National News
  • मॉल में खुली शराब की पहली दुकान-नई नीति के तहत दुकान खोलने की मंजूरी

    यूपी सरकार ने लाइसेंस व्यवस्थापन नियमावली 2020 को लागू किया है. ताजनगरी आगरा के एक मॉल में प्रदेश की पहली अंग्रेजी शराब की दुकान खुल गई है.

    आगरा, नितिन उपाध्याय: आगरा में अब आप किसी कपड़े के शोरूम की तरह अपनी मन पसन्द शराब को भी देखकर परखकर आराम से खरीद सकेंगे क्योंकि बदली हुई आबकारी नीति के हिसाब से कोरोना वायरस संक्रमण के बीच ताजनगरी के एक मॉल में प्रदेश की पहली अंग्रेजी शराब की दुकान खुल गई है. यहां शौकीन अपनी पसंद की शराब खरीद सकेंगे. महंगी अंग्रेजी शराब के साथ बीयर भी होगी.

     

    लाइसेंस व्यवस्थापन नियमावली 2020 लागू
    प्रदेश सरकार ने लाइसेंस व्यवस्थापन नियमावली 2020 को लागू किया है. इसके तहत शॉपिंग मॉल्स में शराब की दुकानें खुल सकती हैं. मॉल्स में खरीदारी के लिए लोग अधिक आते हैं, जिसे देखते हुए मॉल्स में अंग्रेजी शराब की दुकानों का लाइसेंस निर्गत करने का निर्णय लिया गया.

     

    आबकारी विभाग को मिलेगा राजस्व
    प्रदेश का पहला लाइसेंस फतेहाबाद रोड स्थित टीडीआइ मॉल के लिए जारी हुआ है, जहां अंग्रेजी शराब की दुकान खुल गई है. आबकारी विभाग को 12 लाख रुपये सालाना का राजस्व मिलेगा. पहला लाइसेंस पाने वाले अरुण कुमार राय हैं, जो पहले से ही होटल व्यवसाय से जुड़े हैं.

     

    बैठाकर नहीं पिला सकेंगे शराब
    प्रीमियम रिटेल बैंड में शराब पिलाने की कोई व्यवस्था नहीं है. अगर कोई शौकीन शराब पीते हुए पकड़ा जाता है तो इसके लिए संचालक को दोषी मानते हुए कार्रवाई की जाएगी.

     

    इन ब्रांड्स की मिली है अनुमति

     

    - आयातित विदेशी शराब के सभी ब्रांड.
    - देश में निर्मित विदेशी शराब के स्कॉच और इससे उच्च श्रेणी के ब्रांड.
    - वोदका, रम के सात सौ रुपये से अधिक कीमत के फुटकर ब्रांड.
    - 160 रुपये या इससे अधिक प्रति 500 एमएल केन वाली बीयर.

     

    लाइसेंस की शर्त

     

    - मॉल दस हजार स्क्वायर फीट का क्षेत्रफल होना चाहिए.
    - एक दुकान 500 स्क्वायर फीट की होनी चाहिए.

  • गार्डन में सो रही महिला के मुँह में घुसा 4 फीट लंबा सांप...जानिए डॉक्टरों ने कैसे बचाई जान

    मॉस्को(रूस)। शायद आपको यह वाक्या सुनने में थोड़ा अजीब लग रहा होगा लेकिन रूस के दागेस्तान में एक महिला के मुँह को बिल समझ एक सांप उसमें जा घुसा। दरअसल एक महिला अपने घर के गार्डन में जमीन पर लेटे हुए आराम फरमा रही थी और उसकी आँख लग गयी। जब वह सो रही थी उसकी मुँह खुली रह गयी थी और फिर क्या गार्डन में विचरण कर रहा सांप महिला के मुँह को बिल समझ उसमें प्रवेश कर गया। लोगों ने बताया की वह सांप लगभग 4 फीट लंबा था।

    महिला जब तक कुछ समझ पाती तब तक वह सांप महिला के मुँह से होते हुए उसके शरीर में प्रवेश कर चुका था। सांप के अंदर फंस जाने की वजह से महिला को सांस लेने में दिक्कत होने लगी, महिला की हालत बिगड़ता देख परिजनों द्वारा तुरंत उसे नजदीकी अस्पताल पहुंचाया गया।

    यहांं डॉक्टरों ने जब मामले को सुना तो वो भी हैरान रह गए। डॉक्टरों ने तुरंंत महिला को बेहोश किया। इसके बाद महिला के गले में वीडियो कैमरा और ट्यूब डाला, ताकि देख सकें कि सांप शरीर में कितना अंदर तक घुसा है। हैरानी की बात तो ये है कि डॉक्टरों ने उसी ट्यूब से सांप के एक हिस्से को पकड़ लिया। इसके बाद डॉक्टरों ने सांप को बाहर निकाला।

    डॉक्टरों ने जब सांप को बाहर निकाला तब वहाँ मौजूद सारे लोग उस सांप को देखकर दंग रह गए। प्राप्त जानकारी के अनुसार महिला अभी बिल्कुल सुरक्षित है और जीवित भी है।

  • डॉ. हर्षवर्धन ने स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक के साथ डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद किया

    केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक डॉ. लुसिया दितियू के साथ डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद किया।

    केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के समय में भी भारत सरकार के लिए तपेदिक का उन्मूलन एक प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि सरकार त्वरित मोलेक्यूलर जांचोंके जरिये निशुल्क डाग्नोसिस की सुविधा को बढ़ानेदवा प्रतिरोधन पर जानकारी उपलब्ध कराने और रोगियों को सर्वश्रेष्ठ गुणवत्ता की दवाएं एवं रेजीमेंट्सवित्तीय एवं पोषण संबंधी सहायता के साथ सभी लोगों के लिए निशुल्क उपचार के लिए प्रतिबद्ध है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार अधिसूचना एवं अनुपालन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग तथा निजी क्षेत्र की संलिप्तता को सुदृढ़ करने के लिए गैर सरकारी एजेन्सियों के साथ संयोजन बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।

