State News
  • Pendra: जान को जोखिम में डालकर जब पार करने लगा नाला, देखते ही देखते पानी के तेज बहाव में बहा व्यक्ति….तलाश में जुटी टीम
    पेंड्रा। जिले के नदी नाले उफान पर है। इसी दौरान लरकेनी गांव स्थित हथकड़ी नाला पार करते वक्त तेज बहाव में एक व्यक्ति बह गया। सूचना पर पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची। लापता व्यक्ति की तलाश में जुट गई। पूरा मामला मरवाही ब्लॉक के लरकेनी गांव का है। जानकारी के मुताबिक करसीवा लरकेनी मार्ग पर स्थित हथकड़ी नाले में पानी पुल की ऊपर से पूरे वेग से बह रहा है। जान की परवाह किए बिना आज सुबह लरकेनी के बनियाडांड़ गांव निवासी बंधन सिंह उरांव नाला पार कर रहा था. तभी वो तेज धार के बीच फसकर बह गया। इस घटना के बाद ग्रामीण बंधन सिंह की तलाश में जुट गए, वहीं मामले की सूचना पर प्रशासनिक अमला भी मौके पर पहुंचकर नाले में बह गए व्यक्ति की तलाश करने में मदद कर रहा है
  • मुख्यमंत्री ने नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बने विशाल मानव निर्मित जंगल का किया अवलोकन

    देश में पर्यावरण की मानव निर्मित विशाल धरोहर दुर्ग जिले के नंदिनी की खाली पड़ी माइंस में बनी है। यहां विशाल मानव निर्मित जंगल विकसित किया गया है। मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज नंदिनी में इस प्रोजेक्ट का अवलोकन किया। नंदिनी की खाली पड़ी खदानों की जमीन में यह प्रोजेक्ट विकसित किया गया है। लगभग 3.30 करोड़ रुपए की लागत से यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया है। आज जन वन कार्यकम में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने यहाँ बरगद का पौधा लगाया और जंगल का अवलोकन किया। उल्लेखनीय है कि इसके लिए डीएमएफ तथा अन्य मदों से राशि ली गई है।  मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर पर्यावरण संरक्षण के लिए यह प्रोजेक्ट तैयार किया गया। यह प्रोजेक्ट देश दुनिया के सामने उदाहरण है कि किस तरह से निष्प्रयोज्य माइंस एरिया को नेचुरल हैबिटैट के बड़े उदाहरण के रूप में बदला जा सकता है।
    मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण को संरक्षित करने यह प्रशंसनीय कदम है। यहां 100 एकड़ में औषधीय पौधे तथा फलोद्यान भी विकसित करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिये ये बड़ी पहल है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित करने में भी मदद मिलेगी।
    वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तथा दुर्ग जिले के प्रभारी मंत्री  मोहम्मद अकबर ने कहा कि हमने प्रकृति को सहेजने बड़े निर्णय लिए। चाहे लेमरू प्रोजेक्ट हो या नदियों के किनारे प्लांटेशन, प्रकृति को हमने  हमेशा तवज्जो दी। यहां मानव निर्मित जंगल का बड़ा काम हुआ है। मैं इसके लिए क्षेत्र की जनता को बधाई देता हूँ।
    इस अवसर पर पीएचई मंत्री श्री गुरु रुद्र कुमार, उच्च शिक्षा मंत्री श्री उमेश पटेल ने भी पौधरोपण किया। उल्लेखनीय है कि 17 किलोमीटर क्षेत्र में फैले नंदिनी के जंगल में पहले ही सागौन और आंवले के बहुत सारे वृक्ष मौजूद हैं। अब खाली पड़ी जगह में 83,000 पौधे लगाये गये हैं। इसके लिए डीएमएफ-एडीबी से राशि स्वीकृत की गई। इस अवसर पर पीसीसीएफ श्री राकेश चतुर्वेदी ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी दी और इस कार्य मे लगे अधिकारियों को बधाई दी। सीएफ श्रीमती शालिनी रैना ने भी  प्रोजेक्ट की टीम को बधाई दी। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे तथा डीएफओ श्री धम्मशील गणवीर ने विस्तार से प्रोजेक्ट की जानकारी मुख्यमंत्री को दी। उन्होंने बताया कि 83000 पौधे लगाये जा चुके हैं। 3 साल में यह क्षेत्र पूरी तरह जंगल के रूप में विकसित हो जाएगा। यहां पर विविध प्रजाति के पौधे लगने की वजह से यहां का प्राकृतिक परिवेश बेहद समृद्ध होगा।  गणवीर ने बताया कि यहां पर पीपल, बरगद जैसे पेड़ लगाए गये हैं जिनकी उम्र काफी अधिक होती है साथ ही हर्रा, बेहड़ा, महुवा जैसे औषधि पेड़ भी लगाए गये हैं। इस मौके पर पीसीसीएफ वन्य संरक्षण  नरसिंह राव, लघु वनोपज के एमडी श्री संजय शुक्ला, आईजी श्री विवेकानंद सिन्हा, एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे। साथ ही बीएसपी सीईओ श्री अनिर्बान दासगुप्ता भी उपस्थित रहे।
    पक्षियों के लिए आदर्श रहवास- पूरे प्रोजेक्ट को इस तरह से विकसित किया गया है कि यह पक्षियों के लिए भी आदर्श रहवास बनेगा तथा पक्षियों के पार्क के रूप में विकसित होगा। यहां पर एक बहुत बड़ा वेटलैंड है जहां पर पहले ही विसलिंग डक्स, ओपन बिल स्टार्क आदि लक्षित किए गए हैं यहां झील तथा नजदीकी परिवेश को पक्षियों के ब्रीडिंग ग्राउंड के रूप में विकसित होगा।
    इको टूरिज्म का होगा विकास- इसके साथ ही इस मानव निर्मित जंगल में घूमने के लिए भी विशेष व्यवस्था होगी। इसके लिए भी आवश्यक कार्य योजना बनाई गई है ताकि यह छत्तीसगढ़ ही नहीं अपितु देश के सबसे बेहतरीन पर्यटन स्थलों में शामिल हो सके।

