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  • मुख्यमंत्री के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग ने जारी किया आदेश : शिक्षकों के 14 हजार 580 पदों पर होगी नियुक्ति

    स्कूल खुलने के बाद ही जारी होंगे नियुक्ति आदेश
    दस्तावेज सत्यापन, मेडीकल फिटनेस और पुलिस वेरिफिकेशन के बाद जारी होंगे नियुक्ति आदेश

     

    मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देश पर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग के सहमति के बाद 14 हजार 580 शिक्षकों के पदों पर नियुक्ति के संबंध में आदेश जारी किया गया है। शिक्षकों की नियुक्ति आदेश राज्य शासन द्वारा स्कूल खुलने के आदेश जारी होने के उपरांत ही जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री बघेल ने स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने और इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए थे।
        स्कूल शिक्षा विभाग को वित्त विभाग द्वारा शिक्षकांे की नियुक्ति की अनुमति शर्तो के साथ प्रदान की है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जारी नियुक्ति आदेश में स्पष्ट रूप से उल्लेख होगा कि ’नियुक्ति किसी न्यायालय में लंबित अथवा भविष्य में दायर किसी भी प्रकरण में माननीय न्यायालय द्वारा पारित आदेश के अध्याधीन होगी’। नियुक्ति आदेश प्रत्येक चयनित अभ्यर्थी के लिए पृथक-पृथक जारी किए जाएंगे। नियुक्ति आदेश में शिक्षकों की वरिष्ठता व्यापम द्वारा जारी प्रावीण्य सूची के क्रमानुसार रहेगी। शिक्षकों की परीक्षा अवधि तीन वर्ष की होगी। राज्य शासन द्वारा परिवीक्षा अवधि के दौरान देय वेतन और अन्य लाभों के संबंध में जारी नियम लागू होंगे।
        लोक शिक्षण संचालनालय से विभिन्न संवर्गो के शिक्षकों की नियुक्ति के लिए व्यापम द्वारा परीक्षा आयोजित करायी गई थी, जिसमें विभिन्न संवर्ग के कुल 14580 शिक्षकों के रिक्त पदों पर नियुक्ति की जानी थी। व्यापम द्वारा आयोजित परीक्षा के परिणाम 30 सितम्बर 2019 एवं 22 नवम्बर 2019 को घोषित किए गए थे। व्यापम द्वारा जारी की गई प्रावीण्य सूची के आधार पर नियुक्तियां की जानी थी। मार्च 2020 में कोरोना लॉकडाउन होने के पश्चात वित्त विभाग द्वारा यह निर्देश जारी किए गए कि विभागों में प्रचलित नियुक्तियों की प्रक्रिया जारी रहेगी, परंतु नियुक्ति आदेश जारी करने के पूर्व वित्त विभाग से सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा। तद्नुसार स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा वित्त विभाग को प्रकरण सहमति हेतु भेजा गया था। इस संबंध में वित्त विभाग द्वारा शर्तांे के साथ शिक्षकों के पदों की नियुक्ति के लिए सहमति दी गई है।
         शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में शामिल शर्तो में प्रत्येक नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा व्यापम की प्रावीण्य सूची के क्रम में विज्ञापित पदों की संख्या के अनुसार प्रावधिक चयन सूची जारी की जाएगी। प्रावधिक चयन सूची में सम्मिलित अभ्यर्थियों को नियुक्तिकर्ता अधिकारी के द्वारा कार्यालय में बुलाकर दस्तावेजों का सत्यापन कराया जाएगा। इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि दस्तावेज सत्यापन के समय कोरोना संक्रमण से बचाव से संबंधित भारत सरकार और राज्य सरकार के सेनेटाइजेशन एवं सामाजिक दूरी बनाए रखें आदि के सभी निर्देशों का पालन सुनिश्चित किया जाए।
         जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेज सत्यापित होते हैं, उन्हें जिला चिकित्सा बोर्ड से मेडिकल फिटनेस प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु निर्देश दिया जाएगा और पुलिस वेरिफिकेशन हेतु संबंधित का प्रकरण भेजा जाएगा। प्रावधिक चयन सूची में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को दस्तावेज सत्यापन के लिए नियुक्तिकर्ता अधिकारी के कार्यालय में सभी दस्तावेजों सहित निश्चित तिथि एवं समय पर उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र पंजीकृत डाक से भेजा जाएगा। अभ्यर्थी की उपस्थिति का दिन सूचना पत्र जारी होने के कम से कम 20 दिन बाद का रखा जाएगा। यदि किसी 
    16कारणवश कोई अभ्यर्थी निर्धारित तिथि को उपस्थित न हो सकें तो वह नियुक्तिकर्ता अधिकारी के समक्ष लिखित आवेदन प्रस्तुत करके किसी अन्य दिन उपस्थित होने का अनुरोध कर सकेगा। यदि ऐसा अनुरोध उपस्थिति के लिए निश्चित तिथि से 10 दिन के भीतर प्राप्त होता है तो नियुक्तिकर्ता अधिकारी उस अभ्यर्थी के दस्तावेज सत्यापन के लिए कोई अन्य तिथि निश्चित कर सकेगा।
        जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नही होता है अथवा जो अभ्यर्थी सूचना प्राप्ति के बाद भी दस्तावेज सत्यापन के लिए उपस्थित नही होते हैं, उन्हें लिखित रूप से सूचित किया जाएगा कि, विज्ञापन में निर्धारित मापदंडों के अनुसार दस्तावेजों का सत्यापन नहीं होने के कारण उन्हें नियुक्ति के योग्य नहीं पाया गया और ऐसे अभ्यर्थियों का नाम प्रावधिक चयन सूची से काट दिया जाएगा। अभ्यर्थियों को दी जाने वाली सूचना मेें इस बात का स्पष्ट उल्लेख किया जाएगा कि, कौन से अनिवार्य दस्तावेज सत्यापित नहीं हुए।
        जिन अभ्यर्थियों के दस्तावेजों का सत्यापन नियमानुसार पूर्ण होगा उन्हें इस बात की लिखित सूचना दी जाएगी कि, उनका प्रकरण मेडिकल फिटनेस एवं सेवा पूर्व पुलिस वेरिफिकेशन के लिए भेजा जा रहा है। यह दोनों प्रक्रिया पूर्ण होने के पश्चात उनके लिए पृथक से नियुक्ति आदेश जारी किया जाएगा। पत्र में इस बात का भी स्पष्ट रूप से उल्लेख किया जाएगा कि यह पत्र नियुक्ति आदेश नहीं है। संपूर्ण प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद संबंधित नियुक्तिकर्ता अधिकारी द्वारा नियुक्ति आदेश तैयार किया जाएगा। दस्तावेज सत्यापन उपरांत उन पात्र चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति आदेश जारी किए जाएंगे जिन्हें मेडिकल बोर्ड द्वारा फिट पाया गया है तथा जिनके पुलिस वेरिफिकेशन में प्रतिकूल टीप नहीं पाई गई है।

