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  • छत्तीसगढ़ में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़… कचरा गोदाम में चल रहा था जिस्मफरोशी का धंधा… कॉलगर्ल समेत 10 गिरफ्तार
    जांजगीर। देह व्यापार मे लिप्त एक युवती और 9 युवकों को पुलिस ने पकड़ा है। मामला जिले के जैजैपुर इलाके का है। पुलिस की टीम ने जैजैपुर नगर पंचायत के कचरा गोदाम में जांच की, तो वहां रायगढ़ से आई कॉलगर्ल और 8 युवक मिले। इनका साथ देने वाले गार्ड को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है।
  • करोड़पति कारोबारी ने की आत्महत्या… अपार्टमेंट की चौंथी मंजिल से कूदकर दे दी जान… यह वजह होने की आशंका…
    बिलासपुर। जिले के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित श्रीराम प्लाजा अपार्टमेंट की चौथी मंजिल से कूदकर एक व्यापारी ने आत्महत्या कर ली है। घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई। बताया जा रहा है कि पिछले कुछ दिनों से पत्नी के साथ डायवर्स का विवाद चल रहा था। और उसे पिछले कुछ दिनों से सर्दी-खांसी की शिकायत थी। वह कई प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए गया, लेकिन कोरोना संक्रमण की आशंका के चलते डॉक्टरों ने कारोबारी का इलाज करने से मना कर दिया। आज वह कोरोना टेस्ट कराने गया था। मामले की जानकारी पुलिस को दी गई। उसे सिम्स मरच्यूरी में रखवाया गया है। जहां मंगलवार को सैंपल जांच होगी। जानकारी के मुताबिक, घटना सोमवार देर रात की है। कारोबारी का नाम अनिल गुप्ता (47) है जो रतनपुर के रहने वाले थे। वह श्रीराम प्लाजा में पहली मंजिल पर स्थित फ्लैट में रहते थे। उनका सिटी कोतवाली के बगल में ही प्रॉपर्टी का कारोबार है। सोमवार देर रात वह अपार्टमेंट के चौथे फ्लोर पर गए और वहां से नीचे कूद गए। आवाज सुनकर लोग बाहर दौड़े तो देखा अनिल का शव पड़ा हुआ था। परिजनों ने बताया कि अनिल पिछले कुछ दिनों से बीमार थे। उन्हें सर्दी-खांसी और बुखार था। इसके इलाज के लिए वह कई जगह जा चुके थे, लेकिन कोरोना की आशंका से डॉक्टर उन्हें मना कर देते। इसके चलते वह परेशान थे। आशंका जताई जा रही है कि इसी के चलते उन्होंने खुदकुशी का कदम उठाया। हालांकि बताया जा हा है कि पारिवारिक विवाद भी था। पुलिस ने बताया कि उनके हाथ व गले की नस भी कटी हुई थी। आशंका है कि पहले धारदार किसी चीज से खुदकुशी की कोशिश की होगी। इसमें सफलता नहीं मिली तो उन्होंने कूद कर खुदकुशी कर ली। कोरोना की आशंका के चलते पुलिस ने भी मुश्किल से शव को उठाया।
  • ​​​​​​​गोधन न्याय योजना से सोनगरा के ग्रामीणों को मिलने लगा लाभ

    गौठान में महिला समूह बनाने लगे वर्मी कम्पोस्ट 

     

     छत्तीसगढ़ शासन की गोधन न्याय योजना का लाभ सीमावर्ती जिले के सुदूर गांव के ग्रामीणों को भी मिलने लगा है। गौठानों में गोबर बेचकर ग्रामीण अपनी रोजमर्रा की जरूरतों की पूर्ति के लिए अतिरिक्त आमदनी अर्जित करने लगे हैं। सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखण्ड के गौठान ग्राम सोनगरा में गोधन न्याय योजना के तहत गोबर खरीदी का कार्य निरंतर कार्य किया जा रहा है। सोनगरा गौठान में ग्रामीण पशुपालको नियमित रूप से गोबर विक्रय कर 15 दिन में अपनी राशि खाते में सीधे प्राप्त कर रहे हैं। 
        सोनगरा गौठान से जुड़ी गुलाब महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा खरीदे गए गोबर से वर्मी कंपोस्ट खाद का निर्माण ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के तकनीकी सलाह से किया जा रहा है। महिला स्वयं सहायता समूह के द्वारा शासन द्वारा निर्मित वर्मी टैंक में गोबर व सूखी पत्तियों एवं अन्य सामग्री का उपयोग करते हुए खाद तैयार की जा रही है। सोनगरा गांव में जैविक खेती को लेकर भी लोगों का
    रूझान बढ़ने लगा है। गौठान में तैयार वर्मी कम्पोस्ट खाद का उपयोग विभिन्न प्रकार की फसलों में करने लगे हैं। सोनगरा में 395 क्विंटल से अधिक की गोबर खरीदी की जा चुकी है, जिससे वर्मी खाद तैयार कर स्थानीय स्तर पर किसानों को उनकी मांग के अनुरूप उपलब्ध कराया जा रहा है। इससे सोनगरा में जैविक खेती को बढ़ावा मिलने लगा है। 