  • दत्तक पुत्रों की कुपोषण से मौत, सरकार मौन - रमन सिंह
    4 महीनों में 40 से ज्यादा राष्ट्रपति के दत्तक पुत्रों की कुपोषण से मौत पर सरकार पर आरोप , अधिकारियों ने इसे स्वीकार किया है - रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री
  • ढाई वर्षों के दौरान 3459 हितग्राहियों को मिला वन अधिकार पत्र :  नक्सल प्रभावित 51 ग्रामों सहित नगरीय निकाय क्षेत्र में 50 हितग्राहियों को मिला पहली बार वन अधिकार पत्र

    परंपरागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत जिले में  अब तक 10897 व्यक्तिगत वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है। वर्ष 2006 से दिसम्बर 2018 के पूर्व इन 12 वर्षों में मात्र 7338 व्यक्तिगत वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित हुए थे। लेकिन विगत ढाई वर्षों के दौरान वन अधिकार पत्र व्यापक रूप से प्रदान करते हुए इन ढाई वर्षों में 3459 हितग्राहियों को वन अधिकार मान्यता पत्र वितरित किया गया है, जिसमें अभ्यारण क्षेत्र में 343 एवं इन्द्रावती उद्यान क्षेत्र में 481 हितग्राहियों को वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। नक्सल प्रभावित 51 ग्रामों के 352 हितग्राहियों को एवं नगरीय निकाय क्षेत्र में 50 हितग्राहियों को पहली बार वन अधिकार पत्र प्रदान किया गया है। वन अधिकार पत्र प्राप्त किसानों की आय में वृद्धि हेतु कार्ययोजना के तहत उनके खेतों में 237 डबरी निर्माण, भूमि समतलीकरण के 1006 कार्य एवं मिश्रित फलदार पौधारोपण के 64 कार्य हितग्राहियों की भूमि पर एवं 58 हितग्राहियों की भूमी पर नलकूप खनन के साथ-साथ गाय शेड, मुर्गी शेड, एवं सौर सुजला योजना के 09 प्रकरणों की स्वीकृति दी गई है।
    इसी प्रकार ढाई वर्षों में धान बिक्री हेतु 1222 किसानों का पंजीयन किया गया है, जिसमें 1041 कृषकों के द्वारा 13615 क्विंटल धान बेचकर किसानों ने 254 लाख का आय अर्जित  किए वहीं 1041 वन अधिकार धारियों का किसान क्रेडिट कार्ड एवं 1089 किसानों का फसल बीमा भी कराया गया है। एवं वनोपज संग्रहण के कार्य एवं तेन्दूपत्ता संग्रहण कार्य से भी किसानों की आय में वृद्धि हुई।
    इसी तरह जिले में ढाई वर्षों में 1589 सामुदायिक वन अधिकार एवं दिसम्बर 2008 के पश्चात् जिले में पहली बार 297 सामुदायिक वन अधिकार पत्रों का वितरण किया गया है।

  • आवर्ती चराई विकास से नयापारा का बदल रहा स्वरुप :  मवेशियों के लिए हरे चारे के साथ छायादार आश्रय की व्यवस्था

