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  • भारत सरकार ने चीन को दिया एक और झटका...PUBG सहित 118 मोबाइल एप किए बैन
    नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने 118 एप को बैन कर दिया है. इस लिस्ट में PUBG भी शामिल है. सरकार ने कहा है कि प्रतिबंधित किए गए मोबाइल एप देश की संप्रभुता, अखंडता, सुरक्षा और शांति-व्यवस्था के लिए खतरा थे. 118 एप में PUBG के अलावा CamCard, Baidu, Cut Cut, VooV, Tencent Weiyun, Rise of Kingdoms, Zakzak आदि शामिल है. इससे पहले केंद्र सरकार ने 29 जून को TikTok समेत 59 एप को बैन कर दिया था. इसके बाद जुलाई के महीने में मोदी सरकार ने 47 अन्य एप्स को भी बैन किया था. ये App पहले बैन किए गए 59 एप्स के क्लोन के तौर पर काम कर रहे थे. List of banned Apps: APUS Launcher Pro- Theme, Live Wallpapers, Smart APUS Launcher -Theme, Call Show, Wallpaper, HideApps APUS Security -Antivirus, Phone security, Cleaner APUS Turbo Cleaner 2020- Junk Cleaner, Anti-Virus APUS Flashlight-Free & Bright Cut Cut – Cut Out & Photo Background Editor Baidu Baidu Express Edition FaceU - Inspire your Beauty ShareSave by Xiaomi: Latest gadgets, amazing deals CamCard - Business Card Reader CamCard Business CamCard for Salesforce CamOCR InNote VooV Meeting - Tencent Video Conferencing Super Clean - Master of Cleaner, Phone Booster WeChat reading Government WeChat Small Q brush Tencent Weiyun Pitu WeChat Work Cyber Hunter Cyber Hunter Lite Knives Out-No rules, just fight! Super Mecha Champions LifeAfter Dawn of Isles Ludo World-Ludo Superstar Chess Rush PUBG MOBILE Nordic Map: Livik PUBG MOBILE LITE Rise of Kingdoms: Lost Crusade Art of Conquest: Dark Horizon Dank Tanks Warpath Game of Sultans Gallery Vault - Hide Pictures And Videos Smart AppLock (App Protect) Message Lock (SMS Lock)-Gallery Vault Developer Team Hide App-Hide Application Icon AppLock AppLock Lite Dual Space - Multiple Accounts & App Cloner ZAKZAK Pro - Live chat & video chat online ZAKZAK LIVE: live-streaming & video chat app Music - Mp3 Player Music Player - Audio Player & 10 Bands Equalizer HD Camera Selfie Beauty Camera Cleaner - Phone Booster Web Browser & Fast Explorer Video Player All Format for Android Photo Gallery HD & Editor Photo Gallery & Album Music Player - Bass Booster - Free Download HD Camera - Beauty Cam with Filters & Panorama HD Camera Pro & Selfie Camera Music Player - MP3 Player & 10 Bands Equalizer Gallery HD Web Browser - Fast, Privacy & Light Web Explorer Web Browser - Secure Explorer Music player - Audio Player Video Player - All Format HD Video Player Lamour Love All Over The World Amour- video chat & call all over the world. MV Master - Make Your Status Video & Community MV Master - Best Video Maker & Photo Video Editor APUS Message Center-Intelligent management LivU Meet new people & Video chat with strangers Carrom Friends : Carrom Board & Pool Game- Ludo All Star- Play Online Ludo Game & Board Games Bike Racing : Moto Traffic Rider Bike Racing Games Rangers Of Oblivion : Online Action MMO RPG Game Z Camera - Photo Editor, Beauty Selfie, Collage GO SMS Pro - Messenger, Free Themes, Emoji U-Dictionary: Oxford Dictionary Free Now Translate Ulike - Define your selfie in trendy style Tantan - Date For Real MICO Chat: New Friends Banaen aur Live Chat karen Kitty Live - Live Streaming & Video Live Chat Malay Social Dating App to Date & Meet Singles Alipay AlipayHK Mobile Taobao Youku Road of Kings- Endless Glory Sina News Netease News Penguin FM Murderous Pursuits Tencent Watchlist (Tencent Technology Learn Chinese AI-Super Chinese HUYA LIVE – Game Live Stream Little Q Album Fighting Landlords - Free and happy Fighting Landlords Hi Meitu Mobile Legends: Pocket VPN for TikTok VPN for TikTok Penguin E-sports Live assistant Buy Cars-offer everything you need, special offers and low prices iPick Beauty Camera Plus - Sweet Camera & Face Selfie Parallel Space Lite - Dual App "Chief Almighty: First Thunder BC MARVEL Super War NetEase Games AFK Arena Creative Destruction NetEase Games Crusaders of Light NetEase Games Mafia City Yotta Games Onmyoji NetEase Games Ride Out Heroes NetEase Games Yimeng Jianghu-Chu Liuxiang has been fully upgraded Legend: Rising Empire NetEase Games Arena of Valor: 5v5 Arena Games Soul Hunters Rules of Surviva
  • मोदी कैबिनेट ने जम्मू कश्मीर के लिए 5 अधिकृत भाषाओं को मंजूरी दी, संसद में लाया जाएगा विधेयक

    जम्मू-कश्मीर में अंग्रेजी और उर्दू के साथ अब कश्मीरी, डोगरी और हिंदी आधिकारिक भाषा होगी. इसे आज कैबिनेट ने मंजूरी दी है.