  • CRPF में पदस्थ ASI ने सर्विस रायफल से की खुदकुशी...आत्महत्या का कारण अज्ञात...पुलिस जांच में जुटी

     सुकमा। जिले में एक एएसआई ने अपनी सर्विस रायफल से खुदकुशी कर ली. सीआरपीएफ बटालियन के जवान ने आखिर ऐसा कदम क्यों उठाया ये अभी पता नहीं चल पाया है. पुलिस मामले की जांच में जुट गई है.जानकारी के मुताबिक, मृतक जवान का नाम शिवानंद सिदप्पा (49) है. वह गादीरास कैम्प में पदस्थ था. जवान कर्नाटक के बिदर जिला का रहने वाला था. वह जून महीने में छुट्टी मनाकर गादीराम थाने में लौटा था. बता दें कि थाना में ही सीआरपीएफ का कैंप है. कैंप में आज सुबह एएसआई अपने साथी जवानों के साथ वालीबॉल खेला. इसी बीच वह अचानक अपने बैरक में चला गया और सर्विस रायफल से खुद को गोली मार ली.मामले की पुष्टि करते हुए एडिशनल एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि जवान ने अपने सर्विस राइफल AK-47 से खुद को गोली मार ली है. आत्महत्या का कारण फिलहाल अज्ञात है.

  • बिलासपुर के प्राइवेट अस्पताल में युवती से सफाई कर्मचारी ने की छेड़छाड़... संक्रमित मिलने के बाद से है भर्ती

    बिलासपुर : छत्तीसगढ़ में एक बार फिर कोविड अस्पताल में भर्ती मरीज से छेड़छाड़ और अभद्रता का मामला सामने आया है। इस बार बिलासपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती युवती से वहीं का सफाई कर्मचारी छेड़छाड़ कर रहा था। दो दिनों से परेशान युवती ने इसकी शिकायत परिजनों से की। जिसके बाद तारबहार थाने में मामला दर्ज कराया गया।जानकारी के मुताबिक, बिल्हा क्षेत्र की 19 साल की युवती कोरोना संक्रमित मिली थी। इसके बाद उसे 12 सितंबर को व्यापार विहार स्थित महादेव अस्पताल में भर्ती कराया गया था। युवती का आरोप है कि दो दिनों से अस्पताल का सफाई कर्मचारी विनोद पटेल उससे छेड़खानी कर रहा था। युवती ने मंगलवार को इसकी जानकारी परिजनों को दी।

    अस्पताल में परिजनों ने किया हंगामा
    इस पर परिजन अस्पताल पहुंच गए और वहां जमकर हंगामा हुआ। बाद में थाने जाकर परिजनों ने शाम को आरोपी सफाईकर्मी के खिलाफ मामला दर्ज करा दिया। बताया जा रहा है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद अस्पताल प्रबंधन की ओर से आरोपी सफाईकर्मी को रात में पुलिस को सौंप दिया गया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

  • वन विभाग की बड़ी कार्रवाई  : चार लाख रूपए से अधिक मूल्य के 78 नग साल लटठा जप्त

    आर.के. फर्नीचर एंड टिम्बर रायगढ़ को किया गया सील
     

      