    डॉ. हर्षवर्धन ने जोर देकर कहा कि हालांकि भारत पिछले आठ महीनों से कोविड महामारी के साथ लड़ रहा हैलेकिन यह सुनिश्चित किया गया है कि सभी राज्यों में स्वास्थ्य विभाग एवं स्वास्थ्य कर्मचारी 2025 तक तपेदिक के उन्मूलन के टार्गेट को लगातार याद रखें रहें। उन्होंने कहा कि कोविड से लड़ने के मोर्चे पर हमारे प्रयासों के जरियेहमने विश्व के सामने यह प्रदर्शित कर दिया है कि भारत अन्य देशों के लिए एक रोल मॉडल बन सकता है जैसाकि हमने मास्कों एवं पीपीई किट्स के घरेलू विनिर्माण के लिहाज से आत्म निर्भरता अर्जित कर ली है।

    डॉ. हर्षवर्धन ने डिजिटल तरीके से परस्पर संवाद के दौरान कहा कि ‘ माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दिशा निर्देश में भारत ने 2030 के टिकाऊ विकास लक्ष्य (एसडीजी) के लक्ष्य से पांच वर्ष पहले ही, 2025 तक भारत में तपेदिक को खत्म करने को उच्च प्राथमिकता प्रदान की है और तपेदिक मुक्त विश्व के लिए एक नेता के रूप में आगे की ओर कदम बढ़ाया है। ‘ उन्होंने जोर देकर कहा कि हाल के वर्षों मेंभारत ने प्रभावी और महत्वाकांक्षी नीतियों एवं योजनाओं के साथ तपेदिक मुक्त विश्व के लिए खुद को एक नेता के रूप में प्रदर्शित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाये हैं।

  • राहुल गांधी का मोदी सरकार पर प्रहार, नोटबंदी को बताया गरीब-मजदूर पर आक्रमण

    नई दिल्ली। गुरुवार को कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक वीडियो ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने अपने इस वीडियो में नोटबंदी को लेकर बात की है और समझाने की कोशिश की है कि आखिर नोटबंदी से किसको फायदा हुआ और किसको नुकसान। उन्होंने अपने वीडियो में कहा है कि, नोटबंदी की वजह से देश असंगठित अर्थव्यवस्था को चोट पहुंची है।

    Notbandi

     

    कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि नोटबंदी हिंदुस्तान के गरीब-किसान-मजदूर पर आक्रमण था। 8 नवंबर की रात 8 बजे पीएम मोदी ने 500-1000 के नोट बंद कर दिए जिसके बाद पूरा देश बैंक के सामने जाकर खड़ा हो गया। राहुल ने पूछा कि क्या इससे काला धन मिटा? क्या लोगों को इससे फायदा हुआ? दोनों का जवाब नहीं है।

    Rahul Gandhi tweet video

    कांग्रेस नेता राहुल ने आरोप लगाया कि नोटबंदी से सिर्फ अमीरों को फायदा मिला, आपका पैसा घरों से निकालकर उसका प्रयोग अमीर लोगों का कर्ज माफ कर दिया गया। राहुल बोले कि इसका दूसरा मकसद था वो जमीन साफ करने का था। देश का असंगठित क्षेत्र कैश पर काम करता है, नोटबंदी से कैशलेस इंडिया चाहते थे, अगर ऐसा होगा तो ये क्षेत्र ही खत्म हो जाएगा। इसलिए इसकी वजह से किसान, मजदूर, छोटे कारोबारियों को इससे नुकसान हुआ।

  • चीन से तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख नरवणे, जमीनी हालात की लेंगे जानकारी

    सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह की स्थिति का जायजा लेने दो दिवसीय दौरे पर हैं. वरिष्ठ फील्ड कमांडर उन्हें वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के जमीनी हालात की जानकारी देंगे.

    नई दिल्ली: सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे लेह की स्थिति का जायजा लेने के लिए आज लद्दाख के दौरे पर हैं. चीन के साथ बढ़े सीमा तनाव के बीच लद्दाख पहुंचे सेना प्रमुख फील्ड कमांडरों के साथ तैनाती और तैयारियों की समीक्षा करेंगे, एलएसी पर रणीतिक ढांचागत परियोजनाओं का भी करेंगे रिव्यू. अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सेना प्रमुख सैनिकों की ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे.

     

    पैंगॉन्ग त्सो पर अनिर्णायक रही भारत और चीन की वार्ता
    भारत और चीन के बीच बुधवार को हुई सैन्य वार्ता में कोई समाधान नहीं निकल सका है. सूत्रों ने कहा कि दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच बातचीत जारी रहेगी. चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों कीओर से भारतीय क्षेत्र में हालिया घुसपैठ के प्रयासों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव और भी बढ़ गया है, जिसे खत्म करने के लिए सैन्य वार्ता की जा रही है.

     

    पूर्वी लद्दाख में पैंगॉन्ग त्सो (झील) में यथास्थिति को बदलने के प्रयास में चीन द्वारा भड़काऊ सैन्य हरकतों के बाद, दोनों देश पिछले तीन दिनों से बातचीत में लगे हुए हैं. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, "दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर स्तर के अधिकारियों ने चुशुल में मुलाकात की."

     

    बता दें, 31 अगस्त को चीनी सैनिकों ने उकसावे वाली कार्रवाई की थी, क्योंकि भारतीय सैनिकों ने इससे पहले पीएलए द्वारा जमीन पर कब्जा जमाने वाले मंसूबों को विफल करने के लिए वहां के ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर पहुंच स्थापित कर ली थी. 29 और 30 अगस्त की रात को पीएलए के सैनिकों ने पहले हुई सहमति का उल्लंघन किया. जबकि पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध के दौरान हुई सैन्य वार्ता में सहमति व्यक्त की गई थी कि किसी भी देश की सेना दूसरे के क्षेत्र में नहीं जाएगी और उकसावे वाली कार्रवाई नहीं करेगी.