     मोदी कैबिनेट ने आज जम्मू कश्मीर के लिए 5 अधिकृत भाषाओं को मंजूरी दी है. संसद से मंजूरी मिलने के बाद कश्मीरी, डोगरी, उर्दू, हिंदी और इंग्लिश जम्मू कश्मीर में आधिकारिक भाषा होगी.

     

    केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि मंत्रिमंडल ने जम्मू-कश्मीर आधिकारिक भाषा विधेयक, 2020 को मंजूरी दी है. कैबिनेट द्वारा अनुमोदित नए विधेयक के तहत उर्दू, कश्मीरी, डोगरी, हिंदी और अंग्रेजी जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाएं होंगी. यह फैसला लोगों की मांग के आधार पर लिया गया है.

     

    इस समय जम्मू-कश्मीर में अंग्रेजी और उर्दू राज्य की सरकारी भाषा हैं. जम्मू-कश्मीर रिऑर्गेनाइजेशन एक्ट की धारा 47 के मुताबिक राज्य की विधानसभा को किसी एक या ज्यादा भाषा को सरकारी भाषा बनाने का अधिकार है.

     

    केंद्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह ने कहा कि सरकार ने डोगरी, हिन्दी और कश्मीरी को जम्मू-कश्मीर की आधिकारिक भाषाओं की सूची में डालकर क्षेत्र की जनता की एक बहुत पुरानी और लंबित मांग को पूरा किया है.

     

    उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करके सरकार ने न सिर्फ क्षेत्र की जनता की ओर से लंबे समय से की जा रही एक मांग पूरी की है बल्कि यह गत पांच अगस्त के निर्णय के अनुरूप समानता की भावना को भी प्रतिबिंबित करता है.’’

     

    बता दें कि 5 अगस्त 2019 को मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से संबंधित अनुच्छेद 370 को निरस्त कर दिया था. इसके साथ ही जम्मू और कश्मीर राज्य का दर्जा खत्म कर अलग दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया गया था.

  • PUBG समेत 118 चाइनीज एप्स बैन, यहां देखें पूरी लिस्ट

    वी-चैट वर्क और वी-चैट रीडिंग एप को भी बंद किया गया है.नई दिल्ली: चीन से जारी तनाव के बीच सरकार ने 118 और चीनी एप्स पर बैन लगा दिया है. इसमें पबजी गेम भी शामिल है. इसके अलावा बैन किए गए एप्स की लिस्ट में एचडी कैमरा ब्यूरी सेल्फी कैमरा, क्लीनर फोन बूस्टर, अलीपे और चेसरस के नाम शामिल हैं.

  • ITBP के जवानों ने शव को कंधे पर उठाकर तय की 25 किमी की दूरी, परिवार वालों को सौंपा

    आईटीबीपी ने ट्विटर पर एक वीडियो शेयर किया है. जवानों ने आठ घंटे का सफर पैदल तय किया और शव को परिवार वालों को सौंपा.

    पिथौरागढ़: भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान न सिर्फ सीमा की सुरक्षा कर रह हैं बल्कि जरूरत पड़ने में आम लोगों की मदद करने भी पीछे नहीं हटते हैं. कुछ ऐसा ही मामला उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में सामने आया है. आईटीबीपी के जवानों के ने एक व्यक्ति का शव कंधे पर उठाकर 25 किलोमीटर की दूरी तय की और शव को परिवार वालों को सौंपा. ये मुन्सीयारी इलाके का मामला है.

     

    आईटीबीपी ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए कहा, ‘’ देश सेवा में सदैव समर्पित हिमवीर. 14 वीं बटालियन आईटीबीपी के जवानों ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के दूरदराज के इलाके में एक स्थानीय व्यक्ति के शव को परिवार के सदस्यों को सौंपने के लिए 25 किलोमीटर (8 घंटे में) की दूरी तक पैदल तय की.”

    देश सेवा में सदैव समर्पित हिमवीर

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    इस दौरान आईटीबीपी के जवानों को कई दुर्गम सड़कों से होकर गुजरना पड़ा. सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. आईटीबी के जवानों के साथ ग्रामीणों ने भी पैदल ही दूरी तय की. इस दौरान जवानों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था.VEDIO

     

    बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में आईटीबीपी के एक जख्मी महिला को स्ट्रेचर पर लिटाकर 40 किलोमीटर तक के सफर को 15 घंटे में तय कर अस्पताल पहुंचाया था. ये मामला भी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक दूर-दराज गांव का ही थाइस दौरान आईटीबीपी के जवानों को कई दुर्गम सड़कों से होकर गुजरना पड़ा. सड़क नहीं होने की वजह से ग्रामीणों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. आईटीबी के जवानों के साथ ग्रामीणों ने भी पैदल ही दूरी तय की. इस दौरान जवानों ने अपने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ था. बता दें कि इससे पहले अगस्त महीने में आईटीबीपी के एक जख्मी महिला को स्ट्रेचर पर लिटाकर 40 किलोमीटर तक के सफर को 15 घंटे में तय कर अस्पताल पहुंचाया था. ये मामला भी उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के एक दूर-दराज गांव का ही था.