    राजामुण्डा के नयापारा में आवर्ती चराई विकास से यहाँ के पशुपालकों और महिलाओं को सीधा लाभ मिल रहा है। गांव के समस्त पशुपालक अपने मवेशियों को चराई केन्द्र में लाते हैं। जिससे वे निंश्चिंत होेकर कृषि कार्यों में अपना समय लगा पाते हैं। केन्द्र में मवेशियों के लिए हरे चारे के साथ छायादार आश्रय निर्मित किया गया है। वहीं केन्द्र की साफ सफाई और रखरखाव का जिम्मा गांव की लक्ष्मी महिला स्व सहायता समूह को सौंपा गया हैं जिसमें 10 महिलांए हैं। साफ सफाई का जिम्मा उठाने के साथ साथ महिला समूह द्वारा यहाँ मल्टी एक्टीवीटी केन्द्र में वर्मी कम्पोस्ट का निर्माण और साग सब्जी का उत्पादन कर आर्थिक लाभ कमा रहीं हैं।  
    ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के लिए प्रारंभ की गई छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी नरवा गरवा घुरुवा बारी योजना के क्रियान्वयन से लोगों के जीवन मे बदलाव और जीवन स्तर में सुधार नजर आ रहा है। नरवा गरवा घुरुवा बारी योजना से एक ओर जहाँ कृषि, पशुपालन और जल संवर्धन को सहारा मिला तो वहीं दूसरी ओर क्षेत्र के ग्रामीणों को रोजगार के नए साधन उपलब्ध होने से आर्थिक विकास में उन्नति सुनिश्चित हुई है। सुकमा जिले में इस योजना का प्रभाव साफ तौर पर नजर आता है। योजना अंतर्गत आवर्ती चराई केन्द्र की स्थापना की जा रही है। सुकमा परिक्षेत्र के अन्तर्गत ग्राम पंचायत राजामुण्डा के ग्राम उदलातरई नयापारा में आवर्ती चराई केन्द्र की स्थापना की गई है।
    सब्जी उत्पादन से महिला समूहों को मिला आर्थिक आय का साधन
    उदलातरई के आवर्ती चाराई प्रक्षेत्र को भी जिले में संचालित अन्य गोठानों की तरह मल्टी एक्टीवीटी केन्द्र के रुप में स्थापित किया गया है। जिससे यहाँ मवेशियों की बेहतर देखरेख के साथ ही गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद का निर्माण और महिला समूह के माध्यम से सब्जी उत्पादन का कार्य भी किया जा रहा है। सब्जी उत्पादन से नयापारा की महिला समूह को आर्थिक लाभ कमाने का साधन उपलब्ध हुआ है। मल्टीएक्टीवीटी केन्द्र के तहत लगभग एक हेक्टेयर क्षेत्र में लक्ष्मी स्व सहायता समूह की महिलाओं के द्वारा सब्जी उत्पादन किया जा रहा है। कोरोन काल के दौरान समूह के द्वारा लौकी, ककड़ी, कद्दू, करेला, बरबट्टी, बैगन, भिण्डी आदि सब्जियाँ स्थानीय स्तर पर विक्रय कर 80 हजार की आमदनी की गई। इसके साथ ही महिलाओं को मशरुम उत्पादन का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है, जिससे आगामी समय में वे मशरुम उत्पादन से भी आर्थिक लाभ कमा सकेंगी।

  • छोटी सी पहल लेकर आई बड़ी बचत

    चबूतरों ने बचाया बेशकीमती धान, साढ़े चार करोड़ रुपए की राशि से बनाये गये 221 चबूतरे
    -छोटी सी पहल बड़ी बचत लेकर आई

    दुर्ग 14 सितम्बर 2021/धान संग्रहण केंद्रों में चबूतरों के नहीं होने के चलते हर साल धान के भीगने की समस्या सामने आती थी। इनके नहीं होने से हर साल बारिश में नीचे में पड़े धान के बोरे सीलन से भर जाते थे और धान की बड़ी मात्रा खराब हो जाती थी। शासन ने एक छोटा सा कदम उठाया। जिन संग्रहण केंद्रों में चबूतरे नहीं हैं वहां चबूतरे बनवाने का। डीएमएफ की राशि से इसके लिए साढ़े चार करोड़ रुपए स्वीकृत किये गये  और इसके माध्यम से 221 चबूतरे बनवाये गये। सभी जगहों में धान चबूतरे बन जाने से ग्रामीणों में अच्छा उत्साह है। भाठागांव के ग्रामीण रामसनेही ने बताया कि बारिश का भरोसा नहीं रहता। ऊपर ढंक देने से भी नीचे जब तक मजबूत ढांचा न हो, नीचे पड़े धान को भीगने से रोकना कठिन है। बारिश ज्यादा होने की स्थिति में तो काफी ज्यादा नुकसान होता था। अब चबूतरे बन गये हैं तो किसी तरह की दिक्कत नहीं। भाठागांव के ही सतीश साहू ने बताया कि छोटे-छोटे कदम उठाकर बड़ी बचत की जा सकती है। ऐसा तभी संभव हो पाता है जब सरकार आम जनता से जुड़ी हो। जब जमीन से जुड़ी सरकार होती है तो जनता की समस्याओं का प्रभावी तौर पर निराकरण होता है। साथ ही शासन ऐसे पहल करती है जो ग्रामीण क्षेत्र के लिए बेहद उपयोगी होते हैं और ऐसे नवाचार ग्रामीण विकास की दिशा को बदल देने में सक्षम होते हैं। जिला पंचायत सीईओ श्री सच्चिदानंद आलोक ने बताया कि शासन के निर्देशानुसार तेजी से संग्रहण केंद्रों में चबूतरा बनवाने की कार्रवाई की गई। चबूतरों के माध्यम से बड़ी संख्या में धान को सुरक्षित रख पाने में सफलता मिल रही है। उल्लेखनीय है कि डीएमएफ के माध्यम से कृषि के विकास को भी विशेष तौर पर फोकस किया गया है। चाहे मेड़ों पर अरहर बीज बोने के लिए किसानों को उत्साहित करना हो अथवा ड्रिप एवं स्प्रिंकलर के माध्यम से खेती। सभी में डीएमएफ के माध्यम से अच्छे कार्य किये गये हैं जिसका जमीनी असर देखने में मिल रहा है।