  • CORONA BREAKING: छत्तीसगढ़ में 3336 नए कोरोना संक्रमितों की हुई पहचान...रायपुर के 756 मरीज भी शामिल ....अब तक 573 मौत
    कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज कुल 3336 नए कोरोना पॉजिटिव मरीज़ों की पहचान हुई.जिसमे जिला रायपुर से 756, दुर्ग से 424, राजनांदगांव से 327, बिलासपुर से 308, रायगढ़ से 213, जांजगीर-चांपा से 189, कबीरधाम से 164, बीजापुर से 89, सरगुजा से 86, धमतरी से 81, महासमुंद से 79, बालोद से 72, सूरजपुर से 69, दंतेवाड़ा से 55, कोरिया से 53, मुंगेली से 50, बस्तर से 47, बलौदाबाजार से 43, कोण्डागांव से 37, बेमेतरा से 35. गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से 33, कोरबा से 26, नारायणपुर से 24, कांकेर से 22, गरियाबंद से 19, जशपुर से 17, बलरामपुर से 08, सुकमा से 04, अन्य राज्य से 06 मरीज शामिल है| आज पाए गए पॉजिटिव मरीजों की अस्पताल में उपचार हेतु भर्ती प्रक्रिया जारी है। 1178 मरीज़ स्वस्थ होने के उपरांत आज डिस्चार्ज/ रिकवर्ड हुए। बता दें कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस के परीक्षण हेतु कुल 806045 (RTPCR . 460677 + TrueNat – 42589 + Rapid Antigen Kit – 302779) जांच किया गया है, जिसमें 63991 धनात्मक मरीजों की पहचान की गई, जिनमें अब तक कुल 31931 मरीज स्वस्थ्य होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड किए गए तथा 31505 मरीज सक्रिय हैं। वहीँ देशभर में वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से 35 राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश प्रभावित हैं, जिनमें कुल 3780107 स्वस्थ्य होने के उपरांत डिस्चार्ज हुए है, कुल 986598 मरीज सक्रिय हैं तथा कुल 79722 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।
  • राष्ट्रीय पोषण माह 2020-सही पोषण छत्तीसगढ़ रोशन : कुपोषण दूर करने तैयार की जा रही पोषण वाटिका

    सही पोषण छत्तीसगढ़ रोशन की अवधारणा के साथ पूरे प्रदेश में राष्ट्रीय पोषण माह मनाया जा रहा है। इस दौरान प्रदेश में पोषण संबंधी जागरूकता अभियान भी चलाया जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा अन्य विभागों के सहयोग से आंगनबाड़ी केन्द्रों,स्कूलों,घरों की बाड़ियों,सामुदायिक भूमि में पौष्टिक आहार उपलब्ध कराने पोषण वाटिका तैयार करायी जा रही हैं। इनमें मुख्य रूप से सब्जियां और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं। 

    पोषण वाटिकाओं को तैयार करने का मुख्य उद्देश्य मौसमी और ताजी सब्जियों और फल की पर्याप्त स्थानीय उपलब्धता से बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार लाना और हरी साग-सब्जियों को खान-पान में अनिवार्य रूप से शामिल करने हेतु जागरूकता लाना है। इन छोटी-छोटी पोषण वाटिकाओं में लौकी, बरबट्टी, लाल भाजी, पालक और मुनगा जैसे विभिन्न प्रकार की पौष्टिक हरी साग-सब्जियों के साथ पपीता,अमरूद जैसे पौष्टिक फलों के पौधे भी लगाए जा रहे हैं।

     कुपोषण स्तर में व्यापक कमी लाने हेतु बस्तर जिले में उद्यानिकी विभाग ने प्रत्येक विकास खण्ड में दो या तीन स्थानों का चयन महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से मुनगा, पपीता, बैंगन, तोरई एवं करेला सब्जी के पौधे लगवाकर पोषण वाटिका का निर्माण कराया गया है। राजनांदगांव जिले में कृषि विभाग की मदद से झारखण्ड की तर्ज पर पोषण वाटिकाएं तैयार की जा रही हैं। हर सेक्टर में लगभग 5 पोषण वाटिकाएं तैयार करने का प्रयास किया जा रहा है। इसी तरह कई जिलों की आंगनबाड़ियों में पौधे लगाए गए है,ताकि इन केंद्रों के बच्चों को शुद्ध पौष्टिक आहार उपलब्ध कराया जा सके। इस दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं गृहभेंट के माध्यम से समुचित पोषक आहार,स्तनपान,ऊपरी आहार और स्वच्छता संबंधी विषयों में हितग्राहियों समझा रही है। इस दौरान कोविड-19 से सुरक्षा के संबंध में समस्त निर्देशों का पालन भी किया जा रहा है।

  • गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही बनेगा विकास के क्षेत्र में अग्रणी जिला : जयसिंह अग्रवाल

    प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी मंत्री  जयसिंह अग्रवाल ने कहा है कि नवगठित गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही अब बड़ी तेजी से विकास की ओर अग्रसर है। श्री अग्रवाल मरवाही विकासखण्ड के ग्राम दानीकुण्डी में वन विभाग द्वारा आयोजित सामुदायिक वन संसाधन अधिकार कार्यशाल सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में प्रदेश में सभी जिलों का सर्वांगीण विकास हो रहा है। श्री अग्रवाल ने कहा कि पिछले 6 माह में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले में करोड़ों रूपए के विकास कार्यों का लोकार्पण, शिलान्यास व घोषणाएं की गई है। राज्य शासन छत्तीसगढ़ के दूरस्थ ईलाकों के विकास के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोड़ रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिला विकास के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ के सबसे अग्रणी जिलों में से एक होगा। राजस्व मंत्री ने मरवाही बाजार में सुदृढ़ीकरण व सड़क चौड़ीकरण कार्यों के लिए प्रभारी मंत्री मद से 10 लाख रूपए की घोषणा की। उन्होंने स्थानीय युवाओं एवं महिलाओं को रोजगार से जोड़े जाने हेतु शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ उठाने के लिए अपील की। उन्होंने नेचर कैम्प के रख-रखाव एवं पर्यटन की दृष्टि से बेहतर अधोसंरचना निर्माण के लिए अधोसंरचना मद से 50 लाख रूपए प्रदान करने की घोषणा की। उन्होंने बिलाईगढ़ को राजस्व ग्राम घोषित किया। प्रभारी मंत्री ने लाख प्रसंस्करण केन्द्र, लाख चूड़ी एवं गहना निर्माण इकाई, बांस प्रसंस्करण एवं आगरबत्ती निर्माण इकाई, टमाटर प्रसंस्करण इकाई, सीताफल प्रसंस्करण, ढेकी द्वारा जैविक चावल उत्पादन, सिलाई प्रशिक्षण सह-वस्त्र निर्माण, फैंसिंग पोल एवं गमला निर्माण इकाई से संबंधित प्रसंस्करण संयंत्रों का शुभारंभ किया। 
        राजस्व मंत्री ने कहा कि दानीकुण्डी में विविध सुविधा सह मूल्य संवर्धन केन्द्र की स्थापना की गई है। केन्द्र में लाख प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से लाख प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। मरवाही क्षेत्र में नैसर्गिक रूप से वन एवं राजस्व क्षेत्रों में पलाश के वृक्ष विपुल संख्या में प्राप्त होते हैं। यहां अनेक वर्षों से ग्रामीण परम्परागत रूप से लाख पालन एवं संग्रहण करते रहे हैं।  इस सयंत्र के स्थापना से स्थानीय उत्पादों का मूल्य संवर्धन स्थानीय रूप से होगा जिससे ग्रामीणो को सतत रोजगार मिल सकेगा। वन धन केंद्र दानीकुण्डी में निर्माणाधीन भवन का उपयोग भविष्य में आटी इमली से फूल इमली बनाने, महुआ फूल से जीरा निकालने एवं चार गुठली से चिरौंजी निर्माण कर मूल्य संवर्धन किया जायेगा। इस पूरे गतिविधि में लगभग 200 लोगों को रोजगार प्राप्त हो सकेगा। 
        इसी प्रकार लाख-चूड़ी एवं गहना निर्माण इकाई के माध्यम से क्षेत्र में लाख उत्पादन के साथ साथ मूल्य संवर्धन द्वारा लाख की चूड़ियां एवं गहना निर्माण का कार्य किया जा रहा है। परियोजना प्रावधान अंतर्गत दानीकुण्डी एवं आस -पास के ग्रामों के कुल 80 महिलाओं को प्रशिक्षण दिया गया है एवं 40 महिलाओं को चूड़ी निर्माण हेतु सामग्री एवं उपकरण प्रदाय किया गया है। महिलाए अपने दैनिक परिवारिक दायित्व निर्वहन के बाद शेष समय में 1-2 सेट चूड़ी बना लेती है, जिससे उन्हें 200-300 रू. का औसत लाभ प्रतिदिन की दर से माह में चार हजार से पांच हजार रूपए की आय होती है, महिलायें चुड़ियों को स्थानीय बजारों में विक्रय करती हैं। इन्हें क्षेत्र के सभी बाजारों में पहुंचकर अपनी विक्रय केन्द्र बनाने के विकल्प के रूप में चलित विक्रय केन्द्र दिया जा रहा है जो छोटे दुपहिया मोटर गाड़ी से संचालित होगी। इसके लिये कुल 60 हजार रु. का आबंटन परियोजना से इन्हें दिया जा चुका है।
        साथ ही बांस प्रसंस्करण एवं अगरबत्ती निर्माण इकाई वन धन उद्यम से उत्पादन के सिद्धांत पर महिलाओं को अगरबत्ती की काडी निर्माण कर विविध सुगंध युक्त अगरबत्ती निर्माण हेतु 7 लाख रुपये के व्यय से परियोजना द्वारा वित्त पोषण से स्थापित किया गया। यहां पर गुलाब, मोंगरा, मच्छर भगाने हेतु लेमन ग्रास, नीलगिरी के तेल एवं वन तुलसी के मिश्रण का उपयोग भी किया जायेगा। यहां उल्लेखनीय तथ्य यह है कि अगरबत्ती सीक का विक्रय मूल्य 60 रुपए किलोग्राम है, जबकि इसका निर्माण लागत मात्र 20 रू. है। इसके लिये बांस वनमण्डल के अंतर्गत विभिन्न सफल बांस रोपणों से प्राप्त किया जायेगा। अगरबत्ती सीक बिक्री के साथ-साथ यहां निर्मित अगरबत्ती शुद्ध जैविक उत्पाद के रुप में बाजार में भेजी जायेगी, इस इकाई से प्रत्यक्ष रुप से 10 महिलाओं को लाभ मिलने के साथ-साथ स्थानीय एवं खुदरा बिक्री द्वारा 200 ग्रामों में संचालित किराना दुकानों वालों को भी लाभ होगा। स्पष्टतः स्थानीय उत्पाद एवं स्थानीय विक्रय से होने वाले लाभ स्थानीय लोगो को ही होगा जो आज ग्राम्य आर्थिक व्यवस्था के सुदृढीकरण के लिये महत्वपूर्ण आवश्यकता है। प्रति वर्ष एक करोड़ अगरबत्ती काड़ी विक्रय की योजना है, जिससे प्रति हजार (प्रति कि.ग्रा. के आधार पर सीक) 3 लाख रुपये प्रति वर्ष आय की संभावना है। अगरबत्ती के निर्माण से होने वाला लाभ अतिरिक्त होगा जो स्वसहायता समूह की महिलाओं को स्थायी रोजगार देने के साथ-साथ इस क्षेत्र में सामाजाक आर्थिक उन्नयन में सहायक होगा। इस इकाई के विस्तार हेतु वन विकास निगम के सी.एस.आर. मद से 25 लाख की राशि प्रदान की गई है जिससे कार्य शेड सह गोदाम के निर्माण का शिलान्यास किया गया है।