    — ITBP (@ITBP_official) September 2, 2020

     

  • Coronavirus vaccine: कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल...इस देश में 31 हजार लोगों को लगाया गया टीका

    दुनिया के कई देशों में कोरोना की वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं, जिसमें से कुछ अंतिम चरण में हैं। इसमें ब्रिटेन, अमेरिका और चीन के वैक्सीन शामिल हैं। संयुक्त अरब अमीरात में कोरोना वैक्सीन का सबसे बड़ा ट्रायल चल रहा है, जिसके तहत कुल 31 हजार लोगों को टीका लगाया गया है। इसमें 120 देशों के नागरिक शामिल थे। खलीज टाइम्स की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इतने लोगों को वैक्सीन लगाने में कुल छह हफ्ते का समय लगा है। आपको बता दें कि ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन का भी ट्रायल बड़े पैमाने पर चल रहा है। ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में करीब 20 हजार लोगों पर और अमेरिका में 30 हजार लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा सिनोफार्म कंपनी के मुताबिक, वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल में किसी भी तरह का साइड-इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। ग्लोबल टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में कंपनी के चेयरमैन लिउ जिंगझेन ने बताया था कि उन्होंने खुद इस वैक्सीन के दो डोज लिए हैं और अब तक उन्हें इसका कोई भी साइड-इफेक्ट महसूस नहीं हुआ है। इस वैक्सीन के दिसंबर तक बाजार में आने की उम्मीद जताई जा रही है।   मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस वैक्सीन की दो खुराक की कीमत 1000 युआन यानी करीब 10,700 रुपये होगी। हालांकि चीन में इसे लेकर बहुत से लोगों ने चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह वैक्सीन बहुत महंगी साबित होगी, लोग इसे शायद ही खरीद पाएं। 

  • मिशन मोड परभारतीय रेलवे ने पिछले वर्ष के अगस्त महीने की तुलना में इस साल की समान अवधि मेंअधिक माल ढुलाई की

    मिशन मोड पर,भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई की गतिविधियों को बढ़ाते हुए एक और बड़ी उपलब्धि ​हासिल कर ली है। अगस्त 2019 में भारतीय रेल ने जितनी माल ढुलाई की उससे कहीं ज्यादा माल ढुलाई इस साल अगस्त महीने में की गई।

    अगस्त 2020 में भारतीय रेल ने 94.33 मिलियन टन माल की ढुलाई की जो पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 3.31 मिलियन टन अधिक है। अगस्त 20219 में रेलवे ने 91.02 मिलियन टन सामान की ढुलाई की थी।

    अगस्त 2020 में भारतीय रेलवे ने कुल 94.33 मिलियन टन सामान की ढुलाई की जिसमें 40.49 मिलियन टन कोयला, 12.46 मिलियन टन लौह अयस्क, 6.24 मिलियन टन खाद्यान्न, 5.32 मिलियन टन खाद, 4.63 मिलियन टन सीमेंट(क्लिंकर को छोड़कर) और 3.2 मिलियन टन खनिज तेल शामिल है।

    रेलवे अपनी माल ढुलाई गतिविधियों में सुधार लाने के लिए इसे संस्थाग​त रूप देने की तैयारी में है।आने वाले समय में मालगाड़ियों का संचालन नए जीरो बेस्ड टाइम टेबुल के आधार पर किया जाएगा।

    उल्लेखनीय है कि अपनी माल ढुलाई गतिविधियों को आकर्षक बनाने के लिए भारतीय रेलवे की ओर से कई तरह की रियायतें / छूट दी जा रही हैं।

     कोविड 19 के समय का उपयोग भारतीय रेलवे की ओर सेअपनी समस्त गतिविधियों की दक्षता और प्रदर्शन को बेहतर बनाने के अवसर में रूप में किया गया।

  • कोरोना काल: जानिए दिल्ली मेट्रो में सफर के लिए अब क्या कायदे कानून हो सकते हैं

    यदि कोई यात्री नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा तो मेट्रो के अधिकारी और तैनात पुलिस अधिकारी उल्लंघन करने वाले यात्री का चालान काट सकते हैं.

    दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन अपनी सेवाएं 7 सितंबर से फिर से शुरू करने जा रहा है. मेट्रो से यात्रा के लिए फिलहाल टोकन इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा, क्योंकि उससे वायरस फैलने का खतरा ज्यादा है. स्टेशनों पर स्मार्ट कार्ड खरीदने की व्यवस्था रहेगी और यात्री सिर्फ स्मार्ट कार्ड से ही यात्रा कर सकेंगे. खबर है कि मेट्रो में यात्रियों को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना अनिवार्य नहीं होगा. दिल्ली मेट्रो के एमडी के अनुसार, कुछ मेट्रो यात्रियों के पास स्मार्ट फोन नहीं हो सकते हैं, इस वजह से आरोग्य सेतु ऐप को अनिवार्य करना सही नहीं होगा.