  • महिला स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रदेश का पहला पिंक गार्डन

    महिला स्वास्थ्य जागरूकता के लिए प्रदेश का पहला पिंक गार्डन भिलाई में

    केवल व केवल महिलाओं को ही जाने की अनुमति


    दुर्ग 14 सितम्बर 2021/संस्कृत में एक श्लोक है-‘यस्य पूज्यंते नार्यस्तु तत्र रमन्ते देवताः’ अर्थात् जहां नारी की पूजा होती है, वहां देवता निवास करते हैं।

    महिला अपने जीवन के हर पड़ाव पर संघर्ष से भरी हुई होती है, चाहे उसका बचपन हो या गृहस्थ जीवन। जिम्मेदारियों के चलते समान्यतः ऐसा देखा गया है कि महिलाएं अपने स्वास्थ्य का ध्यान नहीं रख पाती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए नगर पालिका निगम के जोन क्षेत्रों में विशेष उद्यान बनाए गए हैं, जिसे की ‘पिंक गार्डन’ का नाम दिया गया है।


    पिंक गार्डन-  पुरुष प्रधान देश में पिंक गार्डन ऐसा स्थान है जहां पुरुषों का जाना ही वर्जित है। यहां केवल व केवल महिलाओं को ही जाने की अनुमति है। महिलाएं अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक बने और गार्डन के संसाधनों का प्रयोग कर स्वस्थ जीवन धारण करें यही इस गार्डन का मुख्य उद्देश्य है । पिंक गार्डन में ओपन जिम और वॉशरूम की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। गार्डन में कारपेट ग्रास लगाई गई है और पेंटिंग गुलाबी रंग से की गई है।
    योगाभ्यास के लिए विशेष सुविधा- पिंक गार्डन में योगाभ्यास के लिए कारपेट ग्रास लगाई गई है। बदलते लाइफ स्टाइल के चलते लोग स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक तनाव से भी गुजर रहे हैं और इसके लिए वो योग को एक विकल्प के तौर पर अपना रहे हैं। गार्डन में आए महिला समूहों में से शांति जी से बात करने पर उन्होंने बताया कि वो बहुत लंबे समय से योगाभ्यास घर में करती थी, क्योंकि उन्हें योगाभ्यास के लिए पिंक गार्डन जैसा सुरक्षित वातावरण खुले स्थान पर नहीं मिल पा रहा था। पिंक गार्डन के बनने से वो बहुत खुश हैं क्योंकि उन्हें यहां किसी प्रकार का संकोच महसूस नहीं होता है। उन्होंने यह भी बताया कि यहां महिला समूह द्वारा लाफ्टर सेशन का आयोजन भी किया जाता है।
    पिंक गार्डन के लिए चयनित पांच स्थान-  निगम के अंतर्गत कुल 5 जोन है। प्रत्येक जोन के एक उद्यान को पिंक गार्डन के रूप में विकसित किया जा रहा है। वार्ड क्रमांक-3 में लाल बहादुर शास्त्री उद्यान, वैशाली नगर में ट्राइएंगल पार्क, सेक्टर 1 में सड़क-14 स्थित उद्यान, वार्ड क्रमांक 38 में चंद्रमा चौक और वार्ड क्रमांक 54 सेक्टर 5 में सड़क 41 व 42 के मध्य स्थित उद्यान को पिंक उद्यान का दर्जा दिया गया है। इन उद्यानों को तैयार करने में निगम प्रशासन द्वारा लगभग 2 लाख 90 हजार रूपए आबंटित किया गया है।

  • छत्तीसगढ़ – सिकासेर बांध के 22 में से 17 गेट खोले, 7 जिलों में अलर्ट हुवा जारी, बारिश से हाल बेहाल, जानें कैसा होगा मौसम

    छत्तीसगढ़: कई इलाकों में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Rain) अब आफत बनने लग गई है. गत तीन दिन से राज्य के विभिन्न इलाकों में बादल जमकर बरस रहे हैं. इससे नदी नाले उफान पर आ गये हैं. कई शहरों और गांवों में पानी घुस गया है. भारी बारिश के चलते आवागमन बाधित (Traffic Jam) होने लग गया है. रायपुर-जगदलपुर हाईवे को बंद कर दिया गया है. सिकासेर बांध के 22 में से 17 गेट खोल दिये गए हैं. मौसम विभाग ने आज भी कई जिलों में भारी बारिश का अनुमान जताया है. राज्य के सात जिलों के लिये तो रेड अलर्ट जारी किया गया है।

    मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ के मुंगेली, कबीरधाम, दुर्ग, बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद तथा कांकेर जिलों और उनके आसपास के इलाकों में अति भारी बरसात होने की संभावना है. यहां आकाशीय बिजली गिरने के भी आसार जताये गये हैं. जबकि जशपुर, बलरामपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, कोरिया, सूरजपुर, सरगुजा, सुकमा और बीजापुर जिलों में कुछ स्थानों पर भारी बरसात की संभावना जताई जा रही है. इनमें से कई इलाकों में अभी से बाढ़ जैसे हालात बने हुए हैं. वहीं राजधानी रायगढ़ समेत बिलासपुर, बलौदा बाजार, जांजगीर-चांपा, कोरबा, गरियाबंद, नारायणपुर, धमतरी, महासमुंद और कोण्डागांव जिलों में भी अच्छी बारिश की संभावना जताई गई है।

    सिकासेर बांध के 22 में से 17 गेट खोले
    लगातार हो रही तेज बरसात से बांधों में पानी उफान मारने लगा है. इसको देखते हुये सिकासेर बांध से 15 हजार क्यूसेक पानी छोड़ने का फैसला किया गया है. बांध के 22 में से 17 गेट को खोल दिए गए हैं. वेस्ट वियर से भी पानी छोड़ा जा रहा है. कोरबा में भी जोरदार बारिश के कारण घिनारा के पास पानी पुल के ऊपर बह रहा है. दूसरी तरफ सिवनी से सुखरीकला मार्ग पर स्थित जमड़ी नाला पुल पर भी पानी करीब 2 फीट ऊपर बह रहा है।

  • 20 गांवों में होगी स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति    20 करोड़ 87 लाख 36 हजार रूपये के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया ।

    लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री गुरु रुद्रकुमार के नेतृत्व में राज्य के ग्रामीण अंचलों में शुद्ध पेयजल  के लिए चलाए जा रहे जल जीवन मिशन के अंतर्गत मुंगेली जिले के 20 गांवों में पेयजल की आपूर्ति के लिए नलजल योजनाएं स्वीकृत की गई है।
     मुंगेली जिले के कलेक्टर श्री अजीत वसंत ने आज  जल जीवन मिशन अंतर्गत जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की बैठक ली। उन्होंने बैठक में जल जीवन मिशन के अंतर्गत रेट्रोफिटिंग आॅनलाईन निविदाओं, निविदाओं की अद्यतन स्थिति, पाईप लाईन के माध्यम से हर घर जल और उपलब्ध पेयजल स्त्रोतों से जल नमूनों के परीक्षण आदि के संबंध में विस्तृत जानकारी ली।

    उन्होंने एकल ग्राम योजना के तहत जिले के 20 गांवों में स्वच्छ पेयजल आपूर्ति कराने हेतु 20 करोड़ 87 लाख 36 हजार रूपये के कार्यों की प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया । इनमें लोरमी विकासखण्ड  के ग्राम सारईपतेरा के लिए 1 करोड़ 77 लाख 69 हजार, ग्राम तेलीयापुरान के लिए 1 करोड़ 71 लाख 24 हजार, ग्राम देवरहट के लिए 1 करोड़ 49 लाख 30 हजार,ग्राम चंदली महंत के लिए 1 करोड़ 38 लाख 34 हजार, ग्राम भालूखोंधरा के लिए 1 करोड़ 38 लाख 28 हजार, ग्राम सेमरसल के लिए 1 करोड़ 32 लाख 01 हजार, ग्राम पैजनिया के लिए 1 करोड़ 31 लाख 10 हजार, ग्राम तुलसाघाट के लिए 1 करोड़ 24 लाख 89 हजार, ग्राम लालपुरकला के लिए 1 करोड़ 11 लाख 83 हजार, ग्राम मसना के लिए 1 करोड़ 09 लाख 80 हजार, ग्राम बुधवारा के लिए 1 करोड़ 03 लाख 55 हजार, ग्राम हरदी खेकतरा के लिए 99 लाख 83 हजार, ग्राम नवागांव जैत के लिए 99 लाख 33 हजार, ग्राम मसनी के लिए 96 लाख 71 हजार, ग्राम फलवारी एफ के लिए 80 लाख 22 हजार और पथरिया विकासखण्ड  के ग्राम परसदा के लिए 1 करोड़ 11 लाख 92 हजार रूपये के कार्यों के प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया। 
        इसी तरह समूह जल प्रदाय योजना के तहत विकासखण्ड मुंगेली के ग्राम देवरी (क) के लिए 1 करोड़ 11 लाख 32 हजार रूपये के कार्यों के  प्रशासकीय स्वीकृति का अनुमोदन किया गया।  लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के कार्यपालन अभियंता तथा जिला जल एवं स्वच्छता मिशन के सदस्य सचिव श्री संजीव बृजपुरिया ने जल जीवन मिशन के  कार्यों की प्रगति और इनमें हूए व्यय की विस्तार से जानकारी दी। बैठक में जिला जल एवं स्वच्छता मिशन की सदस्यगण उपस्थित थे।

  • उतई में मुख्यमंत्री ने की बड़ी घोषणा, 4 करोड़ की लागत से मोरिद टैंक का होगा जीर्णाेद्धार, 2 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा पालिका बाजार

    उतई में समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह में हिस्सा लेने पहुँचे थे मुख्यमंत्री

    मोरिद टैंक का होगा जीर्णाेद्धार, 2 करोड़ रुपए की लागत से बनेगा पालिका बाजार

    दुर्ग 14 सितंबर 2021/ उतई में आज समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह  कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। इनमें मोरिद टैंक के जीर्णाेद्धार की बड़ी घोषणा शामिल है। 4 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले इस जीर्णाेद्धार कार्य से अब 240 हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुँच पाएगा। साथ ही टैंक के जीर्णाेद्धार से पेयजल आपूर्ति की क्षमता में भी विस्तार होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर देने उतई के अस्पताल में क्षमता विस्तार किया जाएगा। इसमें 10 बेड आक्सीजन बेड होंगे। उतई नगर में 2 करोड़ रुपए की लागत से पालिका बाजार बनेगा। इसके बनने से नागरिकों एवं व्यवसायियों को सुविधा हो सकेगी। नगर के पुराने शीतला तालाब का जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण भी होगा, इसके लिए भी 75 लाख रुपए देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। इसके साथ ही जिला साहू समाज के भवन के लिए 40 लाख रुपए एवं 3 एकड़ जमीन देने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की। उतई में भी स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की सुविधा होगी। इस मौके पर गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने साहू समाज के विभूतियों का पुण्य स्मरण किया तथा कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किया गया निवेश सबसे ज्यादा प्रभावी होता है। यही कारण है कि पाटन में हमारे पूर्वजों ने शिक्षा के प्रसार के लिए इतनी बड़ी संख्या में स्कूल खोले। साहू समाज जिस तरह से आगे बढ़ रहा है उसके पीछे समाज की शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रखर सोच है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उतई में आयोजित समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दो सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। साहू समाज ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम कार्य किया है। हमारी सरकार की सोच है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ सबको मिल सके। इसके लिए हमने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल और स्वामी आत्मानंद हिंदी स्कूल के माध्यम से शिक्षा की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। हमारे बच्चे प्रतिभाशाली होने के बावजूद केवल अंग्रेजी में कमतरी की वजह से पीछे रह जाते थे। हमने निर्णय किया कि जो भी अंग्रेजी के रास्ते आगे बढ़ना चाहे, उसे किसी तरह की बाधा न पहुँचे। नजदीक में ही गुणवत्तापूर्ण स्कूल मिल जाए। इसके लिए पूरे प्रदेश भर में 177 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन की अनेक संभावना है और इस पर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर अपने संबोधन में पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि शासन द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए और यहाँ बुनियादी सुविधाओं तथा शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के विस्तार के लिए जो पहल की जा रही है। उससे नागरिक आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और क्षेत्र तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा। इस मौके पर कृषि उपज मंडी दुर्ग के अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
