इंदौर में वैलेंटाइन डे को दंपति दिवस मनाया:कृष्णा गुरुजी ने किया वरिष्ठ और दिव्यांग दंपतियों का सम्मान, 60 साल से साथ रहने वाले जोड़े भी शामिल

प्रेम और विवाह के प्रति समर्पण को सम्मानित करने की अनूठी पहल के तहत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मानवसेवी कृष्णा गुरुजी ने 14 फरवरी को 'दंपति दिवस' के रूप में मनाया। इस विशेष दिवस पर उन्होंने ऐसे दंपतियों को सम्मानित किया, जिन्होंने जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने वैवाहिक जीवन को मजबूती से निभाया है। सम्मान समारोह में तीन विशेष दंपतियों को चुना गया। इनमें 82 वर्षीय कनक दलाल और 78 वर्षीय लता दलाल शामिल हैं, जिन्होंने 56 वर्षों तक अपने विवाह को निभाया है। सबसे लंबे वैवाहिक जीवन के लिए 83 वर्षीय जगदीश गर्ग और 78 वर्षीय कृष्णा गर्ग को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 60 साल का साथ पूरा किया है। विशेष श्रेणी में 46 वर्षीय नवीन पटेल और 43 वर्षीय हिना पटेल को सम्मानित किया गया, जो दिव्यांग होने के बावजूद 22 वर्षों से एक मजबूत वैवाहिक बंधन में बंधे हैं। कृष्णा गुरुजी का यह प्रयास वैलेंटाइन डे को एक नया अर्थ देता है, जहां प्रेम को केवल युवा जोड़ों तक सीमित न रखते हुए, लंबे समय तक निभाए गए वैवाहिक संबंधों और जीवन की चुनौतियों के बावजूद साथ रहने वाले दंपतियों के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। यह आयोजन हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली से लेकर सीएटल और न्यूयॉर्क तक के विभिन्न शहरों में आयोजित किया गया। दंपति दिवस: एक नई सोच, एक नया संदेश कृष्णा गुरुजी का मानना है कि विवाह केवल एक बंधन नहीं, बल्कि जीवनभर की साझेदारी है। जहां आज की युवा पीढ़ी वेलेंटाइन डे को प्रेम के इजहार के दिन के रूप में देखती है, वहीं कृष्णा गुरुजी इसे 'दंपति दिवस' के रूप में मनाकर युवाओं को यह संदेश देते हैं कि प्रेम को निभाने की शक्ति भी उतनी ही आवश्यक है।वरिष्ठ दंपतियों से सीखें रिश्ते निभाने की कलाहर वर्ष की तरह, इस बार भी कृष्णा गुरुजी ने वरिष्ठ दंपतियों को तिरंगा दुपट्टा और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया। इन जोड़ों ने समय, परिस्थितियों और विपरीत स्वभाव के बावजूद अपने रिश्तों को निभाया, जिससे आज के युवाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है। त्योहारों में छिपे हैं रिश्तों के संदेश कृष्णा गुरुजी हर पर्व को एक विशेष मानवीय संदेश से जोड़ने के लिए जाने जाते हैं। जैसे कि मकर संक्रांति को 'पिता-पुत्र दिवस' के रूप में मनाकर वे पारिवारिक संबंधों को सुदृढ़ करने का संदेश देते हैं। उसी तरह, वेलेंटाइन डे को 'दंपति दिवस' के रूप में मनाकर वे यह संदेश देते हैं कि प्रेम केवल इजहार का नाम नहीं, बल्कि उसे निभाने का संकल्प भी जरूरी है। दंपति दिवस का अंतरराष्ट्रीय विस्तार इस वर्ष हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित अमेरिका के सीएटल और न्यूयॉर्क में भी दंपति दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अनिल कुमार और मनोज भास्कर भी उपस्थित रहे।