     वन मंत्री  मोहम्मद अकबर के निर्देशानुसार राज्य में वन विभाग द्वारा वनों की सुरक्षा के लिए अभियान लगातार जारी है। इस कड़ी में वन मंडल रायगढ़ के वन परिक्षेत्र रायगढ़ अंतर्गत आर.के. फर्नीचर एंड टिम्बर रायगढ़ के विरूद्ध बड़ी कार्रवाई करते हुए 78 नग साल लकड़ी के अवैध लटठे जप्त किए गए हैं। इसका अनुमानित मूल्य 4 लाख रूपए से अधिक आंका गया है। साथ ही रायगढ़ बाइपास रोड में छातामुड़ा चौक के पास स्थित आर.के. फर्नीचर एंड टिम्बर रायगढ़ को अभी कार्रवाई के दौरान वन विभाग के उड़नदस्ता दल द्वारा सील भी कर दिया गया है। 
            प्रधान मुख्य वन संरक्षक  राकेश चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में वन मंडलाधिकारी रायगढ़ श्री मनोज पांडेय द्वारा गठित टीम द्वारा कल 14 सितम्बर से उक्त फर्नीचर एंड टिम्बर रायगढ़ में सघन जांच जारी है। वहां टीम को मौके पर जांच के दौरान चार लाख रूपए की अधिक राशि के जप्त किए गए लटठे के संबंध में  राजकुमार अग्रवाल-आर.के. फर्नीचर एंड टिम्बर रायगढ़ द्वारा आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। उक्त कार्रवाई में वन क्षेत्रपाल श्रीमती लीला पटेल सहित प्रभारी वन परिक्षेत्र अधिकारी  राजेश्वर मिश्रा तथा  दीनबंधु प्रधान व  गोवर्धन राठौर आदियों उड़नदस्ता दल के अमले का सराहनीय योगदान रहा। इसके अलावा  विजय दीक्षित,  ऋषिकेश्वर सिदार,  गितेश्वर पटेल,  विजय मिश्रा, सुश्री प्रेमा तिर्की आदि विभागीय अमले ने भी कार्रवाई में भरपूर योगदान दिया। गौरतलब है कि वन मंडल रायगढ़ के अंतर्गत टीम द्वारा सभी वन परिक्षेत्रों में वन अपराध को रोकने के लिए अभियान निरंतर चलाया जा रहा है। 

  •  सामुदायिक शौचालय के उत्कृष्ट ड्राइंग-डिजाइन तैयार कर जीत सकते हैं 1.75 लाख तक के पुरस्कार

    राज्य स्वच्छता पुरस्कार-2020 के तहत सामुदायिक शौचालय के सर्वश्रेष्ठ मॉडल को एक लाख, सवा लाख और पौने दो लाख का पुरस्कार

    20 सितम्बर तक कर सकते हैं आवेदन, स्वच्छ भारत मिशन द्वारा 2 अक्टूबर को दिए जाएंगे पुरस्कार

     

     सामुदायिक शौचालय के उत्कृष्ट ड्राइंग-डिजाइन तैयार कर आर्किटेक्ट और इंजीनियर पौने दो लाख रूपए तक का पुरस्कार जीत सकते हैं। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा राज्य स्वच्छता पुरस्कार-2020 के अंतर्गत साढ़े तीन लाख रूपए, साढ़े चार लाख रूपए और साढ़े पांच लाख रूपए लागत के सामुदायिक शौचालय के सर्वश्रेष्ठ मॉडल को क्रमशः एक लाख रूपए, सवा लाख रूपए और पौने दो लाख रूपए का नगद पुरस्कार दिया जाएगा। इसके लिए 20 सितम्बर तक आवेदन किए जा सकते हैं। 

    विजेताओं को गांधी जयंती पर 2 अक्टूबर को पुरस्कार दिए जाएंगे। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की वेबसाइट www.sbmgcg.in पर सीधे प्रविष्टि की जा सकती है। मिशन कार्यालय की ई-मेल आईडी [email protected] पर या राज्य मिशन कार्यालय, नीर भवन, सिविल लाइंस, रायपुर में डाक के द्वारा या स्वयं उपस्थित होकर भी आवेदन जमा किया जा सकता है।

    स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अधिकारियों ने बताया कि मिशन के पहले चरण (अक्टूबर-2014 से मार्च-2020) के तहत ग्रामीण क्षेत्रों को खुले में शौचमुक्त घोषित किया जा चुका है। खुले में शौचमुक्त की स्थिति को बनाए रखने के लिए सार्वजनिक स्थलों पर सामुदायिक शौचालयों की आवश्यकता महसूस की जा रही है। राज्य में ऐसे सामुदायिक शौचालयों के निर्माण का लक्ष्य है जो सभी वर्गों एवं समुदायों के लोगों के लिए सहज व सुविधाजनक हो। इन सामुदायिक शौचालयों में तृतीय लिंग व्यक्तियों सहित दिव्यांगों, महिलाओं एवं पुरूषों के लिए अलग-अलग शौचालय, मूत्रालय एवं हाथ धुलाई की सुविधा सुनिश्चित की जाएगी।

    ग्रामीण क्षेत्रों में हाट-बाजारों, बस-स्टैण्डों, धार्मिक स्थलों, तालाब के किनारे, हाई-वे के किनारे तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बसाहटों में सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे। राज्य स्वच्छता पुरस्कार-2020 के अंतर्गत समावेशी सामुदायिक शौचालयों के ड्राइंग एवं डिजाइन आमंत्रित किए जा रहे है। इस प्रतियोगिता में कोई भी इंजीनियर या आर्किटेक्ट भाग ले सकता है। प्रतिभागियों से तीन तरह साढ़े तीन लाख रूपए, साढ़े चार लाख रूपए और साढ़े पांच लाख रूपए की लागत के सामुदायिक शौचालयों के ड्राइंग एवं डिजाइन आमंत्रित किए गए हैं।

    सामुदायिक शौचालयों के सर्वश्रेष्ठ मॉडल का चयन दो चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में प्रतिभागियों को सबसे पहले ड्राइंग एवं डिजाइन के साथ ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसमें चयनित पांच सर्वश्रेष्ठ मॉडलों में प्रत्येक को पांच हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। पहले चरण के विजेताओं को दूसरे चरण में प्रस्तावित ड्राइंग एवं डिजाइन के प्रस्तुतिकरण के साथ थ्री-डी मॉडल (3-D Model) प्रस्तुत करना होगा। द्वितीय चरण में सर्वश्रेष्ठ ड्राइंग एवं डिजाइन का चयन नामांकित जूरी द्वारा किया जाएगा।

  • ​​​​​​​कोरोना संकट काल में स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन देने में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल

    राज्य के 90 प्रतिशत से अधिक स्कूली बच्चों को मिला सूखा राशन का लाभ

     