  • केन्‍द्रीय मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा, मिशन कर्मयोगी का उद्देश्‍य आम आदमी का ‘जीवन सुगम बनाना’

    केन्‍द्रीय पूर्वोत्‍तर क्षेत्र विकास (डोनर) राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार)प्रधानमंत्री कार्यालय,कार्मिकलोक शिकायतपेंशनपरमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्‍य मंत्री डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल का मिशन कर्मयोगी कार्यक्रम लोक सेवा क्षमता निर्माण का एक राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीएससीबी) है जो नए भारत के नये भविष्य को तैयार करने के लिए सिविल सर्विस को बनाने में बेहद सफल होगा। मीडिया को जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह वास्तविक कर्मयोगी के रूप में सिविल सेवाओं को साकार रूप में रखने का एक प्रयास है जो भविष्य की चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए सृजनात्मकरचनात्मकप्रो-एक्टिव और तकनीकी रूप से सशक्त है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कोष्‍ठागारों (साइलो) में काम करने की संस्कृति को समाप्त करना और प्रशिक्षण मॉड्यूल की बहुलता पर काबू पाना भी है।

    डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री  नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में पिछले छह वर्षों के दौरान शासन में क्रांतिकारी सुधार लाए गए। उन्होंने कहा19 अगस्‍त 2020 को ऐतिहासि कराष्ट्रीय भर्ती एजेंसी के पारित होने के बादमिशन कर्मयोगी गहराई और प्रसार के मामले में दुनिया में सबसे बड़ा सिविल सर्विस सुधार साबित होगा। उन्होंने कहा कि सभी सेवाओं में सभी भाषाओं में सभी स्तरों पर करियर के मध्‍य में प्रशिक्षण उपलब्ध होगाजो भारत सरकार के सभी स्तरों पर सेवाएं पेशेवर तरीके से प्रदान करने में मदद करेगा।

     

    http://164.100.117.97/WriteReadData/userfiles/image/image002WBRZ.jpg

    डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने कहानियम विशेष से लेकर भूमिका विशिष्टसंस्थागत क्षमता निर्माण प्रशिक्षणकौशल का निरंतर उन्नयनसाइलो में काम करने की संस्कृति को समाप्त करना इस सुधार प्रक्रिया की कुछ प्रमुख विशेषताएं हैं।

    केन्‍द्रीय मंत्री ने कहा कि मिशन कर्मयोगी का अंतिम उद्देश्य आम आदमी का "जीवन आसान बनाना", "व्‍यवसाय को सुगम बनाना" और नागरिकों को केन्‍द्र में रखना सुनिश्चित करना है जो सरकार और नागरिकों के बीच की खाई को कम कर रहा है।  जितेन्‍द्र सिंह ने बताया कि नियुक्ति अधिकारियों के पास सही कार्य के लिए सही उम्मीदवार चुनने के लिए तैयार डेटा उपलब्ध होगा। इसके अलावाशासन में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए वास्तविक समय मूल्यांकन एक लंबा रास्ता तय करेगा।

     

     

  • भारत कोविड की सबसे कम मृत्यु दर वाले देशों से एक है, यहां मृत्यु दर 1.76 प्रतिशत के साथ और भी कम होती जा रही है

    भारत दुनिया के उन चंद देशों में से एक है जहां कोविड-19 से होने वाली मृत्यु दर काफी कम है। देश में यह दर 1.76 प्रतिशत है जबकि वैश्विक स्तर पर यह 3.3 प्रतिशत है।

    भारत में प्रति दस लाख आबादी पर कोविड से मरने वालों की संख्या दुनिया में सबसे कम है ज​बकि इसका वैश्विक औसत प्रति दस लाख आबादी पर 110 है। देश में इस समय प्रति दस लाख आबादी पर कोविड से मरने वालों की संख्या 48 रह गई है जबकि ब्राजील और ब्रिटेन में यह आंकड़ा प्रति दस लाख आबादी पर  क्रमश 12 और 13 गुना अधिक है।

    कोविड प्रबंधन और रोग से निबटने के लिए तैयार की गई नीति के तहत केंद्र सरकार कोविड से होने वाली मौत के मामलों को कम करने के लिए कोविड के गंभीर रोगियों को गुणवत्ता युक्त नैदानिक ​​देखभाल प्रदान करके उनका जीवन  बचाने पर पूरा ध्यान केंद्रित कर रही है । केन्द्र के साथ राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश की सरकारों के सहयोगात्मक प्रयासों के परिणामस्वरूप देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं काफी बेहतर हुई हैं। देश में इस समय 1578 कोविड समर्पित अस्पताल​रोगियों को गुणवत्ता युक्त चिकित्सा देखभाल प्रदान कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने नैदानिक उपचार प्रोटोकोल के तहत अस्पतालों के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए हैं।

    कोविड के गंभीर रोगियों के नैदानिक ​​प्रबंधन के मामले में आईसीयू में तैनात डॉक्टरों की क्षमता बढ़ाने की एक अनूठी पहल, के तहत ई-आईसीयू की शुरुआत नई दिल्ली स्थित एम्स अस्पताल की ओर से की गई है। इसके तहत सप्ताह में दो बार, मंगलवार और शुक्रवार को, सरकारी अस्पतालों में आईसीयू में तैनात डॉक्टरों के लिए डोमेन विशेषज्ञों द्वारा टेली / वीडियो-कॉन्फ्रेंस सत्र आयोजित किए जाते हैं। ये सत्र 8 जुलाई 2020 से शुरू हुआ है।

    अब तक, 17 टेली-सत्र आयोजित किए गए हैं, जिनमें 204 संस्थानों ने भाग लिया है।

    गंभीर रोगियों के उपचार के लिए डॉक्टरों की आईसीयू / नैदानिक ​​प्रबंधन क्षमता को और बढ़ाने के लिए, स्वास्थ्य मंत्रालय के सहयोग से एम्स नई दिल्ली ने उपचार को लेकर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की एक सूची तैयार की है जिन्हें स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है।

    इसे https://www.mohfw.gov.in/pdf/AIIMSeICUsFAQs01SEP.pdf पर देखा जा सकता है :

    ये अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों की  प्रकृति काफी डायनेमिक है। इसे आईसीयू में कोविड के गंभीर रोगियों की नैदानिक देखभाल के दौरान मिले अनुभवों के आधार पर तैयार किया गया है। उपचार के दौरान ​डाक्टरों के समक्ष नित नई चुनौतियां पैदा होती रहती हैं जिनका निदान उन्हें करना पड़ता है, ऐसे में प्रश्नों की यह सूची उनका ज्ञानवर्धन करने तथा उन्हें नई जानकारियों उपलब्ध कराने में काफी मददगार होगी।

    कोविड-19 के बारे में अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों को लेकर नई दिल्ली के एम्स द्वारा ई-आईसीयू के नाम से तैयार प्रश्नों की सूची :

    1. क्या हम हाईड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को रोग निरोधक के रूप में स्वास्थ्य कर्मियों को दे सकते हैं ?

    हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (एचसीक्यू) को स्वास्थ्य सेवा कर्मियों तथा उच्च जोखिम वाले संपर्कों की स्थिति में निर्विवाद रूप से रोगनिरोधक के रूप में देने की सलाह दी गई है। पर कोविड के संक्रमण से बचाव के लिए पीपीई सूट तथा अन्य उपाय भी इसके साथ करने जरुरी हैं।

    1. क्या आइवरमेक्टिन का इस्तेमाल कोविड के रोगियों के लिए किया जा सकता है ?

    आइवरमेक्टिन को सार्स सीओवी2 की प्रकृति वाले रोग के लिए एक प्रबल अवरोधक के रूप में पाया गया है, लेकिन इसका प्रभाव सही रूप में हो सके इसके लिए इसकी आवश्यक खुराक सामान्य खुराक से अधिक है। ऐसे में वर्तमान में यह कोविड के उपचार के लिए जारी किए गए राष्ट्रीय दिशानिर्देशों में अनुशंसित नहीं है, लेकिन इसे उन रोगियों को दिया जा सकता है जिन्हें इलाज के रूप में अपरिहार्य रूप से एचसीक्यू दिये जाने की सलाह दी गई है।

    1. क्या उपचार के बाद ठीक होकर अस्पताल से जा चुके मरीजों को खून के थक्के जमने से बचाव करने वाली दवा बाद में भी दी जाती रहनी चाहिए ?

    हमारे अनुभव के हिसाब से कोविड से ठीक होकर जा चुके मरीजों में ऐसी कोई जटिलता नहीं देखी गई है। क्योंकि उपचार के दौरान ऐसे लक्षणों पर नियंत्रण पा लिया जाता है इसलिए जब मरीज को अस्पताल से छुट्टी दे दी जाती है तो ऐसी परेशानी होने का खतरा भी कम हो जाता है। इसलिए हमलोग ऐसे मरीजों को खून के थक्के जमा होने से बचाव वाली कोई दवा देन की सलाह नहीं देते हैं जब​ तक कि उन्हें आगे डीवीटी या प्रोस्थेटिक सर्जरी आदि की सलाह नहीं दी गई होती है। 

    1. कोविड से अचानक होन वाली मृत्यु ?

    आपातकालीन विभाग मे लाए जाने के साथ ही या फिर अस्पताल में उपचार के दौरान अचानक कोविड से मौत होने की घटनाएं सामने आयी हैं। ऐसा  थ्रोम्बोटिक जटिलता, अचानक दिल का दौरा पड़ने या फिर उपचार के दौरान सुशुप्त हाइपोक्सिया की अनदेखी हो जाने की वजह से होता है। इसलिए पहले से सीएडी या फेफड़ों की गंभीर बीमारी से पीड़ित कोविड रोगियों की कड़ाई से निगरानी की जानी चाहिए। उन्हें अकेले कहीं आने जाने नहीं दिया जाना चाहिए। जिन रोगियों में रक्तस्राव का कोई जोखिम नहीं है उन्हें भी उपचार के दौरान खून के थक्के जमने से रोकने वाली दवा दी जानी चाहिए।

    1. मिथाइल प्रेडनिसोलोन बनाम डेक्सामेथासोन ?

    कॉरटीकोस्टेराय्ड लवण होने के संकेत कोविड के हल्के या गंभीर मरीजों में पाए जाते हैं। ऐसे में इन मरीजों के उपचार के लिए किए गए परीक्षणों के दौरान डेक्सामेथासान का इस्तेमाल किया गया है। हालांकि उपलब्धता के आधार पर आईवी डेक्सामेथासान या मिथाइल प्रेडनिसोलोन दोनों का उपयोग किया जा सकता है।

    1. उपचार में टोसीलिजुबाम की क्या भूमिका है ?

    महामारी के मौजूदा दौर को ध्यान में रखते हुए दयाभाव के आधार पर भारतीय औषधीय मंहानियंत्रक की ओर से इस दवा के इस्तेमाल को मंजूरी दी गई है। हालांकि उपचार कि लिए इसका इस्तेमाल परीक्षण के तौर पर किया जाता है ऐसे में इसकी सीमित भूमिका है। इसलिए इसका इस्तेमाल केवल साइटोकीन सिंड्रोम वाले रोगियों में किया जाना चाहिए जिनमें संक्रमण ज्यादा नहीं हो। 

    1. प्लाज्मा थेरेपी की भूमिका क्या है ?

    एबीओ के माध्यम से मैच किए गए डोनर से एकत्र किए गए प्लाज्मा को उच्च न्यूट्रलाइज़िंग टाइटर्स के साथ कोविड संक्रमण के उच्च जोखिम वाले रोगियों को शुरुआती चरण में दिया जा सकता है हालांकि, इसे भी एक प्रायोगिक थेरेपी के रूप में ही लिया जाना चाहिए और इसके उपयोग में पूरी सावधानी बरती जानी चाहिए।

    1. फेवीपिरावीर दवा की क्या भूमिका है ?
    2. अध्ययनों से पता चला है कि यह दवा कोविड के हल्के या बिना लक्षण वाले रोगियों में ही प्रभावी है। दावा किया जाता है कि यह दवा शुरुआती चरण में ही संक्रमण को आगे बढ़ने से रोकने में कारगर है। हालांकि ​हल्के और बिना लक्षण वाले मरीज नियमित निगरानी और अच्छी देखभाल से खुद ही ठीक हो जाते हैं। फेवीपिरावीर के बहुत प्रभावी होने के कोई ठोस साक्ष्य भी नहीं हैं इसलिए कोविड के इलाज के लिए जारी राष्ट्रीय दिशा निर्देशों में इसकी अनुशंसा नहीं की गई है।
    3. फेफड़े के फाइब्रोसिस की रोकथाम में एंटीफिब्रोटिक की भूमिका ?