     

    ट्रेन में यात्रियों के बीच 1 मीटर की दूरी बनी रहे, इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा. सोशल डिस्टेंसिंग सुनिश्चित करने के लिए सीट पर मार्किंग भी की जाएगी. साथ ही साथ स्टेशन पर भीड़ न लगे, इसके लिए मेट्रो स्टाफ और सिविल वॉलंटियरों को तैनात किया जाएगा.

     

    नियमों का उल्लंघन करने पर कट सकता है चालान
    सैनिटाइजर की व्यवस्था हर स्टेशन पर सुनिश्चित की जाएगी. मास्क पहनना अनिवार्य होगा. यदि कोई यात्री नियमों का उल्लंघन करता हुआ पाया जाएगा तो मेट्रो के अधिकारी और तैनात पुलिस अधिकारी उल्लंघन करने वाले यात्री का चालान काट सकते हैं. मेट्रो ट्रेन में एयरकंडीशन का इस्तेमाल नई गाइडलाइन के आधार पर किया जाएगा, जिससे ताजा हवा की मात्रा ट्रेन में लगातार बनी रहे. जिन स्टेशनों पर यात्रा सेवाएं बहाल की जा रही हैं, उसकी लिस्ट तैयार की जा रही है. इसके बारे में जल्द ही आम-अवाम को बता दिया जाएगा.

     

    दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा है, "हम यह सुनिश्चित करेंगे कि मेट्रो में सोशल डिस्टेंसिंग को बनाए रखा जाए. सभी एंट्री प्वाइंट पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. यात्रा के लिए टोकन जारी नहीं किए जाएंगे, यात्री केवल स्मार्ट कार्ड और भुगतान के अन्य डिजिटल तरीकों का उपयोग कर सकते हैं. हम सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मेट्रो सेवाओं को फिर से शुरू करेंगे, ताकि आम जनता को किसी भी तरह की परेशानी न हो."

  • आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा अनुमानित करीब 2.8 करोड़ प्रवासी और दूसरी जगहों पर फंसे प्रवासियों में से लगभग 95 प्रतिशत को निःशुल्क खाद्यान्न की आपूर्ति की गई

    कोविड महामारी के प्रकोप की वहज से बनी स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने मई 2020 में प्रवासी भारतीय श्रमिकों की समस्याओं को कम करने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज (एएनबीपी) के तहत कुछ आर्थिक उपायों की घोषणा की थी।

    इस उद्देश्य के साथ अधिकतम संख्या में प्रवासियों, दूसरे स्थानों पर फंसे हुए लोगों और एनएफएसए योजना या राज्यों की ओर से चलाई गई पीडीएस योजना के तहत कवर नहीं किए गए लोगों की खाद्य-सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के इरादे से देश भर में संकट की स्थिति के बीच  15 मई 2020 को खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग की ओर से इन लोगों को 'लक्षित समूहके रूप में संदर्भित किया गया । इसके बाद  सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को इस लक्षित समूह के लिए आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज दो महीने तक मुफ्त दिए जाने की व्यववस्था की गई जो कि मई और जून के लिए प्रति माह के हिसाब से कुल चार लाख मीट्रिक टन था। अनाज वितरण की यह व्यवस्था 'लक्षित समूहकी संख्या के आधार पर तय की गई इसके लिए मई के अंत तक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा तुरंत ऐसे समूहों का आकलन किया गया था।

    इस योजना में पूरा लचीलापन था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी योजना का लाभार्थी इससे वंचित न रह जाए। इसके लिए योजना के तहत पात्र प्रवासियों/फंसे हुए प्रवासियों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों की पहचान करने और उन्हें खाद्यान्न वितरण की जिम्मेदारी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों को दी गई थी। इसके लिए राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों को केन्द्र या राज्य योजना के तहत राशन कार्ड नहीं पा सके या संकट की स्थिति में खाद्यान्न पाने से वंचित रह गए लोगों की पहचान करने के लिए जिला/क्षेत्र स्तर के अधिकारियों को अपने हिसाब से दिशा-निर्देश और एसओपी जारी करने की पूरी स्वतंत्रता दी गई थी।

     इन दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के खाद्य विभागों द्वारा कड़े प्रयास किए गए और उनमें से कई ने अपने समकक्ष श्रम विभागोंजिला प्रशासननागरिक संगठनोंऔद्योगिक संघोंगैर-सरकारी संगठनों और अन्य कल्याणकारी संगठनों के साथ समन्वय स्थापित किया ताकि प्रवासियों/फंसे हुए प्रवासियों की श्रम शिविरोंनिर्माण स्थलोंपारगमनक्वारंटीन केंद्रों और आश्रय घरों आदि में अधिक से अधिक संख्या में पहचान की जा सके। ऐसे समय में जबकि लाभार्थियों की पहचान और ​खाद्यान्नों के वितरण की प्रक्रिया लगातार आगे बढ़ रही थीकई राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों ने सूचित किया था कि अधिकांश प्रवासी लोग पहले ही अपने राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़ चुके हैं और अपने संबंधित राज्य/केन्द्र शासित प्रदेशों जहां वह रह रहे हैं राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत मुफ्त खाद्यान्न प्राप्त कर सकते हैं। राज्यों केन्द्र शासित प्रदेशों ने सामूहिक रूप से योजना के कुल लाभार्थियों की संख्या 2.8 करोड़ रहने का अनुमान लगाया। 