     कोरोना संकट काल में भी मध्यान्ह भोजन योजना के क्रियान्वयन में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल रहा है। छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के दौरान 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों को मध्यान्ह भोजन का लाभ मिला है, जबकि इस दौरान अन्य राज्यों में मध्यान्ह भोजन वितरण की स्थिति काफी खराब रही। आक्सफैम इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार स्कूल बंद होने से देश के 27 करोड़ बच्चे प्रभावित हुए हैं, जबकि नेशनल फूड सिक्यूरिटी एक्ट 2013 के तहत मध्यान्ह भोजन प्रत्येक बच्चे का अधिकार है। लोकसभा में विगत 14 सितंबर को एक प्रश्न के उत्तर में केन्द्र सरकार ने यह माना कि मध्यान्ह भोजन योजना के लाभ से बहुत से बच्चों को वंचित रहना पड़ा। 

        आक्सफैम इंडिया के सर्वेक्षण में छत्तीसगढ़ का देश में सबसे अच्छा प्रदर्शन रहा है। छत्तीसगढ़ में 90 प्रतिशत से अधिक बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना का लाभ मिला है। जबकि उत्तर प्रदेश में 92 प्रतिशत बच्चों को मध्यान्ह भोजन से वंचित रहे। सर्वेक्षण में यह भी बताया गया है कि उत्तर प्रदेश में जहां खाद्यान्न सुरक्षा भत्ता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित किया गया वहीं छत्तीसगढ़ में राशन की होम डिलिवरी पर ध्यान केन्द्रित किया गया। लॉकडाउन के दौरान पिछले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने राज्य में स्कूलों के बंद होने के बीच मध्यान्ह भोजन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए थे। इसके तारतम्य में छत्तीसगढ़ ने तत्काल कदम उठाते हुए स्कूली बच्चों को स्कूलों और बच्चों के घरों तक पहुंचाकर मध्यान्ह भोजन उपलब्ध कराने के इंतजाम किए। 

        मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने 21 मार्च 2020 को सभी कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों मध्यान्ह भोजन योजना के तहत स्कूली बच्चों को सूखा राशन वितरण के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए। गांव-गांव में इसकी मुनादी करायी गई। देश के अन्य राज्यों में सूखा राशन वितरण की प्रक्रिया काफी बाद में शुरू कराई गई। छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन के पहले 40 दिनों के लिए स्कूली बच्चों को सूखा राशन दिया गया। इसके बाद एक मई से 15 जून तक 45 दिनों के लिए, 16 जून से 10 अगस्त तक 45 दिन का सूखा राशन वितरित किया गया। इस प्रकार अब तक 130 दिन का सूखा राशन वितरण किया जा चुका है। इस योजना से राज्य के लगभग 43 हजार स्कूलों में 29 लाख बच्चों को मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सूखा राशन वितरण से लाभ मिला है। 

        मध्यान्ह भोजन योजना के तहत सूखा राशन के घर-घर वितरण की व्यवस्था स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यम से की गई। वितरित किए गए सूखा राशन पैकेट में चावल, तेल, सोयाबीन, दाल, नमक और अचार शामिल हैं। राज्य सरकार द्वारा स्थानीय स्तर पर स्कूली बच्चों और पालकों की सुविधा को देखते हुए यह व्यवस्था भी की गई कि यदि माता-पिता पैकेट लेने के लिए स्कूल नहीं जा सकते हैं तो स्व-सहायता समूह और स्कूल स्टाफ के माध्यम से घर घर जाकर सूखा राशन के पैकेटों की होम डिलवरी की जाए। 

        खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल एवं कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक सामग्री दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित की गई। मध्यान्ह भोजन योजना की गाइडलाइन के अनुसार कक्षा पहलीं से आठवीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतब में दर्ज है, उन्हें मध्यान्ह भोजन दिया गया।

  • छत्तीसगढ़ के बिजली घर देशभर में अव्वल...उन्नत राज्यों को पछाड़कर पीएलएफ का रहा शानदार प्रदर्शन

    रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी के विद्युत गृहों ने देशभर के 33 पावर सेक्टर के ताप विद्युत गृह को पछाड़ते हुए एक बार फिर सर्वाधिक प्लांट लोड फैक्टर (पीएलएफ) 70.59 प्रतिशत अर्जित कर सर्वोच्च स्थान पर होने का गौरव प्राप्त किया है। भारत सरकार के अधीन कार्यरत केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की माह अगस्त 20 के रिपोर्ट अनुसार छत्तीसगढ़ पावर जनरेशन कंपनी के विद्युत गृह प्रथम, तेलंगाना स्टेट द्वितीय और झारखंड तृतीय स्थान पर रहा। कोविड-19 के संक्रमण काल में लगातार विद्युत गृहों की ऐसी राष्ट्रीय स्तर की उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विद्युत कर्मियों को बधाई दी। उन्होंने पावर कंपनीज के चेयरमैन सुब्रत साहूऔर उत्पादन कंपनी के एमडी एनके बिजोरा सहित उनकी टीम को ऐसे अभूतपूर्व कीर्तिमान बनाए रखने के प्रेरित किया।

     
  • कवर्धा : यदि आप अपने जीवन, परिवार और समाज से करते है प्यार, तो कोरोना टेस्ट से न करें इंकार

    कोरोना टेस्ट कराकर, कोरोना के रोकथाम-नियत्रंण के लिए अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कवच बनने में हमारी मदद करें

     