इंदौर में वैलेंटाइन डे को दंपति दिवस मनाया:कृष्णा गुरुजी ने किया वरिष्ठ और दिव्यांग दंपतियों का सम्मान, 60 साल से साथ रहने वाले जोड़े भी शामिल
प्रेम और विवाह के प्रति समर्पण को सम्मानित करने की अनूठी पहल के तहत अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मानवसेवी कृष्णा गुरुजी ने 14 फरवरी को 'दंपति दिवस' के रूप में मनाया। इस विशेष दिवस पर उन्होंने ऐसे दंपतियों को सम्मानित किया, जिन्होंने जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने वैवाहिक जीवन को मजबूती से निभाया है। सम्मान समारोह में तीन विशेष दंपतियों को चुना गया। इनमें 82 वर्षीय कनक दलाल और 78 वर्षीय लता दलाल शामिल हैं, जिन्होंने 56 वर्षों तक अपने विवाह को निभाया है। सबसे लंबे वैवाहिक जीवन के लिए 83 वर्षीय जगदीश गर्ग और 78 वर्षीय कृष्णा गर्ग को सम्मानित किया गया, जिन्होंने 60 साल का साथ पूरा किया है। विशेष श्रेणी में 46 वर्षीय नवीन पटेल और 43 वर्षीय हिना पटेल को सम्मानित किया गया, जो दिव्यांग होने के बावजूद 22 वर्षों से एक मजबूत वैवाहिक बंधन में बंधे हैं। कृष्णा गुरुजी का यह प्रयास वैलेंटाइन डे को एक नया अर्थ देता है, जहां प्रेम को केवल युवा जोड़ों तक सीमित न रखते हुए, लंबे समय तक निभाए गए वैवाहिक संबंधों और जीवन की चुनौतियों के बावजूद साथ रहने वाले दंपतियों के प्रति सम्मान प्रकट किया जाता है। यह आयोजन हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली से लेकर सीएटल और न्यूयॉर्क तक के विभिन्न शहरों में आयोजित किया गया। दंपति दिवस: एक नई सोच, एक नया संदेश कृष्णा गुरुजी का मानना है कि विवाह केवल एक बंधन नहीं, बल्कि जीवनभर की साझेदारी है। जहां आज की युवा पीढ़ी वेलेंटाइन डे को प्रेम के इजहार के दिन के रूप में देखती है, वहीं कृष्णा गुरुजी इसे 'दंपति दिवस' के रूप में मनाकर युवाओं को यह संदेश देते हैं कि प्रेम को निभाने की शक्ति भी उतनी ही आवश्यक है।वरिष्ठ दंपतियों से सीखें रिश्ते निभाने की कलाहर वर्ष की तरह, इस बार भी कृष्णा गुरुजी ने वरिष्ठ दंपतियों को तिरंगा दुपट्टा और पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया। इन जोड़ों ने समय, परिस्थितियों और विपरीत स्वभाव के बावजूद अपने रिश्तों को निभाया, जिससे आज के युवाओं को प्रेरणा लेने की जरूरत है। त्योहारों में छिपे हैं रिश्तों के संदेश कृष्णा गुरुजी हर पर्व को एक विशेष मानवीय संदेश से जोड़ने के लिए जाने जाते हैं। जैसे कि मकर संक्रांति को 'पिता-पुत्र दिवस' के रूप में मनाकर वे पारिवारिक संबंधों को सुदृढ़ करने का संदेश देते हैं। उसी तरह, वेलेंटाइन डे को 'दंपति दिवस' के रूप में मनाकर वे यह संदेश देते हैं कि प्रेम केवल इजहार का नाम नहीं, बल्कि उसे निभाने का संकल्प भी जरूरी है। दंपति दिवस का अंतरराष्ट्रीय विस्तार इस वर्ष हैदराबाद, बेंगलुरु, दिल्ली सहित अमेरिका के सीएटल और न्यूयॉर्क में भी दंपति दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान कृष्णा गुरुजी सोशल वेलफेयर सोसाइटी के अनिल कुमार और मनोज भास्कर भी उपस्थित रहे।