     जब तक राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों द्वारा योजना के पात्र लोगों की संख्या के लिए ए​हतियाती उपायों के तहत इन सरकारों ने भारतीय खाद्य निगम से जून 2020 के आखिर तक 6.38 लाख मीट्रिक टन खाद्यान्न का उठाव कर लिया था लेकिन आकलन के बाद जब पात्र लोगों की संख्या अनुमानित 2.8 करोड़ होने का पता चला तो किसी भी राज्य सरकार को ऐसी स्थिति का सामना नहीं करना पड़ाजहां केन्द्र सरकार की ओर से उन्हें आवश्यकतानुरूप खाद्यान्नों की पूरी आपूर्ति नहीं हो पाई हो।

    इसके बावजूद कुछ राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की सरकारों के अनुरोध पर उदार और मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए विभाग ने आत्मनिर्भर भारत योजना के तहत खाद्यान्नों की आपूर्ति की अवधि की वैधता अवधि को 31 अगस्त 2020 तक बढ़ा दिया।

    राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसारसभी राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों द्वारा 31 अगस्त 2020 तक कुल 2.65 लाख मीट्रिक टन अनाज वितरित किया गया। इसमें से मई महीने में 2.35 करोड़ लोगों कोजून में 2.48 करोड़ से अधिक लोगों कोजुलाई में लगभग 31.43 लाख लोगों को और अगस्त में लगभग 16 लाख प्रवासी व्यक्तियों को सफलतापूर्वक ये अनाज वितरित किया गया जो राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की ओर से अनुमानित 2.8 करोड़ लाभार्थियों का 95 प्रतिशत रहा। 

    लगभग 17 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश जो अपने आकलन के अनुरूप 80 प्रतिशत या उससे अधिक खाद्यान्न का उपयोग करने में सक्षम रहे उनमें केन्द्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूहजम्मू कश्मीरपुडुचेरीचंडीगढ़बिहार,  हरियाणाहिमाचल प्रदेशमध्य प्रदेशमहाराष्ट्रमेघालयमिजोरमनागालैंड,  राजस्थानसिक्किमउत्तर प्रदेशउत्तराखंड और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। 

  • उर्वरक विभाग, 1 से 15 सितंबर, 2020 तक स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है

    केंद्रीय उर्वरक विभाग 1 से 15 सितंबर, 2020 तक स्वच्छता पखवाड़ा मना रहा है। विभाग के अंतर्गत आने वाले सभी सार्वजनिक उपक्रम और अन्य संगठन बड़े पैमाने पर स्वच्छता अभियान में भाग ले रहे हैं।

    केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा ने एक ट्वीट में कहा कि कोविड-19 महामारी के प्रकोप को देखते हुए इस साल स्वच्छता पखवाड़ा और भी महत्वपूर्ण हो गया है। 

    श्री गौड़ा ने कहा कि संपूर्ण उर्वरक उद्योगडीलरों और व्यापारियों के प्रयासों से देश की स्वच्छता में सकारात्मक परिणाम दिखाई देंगे।

    मंत्री ने विभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की उनके प्रयासों के लिए सराहना की और स्वच्छता पखवाड़ा को सफल बनाने के लिए शुभकामनाएं दीं।

    सचिव (उर्वरक) श्री छबीलेंद्र राउल ने आज स्वच्छता की शपथ दिलाई। विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने शपथ ली। 

  • आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर ऑस्‍ट्रेलिया-भारत-जापान के मंत्रियों की बैठक;

    वाणिज्य और उद्योग मंत्री,  पीयूष गोयल, ऑस्ट्रेलिया के व्यापार, पर्यटन और निवेश मंत्री, सीनेटर श्री साइमन बर्मिंघम, और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्री, श्री काजीयामा हिरोशी ने आज एक मंत्रिस्‍तरीय वीडियो कॉन्‍फ्रेंस की।

    इन मंत्रियों ने एक स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी, गैर-भेदभावपूर्ण, पारदर्शी, पूर्वानुमानित और स्थिर व्यापार और निवेश वातावरण प्रदान करने और अपने बाजारों को खुला रखने के मार्गदर्शन के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। कोविड​​-19 संकट और आर्थिक और तकनीकी परिदृश्य में हाल में वैश्विक स्तर पर आए बदलावों के मद्देनजर, इन मंत्रियों ने इंडो पेसेफिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने की आवश्यकता और संभावना पर बल दिया।