    कोविड से संबधित फाइब्रोसिस की रोकथाम के लिए एंटीफिब्रोटिक ऐजेंट के तौर पर परफेनीडोन के इस्तेमाल के बेहतर नतीजों के कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं इसलिए इसका इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।

    1. अवसाद से कोविड के मरीजों को किस तरह बचाया जाए ?

    अवसाद कोविड के रोगियों में एक आम लक्षण है, जो कई कारणों से हो सकता है जिनमें अलग रहना, बीमारी से संबंधित चिंता, सामाजिक उपेक्षा और अन्य बातें शामिल हैं। ऐसे रोगियों को पूरी सहानुभूति और प्रशिक्षित मनोवैज्ञानिकों से परामर्श की आवश्यकता होती है।

    1. क्या हम सभी तरह की जांच में नेगेटिव पाए गए लेकिन अत्यधिक संदिग्ध कोविड रोगियों को रेमडेसिवीर/ टीसीजेड दे सकते हैं ?

    रेमडेसिवीर /टीसीजेड प्रायोगिक उपचार है जो मौजूदा महामारी को देखते हुए डीसीजीआई द्वारा अनुमोदित किया गया है इसलिए इनका संदिग्ध मामलों के लिए अनुभवजन्य थेरेपी के रूप में उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। इन दवाओं का इस्तेमाल केवल कोविड के पुष्ट रोगियों में ही किया जाना चाहिए जहां उनके नैदानिक उपचार की बात कही गई हो।

    1. क्या मेथीलाइन ब्लयू दवा दी जा सकती है ?

    बिल्कुल नहीं।कोविड के इलाज में इस दवा की कोई भूमिका नहीं है। .

    1. रेमडेसिवीर दवा कब तक दी जा सकती है ?

    यह दवा प्रति दिन एक बार के हिसाब से पांच दिन त​क दिए जाने की सलाह दी जाती है ।

    1. क्या रेमडेसीविर/टीसीजेड दवा पहले से कई बीमारियों से जूझ रहे कोविड के बिना लक्षण वाले मरीजों को दी जा सकती है?

    पहले से कई बीमारियों से ग्रसित कोविड के बिना लक्षण वाले मरीजों को  इसका फायदा होने के कोई प्रमाण नहीं हैं।

    1. क्या परिजनों को कोविड के मरीजों से मिलने के लिए वार्ड के अंदर आने की अनुमति दी जानी चाहिए ?

    रोगियों के परिजनों को वार्ड में आने की इजाजत नहीं दी जानी चाहिए। इससे उनके संक्रमित होने तथा आगे उनके माध्यम से और लोगों के संक्रमित होने का खतरा हो सकता है।

    1. क्या कोविड पॉजिटिव बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को रहने की इजाजत दी जानी चाहिए ?

    अभिभावकों को इसके जोखिमों के बारे में बता दिया जाना चाहिए और इस बारे में उनकी इच्छा जानने के बाद ही रहने की अनुमति दी जानी चाहिए ।

    1. अस्पताल से छुट्टी दिए जाने के वक्त भी लोगों को एस्टेरॉयड देना जारी रखना चाहिए?

    नहीं। इसकी कोई आवश्यकता नहीं है जब तक उसे किसी और बीमारी के लिए इसकी आवश्यकता न हो ।

    1. हम वेंटिलेटर पर रखे गए मरीज को पोषाहार किस तरह देना जारी रख सकते हैं ?

    ऐसे मरीजों की स्थिति के हिसाब से उन्हें टीपीएन या आरवाईए ट्यूब के माध्यम से खाना दिया जा सकता है।

    1. मरीज को कब एनआईसी से इनवेसिव वेंटिलेटर पर रखा जाना चाहिए ?

    यदि मरीज यथास्थिति बनाए रखने में अक्षम है , उसे सांस लेने में दिक्कत आ रही है या फिर उसका जीसीएस एनआईवी को बर्दाश्त नहीं कर पा रहा है तो ऐसी स्थिति में मरीज को इनवेसिव वेंटिलेटर पर रख दिया जाना चाहिए।

    1. मरीज के गले में चीरा लगाकर सांस लेने के लिए अलग से रास्ता बनाए जाने की प्रक्रिया ट्रैचेस्टोमी का फैसला कब लिया जाना चाहिए ?

    जिस मरीज को काफी लंबे समय तक वेंटिलेटर पर रखे जाने की संभावना हो उसके लिए यह प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए

  • श्री गौड़ा और श्री मंडाविया ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम सेराष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआर) मोहाली और रायबरेली के कामकाज की समीक्षा की

    केन्द्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री श्री डी.वी. सदानंद गौड़ा और रसायन और उर्वरक राज्‍य मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने कल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआरमोहाली और रायबरेली के कामकाज की समीक्षा बैठक की।

    इस समीक्षा बैठक में सचिव (फार्मास्यूटिकल्स), डॉ. पी. डी. वाघेला और फार्मास्यूटिकल्स विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

    इस अवसर पर श्री गौड़ा ने कहा कि स्‍थापित किये जाने वाले बल्‍क ड्रग और चिकित्‍सा उपकरण पार्कों के विकास में एनआईपीईआर को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी है। उन्होंने कहा कि टीबीमलेरियाकाला अजारकैंसरमधुमेहमोटापा जैसी बीमारियों की रोकथाम के लिए औषधियों की खोज पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए। औषधियों का पुनर्वर्गीकरण और विकास ध्‍यान केन्द्रित किये जाने के अन्य क्षेत्र हो सकते हैं। मोहाली जैसे एनआईपीईआर को अपने उत्‍कृष्‍टता केन्‍द्र विकसित करने चाहिएक्‍योंकि अनुसंधान और विकास पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्‍व वाली वर्तमान सरकार द्वारा जोर दिया जा रहा है।