       इसी प्रकार टमाटर प्रसंस्करण इकाई के माध्यम से टमाटर प्रसंस्करण का कार्य किया जा रहा है। मरवाही क्षेत्र के कटरा, बेलझिरिया, उसाढ़ के इलाकों में प्राकृतिक रुप से अत्यधिक मात्रा में टमाटर उत्पादित होता है, एवं यहां पर स्थानीय कृषक भी इसका उत्पादन बहुतायत में करते है, शीत ऋतु में इनके मूल्य में कमी आती है ऐसे समय में टमाटर का पावडर निर्मित कर इसे बाद में अच्छी कीमत में विक्रय इससे पश्चातवर्ती माह में विक्रय करने में अत्यधिक लाभ प्राप्त होता है। इससे स्व-सहायता समूह की महिलाओं को स्थायी रोजगार प्राप्त होगा, इसी सयंत्र द्वारा टमाटर पल्प एवं सॉस निर्माण करने के भी योजना है, इसी इकाई में ग्राईण्डर एवं ड्रायर है, जिससे की पलाश के फूल का पावडर जो खाद्य पदार्थों में रंग के रुप में उपयोग होता है साथ ही जामुन बीज के पावडर, धनिया पाउडर, मिर्च पावडर बनाकर आदि बनाकर स्थानीय बाजार में विक्रय कर सकेगें।