    इंडो पेसेफिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखला के लचीलेपन पर क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता को स्वीकार करते हुए, मंत्रियों ने इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए सहयोग के जरिये एक नई पहल करने की दिशा में काम करने का अपना इरादा साझा किया। उन्होंने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस वर्ष के अंत में  नई पहल की विस्‍तृत योजना पर तेजी से काम करें। मंत्रियों ने उद्देश्य को साकार करने में व्यापार और शिक्षा की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। मंत्रियों ने उपर्युक्त विचारों को साझा करने वाले इस क्षेत्र के अन्य देशों का आह्वान किया कि वे पहल में शामिल हों।

    त्रिपक्षीय बैठक को संबोधित करते हुए, श्री पीयूष गोयल ने कहा कि कोविड परिदृश्य के बाद से अधिक उपयुक्त समय पर नहीं हो सकता था, जब इंडो पेसेफिक क्षेत्र में आपूर्ति श्रृंखलाओं के फिर से शुरू होने की संभावना है और हमारे लिए पहल करना उचित है। उन्होंने कहा कि मई 2020 में, भारत के माननीय प्रधानमंत्री ने जोर देकर कहा था कि समय की मांग है कि भारत आपूर्ति श्रृंखलाओं में एक बड़ी भूमिका निभाए।

    इस पहल पर,  गोयल ने कहा कि “भारत पूरी तरह से भारत-प्रशांत क्षेत्र में मजबूत, भरोसेमंद और विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला सुनिश्चित करने की दिशा में काम करने की व्यापक अवधारणा का समर्थन करता है। मूल्य अस्थिरता को नियंत्रित करने सहित आदानों की आपूर्ति से जुड़े जोखिमों के प्रबंधन के लिए आपूर्ति श्रृंखला का विविधीकरण महत्वपूर्ण है। हम विश्वसनीय दीर्घकालिक आपूर्ति और उपयुक्त क्षमता का एक नेटवर्क बनाकर क्षेत्र में मूल्य श्रृंखलाओं को जोड़ने के लिए मुख्य मार्ग प्रदान कर सकते हैं।”

    मंत्री ने कहा कि यह पहल क्षेत्रों की प्रतिस्पर्धा में सुधार करने पर भी ध्यान देती है। “इसके लिए, हमें विनिर्माण और सेवा क्षेत्रों की पहचान करने की आवश्यकता हो सकती है जो इस क्षेत्र में घरेलू मूल्य संवर्धन में सबसे अधिक योगदान करते हैं। हम आपूर्ति श्रृंखलाओं के लचीलेपन को बढ़ाने के लिए सूचीबद्ध विशिष्ट गतिविधियों की आवश्यकता का समर्थन करते हैं, जिसमें व्यापार और निवेश को बढ़ावा देने और उत्पादन आधार के विविधीकरण वाले कार्य शामिल हैं।” उन्होंने कहा कि व्यापार की प्रक्रिया का डिजिटलीकरण व्यापार की सुविधा के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है और जिससे आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन बना रहता है। कोविड संकट के दौरान यह स्पष्ट था जब कई नियामक एजेंसियां वास्‍तविक रूप से काम नहीं कर रही थीं। उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है कि हम सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को अपनाने के माध्यम से सरलीकरण पर अपनी गति बनाए रखें, जो हमारी क्षमताओं के अनुरूप हों।"

    इच्छुक देशों द्वारा भागीदारी के संदर्भ में,  गोयल ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि हम क्षेत्र की आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए विश्वसनीय और भरोसेमंद आपूर्तिकर्ता होने के संदर्भ में समान विचारधारा वाले देशों को देखें। बाजारोन्मुख नीतियों, जनसांख्यिकी, विकास की क्षमता, मौजूदा वित्तीय बोझ और भू-राजनीतिक रणनीति सहित कुछ अन्य प्रमुख मापदंडों को देखा जा सकता है।

    ऑस्ट्रेलिया, भारत और जापान को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण प्रतिस्‍पर्धी बताते हुए,  गोयल ने कहा कि 2019 के दौरान, संचयी सकल घरेलू उत्पाद $ 9.3 ट्रिलियन था जबकि संचयी व्यापारिक वस्‍तु और सेवा व्यापार क्रमशः 2.7 ट्रिलियन डॉलर और 0.9 ट्रिलियन डॉलर था। वाणिज्‍य और उद्योग मंत्री ने कहा, "इस तरह की मजबूत आधार रेखा के साथ, यह महत्वपूर्ण है कि हम इस अवसर का उपयोग इस क्षेत्र में अपने व्यापार और निवेश के हिस्से को बढ़ाने के लिए करें।"

    इन देशों के बीच व्यापार के विस्तार की आवश्यकता पर जोर देते हुए, श्री गोयल ने कहा कि जापान के साथ, यह देखा गया है कि कई विशिष्ट उत्पादों में, हमारा वैश्विक निर्यात और जापानी वैश्विक आयात शून्य तरजीही शुल्कों के साथ उच्च होने के बावजूद, भारत से खरीद सीमित थी। यह कई क्षेत्रों जैसे कि स्टील, समुद्री उत्पाद, प्रसंस्कृत कृषि, कृषि-रसायन, प्लास्टिक, कालीन, कपड़े, जूते इत्यादि में कटौती करता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित पहल स्पष्ट रूप से इसे पाटने और आपसी व्यापार को बढ़ाने की दिशा में की जाएगी।