    कोविड-19 कोरोना वायरस के रोकथाम, नियंत्रण तथा उनके संक्रमण से बचाव के लिए उपायों को अपनाना चाहिए। करोनो वायरस के रोकथाम के लिए परिवार में किसी भी सदस्य को सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, स्वाद एवं सूंघने की क्षमता का अभाव होने पर तत्काल कोरोना जांच करावाना चाहिए।
    कलेक्टर श्री रमेश कुमार शर्मा ने जिले वासियों से अपील करते हुए कहा कि कोविड-19 कोरोना का संक्रमण बहुत तेजी से फैल रहा है। इस वायरस के संक्रमण को अपने सुझबूझ से शीघ्रगति से रोका जा सकता है। अगर किसी व्यक्ति को व उनके परिवार से अन्य सदस्यों को सर्दी, खांसी, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, स्वाद एवं सूंघने की क्षमता का अभाव होने पर तत्काल कोरोना जांच करावाना चाहिए। कोरोना के टेस्ट से डरें नहीं, टेस्ट अवश्य कराएं। कोरोना होने पर डर से अपना स्वास्थ्य परीक्षण नहीं कराने पर कोरोना दूर नही होगा। अगर समय रहते हम संक्रमित व्यक्तियों की पहचान नहीं कर पाएंगे और समय रहते हुए चिकित्सा परामर्श से दवाइयों का सेवन नहीं कर पाएंगे तो इससे आपकी समस्या और बढेगी। अगर आप कोविड-19 से संक्रमित नहीं है तो परीक्षण के बाद रिपोर्ट नेगेटिव ही आएगी अगर पाजेटिव आती है तो कोरोना होने पर आप सही समय पर दवाई लेकर स्वस्थ हो जाएंगे। आप अपने परिवार और समाज के लिए के लिए महत्वपूर्ण है। अभी तक कोरोना से जिनकी भी मृत्यु हुई है, उसका अन्य कारणों के साथ-साथ समय टेस्ट नहीं कराना एवं समय पर उपचार नही करना भी एक महत्वपूर्ण कारण सामने आ रहा है। कलेक्टर ने कहा कि इसलिए अपने-अपने परिवार एवं समाज के हित मे कोरोना टेस्ट से डरने के बजाय कोरोना टेस्ट कराएं एवं शासन द्वारा कोरोना के नियंत्रण लिए जारी निर्देशों का पालन करें।
    कलेक्टर श्री शर्मा ने आमजनों से आग्रह है कि किसी व्यक्ति अथवा परिवार के किसी भी सदस्य को अगर कोरोना के लक्षण दिखाई दे रही है, तो तत्काल स्वास्थ्य विभाग अथवा टोल फ्री नम्बर 104 एवं जिले के दूरभाष नम्बर 07741232078 पर सूचित कर सकते है। कोरोना से बचने के लिए एसएमएस रूल को बहुत ही महत्वपूर्ण बताया है, जिसमें एस-सोशियल डिस्टेंसिंग, एम-मास्क लगाना तथा एस हाथों को बार-बार सेनेटाईज करना है।
    समाचार क्रमांक-875/गुलाब कुमार- ढाले

  • गरियाबंद : गरम भोजन प्रदाय करने तथा स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस मनाने आंगनबाड़ी केन्द्र संचालित : सभी विभागों के अधिकारी कर रहे है माॅनिटरिंग

    कोविड-19 के कारण 14 मार्च से आंगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन बंद रखते हुए, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा हितग्राहियों के घर पहुंच कर सूखा राषन प्रदाय किया जा रहा था। बच्चों के पोषण स्तर को बनाये रखने एवं स्वास्थ्य सुविधा के लिए वर्तमान व्यवस्था में  कुपोषण की रोकथाम के लिए कारगर कदम उठाये जाने की आवष्यकता को ध्यान में रखते हुए  प्रदेष में आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन तथा स्वास्थ्य एवं पोषण दिवस प्रारंभ करने हेतु मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल द्वारा निर्देश दिया गया।
    जिले में संचालित 1460 आंगनबाड़ी केन्द्रो में से 698 आंगनबाड़ी केन्द्रों में 03 से 06 वर्ष के 6371 बच्चो एवं 607 गर्भवती महिलाओं को गरम भोजन वितरण किया गया। गरम भोजन की सेवाएं प्रारंभ करने के लिए रणनीति तैयार कर कार्य किया गया, जिसके तहत सभी आंगनबाड़ी केन्द्र खोले गये पर जो कंटेनमेंट जोन मे आते हो अथवा जिला प्रषासन द्वारा बंद रखने का निर्णय लिया गया है, उन क्षेत्रो में केन्द्र संचालित नही हुआ। केन्द्र प्रारंभ करने के पूर्व भवन का सेनेटाईजेषन किया गया। इस हेतु पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग से सहयोग प्राप्त किया गया। प्रत्येक हितग्राही का भवन में प्रवेष के पूर्व साबुन से सेनेटाईज कराया गया। भोजन पकाने के पूर्व बर्तनों को उपयुक्त क्लिनिंग पाउडर एवं गरम पानी से साफ कराया गया। भोजन परोसते समय थाली में यथासंभव उपलब्धता अनुसार पत्तल/केला पत्ता रखे गये। हितग्राहियों को अलग अलग समूहों में अलग अलग समय पर बुलाया गया ताकि सामाजिक दूरी बनाये रखा जा सके। एक समय में 15 व्यक्तियो से अधिक लोगों को भवन में प्रवेष नही दिया गया। गरम भोजन के लिए पात्र हितग्राही यथा 3-6 साल के बच्चे, गर्भवती महिलाये एवं सुपोषण अभियान के हितग्राही को ही आने की अनुमति दी गई। आंगनबाड़ी केन्द्र में प्रवेष करने वाले सभी हितग्राहियों को मास्क पहनना अनिवार्य किया गया। (भोजन करते समय मास्क हटा सकेंगे) साथ ही प्रत्येक हितग्राही के मध्य कम से कम 02 गज की दूरी रखी गई। आंगनबाड़ी केन्द्रों के प्रारंभ के पूर्व बच्चों के अभिभावकों के साथ बैठक कर उनसे सहमति प्राप्त की गई। अभिभावकों को बच्चो के बीमार होने पर उन्हें घर पर रखने की महत्ता के बारे में बताया गया। साफ-सफाई, कोविड-19 के बारे में जागरूक करते हुए आंगनबाड़ी केन्द्रों में गरम भोजन प्रदाय कार्य का सफल शुरूआत की गई। कोविड-19 के संक्रमण से उद्भूत वैष्विक आपदा की स्थिति में कुपोषण एवं एनीमिया के रोकथाम के लिए जिला गरियाबंद दृढ़ संकल्पित होकर गढ़बो नवा गरियाबंद की अवधारणा को मूर्त रूप देने हेतु प्रयासरत् है। इसमें प्रत्येक परिवार एवं जनसमुदाय की महती भूमिका है। जिला प्रषासन एवं अन्य विभागो के अधिकारियों द्वारा इस कार्य में सक्रिय भागीदारी निभाई गई। जिला कार्यक्रम अधिकारी, परियोजना अधिकारी एवं सेक्टर पर्यवेक्षकों के द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों मेे स्वयं भ्रमण कर गरम भोजन कार्यक्रम की माॅनिटरिंग की गई।

