154 में दिया गया है। इस सूचना को प्रथम सूचना प्रतिवेदन कहते हैं।
    सामान्यतः समझा जाता है कि किसी मामले की रिपोर्ट उस थाने में की जाए जिस थानाक्षेत्र में अपराध या घटना घटित हुई है, लेकिन आप अपने नजदीकी थाने में भी रिपोर्ट दर्ज करवा सकते हैं, जिसे बाद में संबंधित थाने में भिजवा दिया जाएगा। पीड़ित पक्ष या ऐसा पक्ष जिसे घटना या अपराध के बारे में जानकारी है उसे वह किसी नजदीकी थाने में जाकर पूरी जानकारी के साथ पुलिस को बता सकता है। पुलिस का काम है कि संज्ञेय अपराध की एफआईआर लिखे।
    अगर अपराध उस थानाक्षेत्र में नहीं घटित हुआ है तो भी पुलिस उसकी रिपोर्ट अपने एफआईआर रजिस्टर में नोट करेगी। ऐसी एफआईआर को जीरो एफआईआर कहा जाता है। इस रिपोर्ट को दर्ज करने के बाद पुलिस उसे आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित थाने में भेज देगी। अगर अपराध असंज्ञेय है तो पुलिस उसे अपने एफआईआर रजिस्टर के बजाए अपने एनसीआर) रजिस्टर में दर्ज करेगी। इस एनसीआर रजिस्टर में असंज्ञेय अपराधों को नोट किया जाता है।
    कोई भी व्यक्ति पुलिस के पास अपनी शिकायत लिखित या मौखिक तौर पर दर्ज करवा सकता है । हर व्यक्ति को इस बात का अधिकार है लेकिन अक्सर पुलिस ऐसा करने से इनकार कर देती है । अगर पुलिस आपकी शिकायत को दर्ज करने से इनकार कर देती है तो आपके पास अधिकार है कि आप किसी सीनियर ऑफिसर के पास जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर इसके बाद भी  एफआईआर दर्ज नहीं होती है तो आप सीआरपीसी की धारा 156 (3) के तहत मजिस्ट्रेट के पास इसकी शिकायत करने के अधिकारी हैं। आपकी शिकायत पर मजिस्ट्रेट पुलिस को एफआईआर करने के निर्देश देने का अधिकार रखते हैं।  

  •  जिला ग्रंथालय अब प्रातः 5 बजे से रात्रि 8 बजे तक अध्ययन हेतु खुलेगा

    जिला शिक्षा अधिकारी  एस.एन.पण्डा से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला ग्रंथालय के समय में परिवर्तन किया गया है। अब प्रातः 10 से 5 बजे के स्थान प्रातः 8 से रात्रि 8 बजे तक अध्ययन हेतु खुला रहेगा। ग्रंथालय की सदस्यता ष्षुल्क 500 रुपए प्रतिवर्ष  निर्धारित है तथा मांग पर 10 रुपए प्रति कप चाय एवं कॉफी उपलब्ध रहेगा।
    जिला ग्रंथालय के नियमित सदस्य कोई भी किताब 15 दिवस हेतु इषु करा सकते है तथा बैठकर कितने भी समय तक अध्ययन कर सकते है। जिले के पुस्तक प्रेमी अपनी पसंद की पुस्तकें क्रय करने हेतु सुझाव या मांग दे सकते है। साथ ही ग्रंथालय रविवार को भी प्रातः10 बजे से सायं 5 बजे तक खुला रहेगा।