    आत्मनिर्भर होने की नीति पर आधारित भारत के आर्थिक विस्तार के बारे में बात करते हुए, श्री गोयल ने कहा कि नीति भारत को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के इरादे से बनाई गई है, ताकि बढ़ी हुई क्षमताओं के साथ भारत आर्थिक दृष्टि से मजबूत बने और आपूर्ति श्रृंखलाओं में लचीलापन सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा कि दुनिया को एक परिवार के रूप में मानने की अपनी परंपरा में, भारत ने कोविड संकट के दौरान महत्वपूर्ण चिकित्सा उत्पादों की आपूर्ति के लिए निर्यात उपायों के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जो कि समान वितरण सुनिश्चित करने के लिए रखी गई हैं।  गोयल ने कहा,“इन सभी उपायों से एक भागीदार के रूप में हमारी विश्वसनीयता और भरोसे का संकेत मिलता है और मुझे यकीन है कि यह एक महत्वपूर्ण मानदंड है क्योंकि हम आपूर्ति श्रृंखलाओं का लचीलापन सुनिश्चित करने के लिए नई पहल करने का साहस करते हैं। यदि हम इसके पदचिह्न का विस्तार करना चाहते हैं तो पारदर्शिता और विश्वास को हमारी पहल की पहचान बनना चाहिए। हम दृढ़ता से मानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया और जापान हमारे संयुक्त प्रयास में हमारे लिए महत्वपूर्ण साझेदार हैं ”। 

  • ‘गरीब कल्याण रोजगार अभियान’ आजीविका के अवसर देकर ग्रामीणों को बना रहा है सशक्त - लाभार्थियों की सफलता की गाथाएं

    गरीब कल्याण रोजगार अभियान (जीकेआरए) का शुभारंभ कोविड -19 के प्रकोप के मद्देनजर किया गया है, ताकि इसके कारण विवश होकर अपने-अपने गांव लौट चुके प्रवासी श्रमिकों के साथ-साथ इसी तरह से प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिए भी रोजगार और आजीविका के अवसरों को बढ़ावा दिया जा सके। इस अभियान को एक मिशन के रूप में चलाया जा रहा है। यह अभियान दरअसल उन प्रवासी श्रमिकों को रोजगार प्रदान करने के लिए चलाया जा रहा है जो 6 राज्यों यथा बिहारझारखंडमध्य प्रदेशओडिशाराजस्थान और उत्तर प्रदेश के अपने-अपने मूल गांवों में वापस लौट आए हैं। यह अभियान अब इन राज्यों के 116 जिलों में ग्रामीणों को आजीविका के अवसर देकर उन्‍हें सशक्त बना रहा है।

    अब तक इस अभियान की सफलता को 12 मंत्रालयों/विभागों और राज्य सरकारों के सामंजस्‍यपूर्ण प्रयासों के रूप में देखा जा सकता हैजो प्रवासी श्रमिकों और ग्रामीण समुदायों को व्‍यापक लाभ प्रदान कर रहे हैं। लाभार्थियों की सफलता की दो गाथाएं यहां दी गई हैंजिनके घरों का निर्माण गरीब कल्याण रोजगार अभियान के तहत किया गया है।

    कोविड-19 के दौरानजब पूरे देश में पूर्ण लॉकडाउन लागू थाशशि बारिक ने अपना घर बनाने का फैसला कियाजिसे ‘पीएमएवाई-जी’ के तहत मंजूरी दी गई थी। अधिकारियों ने अप्रत्याशित लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए निर्माण सामग्री और श्रमिकों या कामगारों को इकट्ठा करने के लिए हरसंभव प्रयास किए। इसके परिणामस्वरूपशशि ने पहली किस्त प्राप्त करने के एक माह के भीतर ही हर दृष्टि से अपने घर का निर्माण पूरा कर लिया।

    80 वर्षीया विधवा शशि बारिक ने कहा, ‘अब हम खुशीपूर्वक सीमेंट कंक्रीट से बने घर में रह रहे हैं। पक्के मकान बनाने के लिए हम जैसे गरीब परिवारों को आवश्‍यक सहयोग देने के लिए सरकार को धन्यवाद। अब मैं इस घर की स्वामिनी हूं जिसका मुझे गर्व है।’ शशि बारिक इससे पहले बलांगीर जिले के लोईसिंघा ब्लॉक के तहत हीरापुर ग्राम पंचायत के तेभादुंगुरी गांव में एक जीर्ण-शीर्ण घर में रह रही थी।

    उसका बेटा दिहाड़ी मजदूर है। अपनी छोटी कमाई की बदौलत वे अपने 5 सदस्यीय परिवार के लिए प्रतिदिन दो वक्‍त के भोजन का इंतजाम करने में सक्षम हैं। एक पक्का घर हमेशा उनके लिए महज सपना ही था। हालांकिसरकार ने पक्का घर बनाने के लिए ग्रामीण आवास योजना के तहत 130,000 रुपये की वित्तीय सहायता देकर उन्‍हें आवश्‍यक सहयोग दिया है। घर का निर्माण जल्दी पूरा करने के लिए शशि को सरकार से 20,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि प्राप्त होगी।

