वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर महासमुंद में जुटे विशेषज्ञ, विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने रखे विचार"

"'एक देश, एक चुनाव' को लेकर डॉ. संपत अग्रवाल का समर्थन – प्रशासनिक सुगमता पर दिया जोर"
"चुनावी सुधार पर विधायक डॉ. संपत अग्रवाल बोले 'बार-बार चुनाव विकास कार्यों को करता है बाधित'"
"वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर महासमुंद में जुटे विशेषज्ञ, विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने रखे विचार"
महासमुंद। चैंबर ऑफ कॉमर्स के तत्वावधान में महासमुंद में वन नेशन, वन इलेक्शन (एक देश, एक चुनाव) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में बसना विधायक डॉ. संपत अग्रवाल विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
संगोष्ठी में अपने विचार रखते हुए विधायक डॉ. संपत अग्रवाल ने कहा कि “वन नेशन, वन इलेक्शन से प्रशासनिक कार्यों में सुगमता आएगी और चुनावी खर्च में भारी कमी होगी। देशभर में एकसाथ चुनाव होने से नीति-निर्माण में स्थायित्व आएगा, जिससे विकास प्रक्रिया को गति मिलेगी।”
उन्होंने आगे कहा कि बार-बार चुनाव कराने से विकास कार्य बाधित होते हैं और सरकारों को अपनी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में कठिनाई होती है। एकसाथ चुनाव से यह स्थिति बदल सकती है और शासन को अधिक स्थिरता मिलेगी।
विधायक डॉ. अग्रवाल ने चुनावी खर्च को लेकर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि “लोकसभा, विधानसभा और अन्य चुनावों के लगातार आयोजन से सरकारी संसाधनों पर भारी बोझ पड़ता है। अगर एकसाथ चुनाव होते हैं, तो धनराशि, श्रमबल और प्रशासनिक क्षमता का बेहतर उपयोग किया जा सकता है।”
इस संगोष्ठी में सांसद रूप कुमारी चौधरी, महासमुंद विधायक योगेश्वर राजू सिन्हा,भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष सरला कोसरिया,पूर्व विधायक अवधेश चंदेल,पूर्व विधायक पूनम चंदेल,जिला संगठन प्रभारी एवं प्रदेश कार्यसमिति सदस्य जगन्नाथ पाणीग्राही,पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सदस्य, जनपद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, भाजपा कार्यकर्ता सहित गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने वन नेशन, वन इलेक्शन के कानूनी, प्रशासनिक और व्यावहारिक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। कुछ विचार-विमर्श में यह भी सामने आया कि “इस नीति के क्रियान्वयन से क्षेत्रीय मुद्दों पर असर पड़ सकता है और यह एक संवैधानिक संशोधन की मांग करता है।”
संगोष्ठी के अंत में इस विषय पर एक प्रस्ताव पारित किया गया, जिसमें सुझाव दिया गया कि इस विचार को आगे बढ़ाने के लिए विस्तृत जनमत संग्रह किया जाए और इससे जुड़े सभी पहलुओं का गहन अध्ययन किया जाए।
कार्यक्रम के दौरान उपस्थित व्यापारियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और राजनीतिक नेताओं ने वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर अपनी राय साझा की। उन्होंने इसे लोकतंत्र की मजबूती और प्रशासनिक कुशलता बढ़ाने वाला विचार बताया।