  • संसदीय सचिव  इंदरशाह मंडावी ने किया शिक्षकों का सम्मान

    छत्तीसगढ़ शासन के संसदीय सचिव  इंदरशाह मंडावी ने राजनांदगांव जिले के मोहला में एक शिक्षक सम्मान समारोह में उत्कृष्ट एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों का सम्मान किया। इस अवसर पर कार्यक्रम को संबांधित करते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षक ही है जो बच्चों को अच्छे नागरिक बनने और समाज में बदलाव की अच्छी सोच बच्चांे को देता है। इसलिए शिक्षक को राष्ट्र निर्माता कहते है। हिंदी दिवस के दिन मोहला ब्लॉक में शिक्षको के सम्मान के लिए शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित हुआ। इस सम्मान समारोह में 11 सेवा निवृत्त और 18 उत्कृष्ट शिक्षको का सम्मान किया गया। समारोह का आयोजन शिक्षा विभाग द्वारा किया गया।


        शिक्षक सम्मान समारोह में सेवानिवृत शिक्षक  गिरेंद्र कुमार चंद्राकर,  राम किशोर सिंह,  सुरेंद्र कुमार चंद्राकर, श्रीमती सुशीला देशमुख,  लालूराम खरे,  कुशाली राम देवांगन,  रामेश्वर सिंह साहू गंगाधीर रामटेके, सुरेंद्र द्विवेदी,  धनीराम देवांगन,  बाला राम भुआर्य का शॅाल और श्रीफल भेंट करके सम्मान किया गया। इसी तरह से उत्कृष्ट कार्य करके अपने विद्यालय को बेहतर बनाने वाले शिक्षक  रमाकांत भूआर्य,  राजेंद्र कुमार नायक,  लोकनाथ विश्वकर्मा,  नीलम कुमार वाल्दे,  दिनेश कुमार उसेंडी, श्रीमती लता ताम्रकार,  मनीष कुमार कोकिला,  हरीश यादव,  अखिलेश कुमार लोनहारे,  खेमचंद ठाकुर,  भंजन सिंह ठाकुर, श्रीमती कौशिल्या मंडावी सुनील कुमार शर्मा,  उमाशंकर दिल्लीवार,  अश्वनी कुमार देशलहरे, श्रीमती सुमित्रा रामटेके,  अजय तिवारी, शीतेष कुमार निषाद सहित अन्य शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर क्षेत्रीय पंचायतों के प्रतिनिधि और शिक्षकगण मौजूद थे।

  • छत्तीसगढ़ : रायपुर में 2.5 किलो सोने के बिस्किट जब्त...पकड़े गए सोने की कीमत 1.25 करोड़ रुपए

    छत्तीसगढ़ के रायपुर में मंगलवार को 2.5 किलो सोने के बिस्किट पकड़े गए हैं। पकड़े गए सोने की कीमत 1.25 करोड़ रुपए बताई जा रही है। यह सोना पश्चिम बंगाल से तस्करी कर रायपुर लाया जा रहा था। इस मामले में सोने के साथ एक आरोपी हिरासत में लिए गए हैं। तेलीबांधा थाना पुलिस और साइबर सेल की यह संयुक्त कार्रवाई है।पुलिस ने बताया कि सूचना मिली थी कि कुछ लोग महासमुंद से सोना बेचने के लिए रायपुर आ रहे हैं। इस आधार पर एसएसपी अजय यादव और साइबर सेल प्रभारी एडिशनल एसपी अभिषेक माहेश्वरी रमाकांड साहू के निर्देशन में टीम का गठन किया गया। टीम ने मंगलवार दोपहर तेलीबांधा क्षेत्र में मैग्नेटो मॉल के सामने एक कार को रोक लिया।

    सोने के संबंध में नहीं दिखा सके कोई कागजात
    पुलिस ने कार सवारों से पूछताछ की तो वह गुमराह करते रहे। इस पर टीम ने कार की तलाशी ली तो उसमें से 2.5 किलो सोने के बिस्किट बरामद हुए। पूछताछ में आरोपी ने डीडी नगर निवासी अशोक बेरा कोई कागजात नहीं दिखा पाया। बताया कि सोना पश्चिम बंगाल के किसी व्यक्ति से खरीदा था। इसके गहने बनाकर बेचने के लिए लेकर आ रहा था।