  • सरगुजा हत्याकांड – नौकरानी के बेटे ने ही ली थी महिला की जान, चोरी करने घुसे थे घर में
    सरगुजा – शहर के धीनगर पुलिस ने रिटायर्ड शिक्षिका के हत्यारे को गिरफ्तार किया है। जांच में जुटी पुलिस ने नौकरानी के बेटे को हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी युवक ने दोस्तों के साथ मिलकर महिला की हत्या कर दी। मिली जानकारी के अनुसार आरोपी अपने दोस्तों के साथ मिलकर रिटायर्ड शिक्षिका के घर घुसा था, इस दौरान टीचर ने युवकों की हरकत को देख लिया। बताया जा रहा है कि शोर मचाने के बाद युवकों ने महिला की हत्या कर दी। वहीं मौके से फरार हो गए। मामले की जांच कर रही पुलिस को नौकरानी के बेटे पर शक हुआ। वहीं पूछताछ में युवक ने हत्या करना कबूला। बताया कि चोरी की नियत से घर में घूसे थे। इस दौरान महिला से विवाद के बाद उसकी हत्या कर दी। पुलिस आरोपी युवक के खिलाफ कार्रवाई कर रही है।
  • रायगढ़ / फिर लगेगा लॉकडाउन..? लोगों की लापरवाही और प्रशासन की सुस्ती कहीं पड़ न जाए भारी..! ढिलाई के साथ चेहरे से हटने लगा मास्क..! नहीं दिख रहा सोशल डिस्टेंस..! भीड़ का हिस्सा ना बने… संक्रमण कम हुआ है खत्म नहीं, बरतें सावधानी..!
    रायगढ़। जिले में कोरोना संक्रमण की दर कम होने के बाद लॉकडाउन में छूट दी गई है जिसके बाद लोगों को यह लग रहा है कि अब कोरोना का साया खत्म हो चुका है। लोग बाग बेपरवाह होकर शहर की सड़कों पर बिना मास्क कवर किये सोशल डिस्टेंसिंग व अन्य कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाते हुए घूमते नजर आ रहे हैं। शाम होते ही सभी गार्डन व आसपास के दुकानों पर शहर की एक बड़ी आबादी इकट्ठा हो रही है जहां न तो सोशल डिस्टेंस का पालन किया जा रहा है और ना ही लोगों में कोरोना के बचाव हेतु बताए गए अन्य नियमों का पालन होता दिख रहा है। मास्क चेकिंग में अब सुस्त प्रशासनिक अमला– कोरोना संक्रमण की दर में कमी आने के बाद प्रशासनिक आमला के द्वारा लोगों के द्वारा की जा रही लापरवाही को नजरअंदाज किया जा रहा है। ऐसी बात नहीं है कि अधिकारियों की नजर बिना मास्क के घूम रहे लोगों के ऊपर न पढ़ रही हो, परंतु बिना मास्क के घूमने वाले लोगों पर अब कोई कार्यवाही नहीं हो रही है जिससे लोग बाग बेपरवाह होकर सोशल डिस्टेंस व कोरोना प्रोटोकाल की धज्जियां उड़ाते हुए सैर सपाटे पर निकल रहे हैं। अनलॉक की छूट कहीं शहर को फिर न कर दे लॉक– शहर में लॉकडाउन में लगी पाबंदियों में ढील मिलने के बाद लोग बाग दुकानों व अन्य व्यापारिक केंद्रों पर सोशल डिस्टेंस को दरकिनार कर सामान खरीदने में मस्त हैं। प्रशासन द्वारा शुरुआत में कुछ दुकानों पर सोशल डिस्टेंस न बनाकर दुकान संचालन करने पर दुकानदारों पर कार्रवाई की गई थी. परंतु अब सोशल डिस्टेंस व मास्क को दरकिनार कर कोरोना प्रोटोकाल को मजाक बनाने वाले दुकानदारों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। अगर यही हालात रहा तो कुछ दिनों के बाद कोरोना संक्रमण बढ़ने लगेगा और फिर लॉक डाउन की नौबत दोबारा आ जाएगी। बैंकों व स्कूल में भी नही दिख रहा कोरोना प्रोटोकॉल- कोरोना संक्रमण के दर में कमी आने के बाद राज्य शासन द्वारा विद्यार्थियों के 50 परसेंट उपस्थिति के साथ स्कूल खोलने की अनुमति दी गई है, परंतु स्कूलों में भी सोशल डिस्टेंस व कोरोना प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया जा रहा है। कई स्कूलों में बच्चे व शिक्षक भी बिना मास कवर किये ही परिसर में घूमते नजर आ रहा है। बैंकों के अंदर व बाहर लोगों की भीड़ इस कदर इकट्ठा हो रही है जिसे देखकर यह कहा जा सकता है कि कोरोना संक्रमण फैलने में ज्यादा समय नहीं लगेगा। अधिकारी कर्मचारी भी अब बिना मास्क के- शासकीय अधिकारी कर्मचारी भी अब चेहरे में मास्क लगाने से कोताही बरतते नजर आ रहे हैं। कार्यालय व कार्य क्षेत्र में बिना मास्क व सोशल डिस्टेंस मेंटेन किए अधिकारी कर्मचारी भी देखे जा रहे हैं।