    उन्‍होंने यह भीकहा कि परीक्षणपरामर्श और इन्‍क्‍युबेशन केन्द्रों जैसी सेवाओं के विस्तार के माध्यम से उद्योग, विशेष रूप से एमएसएमई की सहायता करना समय की जरूरत है। राजस्व जुटाने की हर संभावना का पता लगाया जाना चाहिए और एनआईपीईआर को चाहिए कि वे स्‍वयं को आत्मनिर्भर प्रीमियर संस्थानों के रूप में विकसित करें। उद्योग और अकादमिक संबंधों को मजबूत किये जाने की आवश्यकता हैजिससेएनआईपीईआर के पास मौजूद पेटेंटों को व्‍यावसायिक बनाने में भी लाभ उठाया जा सकता है। 

    श्री मंडाविया ने कहा कि ऐसे अनुसंधान कार्यों में जो लोगों की भलाई पर बड़ा प्रभाव डाल सकते हैंप्राथमिकता के आधार पर तेजी लाई जानी चाहिए।

    एनआईपीईआर रायबरेली के निदेशकतथा एनआईपीईआर मोहाली के भी प्रभारी निदेशक डॉ. एस.जे.एसफ्लोरा ने एनआईपीईआर मोहाली और रायबरेली से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि फार्मेसी क्षेत्र में एनआईआरएफ ने एनआईपीईआर मोहाली को तीसराऔर एनआईपीईआर रायबरेली को 18वां रैंक दिया है। उन्होंने यह जानकारी भी दी कि एनआईपीईआरकी संयुक्त प्रवेश परीक्षा सभी सुरक्षा सावधानियों के साथ 28 सितंबर2020 को आयोजित की जाएगीऔर शैक्षणिक सत्र की शुरूआत अक्टूबर से हो सकती है।

    राष्ट्रीय औषधि शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (एनआईपीईआरफार्मास्यूटिकल विज्ञान में एक राष्ट्रीय स्तर का संस्थान हैइसका उद्देश्‍य फार्मास्‍यूटिकल विज्ञान में उन्‍नत अध्ययन और अनुसंधान के लिए उत्कृष्टता का केंद्र बनना है।

    वर्तमान में देश भर में सात एनआईपीईआर-मोहालीअहमदाबादहैदराबादरायबरेलीगुवाहाटीहाजीपुर और कोलकाता में स्थित हैं। भारत सरकार ने एनआईपीईआर को 'राष्ट्रीय महत्व का संस्थानघोषित किया है।

  • Breaking News: पीएम नरेंद्र का ट्विटर अकाउंट और निजी वेबसाइट हैक

    नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ट्विटर अकाउंट और उनके निजी वेबसाइट को हैकरों द्वारा हैक कर लिया गया है.

  • LAC पर तनाव के बीच फिर रूस पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह...दो माह पहले भी गए थे मास्को

    वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन के साथ तनाव के चरम पर होने के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक बार फिर भारत के सबसे भरोसेमंद मित्र देशों में एक रूस की यात्रा पर हैं. पिछले करीब ढाई महीने में रक्षा मंत्री की रूस यह दूसरी यात्रा है. वह शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस की राजधानी मास्को पहुंचे हैं. वैसे इस संगठन में चीन और पाकिस्तान भी शामिल हैं. 

    राजनाथ यहां एससीओ की एक महत्वपूर्ण बैठक में हिस्सा लेने के साथ ही रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगू से मुलाकात करके द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे. उम्मीद की जा रही है कि रूसी रक्षा मंत्री के साथ बैठक राजनाथ भारतीय सेना को हथियारों की आपूर्ति और एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली के बारे में बात करेंगे.

    अधिकारियों ने बताया कि एससीओ सदस्य देशों के सभी आठ रक्षा मंत्री आतंकवाद, अतिवाद जैसी क्षेत्रीय सुरक्षा चुनौतियों और उनसे एकजुट होकर निपटने के तरीकों पर चर्चा करेंगे.

  • राशिफल 3 सितंबर: कन्या और मीन राशि वाले क्रोध से बचें... सभी राशियों का जानें  राशिफल

    Aaj Ka Rashifal: मेष राशि वालों को आज कुछ मामले में विशेष सर्तकता बरतने की जरुरत है. आज व्यर्थ किसी से बहस न करें. वृष राशि के जातकों का परिवार के साथ अच्छा समय गुजरेगा. आज आपकी कार्यशैली की प्रशंसा हो सकती है. मिथुन राशि वाले व्यक्ति आज मानसिक तनाव महसूस कर सकते हैं बेहतर होगा कि मन में नकारात्मक विचारों का न आनें दें.

     

    मेष- आज के दिन लाभ को लेकर सक्रिय रहना होगा. कर्मक्षेत्र में कार्यों को समय से समाप्त करने में सफल रहेंगे जिससे उच्चाधिकारी आपकी प्रशंसा करने में नहीं चुकेंगे. व्यापारियों को व्यापार बढ़ाने के विषय में प्लानिंग करनी होगी यदि कुछ अपडेट करना चाहते हैं, तो समय उपयुक्त है. विद्यार्थी वर्ग टीचर के बताएं गए विषयों पर ध्यान दें, नहीं तो परीक्षा के दिनों में परेशान होना पड़ेगा. हेल्थ की बात करें तो संतुलित आहार के साथ-साथ दिनचर्या में योग व व्यायाम को भी शामिल करें. परिवार में वाणी का प्रयोग सोच-समझ कर करें, क्योंकि क्रोध के दौरान किसी को भला बुरा बोल सकते हैं.

     

    वृष- आज के दिन अपनों की राय को महत्व दें, किहीं विषयों पर मार्गदर्शन मिलने की संभावना है. एकाउंट्स से संबंधित जॉब करने वालों के लिए दिन शुभ है. कपड़ों के व्यापारियों को यदि घाटा हो रहा है तो कुछ समय के लिए धैर्य रखना चाहिए, तो वहीं दूसरी ओर कंसल्टेंसी से जुड़े लोगों के नए क्लाइंट की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी. सेहत में जिन लोगों को केलेस्ट्रॉल की समस्या है उनको इस पर ध्यान रखना चाहिए. आहार में मीठे का अधिक सेवन करने से बचना चाहिए. छोटी बहन का उन्नति कारक समय चल रहा है, उनको आजीविका के क्षेत्र में लाभ मिलेगा.