    इनकम टैक्स विभाग की टीम कर रही पूछताछ
    पूछताछ में टैक्स चोरी की बात भी सामने आई है। जिसके बाद पुलिस ने इनकम टैक्स विभाग को सूचना दी। पुलिस ने एक स्विफ्ट डिजायर कार भी जब्त की है। इनकम टैक्स विभाग की टीम आरोपी से पूछताछ कर रही है। पता लगाया जा रहा है कि यह कब से चल रहा था और कौन-कौन शामिल है। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।

  • पोषण के पांच सूत्र रखेगें बच्चे को तंदुरूस्त : स्वस्थ समाज बनाने पोषण व्यवहार के प्रति जागरूकता लाएं

    स्वस्थ समाज के निर्माण के लिए पोषण व्यवहार में परिवर्तन आज एक आवश्यकता बन गई है। जीवन शैली के बदलाव से सामने आई कई बीमारियां हमारे लिए चुनौतियां बन गई हैं। कई देशों में मोटापा खान-पान की व्यवहारगत कमियों की वजह से तेजी से बढ़ रहा है। भोजन में पोषक तत्वों के अभाव ने लोगों की प्रतिरोधक क्षमता को कमजोर कर दिया है। पोषण के प्रति जागरूकता की कमी और समुचित पोषण का अभाव या उपेक्षा हमारे सामने कई प्रकार की बीमारियों के रूप में सामने आता है। इसका सबसे बड़ा दुष्प्रभाव कुपोषण का एक विश्वव्यापी समस्या बनकर उभरना है। कोरोना काल में लोगों को इसका महत्व गहराई से समझ आने लगा है। आहार के प्रति सही व्यवहार और जागरूकता से ही एक स्वस्थ समाज की परिकल्पना को साकार किया जा सकता है।

         रिसर्च में महिलाओं और बच्चों में कुपोषण का अधिक प्रभाव पाया गया है। राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वे-4 के अनुसार छत्तीसगढ़ के 5 वर्ष से कम उम्र के 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित और 15 से 49 वर्ष की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा 2 अक्टूबर 2019 गांधी जयंती के दिन से मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की शुरूआत कर गर्भवती महिलाओं और 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए गर्म भोजन की व्यवस्था की गई है, जिससे महिलाओं और बच्चों में पोषक तत्वों की कमी को पूरा किया जा सके। स्वस्थ बच्चा स्वस्थ समाज की आधारशिला होता है। इस आधारशिला को मजबूत बनाने के लिए समुदाय स्तर पर सभी की सहभागिता और जन-जागरूकता बहुत जरूरी है। एक स्वस्थ जीवन के लिए तैयारी गर्भावस्था के दौरान ही शुरू कर देनी चाहिए। स्वस्थ बच्चे के लिए मां का भी स्वस्थ होना उतना ही जरूरी है। इसमें पोषण के पांच सूत्र- पहले सुनहरे 1000 दिन, पौष्टिक आहार, एनीमिया की रोकथाम, डायरिया का प्रबंधन और स्वच्छता और साफ-सफाई स्वस्थ नए जीवन के लिए महामंत्र साबित हो सकते हैं।        
    1) पहले सुनहरे 1000 दिन- पहले 1000 दिनों में तेजी से बच्चे का शरीरिक एवं मानसिक विकास होता है। इनमें गर्भावस्था के 270 दिन और जन्म के बाद पहले और दूसरे वर्ष के 365-365 दिन इस प्रकार कुल 1000 दिन शामिल होते हैं। इस दौरान उचित स्वास्थ्य, पर्याप्त पोषण, प्यार भरा व तनाव मुक्त माहौल और सही देखभाल बच्चों का पूरा विकास करने में मदद करते हैं। इस समय मां और बच्चे को सही पोषण और खास देखभाल की जरूरत होती है। इस समय गर्भवती की कम से कम चार ए.एन.सी. जांच होनी चाहिए। गर्भवती और धात्री महिला को कैल्शियम और आयरन की गोलियों का सेवन कराया जाना चाहिए। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव को प्राथमिकता दी जानी चाहिए जिससे मां और बच्चे का जीवन सुरक्षित हो सके। परिवार के लिए भी यह जानना और व्यवहार में लाना जरूरी है कि जन्म के एक घंटे के भीतर बच्चे को मां का पहला पीला गाढ़ा दूध देना बहुत जरूरी है,यह बच्चे में रोगों से लड़ने की शक्ति लाता है। 6 माह से बड़े उम्र के बच्चे को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार दिया जाना चाहिए। इसके साथ बच्चे को सूची अनुसर नियमित टीकाकरण और बच्चे 9 माह होने पर उसे नियमित विटामिन ए की खुराक दी जानी चाहिए।
    2) पौष्टिक आहार- 6 महीने के बच्चे और उससे बड़े सभी लोगों को भी पर्याप्त मात्रा में तरह-तरह का पौष्टिक आहार आवश्य लेना चाहिए। पौष्टिक आहार में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ जैसे कि अनाज, दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां और मौसमी फल लेने चाहिए। हरी सब्जियों में पालक, मेथी, चौलाई और सरसों, पीले फल जैसे आम व पका पपीता खाए जा सकते हैं। यदि मांसाहारी हैं तो, अंडा, मांस और मछली आदि भोजन में लिया जा सकता है। खाने में दूख, दूध से बने पदार्थ और मेवे आदि शामिल करें। अपने खाने में स्थानीय रूप से उत्पादित पौष्टिक खाद्य पदार्थों को शामिल करें। आंगनबाड़ी से मिलने वाला पोषाहार अवश्य खाएं। यह निश्चित मात्रा में पौष्टिक पदार्थों को मिला कर तैयार किया जाता है।