    -उतई में समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह में हिस्सा लेने पहुँचे थे मुख्यमंत्री
    दुर्ग 14 सितंबर 2021/ उतई में आज समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह  कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने क्षेत्र के विकास के लिए बड़ी घोषणाएं कीं। इनमें मोरिद टैंक के जीर्णाेद्धार की बड़ी घोषणा शामिल है। 4 करोड़ रुपए की लागत से होने वाले इस जीर्णाेद्धार कार्य से अब 240 हेक्टेयर खेतों तक पानी पहुँच पाएगा। साथ ही टैंक के जीर्णाेद्धार से पेयजल आपूर्ति की क्षमता में भी विस्तार होगा। स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेहतरीन इंफ्रास्ट्रक्चर देने उतई के अस्पताल में क्षमता विस्तार किया जाएगा। इसमें 10 बेड आक्सीजन बेड होंगे। उतई नगर में 2 करोड़ रुपए की लागत से पालिका बाजार बनेगा। इसके बनने से नागरिकों एवं व्यवसायियों को सुविधा हो सकेगी। नगर के पुराने शीतला तालाब का जीर्णाेद्धार एवं सौंदर्यीकरण भी होगा, इसके लिए भी 75 लाख रुपए देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने की। इसके साथ ही जिला साहू समाज के भवन के लिए 40 लाख रुपए एवं 3 एकड़ जमीन देने की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की। उतई में भी स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल की सुविधा होगी। इस मौके पर गृह एवं पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू भी उपस्थित थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने साहू समाज के विभूतियों का पुण्य स्मरण किया तथा कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में किया गया निवेश सबसे ज्यादा प्रभावी होता है। यही कारण है कि पाटन में हमारे पूर्वजों ने शिक्षा के प्रसार के लिए इतनी बड़ी संख्या में स्कूल खोले। साहू समाज जिस तरह से आगे बढ़ रहा है उसके पीछे समाज की शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रखर सोच है। यह बात मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने उतई में आयोजित समाज रत्न दाऊ उत्तम साव पुण्य स्मरण समारोह में यह बातें कहीं। उन्होंने कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य किसी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दो सबसे बड़ी प्राथमिकता होती है। साहू समाज ने शिक्षा के क्षेत्र में अहम कार्य किया है। हमारी सरकार की सोच है कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ सबको मिल सके। इसके लिए हमने स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल और स्वामी आत्मानंद हिंदी स्कूल के माध्यम से शिक्षा की बेहतरीन सुविधा उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। हमारे बच्चे प्रतिभाशाली होने के बावजूद केवल अंग्रेजी में कमतरी की वजह से पीछे रह जाते थे। हमने निर्णय किया कि जो भी अंग्रेजी के रास्ते आगे बढ़ना चाहे, उसे किसी तरह की बाधा न पहुँचे। नजदीक में ही गुणवत्तापूर्ण स्कूल मिल जाए। इसके लिए पूरे प्रदेश भर में 177 स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल आरंभ किये गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि गोधन की अनेक संभावना है और इस पर कार्य किया जा रहा है। इस मौके पर अपने संबोधन में पीडब्ल्यूडी मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि शासन द्वारा क्षेत्र के विकास के लिए और यहाँ बुनियादी सुविधाओं तथा शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं के विस्तार के लिए जो पहल की जा रही है। उससे नागरिक आंकाक्षाओं की पूर्ति होगी और क्षेत्र तेजी से विकास की ओर अग्रसर होगा। इस मौके पर कृषि उपज मंडी दुर्ग के अध्यक्ष श्री अश्विनी साहू एवं अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।

  • सृष्टि एवं मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह ने आत्मनिर्भर बनने की दिशा में किया बेहतरीन कार्य

    शासन द्वारा संचालित दीनदयाल अंत्योदय योजना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के माध्यम से गठित सृष्टि एवं मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह ने आत्म निर्भर बनने की दिशा में बेहतरीन कार्य किया है। इस बात का अनुमान इनके प्रति माह के आय से लगाया जा सकता है। सृष्टि स्व-सहायता महिला समूह ने सेक्टर-7 वार्ड 66 में 13 सदस्यों को मिलाकर समूह का गठन किया है। समूह के सदस्यों ने आत्मनिर्भर बनने के लिए और आर्थिक रूप से सशक्त होने के लिए प्रारंभिक तौर पर ही लक्ष्य लेकर कार्य करना प्रारंभ किया था। उन्होंने बैंकिंग व्यवहार को प्राथमिकता से अपनाया। प्रतिमाह समूह के सदस्यों ने 100 रुपए प्रति सदस्य जमा करना प्रारंभ किया। समूह की बैठक लेकर बैंकिंग लेनदेन को बढ़ावा देने और आपसी समन्वय से समूह की सहभागिता सुनिश्चित करने का निरंतर प्रयास इन्होंने किया है। महिला सशक्तिकरण की दिशा में तथा स्वावलंबी बनने के लिए समूह द्वारा स्वयं का रोजगार प्रारंभ किया गया। समूह को निगम ने सहयोग करते हुए केंद्र शासन की योजना अनुसार 10 हजार रुपए आवर्ती निधि उपलब्ध कराई। महिलाओं द्वारा संकलित जमा राशि से छत्तीसगढ़ी व्यंजन अनरसा बना कर घर-घर बेचने का कार्य प्रारंभ किया गया। धीरे-धीरे इस व्यंजन की इतनी प्रसिद्धि मिली कि सेक्टर-06 भिलाई स्थित आंध्रा बेकरी में उन्हें अपने उत्पाद बेचने की सहमति मिल गई और प्रतिमाह 12 से 15 हजार तक आय उन्हें प्राप्त हो रही है। जिससे परिवार के प्रत्येक सदस्य को रोजगार के साथ-साथ जीविकोपार्जन में सहायता मिल रही हैं। इसी तरह से वार्ड क्रमांक 9 कोहका पुरानी बस्ती की मां परमेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह ने 12 सदस्यों को मिलाकर समूह का गठन कियां। प्रारंभिक तौर पर महिलाओं ने प्रति माह 2 सौ रुपए की राशि प्रत्येक सदस्य आपस में एकत्रित कर बैंक में जमा करना प्रारंभ किया। प्रतिमाह बैंकिंग लेनदेन को बढ़ावा देते हुए उन्होंने स्वयं का रोजगार मूलक कार्य करने प्रतिबद्ध होकर सिलाई के कार्य को तवज्जो दी। धीरे-धीरे सिलाई कार्य में बढ़ोतरी होती गई और भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन के श्रमिकों के लिए पैंट, शर्ट, जैकेट इत्यादि के सिलाई का कार्य इन्हें मिलना प्रारंभ हो गया। इस सिलाई कार्य से प्रत्येक सदस्य को प्रतिमाह 10 हजार रुपये से अधिक आय प्राप्त हो रहा है। स्व-सहायता समूह के बैंकिंग लेनदेन मजबूत होने से प्रत्येक सदस्य अपनी संकलित राशि से दैनंदिनी की वस्तुओं को खरीदने तथा अपने परिवार के भरण-पोषण व आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए आत्मनिर्भर हो रहे है।

  • नरवा विकास सूखे और अल्प बारिश में साबित हो रही है संजीवनी

    सूखे और अल्प बारिश की हालात में फसलों को बचाने के लिए राज्य सरकार की नरवा संवर्द्धन विकास योजनाएं संजीवनी साबित हो रही है। प्रथम चरण में चयनित नरवा में संपादित कार्य से नरवा के भूजल स्तर में 2.26 प्रतिशत वृद्धि मापी गई है। इसी प्रकार 149.94 हैक्टेयर सिंचित क्षेत्रफल एवं 2.41 प्रतिशत फसल उत्पादन में वृद्धि नरवा उपचार के उपरांत हुई है।
    जिले में प्रवाहित नालों को जीवित करने के लिए सुराजी ग्राम विकास योजना के तहत् नरवा विकास अंतर्गत प्रथम चरण में चार विकासखण्डों के 38 नरवा का चिन्हांकन कर नरवा के उद्गम से समागम स्थल तक ग्राउंड टूथिंग कराया जाकर डीपीआर तैयार किया गया है। जिसमें 153 ग्राम पंचायतों के 364.26 किलोमीटर क्षेत्र में प्रवाहित नरवा के तहत् 33.32 किलोमीटर वन क्षेत्र में तथा 330.94 किलोमीटर का क्षेत्र राजस्व में सम्मिलित है। इनमें 72865 हैक्टेयर एरिया का केचमेंट सम्मिलित है। उक्त 38 नरवा में ड्रेनेज लाईन ट्रीटमेंट के तहत् 1101 कार्य एवं एरिया ट्रीटमेंट के तहत् 527 कार्य कुल 1628 कार्य स्वीकृत करते हुए नरवा पुनरूद्धार के 1297 कार्य पूर्ण किये गये है। जिनमें ड्रेनेज लाईन ट्रीटमेंट के तहत् चेकडेम 49, अर्दनगली प्लग 168, लूज चेकडेम 563, गेबियन 31, अर्दनडेम 2, डाईप 5, चेकडेम 2, नाला गहरीकरण 64 एवं सिल्ट चेम्बर 6 कुल 886 कार्य किये गये है। इसी प्रकार एरिया ट्रीटमेंट 7 कार्य, प्लाटेंशन 1, डबरी 18, तालाब गहरीकरण 124, कूप निर्माण 2, रिचार्ज फीट 199, परकुलेशन टेंक 17, फार्म बन्डिंग 40, कन्टूर ट्रेंच 1, कन्टूर बन्डिंग 1, डब्लू एटी 1 इस प्रकार कुल 411 कार्य किए गए है।
    आगामी वर्षाें में भी नरवा उपचार के कार्याें के फलस्वरूप भूजल स्तर सहित फसल उत्पादन में भी वृद्धि होगी। जिससे जिले का जल स्तर भी बढ़ेगा एवं इसके सकरात्मक परिणाम परिलक्षित होंगे।