     
  • राजस्व मंत्री  जयसिंह अग्रवाल ने सीताफल प्रसंस्करण  इकाई का हुआ शुभारंभ

    प्रदेश के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री तथा गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही जिले के प्रभारी श्री जयसिंह अग्रवाल ने मरवाही में सीताफल प्रसंस्करण इकाई केन्द्र का शुभारंभ किया। मरवाही क्षेत्र में अत्याधिक मात्रा में सीताफल का उत्पादन होता है, जो औसतन 4-5 रूपए प्रति किलोग्राम की दर पर बिचोलियों द्वारा क्रय कर लिया जाता है। इससे क्षेत्रिय लोगों को इसका फायदा कम मिल पाता है। अब वन प्रबंधन समिति दानीकुण्डी द्वारा स्थानिय लोगों से इसका न्यूनतम मूल्य 10 रूपए प्रति किलोग्राम पर क्रय किया जाएगा। यहां 1500 टन सीताफल का उत्पादन अनुमानतः होता है, जिसमें से 1000 टन सीताफल का ग्रामीणों से क्रय कर इससे पल्प निर्माण की योजना है। प्रति किलोग्राम सीताफल से 250 ग्राम पल्प, 150 ग्राम सीताफल का बीज एवं अवशिष्ट भाग 600 ग्राम प्राप्त होता है। पल्प निर्माण में औसतन 80 रुपये प्रति कि.ग्रा. का व्यय होता है, जबकि इसकी विक्रय 150 रुपए प्रति किलोग्राम या अधिक दर पर होता है, साथ ही 50 रुपए प्रति किलोग्राम में बीज का विक्रय होता है। सम्पूर्ण प्रक्रिया में इस प्रकार प्रति किलोग्राम सीताफल पर 30 रुपए शुद्ध लाभ प्राप्त होना आंकलित किया गया हैं, जो यहां की स्व-सहायता समूह दानीकुण्डी की महिलाओं को बोनस, संग्राहकों को बोनस एवं केन्द्र उन्नयन एवं विकास में समान रुप से विभक्त किया जायेगा अर्थात बोनस के अलावा एक तिहाई राशि समिति को प्रदत्त ऋण के रूप में दिया जायेगा। इस परियोजना को संचालित करने हेतु अधोसंरचना मशीनों एवं कार्यशील पूंजी के लिए 60 लाख की आवश्यकता थी जिसे वृत्तस्तरीय चक्रीयनिधी से वनप्रबंधन समिति दानीकुण्डी को 4 प्रतिशत व्याज पर 10 वर्षीय ऋण वापसी योजना के साथ प्रदान किया गया है। मरवाही अरण्य फल प्रसंस्करण उद्योग समिति दानीकुण्डी के नाम से सहकारी समिति का गठन किया गया है। इस प्रक्रिया से लगभग 3350 सदस्य प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से लाभान्वित होंगे तथा शोषण से बचेंगे। स्थानीय रुप से वनों में उपलब्ध सीताफल, जामुन, महुआ, तेंदू आदि फलों के पल्प के मिश्रण से आइसक्रीम निर्माण का कार्य से प्रारंभ किया जा चुका है, वर्तमान में सीताफल, जामुन, आम एवं महुआ फूल आइसक्रीम का निर्माण किया जायेगा। इस केन्द्र द्वारा निर्मित आइसक्रीम, कैंडी, लड्डू एवं अन्य खाद्य पदार्थ का नाम ट्रायबल डिलाईट ब्रांड के नाम से विक्रय किया जायेगा। इसके आउटलेट संजीवनी मार्ट, गढ़कलेवा, आइसक्रीम पार्लर एवं रेल्वे स्टेशनों में भी विक्रय किया जायेगा। इस प्रकार यह उपक्रम इस प्रदेश में अपने आप में अनूठा एवं नवाचार स्थापित करेगा। व्यापारिक गतिविधियों से भी समिति सदस्यों को लाभ प्राप्त होगा। प्रभारी मंत्री ने मरवाही प्रक्षेत्र अंतर्गत संचालित वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों एवं सुरक्षा प्रहरियों को विभिन्न सामग्री किटों का वितरण किया। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्री शिशुपाल सोरी सहित अन्य जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

     
  • मेरे जन्मदिन पर कोरोना पीड़ितों की आप सब तन, मन, धन से मदद करें - मोहन मरकाम

    छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम नेजन्मदिन नही मनाने का  लिया निर्णय

    छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपने सभी चाहने वालों और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों पत्र लिखकर अनुरोध किया है उनके जन्मदिन पर किए जाने वाले खर्च को लोगों की सेवा में लगाएं

    उन्होंने कहा की वैश्विक महामारी के दौर में अनेक लोगों की मृत्यु हो चुकी है जिससे मैं व्यथित हूं

    इसलिए मैं अपना जन्मदिन नहीं मनाना चाहता और सभी से भी निवेदन है कि उनके अनुरोध को स्वीकार करें -

    पढ़िए प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम ने अपने पत्र के माध्यम से क्या संदेश दिया है *

     

    छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी*

     

    प्रिय साथियों सादर अभिवादन... मित्रो इस वर्ष मैने अपना जन्मदिन नही मनाने का निर्णय लिया है । कोविड के इस संकट के समय मन बहुत व्यथित है । इस वैश्विक आपदा में हमने अपने बहुत से करीबियों को खोया है । सारा देश प्रदेश इस महामारी के प्रकोप के कारण परेशान है । कल क्या होगा ? कैसे होगा किसी को नही पता। काल के क्रूर हाथों की पहुंच रोज-रोज हमारी किसी परिचित, स्नेही तक पहुच रही है । देश मे 73000 हजार से अधिक लोगो की मौत इस आपदा से हो गयी है । लगभग 48 लाख लोग इस महामारी से पीड़ित हुए हैं । अपनो की तकलीफ से मेरा मन बहुत अशांत और आहत है । ऐसे समय पीड़ित मानवता की हम जितनी सेवा कर पाए वह ईश्वर की कृपा होगी । मेरे जन्म दिन के अवसर पर मैं अपने शुभचिंतकों, कांग्रेसजनों से अनुरोध करता हूं कि किसी भी प्रकार का समारोह आदि न किया जाय । सोशल डिस्टेंसिग का पालन करते हुए लोगो की मदद की मैं अपेक्षा करता हूं । भोजन, दवाई, अस्पताल पहुचाना, रक्त दान, प्लाज्मा दान जैसे अनेक माध्यम है, जिसे किया जा सकता है । कोरोना पीड़ितों की जो आप सब तन मन धन से मदद कर सकें, वही मेरे प्रति आपकी शुभेच्छा होगी ।

    आपका 

    मोहन मरकाम

     अध्यक्ष छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी

     

     

  • छत्तीसगढ़ में 2228 नए कोरोना संक्रमितों की हुई पहचान..अब तक 555 मौत

    छत्तीसगढ़ : कोरोना वायरस को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य विभाग ने मेडिकल बुलेटिन जारी किया है. बुलेटिन के अनुसार प्रदेश में आज 2228 नए कोरोना मरीजों की पहचान की गई है. जिसमे  जिला रायपुर से 621, बिलासपुर से 309, राजनांदगांव से 253, रायगढ़ से 150, बलौदाबाजार से 108, दुर्ग से 79, कोरबा से 76, जांजगीर-चांपा से 64, बालोद से 60, मुंगेली से 59, महासमुंद से 57, सूरजपुर से 52, दंतेवाड़ा से 43, बेमेतरा व गरियाबंद से 36-36, कांकेर से 32, कोरिया से 31, धमतरी से 29, कोण्डागांव से 27, सरगुजा से 24, बलरामपुर से 20, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही से 18, जशपुर से 13, बस्तर से 12, सुकमा से 07, नारायणपुर से 06, कबीरधाम से 02, अन्य राज्य से 04 मरीज शामिल है |

    भारत में वर्तमान में कोरोना वायरस के संक्रमण से 35 राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश प्रभावित हैं, जिनमें कुल 3702595 स्वस्थ्य होने के उपरांत डिस्चार्ज हुए है, कुल 973175 मरीज सक्रिय हैं तथा कुल 78586 व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है।बता दें कि  राज्य में अब तक कोरोना वायरस के परीक्षण हेतु कुल 784483 (RTPCR – 453227 + TrueNat – 42136 + Rapid Antigen Kit – 289120) जांच किया गया है, जिसमें 63991 धनात्मक मरीजों की पहचान की गई, जिनमें अब तक कुल 31931 मरीज स्वस्थ्य होने के उपरांत डिस्चार्ज/रिकवर्ड किए गए तथा 31505 मरीज सक्रिय हैं।

     

  • ब्रेकिंग : कुआकोंडा क्षेत्र से 9 नक्सली गिरफ्तार, ‘बैनर-पोस्टर-फटाका’ बरामद...दंतेवाड़ा SP अभिषेक पल्लव ने की पुष्टि
    दंतेवाड़ा । जिले में चलाये जा रहें नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। कुआकोंडा में सर्चिंग के दौरान मैलावाडा मोखपाल के जंगलों से 9 नक्सलियों को जवानों ने गिरफ्तार किया है। वही, उनके कब्जे से बैनर पोस्टर फटाका बरामद किया गया हैं। इस पूरे मामले की पुष्टि दंतेवाड़ा SP अभिषेक पल्लव ने की है।
  • बीजापुर : पंचायतों में आदिवासी युवा संगठन घटित करने की दौर शुरू...हर पंचायत में युवा संगठन तैयार करने को लेकर हुई चर्चा
    रामचंद्रम एरोला की रिपोर्ट/ बीजापुर। छत्तीसगढ़ का अंतिम छोर होने के साथ आदिवासी बहूमूल्य क्षेत्र मे कई दफा ये बात निकल कर आती रही कि क्षेत्रों के लोग जागरुक नहीं है पर अब तस्वीर बदलती दिख रही है,अब यहां के युवा शिक्षित होने के नाते अपने क्षेत्र में जागरूकता लाने की जिम्मा अपने कंधों पर उठाते दिख रहे हैं कोरोना काल के बीच युवाओं की जागरूकता देखने को मिल रहा है,कोविड-19 का पालन करते सोसल डिस्टेसिंग बनाकर एक महत्वपूर्ण बैठक धनोरा पंचायत में संपन्न हुआ यह बैठक,10/09/2020गुरुवार को धनोरा पंचायत में तुमनार के युवा अध्यक्ष रत्तू तेलम के अध्यक्षता में युवा टीम का बैठक रखा गया था,जिसमे जैवारम,संतोषपुर से भी कई युवा इस बैठक में शामिल हुये थे।वही रत्तू तेलम ने कहाँ है कि हर पंचायतों में युवा एक होना है और हर पंचायतों में विकास को लाना है,रोजगार देने की बात कहकर सरकार हर युवा को धोखा दे रही है इसलिए हर पंचायत के युवा जागरूक हो जाये किसी भी सरकार या कोई भी पार्टी के बातों में आकर अपना समय बर्बाद न करें और पंचायती युवा संगठन का सदस्य बने।इस बैठक में सभी अपनी राय देकर इस युवा संगठन में जुड़ने का फैसला किया और इस बैठक में मौजूदा अन्य पंचायतों के भाईलोग भी अपने पंचायतों में भी टीम घटित करने की बात की है और एकता के साथ चलने की बात भी कही है, इस बैठक के बाद उन्होंने पूना चर्चा कर पंचायत में अध्यक्ष,उपाध्यक्ष व संचालक चुना,जिसमे युवा संगठन धनोरा पंचायत (रेंगानार)अध्यक्ष- धनीराम कुडियम, उपाध्यक्ष- श्याम सिंह तेलम, संचालक-बुधराम तेलम, सचिव-गुड्डू तेलम, उपसचिव-मुन्नालाल तेलम को चूना। एवं सदस्य गण कमलेश, गोपाल, रामेश, मनोज कुडियम, राकेश कुडियम, नारायण, सुखनाथ, विकास तेलम, मोहन, शिवलाल, विनोद तेलम, लखमू राम, बलराम, बाबलू, किशानलाल, राकेश, मनोज, विनोद कुडियम, शंकर कुडियम, कमलेश कुडियम, अरविंद कुडियम, किसान कुडियम, मुन्ना तेलम, अमित कुडियम, राजू कुडियम, राजेश तेलम, जितेन्द्र तेलम, लक्ष्मण तेलम, देवेश तेलम, दिनेश तेलम, रितेश कुमार, रामकुमार, सोहन तेलम, मनोज तेलम, राजू तेलम, संजू तेलम, अजय तेलम, रोशन तेलम, मनोज कुमार, धनीराम बाकडे, विजय तांबोली, अजय तांबोली, रामनाथ मांझी, कैलाश मांझी, इत्यादि उपस्थित थे।
  • सभी की आजीविका और बेहतर आमदनी की व्यवस्था समावेशी विकास का मूलमंत्र - भूपेश बघेल

    मुंगेली : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 10वीं कड़ी का प्रसारण आज 13 सितम्बर  को किया गया। मुख्यमंत्री  बघेल लोकवाणी में इस बार ‘‘समावेशी विकास आपकी आस’’ विषय पर प्रदेशवासियों से बात की। लोकवाणी का प्रसारण छत्तीसगढ़ स्थित आकाशवाणी के सभी केन्द्रों, एफ.एम. रेडियो और क्षेत्रीय न्यूज चैनलों से सुबह 10.30 से 10.55 बजे तक किया गया । मुख्यमंत्री  बघेल की ‘‘समावेशी विकास आपकी आस’’  विषय पर आयोजित मासिक रेडियो वार्ता लोकवाणी को मुगेली जिले के नागरिकों और जनप्रतिनिधियों ने भी उत्साह पूर्वक और तन्मयता से सुना।
    मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने समावेशी विकास आपकी आस विषय पर आज अपनी मासिक रेडियोवार्ता लोकवाणी की 10वीं कड़ी का प्रसारण में कहा कि समाज के जो लोग चाहे वे छोटे किसान हों, गांव में छोटा-मोटा काम-धंधा करने वाले लोग हों, खेतिहर मजदूर हांे, वनोपज पर आश्रित रहने वाले वन निवासी तथा परंपरागत निवासी हों, चाहे कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार की महिलाएं हों, ग्रामीण अंचलों में परंपरागत रूप से काम करने वाले बुनकर हांे, शिल्पकार हांे, लोहार हों, चर्मकार हों, वनोपज के जानकार हों, ऐसे सभी लोगों की आजीविका और बेहतर आमदनी की व्यवस्था करना ही समावेशी विकास का मूलमंत्र है। उन्होने कहा कि सभी के पास कोई न कोई हुनर है, जो उन्हे परंपरागत रूप से मिलता है। समय की मार ने उनकी चमक, उनकी धार को कमजोर कर दिया है। ऐसे समय में राज्य सरकार द्वारा उनके कौशल को बढ़ाया देने, उनके उत्पादों को अच्छा दाम देने हेतु सार्थक प्रयास किया जा रहा है।
    मुख्यमंत्री श्री बघेल ने ‘समावेशी विकास-आपकी आस’ विषय पर अपने विचार रखते हुए कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि देश और प्रदेश की आर्थिक- सामाजिक समस्याओं का समाधान, समावेशी विकास से ही संभव है। हम अपने राज्य में समावेशी विकास की अलख जगा रहे हैं और इस दिशा में आगे बढ़ेंगे। ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः’ के वेदवाक्य में भी यही भावना है, जो हमारी सांस्कृतिक विरासत है। उन्होने कहा कि थोड़ा पीछे जाकर देखें तो महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, डॉ. अम्बेडकर, शास्त्री, आजाद, मौलाना जैसे हमारे नेता जिस न्याय की बात करते थे, उसी साझी विरासत से हमें छत्तीसगढ़ी मॉडल मिला है।
    मुख्यमंत्री ने रेडियो वार्ता के श्रोताओं से कहा कि किसान को जब हम अर्थव्यवस्था की धुरी मान लेंगे तो समझ लीजिए कि समावेशी विकास की धुरी तक पहुंच गए हैं। ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’ से प्रदेश के 19 लाख किसानों को लाभ मिल रहा है। दो किस्तों में 3 हजार करोड़ का भुगतान हो चुका है। अब जल्दी ही पूरे 5 हजार 7 सौ करोड़ रूपये का भुगतान का वादा भी पूरा हो जाएगा। हमने न सिर्फ धान के किसानों को 2500 रूपए प्रति क्विंटल देने का वादा पूरा किया है, बल्कि मक्का, गन्ना के साथ छोटी-छोटी बहुत सी फसलों का भी बेहतर दाम देंगे। राज्य सरकार ने कर्ज माफी की, सिंचाई कर माफ किया और अब न्याय योजनाओं का सिलसिला भी शुरू कर दिया है। गोधन न्याय योजना के चालू होते ही गौठान निर्माण में तेजी आई है। हर 15 दिन में हम खरीदे गए गोबर का भुगतान कर रहे हैं। स्व-सहायता समूह से जुड़कर ग्रामीण महिलाएं गोबर खरीदकर, वर्मी कम्पोस्ट बना रही हैं। इस तरह से ग्रामीण जनता ही नहीं, बल्कि अनेक संस्थाओं को भी अपनी भूमिका निभाने का अवसर मिला। ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए गांव के सभी वर्गों का एकजुट होना, मेरे ख्याल से सिर्फ आर्थिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक क्रांति भी है। जिस तरह से कुछ लोग गाय और शिक्षा प्रणाली को लेकर सिर्फ बातें करते थे, करते कुछ नहीं थे। उन्हें यह देखना चाहिए कि हमारे 40 नए इंग्लिश मीडियम स्कूलों में प्रवेश भी अब सम्मान का विषय बन गया है। ‘पढ़ाई तुंहर दुआर’ ‘पढ़ाई तुंहर पारा’, जैसे लोक अभियानों से हमने बच्चों को पढ़ाई से जोड़े रखा है।
    मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि औद्योगिक विकास को ब्लाक स्तर पर पहुंचाने वाली नई औद्योगिक नीति लागू कर दी है। दो सौ फूडपार्क खोलने की योजना बनाई है और इनमें से एक सौ से ज्यादा के लिए जमीन का इतंजाम भी हो गया है।  उन्होने कहा कि सुराजी गांव योजना को लोगों ने हाथों हाथ लिया है। गांव के संसाधन को जब गांव के लोग अपना समझकर उसे आर्थिक उन्नति के लिए उपयोग में लाते है तो यह समावेशी विकास का सबसे अच्छा उदाहरण बन जाता है। उन्होने कहा कि मेरा पूरा विश्वास है कि आप सब लोग मिलकर गांव को सचमुच चमन बना देंगे और यही छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी ताकत होगी। लोकवाणी में  मुख्यमंत्री  बघेल ने कोरोना संक्रमण की रोकथाम और उपचार के लिए किये जा रहे हर संभव उपाय की भी जानकारी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने समावेशी विकास आपकी आस विषय पर श्रोताओं के साथ अपने विचार भी साझा किए।