     

    मिथुन- आज के दिन कार्यों में रूकावट के बावजूद कार्य पूरा कर पाने में सफल होंगे, वहीं दूसरी ओर महत्वपूर्ण फ़ैसलों को आज लेने से बचें. ऑफिशियल स्थिति की बात करें तो कार्य करने से पीछे नहीं हटना चाहिए, क्योंकि कठोर मेहनत ही प्रोमोशन तक ले जा सकती है. व्यापारियों को प्लानिंग के अनुसार ही कार्य करना चाहिए, साथ ही कम्यूनिकेशन यानी अपने संपर्कों को दूषित न होने दें. स्वास्थ्य की दृष्टि से आपको सलाह दी जाती है की चलते समय देखकर चलें, कोई नूकीली चीज पैर में चुभ सकती है. पड़ोसी यदि आर्थिक मदद की उम्मीद लेकर आते हैं, तो मदद करने में पीछे नहीं हटना चाहिए.

     

    कर्क- आज के दिन आलस्य पर पैनी निगाह बनाएं रखें, आवश्यकता से अधिक आराम शारीरिक और मानसिक स्थितियों के लिए ठीक नहीं. कर्मक्षेत्र में कार्यों का दबाव रहने वाला है, तो वहीं दूसरी ओर मैनेजमेंट मुश्किलों से बाहर निकलने में सहयोगी होगा. छोटे व्यापारियों के लिए दिन लगभग सामान्य रहने वाला है. अत्यधिक टेक्नॉलजी का प्रयोग स्वास्थ्य की दृष्टि से ठीक नहीं है, वर्तमान से ही इसके नकारात्मक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं, जो भविष्य में घातक परिणाम के रूप में देखने को मिलेगा. दांपत्य जीवन में एक दूसरे के बीच गलतफहमियों को जगह न दें, साथ ही पुरानी बातों पर विवाद होने की आशंका है.

     

    सिंह- आज के दिन मूल स्वभाव यानि राज करने की प्रवृत्ति दूसरों के साथ ताल-मेल बिगाड़ सकती है, ग्रहों की स्थितियों के अनुसार स्वभाव में सौम्यता रखनी चाहिए. ऑफिशियल कार्यों के अनुभव से मिला ज्ञान एक नयी दिशा की ओर लेकर जाएगा. स्पोर्ट से संबंधित वस्तुओं का कारोबार करने वालों को कल की तरह आज भी लाभ मिलने की संभावना बनी हुई है. सेहत को लेकर दिन सामान्य रहने वाला है. परिवार से जुड़ा कोई महत्वपूर्ण निर्णय बड़ी कुशलता के साथ लेने में सफल रहेंगे और यदि परिवार में किसी का जन्मदिन या कोई विशेष दिन हो तो उसे सेलीब्रेट करें इससे आप और पारिवारिक सदस्य प्रसन्नचित रहेंगे.

     

    कन्या- आज के दिन ओवर कॉफिडेंश बनते हुए कार्य में अवरोध उत्पन्न कर सकता है, इसलिए गंभीर विषयों पर दूसरों से राय अवश्य लें. ऑफिशियल कार्यों की बात करें तो किसी नये प्रोजेक्ट पर कार्य करने का अवसर प्राप्त होगा. कारोबारी अधिक निवेश की योजना बना रहें है तो वर्तमान समय में इससे बचना चाहिए, ग्रहों की स्थिति आर्थिक नुकसान कराने वाली चल रही है. हेल्थ में सिर दर्द हो सकता है, अधिकतर सिर में दर्द रहता हो तो डॉक्टर से संपर्क करें. घर की कीमती वस्तुओं को संभाल कर रखें, साथ ही महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट पर भी पैनी निगाह रखनी चाहिए, मिसप्लेस होने की आशंका है.

     

    तुला- आज के दिन गुरु, टीचर व किसी वरिष्ठ के साथ समय व्यतीत करना चाहिए, खासकर युवा वर्ग इस ओर ध्यान दें. ऑफिस के लिए दिन चुनौतियों भरा रहेगा, अन्य की जिम्मेदारी भी मिल सकती है. व्यापार में पार्टनर के साथ धन को लेकर मनमुटाव होने की आशंका है. हेल्थ को ध्यान रखते हुए भारी सामान उठाने से बचना चाहिए, नसों में खिचाव प पीठ दर्द की समस्या हो सकती है. सन्तान की शिक्षा-अध्ययन एवं करियर के लिए समय अच्छा है. घर में बड़ों से बहसबाजी न करें और न ही उनकी बातों पर गलत प्रतिक्रिया दें. खर्चों से बचते हुए किसी को धन उधार देने से बचें.

     

    वृश्चिक- आज के दिन सभी कार्य नियबद्ध तरीके से करें, नहीं तो एक कार्य के कारण दूसरे कार्य पेन्डिंग होते नजर आएंगे. कर्मक्षेत्र में कठिन परिश्रम लक्ष्य तक पहुंचाएंगा जिसमें भाग्य भी साथ देगा. मिठाई से संबंधित व्यापार करने वालों को लाभ मिल सकता है, और ग्राहकों कि संख्या में वृद्धि भी होगी. जो विद्यार्थी प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहें हैं, उनको अपने कमजोर विषयों पर ध्यान देने की जरूरत है. स्वास्थ्य की बात करें तो चेस्ट कंजेशन से अलर्ट रहने की आवश्यकता है, गुनगुने पानी का सेवन स्वास्थ्य के लिए लाभकारी रहेगा. परिवार में किसी सदस्य के स्वास्थ्य में गिरावट के चलते परेशान रहेंगे.

     

    धनु- आज के दिन पिछली बातों को भुला कर पुनः नई शुरुआत करनी चाहिए, सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नकारात्मक अंधकार को मिटाने में मदद करेगा. जो लोग फाईनेंस से संबंधित कार्य करते हैं, उनके लिए दिन लाभ लेकर आने वाला है तो वहीं दूसरी ओर जो लोग रिक्वरी का कार्य करते हैं उनको भागा-दौड़ी अधिक करनी पड़ेगी. व्यापार में जिन लोगों का सरकार से संबंधित कार्य नहीं बन पा रहा था, तो आज इस ओर प्रयास करने से पीछे नहीं हटना चाहिए. हेल्थ को देखते हुए सलाह दी जाती है की महामारी को लेकर विशेष अलर्ट रहें. ननिहाल पक्ष से अशुभ सूचना मिलने की आशंकाएं बनी हुई है.

     

    मकर- आज के दिन आप प्रसन्न चित्त और एक्टिव रहेंगे वर्तमान समय में चल रही ग्रहों की स्थितियों को समझते हुए इसका लाभ लेना चाहिए. ऑफिशियल कार्यों की अधिकता रहेगी, लेकिन इससे परेशान होने के बजाय कठोर मेहनत के बल पर लक्ष्य तक पहुंचना होगा. भूमि-भवन से संबंधित कारोबार करने वालों के लिये दिन बड़े मुनाफ़े लेकर आएगा, अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखें. युवा वर्ग फैशन, टेक्नोलॉजी इन सभी आयामों की तरफ आकर्षित नजर आएंगे. जिनको स्टोन से संबंधित दिक्कत है उनको दर्द का सामना करना पड़ सकता है, इसको लेकर अलर्ट रहें. आपकी संतान छोटी है तो उसको घर के संस्कारों से परिचित कराना चाहिए.

     

    कुंभ- आज के दिन सभी कार्य पूरे मन से करना चाहिए यदि आप ऐसा करते हैं तो निश्चित रूप से सफलता भी अवश्य मिलेगी. कर्मक्षेत्र से जुड़े लोगों के कार्य आसानी से नहीं बनने वाले इसलिए आज तैयार रहें. इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों से संबंधित व्यापार में अधिक निवेश के लिए समय उत्तम नहीं है, इसलिए केवल स्टॉक को कम करने पर ध्यान दें. विद्यार्थी वर्ग बेवजह की बातों पर ध्यान न दें अन्यथा पढ़ाई में डिस्टर्बेंस हो सकता है. स्वास्थ्य की दृष्टि से दिन सामान्य रहने वाला है. सुख-सुविधा वाली वस्तुओं को खरीदने के लिए लोन लेने से बचना चाहिए अन्यथा भविष्य में आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा.

     

    मीन- आज के दिन मन का आलस्य कार्यों को पेन्डिंग कर सकता है, कोशिश करें कि अनावश्यक आराम मेहनत को जंग लगाने न पाए. ऑफिस में किसी पर अत्यधिक भरोसा करने से बचें, अन्यथा वह आपके पीठ पीछे षडयंत्र कर सकते हैं. बिजनेस करने वालों की मेहनत कल की भांति आज भी जाया नहीं जाएंगी, पिछला प्रयास वर्तमान समय में उन्नति दिलाने वाला चल रहा है. विद्यार्थियों को गुरु का सम्मान करना उनके लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है. सेहत में हल्की-फूल्की सर्दी जुखाम को लेकर अलर्ट रहें. घर का माहौल प्रफुल्लित रहेगा, अपनों पर भरोसा बनाए रखें. लम्बे समय से अटका हुआ कार्य भी आज पूरा होगा.

  • Aaj Ka Panchang 3 September 2020: आज कृष्ण पक्ष प्रतिपदा पर देखें पंचांग...शुभ-अशुभ समय, राहुकाल

    आज 3 सितंबर को हिंदू पंचांग (Aaj Ka Panchang 3 September 2020) के अनुसार गुरुवार है. गुरुवार का दिन सुख सम्बृद्धि और सौभाग्य का दिन होता है. यह दिन भगवान विष्णु और मां सरस्वती दोनों की पूजा का दिन होता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान विष्णु जल्दी प्रसन्न नहीं होते, मगर शास्त्रों में उनको प्रसन्न करने के बेहद आसान उपाय भी बताए गए हैं. जिनके माध्यम से आप प्रभु की कृपा के पात्र बन सकते हैं. पंचांग से जानें आज का शुभ और अशुभ मुहूर्त और जानें कैसी रहेगी आज ग्रहों की चाल. 

    3 सितंबर 2020- आज का पंचांग (Aaj Ka Panchang 3 September) 

    आज की तिथि-
    प्रतिपदा- 12:26 तक 

    आज सूर्योदय-सूर्यास्त और चंद्रोदय-चंद्रास्त का समय

    सूर्योदय का समय : 06:00
    सूर्यास्त का समय : 18:40
    चंद्रोदय का समय: 19:38 तक
    चंद्रास्त का समय- 06:44 तक

    हिन्दु लूनर दिनांक
    शक सम्वत:
    1942 शर्वरी

    विक्रम सम्वत:
    2077 प्रमाथी

    गुजराती सम्वत:
    2076

    चन्द्रमास:
    भाद्रपद– अमान्त
    अश्विन – पूर्णिमान्त

    नक्षत्र :
    पूर्व भाद्रपद– 20:51 तक
    आज का करण :
    कौलव– 12:26 तक
    तैतिल– 25:22 तक

    आज का पक्ष : कृष्ण पक्ष

    आज का योग:
    धृति– 13:21 तक

    आज का वार : गुरुवार

    आज का शुभ मुहूर्त

    अभिजित मुहूर्त 11:55 – 12:45 बजे तक रहेगा. अमृत काल 12:05 – 13:51 बजे तक रहेगा.

    आज का अशुभ मुहूर्त

    दुर्मुहूर्त 10:15 – 11:05, 15:16 – 16:06 बजे तक रहेगा. वर्ज्य मुहूर्त कोई नहीं रहेगा. राहुकाल 13:54 – 15:28 बजे तक रहेगा. गुलिक काल 09:12 – 10:46 बजे तक रहेगा, वहीं यमगण्ड 06:04 – 07:38 बजे तक रहेगा.