     

  • सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला...उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर की शिवलिंग पर अब नहीं चढ़ा पाएंगे पंचामृत

    नई दिल्ली। मध्य प्रदेश  के उज्जैन  महाकाल मंदिर में अब श्रद्धालु ज्योतिर्लिंग  को नहीं रगड़ सकेंगे। वहां पर दूध चढ़ाने की अनुमति भी सीमित मात्रा में और कुछ ही लोगों को मिलेगी। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अपना अहम फैसला दे दिया। जिसमें शिवलिंग  को क्षरण से बचाव के लिए तमाम आदेश पारित किए। अदालत ने कहा है कि मंदिर के शिवलिंग पर कोई भी भक्त पंचामृत नहीं चढ़ाएगा, बल्कि वह शुद्ध दूध से पूजा करेंगे। अदालत ने मंदिर कमिटी से कहा है कि वह भक्तों के लिए शुद्ध दूध का इंतजाम करेंगे और ये सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी अशुद्ध दूध शिवलिंग पर न चढ़ाएं।

    सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर के शिवलिंग के संरक्षण के लिए तमाम आदेश पारित किए हैं। जस्टिस अरुण मिश्रा की अगुवाई वाली बेंच ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर मामले में फैसला सुनाया। जस्टिस अरुण मिश्रा ने अपने कार्यकाल के आखिर में ये फैसला सुनाया। फैसला सुनाते हुए जस्टिस मिश्रा ने कहा कि भगवान शिव की कृपा से ये आखिरी फैसला भी हो गया।सुप्रीम कोर्ट ने शिवलिंग को क्षरण से बचाने और संरक्षित करने केलिए तमाम आदेश पारित किया है। इसके तहत कहा गया है कि कोई भी भक्त शिवलिंग पर किसी भी पंचामृत आदि से लेप न करें। भस्म आरती को बेहतर किया जाए ताकि पीएच वैल्यू सही हो और शिवलिंग संरक्षित रहेें। इसके लिए बेहतर से बेहतर तरीका अपनाया जाए। शिवलिंग पर मुंडमाल का भार कम किया जाए। इस बात पर विचार किया जाए कि क्या मेटल वाला मुंडमाल अनिवार्य है।

    दही, घी के लेपन से खराब हो रही शिवलिंग

    अदालत ने कहा कि दही, घी और मधु लेपने (रब) करने के कारण शिविलिंग का घिसाव व क्षरण हो रहा है। ये सही होगा कि सीमित मात्रा में शुद्ध दूध शिवलिंग पर चढ़ाया जाए। परंपरागत पूजा सिर्फ शुद्ध वस्तुओं से होती रही है। पुजारी व पंडित इस बात को सुनिश्चित करें कि कोई भी भक्त शिवलिंग को किसी भी हाल में न लेपें। अगर कोई भी भक्त ऐसा करता पाया जाता है तो पुजारी की जिम्मेदारी होगी। कोई भी भक्त शिवलिंग को लेपेगा या मलेगा नहीं बल्कि मंदिर द्वारा परंपरागत पूजा होगी। गर्भगृह में पूजा स्थल की 24 घंटे रेकॉर्डिंग की जाएगी और छह महीने तक रेकॉर्डिंग को संरक्षित किया जाएगा। कोई भी पुजारी इस मामले में आदेश का उल्लंघन करते हैं तो मंदिर कमिटी एक्शन ले सकती है। कोई भी भक्त पंचामृत नहीं चढ़ाएंगे बल्कि मंदिर द्वारा परंपरागत पूजा में इसका इस्तेमाल हो सकता है। मंदिर कमिटी शुद्ध दूध का अपने श्रोत से इंतजाम करेंगे, ताकि वह दूध भक्त शिवलिंग पर चढ़ाएं और कमिटी सुनिश्चित करे कि अशुद्ध दूध शिवलिंग पर न चढ़ाया जाए।

    मंदिर के स्ट्रक्चर को लेकर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश

    अदालत ने रुड़की सीबीआरआई से कहा है कि वह मंदिर के स्ट्रक्चर के बारे में अपनी रिपोर्ट पेश करें। उज्जैन के एसपी और कलेक्टर से कहा गया है कि वह मंदिर के 500 मीटर के दायरे में अतिक्रमण हटाएं। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में आर्कियोलजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के एक्सपर्ट कमिटी से सुझाव मांगे थे कि कैसे मंदिर के स्ट्रक्चर और शिवलिंग के क्षरण को रोका जाए और शिवलिंग को संरक्षित किया जाए। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस अरुण मिश्रा की बेंच ने अपने फैसले में कहा कि मंदिर की एक्सपर्ट कमिटी को निर्देश दिया जाता है कि वह मंदिर के बारे में 15 दिसंबर 2020 तक रिपोर्ट पेश करें कि किस तरह से मंदिर के शिवलिंग को प्रोटेक्ट किया जा सके और मंदिर के स्ट्रक्चर को संरक्षित किया जा सके। अदालत ने कहा कि कमिटी सलाना सर्वे रिपोर्ट पेश करे।