    जब बच्चा 6 महीने का हो जाए तो मां के दूध के साथ घर का बना मसला और गाढ़ा ऊपरी आहार भी शुरू कर देना चाहिए जैसे- कद्दू, लौकी, गाजर, पालक तथा गाढ़ी दाल, दलिया, खिचड़ी आदि। यदि मांसाहारी हैं तो अंडा, मांस व मछली भी देना चाहिए। बच्चे के खाने में ऊपर से 1 चम्मच घी, तेल या मक्खन मिलाएं।बच्चे के खाने में नमक, चीनी और मसाला कम डालें। प्रारंभ में बच्चे का भोजन एक खाद्य पदार्थ से शुरू करें, धीरे-धीरे खाने में विविधता लाएं। बच्चे का खाना रूचिकर बनाने के लिए अलग-अलग स्वाद व रंग शामिल करें। बच्चे को बाजार का बिस्कुट, चिप्स, मिठाई, नमकीन और जूस जैसी चीजें न खिलाएं। इससे बच्चे को सही पोषक तत्व नहीं मिल पाते।

    3) एनीमिया की रोकथाम- स्वस्थ शरीर और तेज दिमाग के लिए एनीमिया की रोकथाम करें। सभी उम्र के लोगों में एनीमिया की जांच और पहचान किया जाना महत्वपूर्ण होता है, ताकि व्यक्ति की हीमोग्लोबिन के स्तर के अनुसार उपयुक्त उपचार प्रारंभ किया जा सके। एनीमिया की रोकथाम के लिए आयरन युक्त आहार खाएं जैसे- दालें, हरी पत्तेदार सब्जियां, पालक, मेथी, फल, दूध, दही, पनीर आदि। यदि मांसाहारी है तो, अंडा, मांस व मछली का भी सेवन करें। खाने में नींबू, आंवला, अमरूद जैसे खट्टे फल शामिल करें, जो आयरन के अवशोषण में मदद करते हैं। साथ ही आयरन युक्त पूरक लें।  आयरन युक्त पूरक प्रदान करने के लिए 6-59 माह के बच्चे को हफ्ते में 2 बार 1 मिली. आई.एफ.ए. सिरप,5-9 वर्ष की उम्र में आई.एफ.ए की एक गुलाबी गोली,10-19 वर्ष तक की उम्र में हफ्ते में एक बार आई.एफ.ए की नीली गोली,गर्भवती महिला को गर्भावस्था के चौथे महीने से रोजाना 180 दिन तक आई.एफ. ए की एक लाल गोली,धात्री महिला को 180 दिन तक आई.एफ.ए की एक लाल गोली और कृमिनाश के लिए कीड़े की दवा (एल्बेण्डाजोल) की निर्धारित खुराक दी जाती है। आंगनबाड़ियों और स्वास्थ्य केन्द्रों के माध्यम से यह खुराक बच्चे को दिलाई जानी चाहिए।
     इसके साथ ही प्रसव के दौरान कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं जैसे  कि स्वास्थ्य संस्थाएं जन्म के पश्चात बच्चे की गर्भनाल 3 मिनट बाद ही काटें। इससे नवजात बच्चे के खून में आयरन की मात्रा बनी रहती है।
    4) डायरिया का प्रबंधन- स्वस्थ शरीर और कमजोरी से बचाव के लिए डायरिया का प्रबंधन जरूरी है। इसके लिए व्यक्तिगत साफ-सफाई, घर की सफाई, आहार की स्वच्छता का ध्यान रखें और डायरिया से बचाव के लिए हमेशा स्वच्छ पानी पिएं। माताएं 6 माह तक बच्चे को केवल स्तनपान ही करवाएं। कोई और खाद्य पदार्थ यहां तक पानी भी नही दें क्योंकि वह भी बच्चे में डायरिया का कारण बन सकता है। डायरिया होने पर भी मां स्तनपान नहीं रोके बल्कि बार-बार स्तनपान करवाएं। शरीर को दोबारा स्वस्थ बनाने के लिए 6 माह से बड़े बच्चे को ऊपरी आहार के साथ बार-बार स्तनपान करवाएं। बच्चे को डायरिया होने पर तुरंत ओ.आर.एस. तथा अतिरिक्त तरल पदार्थ दें और जब तक डायरिया पूरी तरह ठीक न हो जाए तब तक जारी रखें। डायरिया से पीड़ित बच्चे को डॉक्टर की सलाह पर 14 दिन तक जिंक दें, अगर दस्त रूक जाए तो भी यह देना बंद नहीं करें।
    5) स्वच्छता और साफ-सफाई- स्वास्थ्य और सफाई का हमेशा साथ रहा है। गंदगी कई बीमारियों का खुला निमंत्रण होती है। इसलिए अपनी स्वच्छता सुनिश्चित करें।हमेशा साफ बर्तन में ढक कर रखा हुआ शुद्ध पानी पिएं, बर्तन को ऊंचे स्थान पर लंबी डण्डी वाली टिसनी के साथ रखें। हमेशा खाना बनाने, स्तनपान से पहले, बच्चे को खिलाने से पहले, शौच के बाद और बच्चे के मल के निपटान के बाद साबुन और पानी से हाथ आवश्य धोएं। बच्चे को खाना खिलाने से पहले बच्चे के हाथों को साबुन और पानी से जरूर धोएं। शौच के लिए हमेशा शौचालय का उपयोग ही करें। किशोरियां और महिलाएं माहवारी के दौरान व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखें।