पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में ध्वजारोहण किया

पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में ध्वजारोहण किया
पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज ने राजीव भवन में ध्वजारोहण किया
 प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में ध्वजारोहण किया तथा इस अवसर पर कांग्रेसजनों को अपना संबोधन भी दिया।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने अपने संबोधन में कहा कि आप सबको स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें!

साथियों, आज हम सब अपनी आजादी का पावन पर्व मना रहे है। आजादी के वर्षगांठ के इस अवसर पर लहरा रहा यह तिरंगा हमारे स्वाभिमान और सम्मान का प्रतीक तो है ही साथ ही यह हमें याद दिलाता है आजादी की लड़ाई के उन संघर्षों को जिसमें हमारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया। यह याद दिलाता है आजादी की लड़ाई के हमारे नायकों के त्याग, तपस्या, बलिदान और संघर्षों को। भारत की आजादी की लड़ाई का लक्ष्य भले ही सशस्त्र संग्राम से नहीं मिला लेकिन शहीद मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई से लेकर शहीद भगत सिंह, अशफाक उल्ला खां, रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, वीरनारायण सिंह जैसे महान नायकों के बलिदान ने आजादी की लड़ाई के लक्ष्य को पाने के जब्बे को मजबूत किया। महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभ भाई पटेल, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, गोपालकृष्ण गोखले, पं. मोतीलाल नेहरू, देशबंधु चितरंजन दास, बाबू राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. भीमराव अंबेडकर, सरोजनी नायडू, आचार्य कृपलानी, लालबहादुर शास्त्री, मौलाना अबुल कलाम आजाद जैसे अनगिनत महापुरूषों ने आजादी की प्राप्ति के लिए अनेक जतन किया तथा वे हमारी आजादी की लड़ाई के ध्वज वाहक बने।

आजादी के बाद भारत के सामने बड़ी चुनौती थी, खुद को एक मजबूत स्वाबलंबी और प्रजातांत्रिक राज्य के रूप में स्थापित करने की। हमें फक्र है कि कांग्रेस पार्टी की सरकार ने देश के पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहर लाल नेहरू के नेतृत्व में इस काम को बखूबी किया। रियासतों में बिखरे देश को एक सूत्र में पिरोना हो या संपूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक गणराज्य के रूप में भारत को स्थापित करना हो या फिर भाखड़ा नांगल बांध, हीराकुंड बांध से लेकर विशाल इस्पात संयंत्रों, भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान (आईआईटी), भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स), इसरो, सेल एवं अन्य नौरत्न कंपनियों जैसे ख्यातिलब्ध संस्थानों की स्थापना किया, जिससे मजबूत भारत की नींव रखी गयी। पंडित नेहरू के बाद के कांग्रेस पार्टी के प्रधानमंत्रियों श्री लालबहादुर शास्त्री, श्रीमती इंदिरा गांधी, श्री राजीव गांधी, श्री नरसिम्हा राव, डॉ. मनमोहन सिंह ने स्वतंत्र भारत को विकसित भारत तक पहुंचाया। कांग्रेस के शासन काल में रखी गयी मजबूत नींव और बनाई गयी योजनाओं का परिणाम है कि आज दुनिया के सामने एक सशक्त राष्ट्र के रूप में खड़े है।
साथियों, बड़े दुख के साथ यह कहना पड़ रहा है कि आज हमारे संविधान और संवैधानिक मूल्यों पर हमला हो रहा है। संविधान प्रदत्त नागरिक अधिकारों और संवैधानिक संस्थाओं पर सुनियोजित तरीके से हमला हो रहा है। ऐसे समय में कांग्रेस पार्टी की भूमिका देश के लोकतंत्र और भारत के संवैधानिक मूल्यों को बचाने के लिये और बढ़ जाती है। हमें गर्व है कि अपनी इस जिम्मेदारी को हमारा नेतृत्व भली-भांति समझता है। हमारी पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी, हमारे अध्यक्ष श्री मल्लिकार्जुन खड़गे, श्री राहुल गांधी जी के नेतृत्व में कांग्रेस, भारत के लोगों की आवाज लगातार उठा रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी संविधान को बदलने की बातें सामने आई, लेकिन देश की जागरूक जनता ने संविधान विरोधी तत्वों की मंशा पर पानी फेर दिया।
साथियों, इस समय देश के प्रजातंत्र के सामने एक नई चुनौती है। भारत के चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता को बचाने की कांग्रेस पार्टी, हमारे नेता श्री राहुल गांधी के नेतृत्व में संविधान और संवैधानिक प्रावधानो को बचाने की लड़ाई लड़ रही है। चिंता का विषय है कि पिछले कुछ वर्षों से चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में रही है। मतदाता सूचियों में हेराफेरी की जा रही है। महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों के बाद वोटों की चोरी का संदेह यकीन में बदल गया। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने विश्लेषण कर मतदाता सूची की गड़बड़ियों के जो साक्ष्य प्रस्तुत किया है वह गंभीर है तथा देश के चुनाव प्रणाली की निष्पक्षता पर बड़ा प्रश्नचिन्ह है। भारत के लोकतंत्र और चुनावी प्रणाली को बचाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा उठाये गये सवालों की गहन जांच हो और पूरे प्रकरण में जो भी दोषी है उन पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
साथियों, पिछले पौने दो साल से प्रदेश में एक ऐसी सरकार पदस्थ है जिसे जनसरोकारों से कोई मतलब नहीं है। भ्रष्टाचार, वादाखिलाफी, जनता पर अत्याचार सरकार की पहचान बन गयी है। पौने दो साल के अल्प समय में ही कोई सरकार इतनी अलोकप्रिय हो सकती है, इसका सबसे बड़ा उदाहरण छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार है, राज्य की कानून व्यवस्था बदहाल हो गयी। महिलाओं के साथ अपराधों में बढ़ोतरी हो गयी है। चाकूबाजी, हत्या, लूट, डकैती, गोलीबारी की घटनाओं से राज्य का आम आदमी अपने आपको असुरक्षित महसूस कर रहा है। बलौदाबाजार, कवर्धा के लोहारीडीह, बलरामपुर की घटनाओं से साबित हुआ कि प्रदेश में सरकार का इकबाल समाप्त हो गया है। भाजपा सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो गयी है। सरकार किसानों को खाद, बीज नहीं दे पाई, परीक्षाओं में नकल और धांधली से युवा वर्ग खुद को ठगा महसूस कर रहा है, अनियमित कर्मचारी, आंगनबाड़ी, मितानिनें, कर्मचारी वर्ग, शिक्षक सभी सरकार से नाराज है। युक्तियुक्तकरण नासूर बन गया, 10463 स्कूल बंद कर दिये गये। बिजली बिल हॉफ योजना बंद कर आम आदमी को महंगी बिजली दे रही सरकार, गोठान बंद होने से मवेशी सड़कों पर मर रहे है। जीएसटी की जबरिया वसूली, छोटे प्लाटो की रिजस्ट्री बंद करने से आम आदमी परेशान है। सड़कें गड्डों का जाल बन गयी है। जल, जंगल, जमीन, खनिज संपदा को
  निजी उद्योगपतियों  पर लुटाया जा रहा है।
साथियों कांग्रेस पार्टी इस भ्रष्ट, निकम्मी सरकार के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रही है। कांग्रेस ने एक दर्जन से अधिक न्याय यात्राएं निकाल कर जनता के जख्मों पर मरहम लगाने का काम किया है। गिरौदपुरी से राजधानी रायपुर, बस्तर में नगरनार के विनिवेशीकरण के विरोध में पदयात्रा, मुंगेली में बेटी बचाओ न्याय यात्रा, चित्रकोट से जगदलपुर इंद्रावती बचाओ न्याय यात्रा, बिलासपुर में स्वास्थ्य न्याय यात्रा, बस्तर के खनिज संसाधन बचाने किरंदुल से दंतेवाड़ा तक न्याय यात्रा के साथ विधानसभा घेराव, मुख्यमंत्री निवास घेराव, जिलों एवं प्रदेश में धरना प्रदर्शन जैसे आंदोलनों से कांग्रेस ने आम आदमी में उम्मीद की किरण जगाई है।
साथियों जनता की लड़ाई, जनता के हितों के लिए संघर्ष करना विपक्ष के रूप में हमारा कर्तव्य है और कांग्रेस का एक-एक कार्यकर्ता प्रदेश की भ्रष्ट, निकम्मी और वादाखिलाफी वाली सरकार को उखाड़ फेंकने तक संघर्ष का संकल्प लेता है।